समाचार पत्र-पत्रिकाओं के प्रकार |Types of newspapers and magazines
समाचार पत्र-पत्रिकाओं के प्रकार
समाचार पत्र-पत्रिकाओं के प्रकार
समाचार पत्र अथवा
पत्रिकाओं के विभिन्न विभागों की कार्यशैली के बारे में जानने के साथ-साथ यह जानना
भी बेहद जरूरी है कि समाचार पत्र और पत्रिकाओं के कितने प्रकार होते हैं, क्योंकि इन्हीं
प्रकारों के आधार पर पत्र-पत्रिकाओं की कार्यशैली तय होती है। मोटे तौर पर हम
समाचार पत्रों और पत्रिकाओं को दो अलग-अलग श्रेणियों में रख सकते हैं ।
1. समाचार पत्र :
समाचार पत्र या
अखबार मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं :
• दैनिक समाचार पत्र
• साप्ताहिक समाचार पत्र
• सांध्य दैनिक |
दैनिक समाचार पत्र
दैनिक समाचार पत्र वह समाचार पत्र हैं जिनका प्रकाशन हर रोज होता है। दैनिक समाचार पत्र क्षेत्रीय भी हो सकते हैं और राष्ट्रीय भी। कुछ समाचार पत्र एक ही स्थान से प्रकाशित होते हैं तो कुछ अखबारों के अनेक नगरों से अलग-अलग संस्करण प्रकाशित होते हैं। इनमें प्रायः सम्पादकीय पृष्ठ एक जैसा होता हैं। कुछ समाचार पत्रों में व्यापार या खेल आदि के कुछ पृष्ठ समान होते हैं जबकि कुछ समाचार पत्रों में सिर्फ स्थानीय पृष्ठों को छोड़ कर अन्य सारी सामग्री एक ही स्थान से तैयार कर सभी संस्करणों को सौंपी जाती है। इन अलग-अलग प्रकार के दैनिक अखबारों की कार्यशैली में थोड़े-थोड़े अन्तर होते हैं। एक शहर से प्रकाशित होने पर भी दैनिक अखबारों के कई-कई संस्करण प्रकाशित किए जाते हैं। वितरण क्षेत्र और वितरण की सुविधा के हिसाब से इन संस्करणों के प्रकाशन का समय तथा प्रकाशित होने समाचारों की सूची तय की जाती है। उदाहरणार्थ देहरादून से प्रकाशित किसी अखबार का जो संस्करण चमोली गढ़वाल जिले में जाता है उसे सबसे पहले प्रकाशित किया जाता है क्योंकि चमोली की दूरी अधिक होने के कारण इस संस्करण को वहाँ तक पहुंचाने के लिए अधिक समय की जरूरत होती है। इसी तरह जो संस्करण देहरादून शहर में वितरित होता है उसे सबसे बाद में प्रकाशित किया जाता है। वितरण क्षेत्र के हिसाब से अलग-अलग संस्करणों के समाचारों का चयन किया जाता है। जैसे चमोली संस्करण में चमोली जिले या उसके आस-पास के क्षेत्रों के समाचारों को प्रमुखता दी जाती है, जबकि देहरादून संस्करण में देहरादून शहर की हर छोटी-बड़ी खबर को स्थान दिया जाता है। प्रायः शहर में वितरित होने वाले संस्करण को नगर संस्करण कहा जाता है और इसका प्रकाशन सबसे बाद में होता है।
साप्ताहिक समाचार
साप्ताहिक समाचार
पत्र प्रायः आकार में छोटे होते हैं। ऐसा वितरण की सुविधा के लिए भी किया जाता है, क्योंकि इन
समाचार पत्रों के वितरण के लिए कभी-कभी डाक विभाग की भी मदद ली जाती है। साप्ताहिक
समाचार पत्रों में खबरों का प्रस्तुतिकरण दैनिक अखबारों से थोड़ा भिन्न होता है।
इनमें खबरों को अधिक विस्तार से और विश्लेषण के साथ प्रस्तुत किया जाता है। कुछ
समय पहले तक प्रस्तुति के लिहाज से भी साप्ताहिक समाचार पत्र दैनिकों से थोड़ा अलग
और बेहतर होते थे लेकिन अब प्रिंटिंग टैक्नोलाजी में आए बदलावों ने दैनिक समाचार
पत्रों के लिए भी प्रस्तुति को बेहतर बना सकना सम्भव कर दिया है।
साप्ताहिक समाचार
पत्रों की साप्ताहिक पत्रिकाओं से प्रतिद्वन्द्विता रहती है। साप्ताहिक पत्रिकाओं
के आकार उनके कलेवर तथा वितरण प्रक्रिया के कारण उनसे साप्ताहिक समाचार पत्रों से
बड़ी चुनौती मिलती है, लेकिन कीमत कम
होने के कारण साप्ताहिक समाचार पत्र मुकाबले में बने हुए हैं।
सांध्य समाचार पत्र
समाचार पत्रों की
तीसरी प्रमुख श्रेणी सांध्य समाचार पत्रों की है। बड़े महानगरों और नगरों से लेकर
