Current Affairs Summary February 2023 in Hindi |समसामयिकी सारांश फरवरी 2023

Current Affairs Summary February  2023 in Hindi 
समसामयिकी सारांश फरवरी  2023 

Current Affairs Summary February  2023 in Hindi  समसामयिकी सारांश फरवरी  2023


Current Affairs Summary February  2023 in Hindi 


विज़िट इंडिया ईयर-2023 अभियान

पर्यटन मंत्री ने नई दिल्ली2 में विज़िट इंडिया ईयर-2023” का शुभारंभ किया। विज़िट इंडिया ईयर-2023 अभियान पर्यटन मंत्रालय की एक पहल है। इसके तहत देश में पर्यटन, बड़ी योजनाओं और गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाता है। विज़िट इंडिया ईयर-2023 अभियान के प्रतीक चिह्न का भी अनावरण किया गया जो नमस्तेकी छवि से युक्त है। 


प्रोजेक्ट एलोरा क्या है 

माइक्रोसॉफ्ट रिसर्च भारत में अपने प्रोजेक्ट एलोरा (Project ELLORA) के अंतर्गत 'दुर्लभ' भारतीय भाषाओं को संरक्षित करने में मदद कर रहा है। इस परियोजना के तहत माइक्रोसॉफ्ट के शोधकर्त्ता उन भारतीय भाषाओं के लिये डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र बनाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं, जिनकी ऑनलाइन उपस्थिति अपर्याप्त है। परियोजना का मुख्य लक्ष्य आर्थिक अवसरों व तकनीकी कौशल का निर्माण करके शिक्षा का विस्तार और भावी पीढ़ियों के लिये स्थानीय भाषाओं एवं संस्कृतियों को संरक्षित करके वंचित समुदायों के लिये भाषा प्रौद्योगिकी को सक्षम करना है। माइक्रोसॉफ्ट रिसर्च ने तीन भाषाओं- गोंडी, मुंडारी और इदु मिश्मी  पर ध्यान केंद्रित किया है। गोंडी भाषा एक दक्षिण-मध्य द्रविड़ भाषा है। उर्दू के अलावा गोंडी लिपि शायद देश की एकमात्र ऐसी लिपि है जो दाएँ से बाएँ लिखी जाती है। मुंडारी (Munɖari) भाषा मुंडा द्वारा बोली जाने वाली ऑस्ट्रोएशियाटिक भाषा परिवार की है, जो पूर्वी भारतीय राज्यों झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल की एक जनजाति है। इदु मिश्मी भाषा अरुणाचल प्रदेश के दिबांग घाटी ज़िले में मिश्मी लोगों द्वारा बोली जाने वाली भाषा है, इसे लुप्तप्राय भाषा माना जाता है।


यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में यूक्रेन का ओडेसा 

हाल ही में विश्व धरोहर समिति ने यूक्रेन के काला सागर बंदरगाह शहर ओडेसा के ऐतिहासिक केंद्र को अपनी विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय इस साइट के असाधारण, सार्वभौमिक मूल्य और मानवता द्वारा इसे संरक्षित करने की ज़िम्मेदारी को चिह्नित करता है। ओडेसा के ऐतिहासिक केंद्र को संकटग्रस्त विश्व धरोहरों की सूची में भी अंकित किया गया है। संकटग्रस्त विश्व धरोहरों की सूची का उद्देश्य विश्व समुदाय को उन समस्याओं के प्रति सचेत करना है जो उन विशेषताओं, जो किसी साइट को विश्व धरोहर सूची में शामिल करने के योग्य बनाती हैं, को खतरे में डालती हैं और साथ ही सुधारात्मक कार्रवाई को बढ़ावा देती हैं। वर्ष 2023 तक संकटग्रस्त विश्व धरोहरों की सूची में शामिल करने के लिये संबद्ध समिति द्वारा 52 संपत्तियों को निर्धारित किया गया है।


लद्दाख का पहला जैवविविधता विरासत स्थल याया त्सो झील (Yaya Tso Lake)

