December important Days With Details in Hindi | December Days in Hindi
December important Days With Details in Hindi
December Days in Hindi
नगालैंड स्थापना
दिवस 01 दिसंबर
01 दिसंबर को
नगालैंड का स्थापना दिवस मनाया जाता है। नगालैंड 01 दिसंबर, 1963 को भारतीय संघ के 16वें राज्य के रुप
में अस्तित्व में आया था। नगालैंड पूर्व में म्याँमार, उत्तर में
अरुणाचल प्रदेश, पश्चिम में असम
तथा दक्षिण में मणिपुर से घिरा हुआ है। नगालैंड तथा म्याँमार के बीच सरामती पर्वत
शृंखला प्राकृतिक सीमा बनाती है जो नगालैंड की सबसे ऊँची पहाड़ी भी है। राज्य की
लगभग 70% जनसंख्या कृषि
पर निर्भर है तथा यहाँ की मुख्य खाद्य फसल धान है, इसके अलावा कुल कृषि के 70% भाग पर धान की
खेती की जाती है। यहाँ खेती की स्लेश तथा बर्न प्रणाली प्रचलित है जिसे स्थानीय
स्तर पर झूम खेती कहा जाता है। राज्य का दीमापुर ज़िला पूरे देश से रेलवे एवं हवाई यातायात से जुड़ा है। नगालैंड में
प्रत्येक वर्ष दिसंबर माह के पहले सप्ताह में ‘हॉर्नबिल उत्सव’ का आयोजन किया जाता है।
सीमा सुरक्षा बल 1 दिसंबर
प्रतिवर्ष 1 दिसंबर को ‘सीमा सुरक्षा बल’ (BSF) का स्थापना दिवस
मनाया जाता है। भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद भारतीय सीमाओं की रक्षा करने के विशेष
उद्देश्य के मद्देनज़र वर्ष 1965 में सीमा सुरक्षा बल (BSF) की स्थापना की गई थी। यह गृह मंत्रालय (MHA) के प्रशासनिक
नियंत्रण के तहत भारत के पाँच केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) में से एक है।
सीमा सुरक्षा बल (BSF) के 2.65 लाख से अधिक
रक्षा कर्मी पाकिस्तान और बांग्लादेश की सीमाओं पर तैनात हैं। सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवानों को
नक्सल विरोधी अभियानों, भारत-पाकिस्तान
अंतर्राष्ट्रीय सीमा, भारत-बांग्लादेश
अंतर्राष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा (LoC) पर तैनात किया गया है। इसके अंतर्गत एक एयर विंग, मरीन विंग, एक आर्टिलरी
रेजिमेंट और कमांडो यूनिट शामिल है। सीमा सुरक्षा बल (BSF) द्वारा अपने
अत्याधुनिक जहाज़ों के माध्यम से अरब सागर में सर क्रीक और बंगाल की खाड़ी में
सुंदरबन डेल्टा की सुरक्षा की जाती है। इसके अलावा सीमा सुरक्षा बल (BSF) आवश्यकता पड़ने पर
प्राकृतिक आपदा के दौरान मानवीय जीवन को बचाने का कार्य भी करता है। साथ ही इसके
प्रशिक्षित कर्मियों को संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में भी भेजा जाता है। अन्य
केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल हैं: केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (CRPF), केंद्रीय
औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF),
भारत-तिब्बत सीमा
पुलिस (ITBP), सशस्त्र सीमा बल
(SSB)।
राष्ट्रीय
प्रदूषण नियंत्रण दिवस 2 दिसंबर
भारत में
प्रत्येक वर्ष 2 दिसंबर को ‘राष्ट्रीय प्रदूषण
नियंत्रण दिवस’ के रूप में मनाया
जाता है। इस दिवस के आयोजन का प्राथमिक उद्देश्य औद्योगिक आपदाओं के प्रबंधन और
नियंत्रण को लेकर जागरूकता फैलाना और औद्योगिक अथवा मानवीय गतिविधियों के कारण
उत्पन्न होने वाले प्रदूषण को रोकने की दिशा में प्रयासों को बढ़ावा देना है। यह
दिवस उन लोगों की याद में मनाया जाता है, जिन्होंने 2-3 दिसंबर, 1984 की रात को भोपाल गैस त्रासदी में अपनी जान गँवा दी थी।
दरअसल 2 दिसंबर, 1984 की रात को
अमेरिकी कंपनी यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड (मौजूदा नाम-डाउ केमिकल्स) के
प्लांट से ‘मिथाइल
आइसोसाइनाइट’ (Methyl
Isocyanate) गैस का रिसाव हुआ था, जिसने भोपाल शहर को एक विशाल गैस चैंबर में परिवर्तित कर
दिया था। कम-से-कम 30 टन मिथाइल
आइसोसाइनाइट गैस के रिसाव के कारण तकरीबन 15,000 से अधिक लोगों की मृत्यु हो गई थी और लाखों
लोग इस भयावह त्रासदी से प्रभावित हुए थे। यही कारण है कि भोपाल गैस त्रासदी को
विश्व में सबसे बड़ी औद्योगिक प्रदूषण आपदाओं में से एक माना जाता है। भारत के
राष्ट्रीय स्वास्थ्य पोर्टल के मुताबिक, वायु प्रदूषण के कारण प्रत्येक वर्ष विश्व स्तर पर लगभग 7 मिलियन से अधिक
लोगों की मृत्यु होती है,
जिनमें से तकरीबन
4 मिलियन लोगों की
मौत घरेलू वायु प्रदूषण के कारण होती है।
विश्व कंप्यूटर
साक्षरता दिवस 02 दिसंबर
