बिरसा मुंडा हॉकी स्टेडियम |हॉकी विश्व कप का इतिहास |अंतर्राष्ट्रीय हॉकी महासंघ | Hockey India History
हॉकी विश्व कप का इतिहास ,अंतर्राष्ट्रीय हॉकी महासंघ
बिरसा मुंडा हॉकी स्टेडियम
ओडिशा के मुख्यमंत्री ने राउरकेला के
सबसे बड़े हॉकी स्टेडियमों में से एक बिरसा मुंडा हॉकी स्टेडियम का उद्घाटन किया
है।
अंतर्राष्ट्रीय हॉकी महासंघ (International Hockey Federation- FIH)
द्वारा हॉकी
विश्व कप 2023 के 15वें संस्करण का
आयोजन ओडिशा के भुवनेश्वर और राउरकेला में 13 से 29 जनवरी तक किया जाएगा।
हॉकी विश्व कप का इतिहास :
यद्यपि इसकी कल्पना भारत और पाकिस्तान द्वारा संयुक्त रूप
से ओलंपिक से अलग प्रमुख एकमात्र हॉकी प्रतियोगिता के रूप में की गई थी और वर्ष 1969 में इसे
अंतर्राष्ट्रीय हॉकी महासंघ द्वारा स्वीकृत किया गया था, लेकिन भारत में
इसका आयोजन 13 वर्षों बाद वर्ष
1982 में किया गया, इससे पूर्व इसके
चार संस्करणों का आयोजन भारत से बाहर किया जा चुका था।
1971 में इसका पहला
संस्करण पाकिस्तान को आवंटित किया गया था किंतु राजनीतिक और सुरक्षा मुद्दों के
कारण इसे स्पेन में स्थानांतरित कर दिया गया, जबकि भारत को इस खेल की वर्ष 1975 में मेज़बानी
करनी थी, किंतु शासन के
मुद्दों के चलते इसे मलेशिया स्थानांतरित करना पड़ा।
1982 से ओलंपिक चक्र
को दो भागों में विभाजित करते हुए टूर्नामेंट को हर चार साल में आयोजित किया जाता
है, जबकि शुरुआती
संस्करण हर दो साल में आयोजित किये जाते थे।
1971 में स्पेन को
हराकर पाकिस्तान विश्व कप का विजेता बना।
पिछला विश्व कप हॉकी वर्ष 2018 में खेला गया था, जहाँ नीदरलैंड को
हराकर बेल्जियम विजेता बना था।
अंतर्राष्ट्रीय हॉकी महासंघ:
वर्ष 1924 में स्थापित FIH, फील्ड हॉकी के प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट्स, विशेष रूप से
विश्व कप के लिये उत्तरदायी है।
मुख्यालय: लौसने, स्विट्ज़रलैंड।
FIH को
अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति द्वारा विश्व भर में हॉकी के लिये एकमात्र शासी निकाय
की मान्यता प्राप्त है।
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