याया त्सो झील को चुमाथांग गाँव की पंचायत जैवविविधता प्रबंधन समिति ने सिक्योर हिमालय परियोजना (The SECURE Himalaya Project) के साथ मिलकर जैवविविधता अधिनियम के तहत लद्दाख का पहला जैवविविधता विरासत स्थल घोषित किया। यह झील लद्दाख में 4,820 मीटर की ऊँचाई पर स्थित अपनी खूबसूरती के साथ पक्षियों के लिये स्वर्ग के रूप में जानी जाती है। यह बड़ी संख्या में बार-हेडेड गूज, काली गर्दन वाली क्रेन और ब्राह्मणी बत्तख जैसे पक्षियों तथा जानवरों का आवास है। यह भारत में काली गर्दन वाले क्रेन के उच्चतम प्रजनन स्थलों में से एक है। सिक्योर हिमालय परियोजना भारत सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की योजना है जिसे संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) के सहयोग से वर्ष 2017 में प्रारंभ किया गया था। यह एक 6 वर्षीय  परियोजना है तथा वर्ष 2023 तक कार्यरत रहेगी। यह हिमालयी पारिस्थितिक तंत्र के लिये एक क्षेत्र-आधारित दृष्टिकोण विकसित और कार्यान्वित करके हिम तेंदुए एवं उसके आवास के संरक्षण हेतु सरकार के प्रयासों का समर्थन करती है। इसके अंतर्गत वन, भूमि, मृदा, जैवविविधता तथा भूमि संरक्षण को भी शामिल किया गया है। इस परियोजना के अंतर्गत 4 हिमालयी राज्य जम्मू-कश्मीर (अब केंद्रशासित प्रदेश), हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और सिक्किम आते हैं।

 

खादी फैशन शो ('रण उत्सव' )

कच्छ के रण में खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) द्वारा एक मेगा 'खादी फैशन शो' का आयोजन किया गया था। यह मेगा आयोजन KVIC का इस तरह का पहला आयोजन था जिसने पूरी दुनिया में खादी ब्रांड के नए आयाम स्थापित किये। गुजरात सरकार प्रत्येक वर्ष तीन महीने तक चलने वाले उत्सव का आयोजन करती है जिसे 'रण उत्सव' के नाम से जाना जाता है। कच्छ का रण पश्चिमी गुजरात के कच्छ ज़िले में थार रेगिस्तान में एक नमक युक्त दलदली भूमि है। यह भारत में गुजरात और पाकिस्तान में सिंध प्रांत के बीच स्थित है। यह अपनी सफेद नमकीन रेगिस्तानी रेत के लिये प्रसिद्ध है और इसे विश्व के सबसे बड़े नमक रेगिस्तान के रूप में भी जाना जाता है। कच्छ के निवासियों को कच्छी कहा जाता है तथा इसी नाम से उनकी अपनी एक भाषा है। कच्छ के रण में अधिकांश आबादी में हिंदू, मुस्लिम, जैन और सिख शामिल हैं।


वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ न्यूज़ पब्लिशर्स (WAN-IFRA)

हिंदू समूह ने अपने विभिन्न उत्पादों और सेवाओं के लिये वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ न्यूज़ पब्लिशर्स (WAN-IFRA) डिजिटल मीडिया दक्षिण एशिया अवार्ड्स 2022 में चार पुरस्कार जीते हैं। यह दक्षिण एशिया के लिये डिजिटल मीडिया पुरस्कारों का छठा संस्करण था। WAN-IFRA वर्ल्डस प्रेस का वैश्विक संगठन है। इसका उद्देश्य स्वतंत्र मीडिया संचालन के लिये विश्व भर के पत्रकारों और प्रकाशकों के अधिकारों की रक्षा करना है। साथ ही डिजिटल विश्व में नवाचार और समृद्धि के लिये विशेषज्ञता वाले सदस्य और सेवाएँ प्रदान करना तथा समाज के लिये महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करना है।


फेरी रोबोट  (FAIRY Robot)