राष्ट्रीय
समुदायों के बीच कंप्यूटर साक्षरता को लेकर जागरूकता बढ़ाने और डिजिटल साक्षरता को
बढ़ावा देने हेतु प्रतिवर्ष 02 दिसंबर को विश्व भर में ‘विश्व कंप्यूटर साक्षरता दिवस’ मनाया जाता है।
यह दिवस तकनीकी कौशल को बढ़ावा देने पर ज़ोर देता है। इस दिवस का लक्ष्य बच्चों और
महिलाओं को अधिक सीखने तथा कंप्यूटर का अधिक-से-अधिक उपयोग करने में सक्षम बनाना
है। ज्ञात हो कि मौजूदा आधुनिक युग में तेज़ी से बढ़ती तकनीक और डिजिटल क्रांति के
कारण कंप्यूटर मानव जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा बन गया है। कंप्यूटर का ज्ञान
वर्तमान समय में काफी महत्त्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि यह बहुत सटीक, तीव्र है और कई
कार्यों को एक साथ आसानी से पूरा करने में सक्षम है। इसके अलावा यह स्वयं में बड़ी
मात्रा में डेटा संग्रहीत कर सकता है और इंटरनेट का उपयोग करके विभिन्न पहलुओं पर
जानकारी प्राप्त करने में भी सहायता करता है।
अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस 3 दिसंबर
समाज के सभी
क्षेत्रों में दिव्यांगजनों के अधिकारों और कल्याण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से
प्रतिवर्ष ‘अंतर्राष्ट्रीय
दिव्यांगजन दिवस’ का आयोजन किया
जाता है। सर्वप्रथम संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 1981 को ‘विकलांगजनों के
लिये अंतर्राष्ट्रीय वर्ष’
घोषित किया था।
इसके पश्चात् वर्ष 1983-92 के दशक को ‘विकलांगजनों के
लिये अंतर्राष्ट्रीय दशक’
घोषित किया गया।
वर्ष 1992 में संयुक्त
राष्ट्र महासभा द्वारा प्रतिवर्ष 3 दिसंबर को ‘विश्व दिव्यां्गता दिवस’ के रूप में मनाने की शुरुआत की गई। विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Helath Organisation- WHO) के अनुसार, विश्व की 15.3% आबादी
किसी-न-किसी प्रकार की अशक्तता से पीड़ित है। इस प्रकार यह विश्व का सबसे बड़ा ‘अदृश्य
अल्पसंख्यक समूह’ है। वर्ष 2011 की जनगणना के
अनुसार, भारत की कुल
जनसंख्या का मात्र 2.21% दिव्यांगता से पीड़ित है। इस दिवस को मनाने का
सबसे महत्त्वपूर्ण उद्देश्य अशक्त-जनों की अक्षमता के मुद्दों पर समाज में लोगों
की जागरूकता, समझ और
संवेदनशीलता को बढ़ावा देना है। इसके अतिरिक्त यह दिव्यां्गजनों के आत्म-सम्मान, कल्याण और
आजीविका की सुरक्षा सुनिश्चित करने में उनकी सहायता पर भी ज़ोर देता है।
भोपाल गैस
त्रासदी 03 दिसम्बर
विश्व की दूसरी
सबसे बड़ी गैस त्रासदी को भले ही 38 साल बीत गए हों, लेकिन इसके जख्म आज भी ताज़ा हैं। भोपाल गैस त्रासदी भारत
में मध्य प्रदेश के भोपाल शहर में घटित वह बड़ी दुर्घटना थी, जिसमें हज़ारों
लोगों ने अपनी जान गँवा दी थी। 02 और 03 दिसम्बर, 1984 को भोपाल में हुई भयानक औद्योगिक दुर्घटना को "भोपाल
गैस कांड" या "भोपाल गैस त्रासदी" के नाम से जाना गया। भोपाल स्थित
'यूनियन कार्बाइड' नामक कंपनी के
कारखाने से 'मिथाइल आइसोसाइनेट' (Methyl isocyanate- MIC) नामक एक ज़हरीली
गैस का रिसाव हुआ, जिससे कीटनाशक
बनाया जाता है। बहुराष्ट्रीय कंपनी 'यूनियन कार्बाइड' के मुख्य कार्यकारी अधिकारी वारेन एंडरसन ने विश्व के
अन्य देशों, प्रांतों, प्रदेशों की तरह
भोपाल में भी एक अत्यंत आधुनिक, सुरक्षा और उत्पादन के शीर्ष मायनों पर खरा उतरने वाले
रासायनिक कीटनाशक उत्पादन की महत्त्वाकांक्षा वाला एक कारखाना स्थापित किया था।
यूनियन कार्बाइड की बेहतरीन कीटनाशक उत्पादन प्रणाली बाज़ार के साथ सामंजस्य
स्थापित नहीं कर पाई और इसके कारखाने को अनुमानित अर्थलाभ की अपेक्षा आर्थिक
नुकसान उठाना पड़ा, जिसका कंपनी की
उत्पादन प्राणाली, सुरक्षा मानदंड
और उपकरणों के अनुरक्षण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा और मिथाइल आइसोसाइनेट गैस के
रिसाव से लगभग 15000 से अधिक लोगों
की जान गई तथा बहुत सारे लोग अनेक तरह की शारीरिक अपंगता से लेकर अंधेपन के शिकार
हुए। भोपाल गैस त्रासदी दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिक दुर्घटना मानी जाती है।
भारतीय नौसेना
दिवस 4 दिसंबर
वर्ष 1971 में
भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान ऑपरेशन ट्राइडेंट में भारतीय नौसेना के जवाबी हमले
को चिह्नित करने के लिये प्रतिवर्ष 4 दिसंबर को ‘भारतीय नौसेना दिवस’ मनाया जाता है। ऑपरेशन ट्राइडेंट वर्ष 1971 में
भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान कराची बंदरगाह पर भारतीय नौसेना द्वारा किया गया
जवाबी हमला था जिसमे भारत ने पहली बार एंटी-शिप मिसाइलों का इस्तेमाल किया और
पाकिस्तानी विध्वंसक जहाज़ ‘पीएनएस खैबर’ को नष्ट कर दिया
था।भारतीय नौसेना की स्थापना वर्ष 1612 में ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा व्यापारिक जहाजों की सुरक्षा
के उद्देश्य से की गई थी,
जिसे स्वतंत्रता
के बाद वर्ष 1950 में पुनर्गठित
किया गया। भारतीय नौसेना की अध्यक्षता सर्वोच्च कमांडर के रूप में भारत के
राष्ट्रपति द्वारा की जाती हैं। इसका आदर्श वाक्य है- ‘शं नो वरुणः’ अर्थात् ‘जल के देवता वरुण
हमारे लिये शुभ हों।’ वर्ष 2022 के लिये नौसेना दिवस की थीम "स्वर्णिम विजय
वर्ष" है।
विश्व मृदा दिवस 5 दिसंबर
स्वस्थ मृदा के
महत्त्व पर ध्यान केंद्रित करने और मृदा संसाधनों के स्थायी प्रबंधन हेतु जागरूकता
फैलाने के लिये प्रतिवर्ष 5 दिसंबर को विश्व
मृदा दिवस (World Soil
Day) मनाया जाता है। वर्ष 2022 के लिये इसकी
थीम- ‘मृदा, जिससे अनाज
उत्पादित होता है’
("Soils: Where food begins") है। संयुक्त राष्ट्र
खाद्य और कृषि संगठन (FAO)
ने जून 2013 में विश्व मृदा
दिवस का समर्थन किया था। संयुक्त राष्ट्र महासभा के 68वें सम्मेलन में
इसे आधिकारिक रूप से स्वीकार किया गया तथा दिसंबर 2013 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 05 दिसंबर को विश्व
मृदा दिवस घोषित किया तथा 05 दिसंबर, 2014 को पहला
आधिकारिक विश्व मृदा दिवस मनाया गया।
महापरिनिर्वाण
दिवस 06 दिसंबर
06 दिसंबर, 2022 को भारत रत्न डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को उनके 67वें महापरिनिर्वाण दिवस पर श्रद्धांजलि दे रहा है। राष्ट्र
पति द्रौपदी मुर्मु, उपराष्ट्रोपति
जगदीप धनखड़ और प्रधानमंत्री ने नई दिल्लीि में संसद भवन परिसर में बाबा साहेब
अंबेडकर को उनके महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर श्रद्धांजलि अर्पित की। ‘डॉ. भीमराव
अंबेडकर’ की पुण्यतिथि 6 दिसंबर को
प्रत्येक वर्ष ‘महापरिनिर्वाण
दिवस’ के रूप में मनाया
जाता है। ‘परिनिर्वाण’, जिसे बौद्ध धर्म
का एक प्रमुख सिद्धांत माना जाता है, एक संस्कृत का शब्द है जिसका अर्थ है मृत्यु के बाद ‘मुक्ति’ अथवा ‘मोक्ष’। बौद्ध ग्रंथ
महापरिनिब्बाण सुत्त (Mahaparinibbana
Sutta) के अनुसार, 80 वर्ष की आयु में हुई भगवान बुद्ध की मृत्यु को मूल
महापरिनिर्वाण माना जाता है। ‘डॉ. भीमराव अंबेडकर’ का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को मध्य प्रांत (अब मध्य प्रदेश) के ‘महू’ में हुआ था। डॉ.
अंबेडकर एक समाज सुधारक, न्यायविद, अर्थशास्त्री, लेखक, बहु-भाषाविद और
तुलनात्मक धर्म दर्शन के विद्वान थे। उन्हें ‘भारतीय संविधान के जनक’ के रूप में जाना जाता है। वह स्वतंत्र भारत के प्रथम
कानून/विधि मंत्री थे। वर्ष 1920 में उन्होंने एक पाक्षिक (15 दिन की अवधि में छपने वाला) समाचार पत्र ‘मूकनायक’ की शुरुआत की
जिसने एक मुखर और संगठित दलित राजनीति की नींव रखी। इसके अलावा वर्ष 1923 में उन्होंने ‘बहिष्कृत
हितकारिणी सभा’ की स्थापना की।
मार्च 1927 में उन्होंने ‘महाड़ सत्याग्रह’ (Mahad Satyagraha) का नेतृत्त्व
किया। उन्होंने तीनों गोलमेज सम्मेलनों में भाग लिया। वर्ष 1956 में उन्होंने
बौद्ध धर्म को अपनाया। 6 दिसंबर, 1956 को उनका निधन हो
गया।
सशस्त्री सेना
झंडा दिवस 07 दिसंबर
प्रतिवर्ष 07 दिसंबर को भारत
में सशस्त्र सेना झंडा दिवस के रूप में मनाया जाता है। पहली बार यह दिवस 7 दिसंबर, 1949 को मनाया गया
था। इस दिवस को भारतीय थल सैनिकों, नौ सैनिकों तथा वायु सैनिकों के सम्मान में मनाया जाता है।
झंडा दिवस के अवसर पर सशस्त्रत बल कर्मियों के कल्यााण के लिये लोगों से धन जुटाया
जाता है तथा इस धन का उपयोग सेवारत सैन्यस कर्मियों और पूर्व सैनिकों के कल्या ण
के लिये किया जाता है। झंडा दिवस का उद्देश्य भारत की जनता द्वारा देश की सेना के
प्रति सम्मान प्रकट करना है। यह उन जांँबाज सैनिकों के प्रति एकजुटता दिखाने का
दिन है जो देश की सुरक्षा में शहीद हुए। जिन्होंने सेना में रहकर जिन्होंने न केवल
सीमाओं की रक्षा की, बल्कि
आतंकवादियों व उग्रवादियों से मुकाबला कर शांति स्थापित करने हेतु अपनी जान