दोपहर तक होने वाली घटनाओं-दुर्घटनाओं को इन समाचार पत्रों में प्रमुखता से में
सुबह स्थान दिया जाता है। प्रायः ज्यादातर सांध्य दैनिक 'टेबलॉयड' आकार के होते
हैं।
इन समाचार पत्रों
में खबरों को सनसनीखेज तरीके से प्रस्तुत किया जाता है। इनकी भाषा चुटीली और
शीर्षक चटपटे होते हैं। इन समाचार पत्रों में शहर की जरूरी सूचनाओं, प्रर्दशनियों, कार्यक्रमों, सेल और इसी तरह
की जरूरी सूचनाएं भी प्रमुखता से प्रकाशित होती हैं। प्रायः इन समाचार पत्रों में
खेल और सिनेमा तथा मनोरंजन से परिपूर्ण सामग्री की भरमार होती है। इनके समाचारों
में गम्भीरता कम होती है,
प्राथमिक सूचना
अधिक
2. पत्रिकाएं :
पत्रिकाएं अपने
आकार के कारण समाचार पत्रों से अलग नजर आती हैं। पत्रिकाओं को उनकी प्रकाशन अवधि
के आधार पर चार अलग-अलग श्रेणियों में रखा जा सकता है।
- साप्ताहिक पत्रिकाएं
- पाक्षिक पत्रिकाएं
- मासिक पत्रिकाएं
अन्य पत्रिकाएं
साप्ताहिक पत्रिकाएं पत्रिकाओं का सर्वाधिक लोकप्रिय स्वरूप हैं। जिन पत्रिकाओं की
प्रकाशन आवृति सप्ताह में एक बार होती है, यानी जिनका प्रकाशन हर सप्ताह होता है उन्हें साप्ताहिक
पत्रिकाएं कहा जाता है।
साप्ताहिक पत्रिकाएं
साप्ताहिक पत्रिकाएं प्रायः समाचारों के विश्लेषण और उनके विस्तार के लिए जानी जाती है। इनमें किसी विषय पर अधिक व्यापक सामग्री प्रस्तुत की जाती है, लेकिन अच्छी साज-सज्जा और छपाई, अच्छे कागज तथा अधिक रंगीन पृष्ठों के कारण इनका मूल्य इनकी लोकप्रियता में बाधा बनता है। विषयवस्तु और वितरण की सुविधा के लिहाज से इनके प्रकाशन का दिन अलग-अलग हो सकता है यानी कोई पत्रिका सोमवार को प्रकाशित होती है तो कोई मंगल या कोई शुक्रवार को पाक्षिक पत्रिकाओं का प्रकाशन 15 दिन में एक बार होता है और प्रायः इनका प्रकाशन महीने की पहली और पन्द्रह तारीख को होता है। इनकी विषयवस्तु समाचार, मनोरंजन या खेल आदि होती है। पाक्षिक पत्रिकाओं में समाचारों का अधिक गहराई से विश्लेषण होता है। कई बार इनके जरिए बड़े-बड़े रहस्योद्घाटन भी होते हैं। इनके अपने खोजी समाचार इनकी पहचान बनाते हैं। पाक्षिक पत्रिकाओं का कलेवर भी अच्छा होता है।
मासिक पत्रिकाएं
मासिक पत्रिकाएं
भी पत्रिकाओं का एक लोकप्रिय स्वरूप हैं। मासिक पत्रिकाएं प्रायः महीने के आरम्भ
में प्रकाशित होती हैं। मासिक पत्रिकाओं की आवृति महीने में एक बार होने के कारण
इनकी 'टेबल लाइफ' बहुत अधिक होती
है। कम से कम एक महीने से लेकर लम्बी अवधि तक । इनकी विषयवस्तु भी बहुत व्यापक
होती है।
फिल्म, मनोरंजन, खेल, विज्ञान, सामान्य ज्ञान, धर्म, आध्यात्म, स्वास्थ्य, फैशन, वास्तु, कम्प्यूटर
टेक्नॉलाजी, वित्त एवं
वाणिज्य, साहित्य, समाचार, महिला विषय या
कुकरी आदि-आदि प्रायः सभी विषयों पर इस तरह की पत्रिकाएं निकलती हैं। इन पत्रिकाओं
में विषय के चयन और प्रस्तुतीकरण पर अत्यधिक ध्यान दिया जाता है।
साप्ताहिक, पाक्षिक और मासिक
पत्रिकाओं के अलावा पत्रिकाओं के अन्य कई प्रकार भी प्रचलन में हैं। इनमें
द्वैमासिक, त्रैमासिक, अर्धवार्षिक, वार्षिक और
अनियतकालीन पत्रिकाएं शामिल हैं। इस श्रेणी की पत्रिकाएं प्रायः अव्यावसायिक होती
हैं। इस श्रेणी में प्रमुख रूप से साहित्य, कला,
व्यवसाय या अन्य
विषय विशेष से जुड़ी पत्रिकाएं आती हैं। अनेक उद्योग समूहों या व्यावसायिक घरानों
की गृह पत्रिकाएं भी प्रायः इसी श्रेणी में आती हैं। इस प्रकार की पत्रिकाओं की
ग्राहक संख्या भी सीमित होती है। इस तरह की पत्रिकाओं में विषय वस्तु पर अधिक
महत्व दिया जाता है ।
अभ्यास प्रश्न :
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