टाम्परे विश्वविद्यालय के शोधकर्त्ताओं ने सिंहपर्णी बीज (Dandelion Seed) से प्रेरित एक छोटा उड़ने वाला रोबोट विकसित किया है, जो वायु से संचालित होता है तथा प्रकाश का उपयोग करके इसे नियंत्रित किया जा सकता है। यह संभावित रूप से परागणकों की जगह ले सकता है। लाइट रेस्पॉन्सिव मैटेरियल्स असेंबली (Light Responsive Materials Assembly) पर आधारित यह फेरी रोबोट (FAIRY Robot) वायु में उड़ने वाला एक छोटा व हल्का रोबोट है। रोबोट को लेज़र बीम या एलईडी जैसे प्रकाश स्रोत से नियंत्रित किया जा सकता है यानी शोधकर्त्ता रोबोट के आकार को परिवर्तित करने के लिये प्रकाश का उपयोग कर सकते हैं, जिससे वह हवा की दिशा के अनुकूल हो सके। इस लाइट बीम का उपयोग टेक-ऑफ और लैंडिंग को नियंत्रित करने के लिये भी किया जा सकता है। सिंहपर्णी बीजों से प्रेरित पॉलिमर असेंबली रोबोट प्रकाश-नियंत्रित तरल क्रिस्टलीय इलास्टोमर से बने नरम प्रवर्तक (Actuator) से लैस है। परिणामस्वरूप शोधकर्त्ता दृश्य प्रकाश का उपयोग करके प्रवर्तक के ब्रिसल्स (Actuator's Bristles) को खोलने या बंद करने में सक्षम हैं। यह रोबोट के यथार्थवादी अनुप्रयोग की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है, जो परागणकों (Pollinators) के रूप में कार्य कर सकता है।


महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र

वित्त मंत्री ने हाल ही में केंद्रीय बजट में महिलाओं और लड़कियों के लिये एक नई बचत योजना 'महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र' की घोषणा की। इस योजना में जमाराशि पर दो वर्ष के लिये 7.5 प्रतिशत की निश्चित दर से ब्याज मिलेगा। योजना के तहत किसी महिला या बालिका के नाम पर धनराशि जमा की जा सकती है। इसके तहत अधिकतम जमाराशि दो लाख रुपए रखी गई है तथा इसमें कोई कर लाभ नहीं है, लेकिन इस योजना में आंशिक निकासी की अनुमति है।  बजट 2023 में घोषित यह योजना दो वर्ष की अवधि के लिये यानी मार्च 2025 तक उपलब्ध रहेगी। यह अधिक-से-अधिक महिलाओं को औपचारिक वित्तीय बचत साधनों को अपनाने के लिये प्रोत्साहित करेगी।


APEDA ने UAE के साथ वर्चुअल क्रेता-विक्रेता बैठक का आयोजन

मोटा अनाज के निर्यात को बढ़ावा देने के हिस्से के रूप में कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) ने संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में निर्यात के अवसरों का पूर्ण लाभ उठाने के लिये एक वर्चुअल-क्रेता-विक्रेता बैठक का आयोजन किया। APEDA ने दक्षिण अफ्रीका, जापान, दक्षिण कोरिया, इंडोनेशिया, सऊदी अरब, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, यूनाइटेड किंगडम तथा संयुक्त राष्ट्र में मोटा अनाज के प्रचार करने की भी योजना बनाई है। भारत के प्रमुख मोटा अनाज निर्यातक देश UAE, नेपाल, साऊदी अरब, लीबिया, ओमान, मिस्र, ट्यूनीशिया, यमन, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राष्ट्र हैं जिनमें प्रमुख किस्मों के अंतर्गत बाजरा, रागी, कैनरी, ज्वार और बकवीट हैं।


मिष्टी पहल क्या है ?

केंद्रीय बजट 2023-24 में समुद्र तट के किनारे और लवणीय भूमि पर मैंग्रोव वृक्षारोपण के लिये तटीय पर्यावास एवं ठोस आमदनी हेतु मैंग्रोव पहल” (Mangrove Initiative for Shoreline Habitats & Tangible Incomes- MISHTI) की घोषणा की गई है। इससे पहले भारत UNFCCC COP27 के दौरान लॉन्च किये गए जलवायु के लिये मैंग्रोव गठबंधनमें शामिल हुआ था। यद्यपि मैंग्रोव ग्रह की सतह के केवल 0.1% हिस्से को कवर करते हैं, वे संभावित रूप से स्थलीय वनों की तुलना में प्रति हेक्टेयर 10 गुना अधिक कार्बन स्टोर कर सकते हैं। वे तूफान के खिलाफ एक प्राकृतिक बाधा के रूप में कार्य कर तटीय समुदायों की रक्षा करते हैं। भारत वन स्थिति रिपोर्ट-2021 के अनुसार, भारत का कुल मैंग्रोव कवर क्षेत्र 4,992 वर्ग किमी.(कुल भौगोलिक क्षेत्र का 0.15%) है। भारत ने पिछली शताब्दी के दौरान अपने मैंग्रोव कवर का 40% हिस्सा खो दिया, केरल ने पिछले 3 दशकों में अपने मैंग्रोव का 95% हिस्सा खो दिया।