न्यौछावर कर दी।
अंतर्राष्ट्रीय
नागरिक उड्डयन दिवस 07 दिसंबर
प्रतिवर्ष 07 दिसंबर को विश्व
भर में हवाई यात्रा में अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठनों के महत्त्व के विषय
में लोगों को सूचित करने हेतु ‘अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन दिवस’ मनाया जाता है।
वर्ष 2022 की थीम वैश्विक
उड्डयन के विकास के लिये नवाचार को बढ़ावा देना ‘(Promoting Innovation for the Development of Global
Aviation)’ है। अंतर्राष्ट्रीय नागरिक विमानन संगठन परिषद ने वर्ष 2023 तक यही थीम रखने
का फैसला किया है। अंतर्राष्ट्रीय नागरिक विमानन संगठन(International Civil Aviation
Organization- ICAO) परिषद ‘अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन दिवस’ के लिये प्रत्येक
पाँच वर्ष की विशेष वर्षगाँठ थीम निर्धारित करती है और। 7 दिसंबर को ‘अंतर्राष्ट्रीय
नागरिक उड्डयन दिवस’ के रूप में मनाने
की आधिकारिक मान्यता संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा वर्ष 1996 में दी गई थी।
हालाँकि इस दिवस की शुरुआत वर्ष 1994 में ‘अंतर्राष्ट्रीय नागरिक विमानन संगठन’ की स्थापना की 50वीं वर्षगाँठ के
अवसर पर की गई थी। अंतर्राष्ट्रीय नागरिक विमानन संगठन, संयुक्त राष्ट्र
की एक विशिष्ट एजेंसी है,
जिसकी स्थापना
वर्ष 1944 में राज्यों
द्वारा अंतर्राष्ट्रीय नागरिक विमानन अभिसमय (शिकागो कन्वेंशन) के संचालन तथा
प्रशासन के प्रबंधन हेतु की गई थी। इसका उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय हवाई परिवहन की
योजना एवं विकास को बढ़ावा देना है ताकि दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय नागरिक
विमानन की सुरक्षित तथा व्यवस्थित वृद्धि सुनिश्चित हो सके।
अंतर्राष्ट्रीय
भ्रष्टाचार विरोधी दिवस 09 दिसंबर
भ्रष्टाचार के
संबंध में जागरूकता को बढ़ावा देने और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इसका मुकाबला करने
हेतु प्रतिवर्ष 09 दिसंबर को ‘अंतर्राष्ट्रीय
भ्रष्टाचार विरोधी दिवस’ मनाया जाता है। ‘अंतर्राष्ट्रीय
भ्रष्टाचार विरोधी दिवस-2022’
का विषय है
भ्रष्टाचार के विरुद्ध विश्व को एकजुट करना (Uniting the world against corruption)।’ वर्ष 2022, भ्रष्टाचार के
विरुद्ध संयुक्त राष्ट्र अभिसमय (United Nations Convention Against Corruption-UNCAC) की 20वीं वर्षगाँठ है।
वर्ष 2022 का
अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस में भ्रष्टाचार विरोधी और शांति, सुरक्षा और विकास
के बीच महत्त्वपूर्ण कड़ी पर प्रकाश डाला गया है। संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने 31 अक्तूबर, 2003 को भ्रष्टाचार
के खिलाफ एक अभिसमय को अपनाया था। इसी वर्ष संयुक्त राष्ट्र महासभा ने भ्रष्टाचार
को रोकने और अभिसमय के संबंध में जागरूकता बढ़ाने के लिये प्रतिवर्ष 09 दिसंबर को ‘अंतर्राष्ट्रीय
भ्रष्टाचार विरोधी दिवस’ के रूप में भी
नामित किया था। यह अभिसमय दिसंबर 2005 में लागू हुआ। भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने से रोज़गार सृजित
करने, लैंगिक समानता की
दिशा में महत्त्वपूर्ण प्रगति करने और स्वास्थ्य देखभाल एवं शिक्षा जैसी आवश्यक
सेवाओं तक व्यापक पहुँच हासिल करने में मदद मिल सकती है।
अंतर्राष्ट्रीय
पर्वत दिवस 11 दिसंबर
प्रतिवर्ष 11 दिसंबर को
अंतर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस (International Mountain Day) के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस की स्थापना
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2003 में एक प्रस्ताव पारित करके की थी। दुनियाभर में मौजूद
पहाड़ प्रकृति के अहम अंग हैं, पहाड़ों का संरक्षण करते हुए सतत् विकास को प्रोत्साहित
करना तथा पर्वतों के महत्त्व को रेखांकित करने हेतु विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन
करना ही इसका मुख्य उद्देश्य है। प्रत्येक वर्ष अंतर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस एक
विशेष थीम के साथ मनाया जाता है, इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस की थीम “Women Move Mountains” है। इस दिवस के
लिये संयुक्त राष्ट्र खाद्य व कृषि संगठन द्वारा समन्वय किया जाता है साथ ही
