विश्व गौरैया दिवस 2023: इतिहास उद्देश्य महत्व |World Sparrow Day 2023 in Hindi
विश्व गौरैया दिवस 2023: इतिहास उद्देश्य महत्व World Sparrow Day 2023 in Hindi
विश्व गौरैया दिवस 2023: इतिहास उद्देश्य महत्व
- 20 मार्च, 2022 को दुनिया भर में विश्व गौरैया दिवस (World Sparrow Day) मनाया जाता है इस दिवस का आयोजन आम लोगों में गौरैया के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से किया जाता है। इसके अलावा शहरी वातावरण में रहने वाले आम पक्षियों के प्रति जागरूकता बढ़ाना भी इस दिवस को मनाने का एक उद्देश्य है।
- गौरैया की लगातार कम होती जा रही तादाद के मद्देनज़र वर्ष 2010 में पहली बार यह दिवस मनाया गया था। 2012 में दिल्ली सरकार ने गौरैया को दिल्ली का राजकीय पक्षी घोषित किया था। ब्रिटेन की 'रॉयल सोसायटी ऑफ प्रोटेक्शन ऑफ बर्ड्स' ने भारत से लेकर विश्व के विभिन्न हिस्सों में अनुसंधानकर्त्ताओं द्वारा किये गए अध्ययनों के आधार पर गौरैया को 'रेड लिस्ट' में शामिल किया है। गौरैया की संख्या में यह कमी शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में देखी गई है।
- गौरैया 'पासेराडेई' परिवार की सदस्य है। दुनिया भर में गौरैया की 26 प्रजातियाँ हैं, जिसमें से 5 भारत में पाई जाती हैं।
घरेलू चिड़िया या गौरैया (House Sparrow) : की जानकारी
गौरैया संसारभर में घरों में पाई जाने वाली सामान्य चिड़िया होती है।इसका वैज्ञानिक नाम पैसर डोमेस्टिकस (Passer domesticus) है। यह कबूतर के मुकाबले छोटी सी होती हैं।
गौरैया वर्गीकरण (Classification)
जगत (Kingdom) - जन्तु (Animalia)
शाखा (Branch) - यूमेटाजोआ (Eumetazoa)
प्रभाग (Division) - बाइलैटरिया (Bilateria)
उपप्रभाग (Subdivision) - ड्यूटरोस्टोमिया (Deuterostomia)
खण्ड (Section) - यूसीलोमैटा (Eucoelomata)
संघ (Phylum) - कॉर्डेटा (Chordata)
उपसंघ (Subphylum) - वर्टीब्रेटा (Vertebrata)
महावर्ग (Superclass) - चतुष्पादा (Tetrapoda)
वर्ग (Class) - पक्षी (Aves)
उपवर्ग (Subclass) - निओर्निथीज (Neornithes)
महागण (Superorder) - नियोग्नैथी (Neognathae)
गण (Order) - कोलम्बीफॉर्मीस (Columbiformes)
गौरैया के लक्षण (Characteristic)
- इसका शरीर 10 से 12 सेमी लम्बा तथा भूरे से परों द्वारा ढका हुआ होता है।
- इनमें नर के सिर के ऊपरी भाग, गरदन, गला, वक्ष भाग एवं चोंच का रंग काला होता है जबकि मादा की गर्दन व गाला सफ़ेद होता है। इनमें नर व मादा दोनों में उदर भाग सफेद होता है।
- इनकी चोंच छोटी व मजबूत होती है।
- इनमें नर व मादा के शरीर के रंग में काफी अन्तर होता है।
- इसका सिर गोल-सा, ग्रीवा लचीली, धड़ मोटा तथा पूँछ छोटी-सी होती है।
- इसके नेत्र बड़े व गोल होते हैं। इन पर गतिशील पलकों के अतिरिक्त निमीलक झिल्ली (nictitating membrane) भी होती है।
- इसके नेत्रों से पीछे, परों द्वारा ढके कर्ण होते हैं।
- इसके पश्चपादों के अतिरिक्त शेष शरीर परों (feathers) द्वारा ढका रहता है जो बाह्य कंकाल (exoskeleton) बनाते है।
- इसके अग्रपाद बड़े, परयुक्त पंखों (wings) में रूपान्तरित हो जाते हैं। इन पर अँगुलियाँ अनुपस्थित रहती है। इनके पश्चपाद सामान्य रहते हैं। इन पर शल्कें (scales) तथा चार-चार पंजेयुक्त अँगुलियाँ उपस्थित रहती हैं।
- इसके नर व मादा की रचना में तो नहीं, अपितु रंग में भेद होता है तथा नर में मैथुन अंग नहीं होते हैं।
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