त्रिशक्ति प्रहार अभ्यास   

हाल ही में भारतीय सेना ने त्रिशक्ति प्रहार अभ्यास, उत्तर बंगाल में एक संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास (रणनीतिक 'सिलीगुड़ी' गलियारे के करीब) का समापन किया। इस अभ्यास का उद्देश्य सेना, भारतीय वायुसेना और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) को शामिल कर एकीकृत रूप से नवीनतम हथियारों एवं उपकरणों का उपयोग करते हुए सुरक्षा बलों द्वारा युद्ध की तैयारी का अभ्यास करना था। इस अभ्यास का समापन तीस्ता फील्ड फायरिंग रेंज में एकीकृत अग्नि शक्ति अभ्यास के साथ हुआ। इसमें सेना, भारतीय वायु सेना और सीएपीएफ के सभी हथियार और सेवाएँ शामिल थीं। सिलीगुड़ी कॉरिडोर या चिकन नेक (पश्चिम बंगाल) बांग्लादेश, भूटान और नेपाल की सीमा से लगी भूमि का एक हिस्सा है, जो लगभग 170x60 किमी. है, सबसे संकीर्ण स्थान पर यह लगभग 20-22 किमी. चौड़ा है।


टर्नरसुचस हिंगलेये (Turnersuchus Hingleyae )

जीवाश्म विज्ञानियों ने प्राचीन 'समुद्री मगरमच्छ टर्नरसुचस हिंगलेये' के जीवाश्मों की खोज की है। जो अपनी तरह का अब तक का सबसे पुराना जीवाश्म हो सकता है। टेलर एंड फ्राँसिस द्वारा प्रकाशित एक हालिया अध्ययन के अनुसार, यूनाइटेड किंगडम में जुरासिक तट पर पाए गए जीवाश्मों में टर्नरसुचस हिंगलेये के सिर, रीढ़ की हड्डी जैसे अंगों का हिस्सा शामिल है। इसकी उम्र लगभग 185 मिलियन वर्ष पहले के प्रारंभिक जुरासिक, प्लिन्सबैचियन काल (Jurassic, Pliensbachian period) की मानी गई है। अपेक्षाकृत लंबे, पतले मुँह (Snouts) के कारण संभावना है कि वे वर्तमान में मौजूद घड़ियाल मगरमच्छों के समान दिखते रहे होंगे। घड़ियाल मगरमच्छ आमतौर पर उत्तरी भारत की प्रमुख नदी प्रणालियों में पाए जाते हैं। हालाँकि शोधकर्त्ताओं के अनुसार, थालाटोसुचियंस (Thalattosuchians) की खोपड़ी घड़ियाल मगरमच्छों के समान दिखती थी, लेकिन उनकी उत्पत्ति अलग तरीके हुई थी।


36वाँ सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला

हाल ही में भारत के उपराष्ट्रपति ने हरियाणा के फरीदाबाद में 36वें सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेले का उद्घाटन किया, जिसमें उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के लिये उपहार लेते समय स्थानीय रूप से निर्मित हस्तशिल्प वस्तुओं पर विचार करें, उन्हें वरीयता दें। यह मेला प्रतिवर्ष फरवरी महीने में सूरजकुंड मेला प्राधिकरण और हरियाणा पर्यटन द्वारा केंद्रीय पर्यटन, वस्त्र, संस्कृति एवं विदेश मंत्रालय के सहयोग से आयोजित किया जाता है। इसका उद्देश्य कुशल कारीगरों के समूहों को प्रोत्साहित करना है, ये समूह स्वदेशी तकनीक का इस्तेमाल करते थे, लेकिन सस्ती मशीन-निर्मित नकल किये जाने की समस्या से परेशान थे। वर्ष 2023 के लिये थीम राज्य पूर्वोत्तर क्षेत्र (NER) है क्योंकि यह क्षेत्र भारत की लुक-ईस्ट और एक्ट-ईस्ट नीति में एक महत्त्वपूर्ण हितधारक है। मुद्रा योजना, वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट तथा यूनिटी मॉल जैसी पहलों के माध्यम से केंद्रीय बजट 2023-24 में PM विश्वकर्मा कौशल सम्मान की भी परिकल्पना की गई है, ताकि शिल्पकारों को उनकी कृतियों की पहुँच और गुणवत्ता का विस्तार करने में मदद मिल सके।