पर्वतों के महत्त्व को दर्शाने के लिये विभिन्न किस्म के कार्यक्रम आयोजित किये
जाते हैं। FAO के अनुसार पर्वत
ताज़े पानी का एक महत्त्वपूर्ण स्त्रोत है, इनसे विश्व के कुल 60-80% ताज़े पानी की आपूर्ति होती है। यह जैव विविधता
के लिये भी अति आवश्यक है। पिछले कुछ समय से जलवायु परिवर्तन, भू-क्षरण तथा
प्राकृतिक आपदाओं के कारण पर्वतों को नुकसान हो रहा है।
राष्ट्रीय ऊर्जा
संरक्षण दिवस 14 दिसम्बर
राष्ट्रीय ऊर्जा
संरक्षण दिवस प्रतिवर्ष पूरे भारत में '14 दिसम्बर' को मनाया जाता है। भारत में 'ऊर्जा संरक्षण अधिनियम' वर्ष 2001 में 'ऊर्जा दक्षता
ब्यूरो' द्वारा स्थापित
किया गया था। ऊर्जा दक्षता ब्यूरो एक संवैधानिक निकाय है, जो भारत सरकार के
अंतर्गत आता है और ऊर्जा उपयोग कम करने के लिये नीतियों और रणनीतियों के विकास में
मदद करता है। भारत में ऊर्जा संरक्षण अधिनियम का उद्देश्य ऊर्जा दक्षता परियोजनाओं
को लागू करने और ऊर्जा, परियोजनाओं, नीति विश्लेषण, वित्त प्रबंधन
में विशेषज्ञ पेशेवर, योग्य प्रबंधकों
के साथ ही लेखा परीक्षकों की नियुक्ति करना है। भारत में राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण
दिवस का लक्ष्य लोगों में ऊर्जा के महत्त्व के साथ ही साथ बचत और ऊर्जा की बचत के
माध्यम से संरक्षण बारे में जागरुक करना है। ऊर्जा संरक्षण का सही अर्थ है-
"ऊर्जा के अनावश्यक उपयोग को कम करके कम ऊर्जा का उपयोग कर ऊर्जा की बचत
करना।"
विजय दिवस 16 दिसंबर
वर्ष 1971 के युद्ध में
पाकिस्तान पर भारत की विजय की स्मृति में प्रतिवर्ष 16 दिसंबर को विजय
दिवस (Vijay Diwas) मनाया जाता है।
वर्ष 2020 में विजय दिवस
के 52 वर्ष पूरे हो गए
हैं और सरकार इस अवसर को मनाने के लिये ‘स्वर्णिम विजय वर्ष’ कार्यक्रम का आयोजन कर रही है। राष्ट्रीय युद्ध स्मारक उन
सभी सैनिकों को समर्पित है जिन्होंने आज़ादी के बाद देश की रक्षा के लिये अपना जीवन
बलिदान कर दिया। साथ ही यह स्मारक उन सैनिकों को भी याद करता है जिन्होंने शांति
अभियानों में बलिदान दिया। भारत सरकार ने 3 दिसंबर, 1971 को बंगाली मुसलमानों और हिंदुओं की रक्षा के लिये
पाकिस्तान के साथ युद्ध लड़ने का निर्णय लिया। यह युद्ध भारत तथा पाकिस्तान के मध्य
13 दिनों तक लड़ा
गया था। 16 दिसंबर, 1971 को पाकिस्तानी
सेना के 93 हज़ार सैनिकों ने
संयुक्त सेना के समक्ष बिना शर्त समर्पण कर दिया था। मुक्ति वाहिनी उन सशस्त्र
संगठनों को संदर्भित करती है जो बांग्लादेश मुक्ति युद्ध के दौरान पाकिस्तान सेना
के विरुद्ध लड़े थे। यह एक गुरिल्ला प्रतिरोध आंदोलन था। इसी दिन बांग्लादेश की
उत्पत्ति हुई थी। इसलिये बांग्लादेश प्रत्येक वर्ष 16 दिसंबर को स्वतंत्रता दिवस (बिजोय डिबोस)
मनाता है।
विश्व अल्पसंख्यक
अधिकार दिवस 18 दिसंबर
भारत समेत पूरे
विश्व में जातीय अल्पसंख्यकों के लिये स्वतंत्रता और समानता के अधिकार को बनाए
रखने तथा अल्पसंख्यकों के सम्मान के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिये प्रतिवर्ष 18 दिसंबर को ‘विश्व अल्पसंख्यक
अधिकार दिवस’ के रूप में मनाया
जाता है। यह दिवस विभिन्न जातीय मूल के अल्पसंख्यक समुदायों के समक्ष आने वाली
चुनौतियों और मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करता है। वर्ष 1992 में संयुक्त
राष्ट्र द्वारा 18 दिसंबर को ‘विश्व अल्पसंख्यक
अधिकार दिवस’ के रूप में घोषित
किया गया था। संयुक्त राष्ट्र की परिभाषा के अनुसार, ऐसा समुदाय जिसका सामाजिक, आर्थिक तथा
राजनीतिक रूप से कोई प्रभाव न हो और जिसकी आबादी नगण्य हो, उसे अल्पसंख्यक
कहा जाएगा। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 29, 30, 350A तथा 350B में ‘अल्पसंख्यक’ शब्द का प्रयोग किया गया है लेकिन इसकी परिभाषा कहीं नहीं
दी गई है। भारत के राज्य क्षेत्र या उसके किसी भाग के निवासी नागरिकों के किसी
अनुभाग, जिसकी अपनी विशेष
भाषा, लिपि या संस्कृति
है, को बनाए रखने का
अधिकार होगा। संयुक्त राष्ट्र ने 18 दिसंबर, 1992 को धार्मिक या भाषायी राष्ट्रीय अथवा जातीय अल्पसंख्यकों
से संबंधित व्यक्ति के अधिकारों पर वक्तव्य (Statement) को अपनाया था। भारत में इस दिवस का आयोजन
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग द्वारा किया जाता है। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की
स्थापना वर्ष 1992 में राष्ट्रीय
अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम के तहत केंद्र सरकार द्वारा की गई थी।
अंतर्राष्ट्रीय
प्रवासी दिवस 18 दिसंबर
18 दिसंबर को विश्व
भर में ‘अंतर्राष्ट्रीय
प्रवासी दिवस’ मनाया जाता है।
विश्व भर में प्रवासियों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए संयुक्त राष्ट्र
महासभा ने वर्ष 2000 में 18 दिसंबर को ‘अंतर्राष्ट्रीय
प्रवासी दिवस’ के रूप में नामित
किया था। साथ ही संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा इसी दिवस पर वर्ष 1990 में सभी प्रवासी
कामगारों और उनके परिवारों के सदस्यों के अधिकारों के संरक्षण पर अंतर्राष्ट्रीय
अभिसमय को भी अपनाया गया था। राष्ट्रीय स्तर पर देखें तो जून 2022 तक (जिसके लिये
अंतिम डेटा उपलब्ध है) भारत छोड़ने वाले प्रवासियों की संख्या 1,89,000 है जिसमें से
आधे से अधिक बिहार और उत्तर प्रदेश के हैं। बिहार एवं उत्तर प्रदेश के प्रवासियों
की संयुक्त संख्या 98,321 थी। यद्यपि बहुत
से लोग अपनी इच्छा से पलायन करते हैं, किंतु अधिकांश लोगों को आर्थिक चुनौतियों, प्राकृतिक आपदाओं, अत्यधिक गरीबी और
संघर्ष जैसे कारणों के चलते मजबूर होकर पलायन करना पड़ता है। ज्ञात हो कि भारत के
विकास में प्रवासी भारतीयों के योगदान को चिह्नित करने के लिये प्रतिवर्ष 9 जनवरी को 'प्रवासी भारतीय
दिवस' का आयोजन किया
जाता है।
गोवा मुक्ति दिवस '19 दिसंबर
गोवा मुक्ति दिवस
प्रति वर्ष '19 दिसंबर' को मनाया जाता
है। हालाँकि भारत को 1947 में ही आज़ादी
मिल गई थी लेकिन इसके 14 साल बाद भी गोवा
पर पुर्तगाली अपना शासन जमाए बैठे थे। 19 दिसंबर, 1961 को भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन विजय अभियान' शुरू कर गोवा, दमन और दीव को पुर्तगालियों के शासन से मुक्त कराया था। यह
दिन उस अवसर को चिह्नित करता है जब भारतीय सशस्त्र बलों ने वर्ष 1961 में 450 वर्षों के
पुर्तगाली शासन से गोवा को मुक्त कराया था। वर्ष 1510 में पुर्तगालियों ने भारत के कई हिस्सों को
उपनिवेश बनाया लेकिन 19वीं शताब्दी के
अंत तक भारत में पुर्तगाली उपनिवेश गोवा, दमन,
दीव, दादरा, नगर हवेली और
अंजेदिवा द्वीप (गोवा का एक हिस्सा) तक ही सीमित रहे। 15 अगस्त, 1947 को जैसे ही भारत
को स्वतंत्रता मिली, भारत ने
पुर्तगालियों से अपने क्षेत्रों को सौंपने का अनुरोध किया लेकिन उन्होंने इनकार कर
दिया था। गोवा मुक्ति आंदोलन छोटे पैमाने पर एक विद्रोह के रूप में शुरू हुआ लेकिन
वर्ष 1940 से 1960 के बीच अपने चरम
पर पहुँच गया। वर्ष 1961 में
पुर्तगालियों के साथ राजनयिक प्रयासों की विफलता के बाद भारत सरकार द्वारा ऑपरेशन
विजय चलाकर 19 दिसंबर को दमन
और दीव तथा गोवा को भारतीय मुख्य भूमि के साथ मिला लिया गया। 30 मई, 1987 को इस क्षेत्र
के विभाजन के साथ गोवा का गठन हुआ तथा दमन और दीव को केंद्रशासित प्रदेश बनाया
गया। 30 मई को गोवा के
स्थापना दिवस (Statehood
Day of Goa) के रूप में मनाया जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय
मानव एकता दिवस 20 दिसंबर
प्रतिवर्ष 20 दिसंबर को पूरे
विश्व में अंतर्राष्ट्रीय मानव एकता दिवस (International Human Solidarity Day) मनाया जाता है।
इस दिवस को मनाने का उद्देश्य अनेकता में एकता का जश्न मनाना और एकजुटता के
महत्त्व के बारे में जागरूक करना है। संयुक्त राष्ट्र सहस्राब्दी घोषणा के अनुसार, एकजुटता उन
मूलभूत मूल्यों में से एक है जो अंतर्राष्ट्रीय संबंधों हेतु आवश्यक हैं। संयुक्त
राष्ट्र महासभा ने 22 दिसंबर, 2005 को संकल्प 60/209 द्वारा मानव
एकता को एकजुटता के मौलिक और सार्वभौमिक अधिकारों के रूप में मान्यता दी थी, जो इक्कीसवीं सदी
में विभिन्न जनसमुदायों के बीच संबंधों को दर्शाता है और इसी कारण प्रतिवर्ष 20 दिसंबर को
अंतर्राष्ट्रीय मानव एकता दिवस मनाए जाने का निर्णय लिया गया। एकजुटता को साझा
हितों और उद्देश्यों के बारे में जागरूकता के रूप में परिभाषित किया गया है जो एक
समाज में एकता संबंधी मनोवैज्ञानिक भावना पैदा करता है। हेल्प4ह्यूमेन रिसर्च
एंड डेवलपमेंट ने भारतीयों को एकता के सूत्र में बाँधने की पहल की है। यह संस्था
हमेशा से देश में शांति, एकता और भाईचारे
की भावना के प्रसार हेतु अग्रणीय भूमिका अदा करती रही है।
रामानुजन स्मृति
दिवस 22 दिसंबर
भारत में
