भारतीय सेना दिवस 2023 : इतिहास उद्देश्य महत्व। Indian Army Day 2023 History
भारतीय सेना दिवस 2023 : इतिहास महत्व उद्देश्य
भारतीय सेना दिवस 2023 (Indian Army Day 2023 )
भारतीय सेना दिवस कब मनाया जाता है ?
- भारत में प्रतिवर्ष 15 जनवरी को जवानों और भारतीय सेना के सम्मान में सेना दिवस मनाया जाता है।
भारतीय सेना दिवस प्रथम बार कब मनाया गया था ?
- भारतीय सेना दिवस मनाने की शुरुआत वर्ष 1949 में की गई थी, इस वर्ष 72वाँ सेना दिवस मनाया गया है।
भारतीय सेना दिवस 15 जनवरी को क्यों मनाया जाता है ?
- वर्ष 1949 में भारत के अंतिम ब्रिटिश कमांडर-इन-चीफ जनरल फ्रांसिस बुचर द्वारा लेफ्टिनेंट जनरल के.एम. करियप्पा को भारतीय सेना का कमांडर-इन-चीफ नामित करने की याद में सेना दिवस मनाया जाता है।
भारतीय सेना की स्थापना कब हुई ?
- भारतीय सेना की स्थापना 1 अप्रैल, 1895 में की गई थी।
भारतीय सेना का आदर्श वाक्य क्या है ?
- भारतीय सेना का आदर्श वाक्य है ‘स्वयं से पहले सेवा’ (Service Before Self)।
भारतीय सेना दिवस का इतिहास
के.एम. करियप्पा कौन थे
- 15 जनवरी, 1949 को फील्ड मार्शल के.एम. करियप्पा (जो उस समय लेफ्टिनेंट जनरल थे) ने अंतिम ब्रिटिश कमांडर-इन-चीफ जनरल फ्रांसिस बुचर से भारतीय सेना के कमांडर-इन-चीफ का कार्यभार ग्रहण किया। के.एम. करियप्पा इस पद को संभालने वाले पहले भारतीय थे।
- के.एम. करियप्पा ने जय हिंद के नारे को अपनाया, जिसका अर्थ है ‘भारत की विजय’ (Victory of India)। वह फील्ड मार्शल की फाइव स्टार रैंक प्राप्त करने वाले दो भारतीय सेना अधिकारियों में से एक हैं, जबकि दूसरे फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ हैं।
भारतीय सेना दिवस का उद्देश्य
- देश के उन सैनिकों को सम्मान देने के लिये प्रतिवर्ष सेना दिवस मनाया जाता है, जिन्होंने निस्वार्थ सेवा, भाईचारे और देश प्रेम की सबसे बड़ी मिसाल कायम की है।
- सेना दिवस के उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष दिल्ली छावनी के करियप्पा परेड ग्राउंड में परेड का आयोजन किया जाता है।
भारतीय सेना का इतिहास
- भारतीय सेना का उद्भव ईस्ट इंडिया कंपनी की सेनाओं से हुआ था, जो बाद में 'ब्रिटिश भारतीय सेना' और आखिरकार स्वतंत्रता के बाद भारतीय सेना बन गई।
- भारतीय सेना की स्थापना लगभग 126 साल पहले अंग्रेज़ों द्वारा 1 अप्रैल, 1895 को की गई थी।
भारतीय सेना द्वारा हाइफा दिवस
- प्रत्येक वर्ष 23 सितंबर को भारतीय सेना द्वारा हाइफा दिवस के रूप में मनाया जाता है। हाइफा दिवस का मुख्य उद्देश्य हाइफा के युद्ध में लड़ने वाले भारतीय सैनिकों के प्रति सम्मान प्रकट करना है। हाइफा का युद्ध 23 सितंबर, 1918 को हुआ था, जिसमें जोधपुर, मैसूर तथा हैदराबाद के सैनिकों, जो कि 15 इंपीरियल सर्विस कैवलरी ब्रिगेड का हिस्सा थे, ने मित्र राष्ट्रों की ओर से प्रथम विश्वयुद्ध में भाग लेकर जर्मनी व तुर्की के आधिपत्य वाले इज़राइल के ‘हाइफा शहर’ को मुक्त करवाया था। इस युद्ध में लड़ने वाले सैनिकों को सम्मान देते हुए बीते वर्ष भारत सरकार ने दिल्ली स्थित विख्यात तीन मूर्ति मेमोरियल को तीन मूर्ति हाइफा मेमोरियल के रूप में पुनः नामित किया था।
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