विहंगम ड्रोन तकनीक

महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (MCL), कोयला मंत्रालय के तहत प्रमुख CPSE (सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइज़) ने ड्रोन और ग्राउंड कंट्रोल सिस्टम के साथ एक वेब-आधारित पोर्टल विहंगम लॉन्च करके कोयला खदानों में ड्रोन तकनीक की शुरुआत की है। यह पोर्टल एक अधिकृत व्यक्ति को खदान के वास्तविक समय/रियल टाइम ड्रोन वीडियो का उपयोग करने की सुविधा प्रदान करता है। इसमें एक कंट्रोल स्टेशन है जिसकी सहायता से ड्रोन उड़ाया जाता है जिसे पोर्टल के माध्यम से कहीं भी संचालित किया जा सकता है। यह पायलट परियोजना वर्तमान में तलचर कोलफील्ड्स (ओडिशा) की भुवनेश्वरी और लिंगराज ओपनकास्ट खदानों में चालू है। खनन प्रक्रिया के डिजिटलाइज़ेशन के लिये खदान की पर्यावरणीय निगरानी और फोटोग्राममेट्रिक मैपिंग के लिये ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। अग्निशमन और धूल दमन जैसे कठिन कार्यों को पूरा करने के लिये MCL ने अपने कोयला स्टॉकयार्ड में एक रोबोटिक नोज़ल वॉटर स्प्रेयर भी पेश किया है। महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (MCL) भारत में उत्पादित कुल कोयले में 20% से अधिक का योगदान देती है।


ऑपरेशन सद्भावना क्या 

'ऑपरेशन सद्भावना' द्वारा लद्दाख के दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों के लिये भारतीय सेना कई कल्याणकारी गतिविधियाँ चला रही है, जैसे कि आर्मी गुडविल स्कूल, इन्फ्रा-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स, एजुकेशन टूर आदि। भारतीय सेना वर्तमान में लद्दाख क्षेत्र में 'ऑपरेशन सद्भावना' के तहत 7 आर्मी गुडविल स्कूल चला रही है। इन स्कूलों में वर्तमान में 2,200 से अधिक छात्र पढ़ रहे हैं। इस पहल के माध्यम से (वित्त वर्ष 22-23 में) लद्दाख में विभिन्न दूरदराज़ के स्थानों पर चिकित्सा शिविर, पशु चिकित्सा शिविर, चिकित्सा उपकरण, चिकित्सीय बुनियादी ढाँचे का उन्नयन के साथ चिकित्सा सहायता केंद्रों को स्टाफ भी प्रदान किये गए हैं। लद्दाख के दूरदराज़ के क्षेत्रों में महिलाओं को ऑपरेशन सद्भावना के माध्यम से वित्तपोषित व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्रों, महिला सशक्तीकरण केंद्रों और कंप्यूटर केंद्रों में भी शामिल किया जा रहा है।ऑपरेशन सद्भावना भारतीय सेना द्वारा शुरू की गई एक अनूठी मानवीय पहल है और आतंकवाद से प्रभावित लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने हेतु 1990 के दशक में तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य में इसे औपचारिक रूप प्रदान किया गया था।


बाल मित्र चैटबॉट

दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (DCPCR ) ने लोगों और आयोग के बीच संचार को सुगम बनाने हेतु 'बाल मित्र' नामक एक व्हाट्सएप चैटबॉट लॉन्च किया है। यह नागरिकों और आयोग को अधिक प्रभावी तरीके से बातचीत करने में मदद करेगा, साथ ही लोगों विशेषकर माता-पिता को उनके बच्चों के स्कूल में प्रवेश एवं शिक्षा से संबंधित मुद्दों पर मार्गदर्शन प्रदान करेगा। इसका उद्देश्य बच्चों तथा उनके अधिकारों से संबंधित विभिन्न मामलों पर प्रामाणिक जानकारी प्रदान करना और इसके माध्यम से रिपोर्ट किये गए मामलों की गोपनीयता सुनिश्चित करना है। इसकी प्रमुख विशेषताओं में शिकायत पंजीकरण, जानकारी प्राप्त करना, शिकायत की स्थिति पर नज़र रखना शामिल हैं। दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (DCPCR) का गठन बाल अधिकार संरक्षण आयोग (CPCR) अधिनियम, 2005 के तहत किया गया है। यह बाल अधिकारों के मामलों पर दिल्ली सरकार का वैधानिक प्रहरी है। DCPCR ने हाल ही में अर्ली वार्निंग सिस्टम लॉन्च किया है। इस प्रणाली का मुख्य उद्देश्य दिल्ली में ड्रॉपआउट दरों को कम करना है।