प्रतिवर्ष 22 दिसंबर को
राष्ट्रीय गणित दिवस मनाया जाता है। इसे रामानुजन स्मृति दिवस के नाम से भी जाना
जाता है। यह देश के महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन को समर्पित है जिनका जन्म 22 दिसंबर, 1887 को हुआ था। 22 दिसंबर, 2012 को भारत के
तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने चेन्नई में महान गणितज्ञ श्रीनिवास
अयंगर रामानुजन की 125वीं वर्षगाँठ पर
आयोजित एक कार्यक्रम में उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए वर्ष 2012 को राष्ट्रीय
गणित वर्ष एवं उनके जन्मदिन को राष्ट्रीय गणित दिवस घोषित किया था। गणित का मानवता
के विकास में बड़ा महत्त्व है। इस महत्त्व के प्रति लोगों के बीच जागरुकता पैदा
करना राष्ट्रीय गणित दिवस का मुख्य उद्देश्य है। इलाहाबाद स्थित सबसे पुरानी
विज्ञान अकादमी नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस इंडिया प्रत्येक वर्ष गणित के अनुप्रयोगों
और रामानुजन पर कार्यशाला का आयोजन करती है।
राष्ट्रीय किसान
दिवस 23 दिसंबर
समाज के विकास
में किसानों के योगदान को रेखांकित करने के लिये भारत में प्रतिवर्ष 23 दिसंबर को
राष्ट्रीय किसान दिवस मनाया जाता है। भारत गाँवों का देश है, जहाँ की अधिकांश
आबादी अपनी आजीविका के लिये प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से कृषि पर निर्भर है।
ऐसे में ‘राष्ट्रीय किसान
दिवस’ भारत के आम
नागरिकों को किसानों की समस्याओं को जानने, समझने और वार्ता करने का अवसर प्रदान करता है। यह दिवस भारत
के पाँचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती के उपलक्ष में आयोजित किया जाता
है। चौधरी चरण सिंह का जन्म 23 दिसंबर, 1902 को उत्तर प्रदेश के हापुड़ ज़िले में हुआ था। प्रधानमंत्री
के तौर पर चरण सिंह का कार्यकाल अल्प अवधि का रहा। वे दो बार उत्तर प्रदेश के
मुख्यमंत्री बने तथा उन्होंने केंद्र सरकार में भी कई मंत्री पदों पर कार्य किया, साथ ही
महत्त्वपूर्ण पदों पर रहते हुए किसानों के कल्याण के लिये कई योजनाएँ लागू कीं, उन्हें उत्तर
प्रदेश ज़मींदारी उन्मूलन अधिनियम का प्रधान वास्तुकार माना जाता है। चरण सिंह ने
ज़मींदारी उन्मूलन, भूमि सुधार और
किसानों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने से संबंधित कई पुस्तकें भी लिखीं।
राष्ट्रीय
उपभोक्ता दिवस 24 दिसंबर
देश में
उपभोक्ताओं के महत्त्व, उनके अधिकारों और
दायित्वों के बारे में जागरुकता फैलाने के लिये प्रतिवर्ष 24 दिसंबर को “राष्ट्रीय
उपभोक्ता दिवस” मनाया जाता है।
भारत की एक बड़ी आबादी अशिक्षित है, जो अपने अधिकारों एवं कर्त्तव्यों के प्रति अनभिज्ञ है, लेकिन उपभोक्ता
अधिकारों के मामले में शिक्षित लोग भी अपने अधिकारों के प्रति उदासीन नज़र आते हैं।
इसके प्रति लोगों को जागरूक करने के लिये प्रतिवर्ष इस दिवस का आयोजन किया जाता
है। वर्ष 2022 के लिये इस दिवस
की थीम ‘निष्पक्ष डिजिटल
वित्त (Fair Digital
Finance)’ है। इस थीम का उद्देश्य डिजिटल वित्तीय सेवाओं से निपटने
हेतु एक पारदर्शी एवं निष्पक्ष प्रणाली स्थापित करना है। डिजिटल भुगतान में
बढ़ोत्तरी के साथ इससे संबंधित जोखिम भी दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं। भारत सरकार
ने उपभोक्ताओं द्वारा की जाने वाली ऑनलाइन शॉपिंग को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2019 में ई-कॉमर्स संबंधी नियम बनाए हैं। जिसमे सरकार
ई-कॉमर्स साइट्स पर कई सख्त कानूनी प्रावधान लागू करती है। इस नियम को उपभोक्ता
संरक्षण (ई-कॉमर्स) अधिनियम, 2020 कहा गया है। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम का प्राथमिक
उद्देश्य उपभोक्ताओं को विभिन्न प्रकार के शोषण जैसे- दोषयुक्त सामान, असंतोषजनक सेवाओं
और अनुचित व्यापार प्रथाओं के विरुद्ध सुरक्षा प्रदान करना है। ज्ञात हो कि
वैश्विक स्तर पर प्रतिवर्ष 15 मार्च को विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस का आयोजन किया जाता
है।
वीर बाल दिवस 26 दिसंबर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री गुरू गोविंद
सिंह के प्रकाश पर्व पर 26 दिसंबर को वीर
बाल दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा की। 26 दिसंबर वह दिन है जब साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा
फतेह सिंह को क्रमशः महज 6 साल एवं 9 साल की छोटी सी
उम्र में मुगल सेना द्वारा मार दिया गया था। साहिबजादा अजीत सिंह, साहिबजादा जुझार
सिंह, साहिबजादा जोरावर
सिंह तथा साहिबजादा फतेह सिंह सिखों के दसवें गुरु गोबिंद सिंह जी के चार पुत्र
थे। उन्होंने अपनी आस्था को त्यागने के बजाय मौत को प्राथमिकता दी। प्रधानमंत्री
ने कहा कि माता गुजरी, श्री गुरु गोबिंद
सिंह जी और 4 साहिबजादों की
वीरता एवं आदर्श लाखों लोगों को ताकत देता है। वे अन्याय के आगे कभी नहीं झुके।
उन्होंने एक ऐसी दुनिया की कल्पना की जो समावेशी और सामंजस्यपूर्ण हो। इस अवसर पर कई
कार्यक्रम और प्रतियोगिताएँ आयोजित की जा रही हैं। 'साहिबजादे' की कहानियाँ सुनाने वाली झाँकी के साथ सेना का एक बैंड भी
मार्च में हिस्सा लेगा। प्रधानमंत्री कार्यक्रम के दौरान लगभग 300 बाल कीर्तनियों
के नेतृत्व में "शब्द कीर्तन" में भाग लेंगे तथा दिल्ली के हज़ारों
स्कूली बच्चे सोमवार को इंडिया गेट से कर्तव्य पथ तक मार्च पास्ट करेंगे और पूरे
भारत को नन्हें साहिबजादों की शहादत का इतिहास बताएंगे।
कृत्रिम हृदय
आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) के विशेषज्ञों ने
एक कृत्रिम हृदय (Artificial
Heart) तैयार किया है, जो हृदय रोग संबंधी समस्याओं से जूझ रहे लोगों के लिये
मददगार साबित होगा। कृत्रिम हृदय या आर्टिफिशियल हार्ट का जानवरों पर परीक्षण अगले
साल शुरू होगा। इसके बाद हार्ट ट्रांसप्लांट (Heart Transplant) आसान होगा और गंभीर रोगियों में आर्टिफिशियल
हार्ट ट्रांसप्लांट किये जा सकते हैं।
आईआईटी कानपुर तथा देश भर के 10 वैज्ञानिकों और डॉक्टरों की एक टीम ने दो साल में इस
कृत्रिम हृदय को तैयार किया है। जानवरों पर परीक्षण फरवरी या मार्च से शुरू होगा।
परीक्षण में सफलता के बाद दो वर्षों में मनुष्यों में इसका प्रत्यारोपण किया जा
सकेगा। हृदय रोग तेज़ी से बढ़ रहा है जिसके
फलस्वरूप बड़ी संख्या में मरीजों को हृदय प्रत्यारोपण की सलाह दी जाती है,
मरीजों की परेशानी कम करने के लिये यह कृत्रिम हृदय विकसित
किया जा रहा है। भारत 80 प्रतिशत उपकरण
और इम्प्लांट विदेशों से आयात करता है , केवल 20 प्रतिशत उपकरण एवं इम्प्लांट भारत में निर्मित किये जाते
हैं।
मनानाला
नल्लाथरवु मंद्रम योजना
तमिलनाडु के
मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने मेडिकल कॉलेज के छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य में
सुधार के लिये मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान करने हेतु मनानाला नल्लाथरवु मंद्रम या
मनम (MANAM) योजना शुरू की
है। इसका उद्देश्य मेडिकल छात्रों को आत्महत्या करने से रोकने के साथ-साथ मानसिक
स्वास्थ्य से पीड़ित रोगियों के सही उपचार के लिये उन्हें प्रशिक्षित करना है। इस
पहल के अंतर्गत छात्रों को मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से संपर्क करने में मदद मिलेगी।
इसके लिये एक हेल्पलाइन नंबर 14416 भी जारी की गई है। तमिलनाडु सरकार ने इस पहल का शुभारंभ
तिरुचि, पुडुकोट्टई एवं
करूर ज़िलों के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में किया है।
महामारी की
तैयारी का अंतर्राष्ट्रीय दिवस 27 दिसंबर
संयुक्त राष्ट्र और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 27 दिसंबर को महामारी की तैयारी का अंतर्राष्ट्रीय दिवस (International Day For Epidemic Preparedness) के रूप में चिह्नित किया। पहली बार महामारी की तैयारी का अंतर्राष्ट्रीय दिवस 27 दिसंबर, 2020 को मनाया गया था। इस दिवस का उद्देश्य सूचनाओं के आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाना, वैज्ञानिक ज्ञान का प्रसार और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान सुनिश्चित करना है। इससे भविष्य में COVID-19 जैसी परिस्थितियों को रोकने में मदद मिलेगी। COVID-19 का मानव जीवन पर विनाशकारी प्रभाव पड़ा है। लोगों की सुरक्षा के लिये मज़बूत स्वास्थ्य प्रणाली के निर्माण की आवश्यकता है। महामारी में ज़्यादातर संक्रामक रोग शामिल हैं। इसमें कैंसर एवं हृदय रोग तथा अन्य गैर-संचारी रोग शामिल नहीं हैं। महामारी रोग की वह स्थिति है जो कम समय के भीतर बड़े पैमाने पर लोगों में तेज़ी से फैलती है।
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