रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन |रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन क्यों जरूरी है ? | RVM Details in Hindi
रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन क्यों जरूरी है ?
रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (RVM)
भारत के चुनाव आयोग (ECI) ने एक नई रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (RVM) का प्रस्ताव रखा, जो घरेलू प्रवासियों को राष्ट्रीय और क्षेत्रीय चुनावों में मतदान करने की अनुमति देगा।
चुनाव आयोग ने
राज्य विधानसभा चुनाव में इसे पायलट के रूप में इस्तेमाल करने का प्रस्ताव दिया
ताकि राज्य के भीतर आंतरिक प्रवासी अपने मतपत्र डाल सकें।
रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन क्यों जरूरी है ?
मतदान प्रतिशत
में कमी:
वर्ष 2019 के आम चुनाव मे, 91% से अधिक नागरिक पंजीकृत थे, जिनमें से 67% ने मतदान किया था, जो देश के इतिहास में सबसे अधिक मतदान है।
हालाँकि यह चिंताजनक
है कि पात्र मतदाताओं में से एक-तिहाई, अर्थात् लगभग 30 करोड़ लोगों ने मतदान नहीं किया।
आंतरिक प्रवासन:
कम मतदान के
कारणों में से एक आंतरिक पलायन था जो मतदाताओं को उनके गृह निर्वाचन क्षेत्रों से
दूर ले गया।
मतदाता अपना नाम
उस निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में जोड़ सकते हैं जिसमें वे आमतौर पर रहते
हैं, लेकिन कई लोगों
ने विभिन्न कारणों से अपने गृह निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाता पहचान पत्र बनाए
रखने का विकल्प चुना।
असंगठित श्रमिकों के पंजीकरण में वृद्धि:
लगभग 10 मिलियन प्रवासी श्रमिक असंगठित क्षेत्र से संबंधित हैं, जो सरकार के ई-श्रम पोर्टल के साथ पंजीकृत हैं। यदि दूरस्थ मतदान प्रस्ताव को लागू किया जाता है, तो इसके दूरगामी प्रभाव होंगे।
रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के संबंध में सर्वोच्च
न्यायालय का निर्देश:
प्रवासियों को मतदान
के अवसरों से कथित रूप से वंचित करने पर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च
न्यायालय ने वर्ष 2015 में चुनाव आयोग
को दूरस्थ मतदान के विकल्पों का पता लगाने का निर्देश दिया था।
दूरस्थ मतदान के लिये वर्तमान प्रस्ताव:
RVM (Remote Voting Machine) मौजूदा
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) का संशोधित संस्करण है।
प्रवासियों के
गृह राज्य में चुनाव होने पर विभिन्न राज्यों में विशेष दूरस्थ मतदान केंद्र
स्थापित किये जाएंगे।
RVM एक ही मतदान
केंद्र से कई दूरस्थ निर्वाचन क्षेत्रों को संभाल सकता है।
इसके लिये एक
निश्चित बैलेट पेपर शीट के बजाय, मशीन को एक इलेक्ट्रॉनिक डायनेमिक बैलेट डिस्प्ले के लिये
संशोधित किया गया है, जो एक निर्वाचन
क्षेत्र कार्ड रीडर द्वारा पढ़े गए मतदाता की निर्वाचन क्षेत्र संख्या के अनुरूप
विभिन्न उम्मीदवारों की सूची पेश करेगी।
रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन और सुरक्षा:
प्रणाली में एक
ऐसा उपकरण होगा जिसकी सहायता से मतदाता अपना वोट सत्यापित कर सकता है।
मतगणना के दिन की
गणना के लिये ये इकाइयाँ प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र के प्रत्येक उम्मीदवार के लिये
डाले गए वोटों को सुरक्षित रखेंगी।
इसके बाद परिणाम
को RO (रिटर्निंग ऑफिसर)
के साथ साझा किया जाएगा।
रिटर्निंग ऑफिसर
एक या एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों में चुनावों की देखरेख के लिये उत्तरदायी
होता है।
EVM कैसे कार्य करता है
वर्ष 1992 से भारत में
बड़े पैमाने पर EVM का इस्तेमाल किया
जाने लगा और वर्ष 2000 से सभी लोकसभा
और राज्य विधानसभा चुनावों में इसका इस्तेमाल किया गया है।
इस मशीन का
नवीनतम संस्करण M3 मॉडल है, जिसका विनिर्माण
वर्ष 2013 से किया जा रहा
है। वर्ष 2010 में निर्वाचन
आयोग को EVM में सही ढंग से
वोट दर्ज होना सुनिश्चित करने वाली एक प्रणाली विकसित करने के लिये कई राजनीतिक
दलों से अनुरोध प्राप्त हुआ।
परिणामस्वरूप ECI ने वोटर वेरिफाइड
पेपर ट्रेल ऑडिट (VVPAT) मशीन विकसित की, जिसका उपयोग वर्ष
2017 के मध्य से
चुनावों में सामान्य रूप से किया जाने लगा।
वर्तमान EVM सेटअप में एक
बैलेटिंग यूनिट शामिल है,
जो VVPAT प्रिंटर से जुड़ी
होती है और मतदान कक्ष के अंदर स्थित होती है।
VVPAT कंट्रोल यूनिट (CU) से जुड़ा होता है, जो पीठासीन
अधिकारी (PO) की निगरानी में
रहता है और डाले गए वोटों की संख्या का योग करता है।
VVPAT चुनाव चिह्न और
उम्मीदवार के नाम के साथ एक पर्ची प्रिंट करता है, जो VVPAT के अंदर एक बॉक्स में गिराए जाने से पहले
मतदाता को सात सेकंड के लिये दिखाई देता है।
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