ग्रैमी अवॉर्ड्स 2023

भारतीय म्यूज़िक कंपोज़र रिकी केज (Ricky Kej) ने तीसरी बार ग्रैमी अवॉर्ड जीता है। रिकी को उनके एल्बम डिवाइन टाइड्सके लिये इस अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। इस अवॉर्ड शो में कुछ नए अवॉर्ड जैसे कि सॉन्ग राइटर ऑफ द ईयर, बेस्ट स्कोर साउंडट्रैक फॉर वीडियो गेम्स समेत कई कैटेगरी शामिल की गई हैं। ग्रैमी अवॉर्ड्स अमेरिका की रिकॉर्डिंग अकादमी द्वारा संगीत उद्योग के कार्यों को पहचान दिलाने के लिये प्रदान किये जाते हैं। भारतीय संगीतकार रिकी केज ने तीसरी बार ग्रैमी अवॉर्ड जीता है। रिकी केज के एल्बम को सर्वश्रेष्ठ इमर्सिव ऑडियो एल्बम कैटगरी में नॉमिनेट किया गया। संगीतकार ने इस अवार्ड को मशहूर ब्रिटिश रॉक बैंड द पुलिसके ड्रमर स्टीवर्ट कोपलैंड के साथ शेयर किया है। सॉन्ग ऑफ द ईयर अवॉर्ड बोनी रायट को 'जस्ट लाइक दैट' के लिये ग्रैमी अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। उन्होंने इस कैटेगरी में टेलर स्विफ्ट को हराया।


वुल्फ 1069 बी (Wolf 1069b)

वैज्ञानिकों ने एक पृथ्वी जैसे दिखने वाले ग्रह का पता लगाया है, जो मनुष्यों के रहने योग्य हो सकता है। पृथ्वी से सिर्फ 31 प्रकाश वर्ष की दूरी पर लाल बौने तारे की परिक्रमा करने वाला एक एक्सोप्लैनेट है, जिसे वुल्फ 1069 बी के रूप में जाना जाता है, दुनिया भर के 50 खगोलविदों के एक समूह ने इस नए एक्सोप्लैनेट के अस्तित्त्व की पुष्टि की है कि वुल्फ 1069 बी संभावित रूप से एक चट्टानी दुनिया है, जो पृथ्वी के द्रव्यमान से लगभग 1.26 गुना ज़्यादा और आकार में 1.08 गुना बड़ा है। यह हमारी आकाशगंगा मिल्की-वे के उत्तर की ओर स्थित है जो पृथ्वी की तुलना में सूर्य के निकट पृथ्वी जैसा छठा ग्रह है।  वुल्फ 1069 बी ज्वारीय रूप से अपने मूल तारे से जुड़ा हुआ है, जिसका अर्थ है कि एक हिस्सा हमेशा दिन के उजाले में तथा विपरीत हिस्सा हमेशा अँधेरे में रहता है। यह पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी के 15वें हिस्से के बराबर दूरी पर 15.6 दिनों में तारे की परिक्रमा करता है। अध्ययन के अनुसार, सूर्य से इसकी निकटता के बावजूद वुल्फ 1069बी पृथ्वी को सूर्य से मिलने वाली ऊर्जा का लगभग 65% हिस्सा ही प्राप्त करता है। साथ ही इसकी सतह ठंडी होती है, जिससे यह नारंगी रंग का दिखाई देता है। यह हमारी पृथ्वी की तरह बहुत कम विकिरण उत्सर्जित करता है।


