विश्व मृदा दिवस 2023 : इतिहास उद्देश्य महत्व | World Soil Day in Hindi
विश्व मृदा दिवस 2023 : इतिहास उद्देश्य महत्व
विश्व मृदा दिवस 2022 : इतिहास उद्देश्य महत्व
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR)- केंद्रीय तटीय कृषि अनुसंधान संस्थान (CCARI) ने 5 दिसंबर 2021 को 'विश्व मृदा दिवस' (WSD) मनाता है ।
'विश्व मृदा दिवस' (WSD) महत्वपूर्ण जानकारी
- वर्ष 2002 में ‘इंटरनेशनल यूनियन ऑफ सॉयल साइंसेज़’ (IUSS) द्वारा इसकी सिफारिश की गई थी। खाद्य और कृषि संगठन (FAO) ने WSD की औपचारिक स्थापना का समर्थन थाईलैंड के नेतृत्व में वैश्विक जागरूकता बढ़ाने वाले वैश्विक मृदा भागीदारी मंच के रूप में किया है। ।
- 5 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) द्वारा पहले आधिकारिक WSD के रूप में नामित किया गया था।
- 5 दिसंबर का दिन इसलिये चुना गया क्योंकि यह थाईलैंड के राजा भूमिबोल अदुल्यादेज का आधिकारिक जन्मदिवस है। जिन्होंने आधिकारिक तौर पर इस आयोजन को मंज़ूरी दी थी।
FAO, WSD के अवसर पर दो पुरस्कार प्रदान करता है:
राजा भूमिबोल विश्व मृदा दिवस पुरस्कार:
एक वार्षिक पुरस्कार जो पिछले वर्ष में उल्लेखनीय और आकर्षक विश्व मृदा दिवस गतिविधियों या अभियानों का आयोजन करने वाले व्यक्तियों, समुदायों, संगठनों और देशों को सम्मानित करता है।
ग्लिंका विश्व मृदा पुरस्कार:
यह पुरस्कार FAO द्वारा प्रदान किया जाता है। यह एक वार्षिक पुरस्कार है, जिसे दुनिया के
सबसे अधिक दबाव वाले पर्यावरणीय मुद्दों को हल करने के लिये समर्पित व्यक्तियों को
दिया जाता है। यह उन व्यक्तियों और संगठनों को दिया जाता है, जो अपने नेतृत्व
और गतिविधियों द्वारा मृदा प्रबंधन को बढ़ावा तथा मृदा संसाधनों के संरक्षण में
योगदान दे रहे हैं।
मृदा स्वास्थ्य में सुधार हेतु भारत की पहल:
- मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना
- जैविक कृषि
- परंपरागत कृषि विकास योजना
- उर्वरक आत्मनिर्भरता
- डिजिटल कृषि
- कार्बन खेती
- पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (NBS) योजना
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