राष्ट्रीय मतदाता दिवस 2023 : इतिहास उद्देश्य महत्व । National Voters’ Day 2023 : Importance History
राष्ट्रीय मतदाता दिवस 2023 : इतिहास उद्देश्य महत्व
राष्ट्रीय मतदाता दिवस (National Voters’ Day) कब मनाया जाता है ?
- प्रतिवर्ष 25 जनवरी
पहली बार राष्ट्रीय मतदाता दिवस (National Voters’ Day) कब मनाया गया था ?
- 25 जनवरी' को वर्ष 2011 से 'राष्ट्रीय मतदाता दिवस' के रूप में मनाने की शुरुआत की थी।
- 25 जनवरी, 2023 को 13वाँ राष्ट्रीय मतदाता दिवस (National Voters’ Day-NVD) देश भर में मनाया जा रहा है ।
राष्ट्रीय मतदाता दिवस इतिहास
- भारत निर्वाचन आयोग का गठन 25 जनवरी, 1950 को हुआ था। भारत सरकार ने राजनीतिक प्रक्रिया में युवाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिये निर्वाचन आयोग के स्थापना दिवस पर '25 जनवरी' को वर्ष 2011 से 'राष्ट्रीय मतदाता दिवस' के रूप में मनाने की शुरुआत की थी।
राष्ट्रीय मतदाता दिवस के उद्देश्य
- 'राष्ट्रीय मतदाता दिवस' मनाए जाने के पीछे निर्वाचन आयोग का उद्देश्य अधिक मतदाता, विशेष रूप से नए मतदाता बनाना है।
- इस दिवस पर मतदान प्रक्रिया में मतदाताओं की भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु जागरूकता का प्रसार किया जाता है।
राष्ट्रीय मतदाता दिवस की थीम (विषय) ( National Voters Day Theme)
राष्ट्रीय मतदाता दिवस 2022 थीम:
- Making Elections Inclusive, Accessible and Participative
- समावेशी ,सुगम एवं सहभागी निर्वाचन की और अग्रसर
राष्ट्रीय मतदाता दिवस 2021 थीम:
- 25 जनवरी 2021 को 11वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस (एनवीडी) का आयोजन
- वर्ष 2021 का एनवीडी थीम है 'मतदाता बनें सशक्त, सतर्क, सुरक्षित और जागरूक'
राष्ट्रीय मतदाता दिवस 2020 थीम:
- 10वाँ राष्ट्रीय मतदाता दिवस की थीम ‘मज़बूत लोकतंत्र के लिये चुनावी साक्षरता’ (Electoral Literacy for Stronger Democracy)।
राष्ट्रीय मतदाता दिवस 2019 थीम:
- वर्ष 2019 में इस दिवस का मुख्य विषय (Theme ‘कोई मतदाता न छूटे’
राष्ट्रीय मतदाता दिवस 2018 थीम:
- वर्ष 2018 में इस दिवस का मुख्य विषय (Theme)-‘सुगम निर्वाचन’ (Accessible Elections) ।
भारत में चुनाव का प्रमुख उत्तरदायित्व
- उल्लेखनीय है कि देश में चुनाव संबंधी अधिसूचना जारी करने से लेकर परिणाम घोषित करने तक चुनाव आयोग की एक लंबी प्रक्रिया है। भारत जैसे विशाल एवं बड़ी आबादी वाले देश में चुनाव संपन्न कराना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। चुनाव आयोग पर धन-बल तथा बाहु-बल से निपटने की भी ज़िम्मेदारी होती है।
- वस्तुतः जनप्रतिनिधि अधिनियम, 1951 की धारा 11 और 62 के अनुसार, मतदाताओं को ध्यान में रखते हुए एक साफ-सुथरी एवं त्रुटिमुक्त मतदाता सूची तैयार करना चुनाव आयोग की प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक है।
- ध्यातव्य है कि मतदाताओं को लामबंद करने का कार्य चुनाव प्रचार कर रहे विभिन्न राजनीतिक दलों पर छोड़ दिया जाता है। स्वाभाविक रूप से सभी राजनीतिक दल अपने-अपने हितों को साधने के लिये मतदाताओं को लुभाकर अपने पक्ष में मतदान करने के लिये भरपूर प्रयास करते हैं।
- इसी सन्दर्भ में चुनाव आयोग का दायित्व एवं जिम्मेदारी प्रमुख रूप से उभर कर सामने आती है| यह आयोग का उत्तरदायित्व होता है कि वह मतदाताओं को जागरूक कर उन्हें अपने मताधिकार का स्वतंत्र रूप से अनुपालन करने के लिये प्रेरित करे।
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