ध्रुव तारा

पोलारिस, जिसे उत्तर तारा/ध्रुव तारा के रूप में जाना जाता है, बहुत चमकीला तारा है (सूर्य से ~2,500 गुना अधिक चमकदार), जो उर्सा माइनर तारामंडल (पृथ्वी से ~323 प्रकाश वर्ष दूर) का हिस्सा है। पोलारिस उत्तरी खगोलीय ध्रुव से से भी कम दूरी पर है, लगभग पृथ्वी के घूर्णन अक्ष के साथ सीधी रेखा में है, इसलिये यह उत्तरी आकाश में स्थिर दिखाई देता है तथा अन्य सभी तारे इसके चारों ओर घूर्णन करते हुए प्रतीत होते हैं। इसकी स्थिति एवं चमक ने प्राचीन काल से ही मनुष्यों को नेविगेशन (दिशा सूचक) हेतु इसका उपयोग करने में सहायता की है। क्षितिज के ऊपर तारे की ऊँचाई पर्यवेक्षकों के अनुमानित अक्षांश को दर्शाती है। हालाँकि भूमध्य रेखा को दक्षिण में पार करने पर ध्रुव तारा क्षितिज पर खो जाता है जिस कारण इसका उपयोगी नेविगेशन में उपयोग करना असंभव हो जाता है। ऐसा लगता है कि पोलारिस का विश्लेषण पहली बार रोमन गणितज्ञ/खगोलविद् टॉलमी (165 - 85 ईसा पूर्व) द्वारा किया गया था। नासा के अनुसार, "ध्रुव तारा" "एक उपाधि है जो समय के साथ अलग-अलग सितारों को दी जाती है"; पृथ्वी की घूर्णन धुरी विचलित होने के कारण आकाशीय ध्रुव "युगों में धीमी गति से घूर्णन करता हुआ अलग-अलग तारों को पार करता है"। लगभग 14,000 वर्ष पहले आकाशीय ध्रुव चमकीले तारे वेगा की ओर संकेत करते थे और "यह लगभग 12,000 वर्षों में फिर से वेगा की ओर संकेत करेगा"।


नौसेना हल्के लड़ाकू विमान की INS विक्रांत पर लैंडिंग

भारत के स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान (LCA) के नौसैनिक संस्करण ने INS विक्रांत पर अपनी पहली लैंडिंग की, जो नौसेना की आत्मनिर्भरता योजनाओं की दिशा में एक मील का पत्थर है। इसके बाद दो इंजन वाले मिग-29K फाइटर जेट (रूसी मूल) ने लैंडिंग की और उड़ान भी भरी। INS विक्रांत, सितंबर 2022 में कमीशन किया गया भारत का पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत है, जो वर्तमान में संचालन की प्रक्रिया में है। जनवरी 2020 में DRDO ने INS विक्रमादित्य पर नौसेना LCA की सफल लैंडिंग का प्रदर्शन किया गया, जिसकी तर्ज पर DRDO INS विक्रांत के लिये ट्विन इंजन डेक-बेस्ड फाइटर (TEDBF) विकसित करने की प्रक्रिया में है।


दक्षिण भारत की पहली औद्योगिक गलियारा परियोजना

भारत के प्रधानमंत्री ने चेन्नई-बंगलूरू औद्योगिक गलियारा (CBIC) के अंतर्गत 8500 एकड़ भूमि में फैले तुमकुरु में कार्यान्वित होने वाली दक्षिण भारत की पहली औद्योगिक कॉरिडोर परियोजना की आधारशिला रखी। तुमकुरु औद्योगिक टाउनशिप की योजना पीएम-गतिशक्ति के सिद्धांतों के अनुरूप बनाई गई है ताकि आर्थिक क्षेत्र के लिये अंतिम मील मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी सुनिश्चित की जा सके। भारत सरकार (NICD और कार्यान्वयन ट्रस्ट के माध्यम से) तथा कर्नाटक सरकार प्रोजेक्ट स्पेशल पर्पज़ व्हीकल (SPV) के माध्यम से तुमकुरु ज़िले के वसंतनरसापुरा में 3 चरणों में औद्योगिक टाउनशिप का विकास कर रही है। राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास (NICD) कार्यक्रम के तहत 11 औद्योगिक गलियारों के अंतर्गत 32 ग्रीनफील्ड औद्योगिक स्मार्ट शहरों को विश्व स्तरीय प्लग-एन-प्ले बुनियादी ढाँचे के साथ विकसित किया जा रहा है।

युवा संगम पोर्टल

हाल ही में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (IGNCA), नई दिल्ली में "युवा संगम" पंजीकरण पोर्टल लॉन्च किया गया। युवा संगम एक भारत श्रेष्ठ भारतकी भावना के तहत पूर्वोत्तर क्षेत्र और शेष भारत के युवाओं के मध्य घनिष्ठ संबंध स्थापित करने की एक पहल है। इस पहल के तहत 20000 से अधिक युवा पूरे भारत की यात्रा करेंगे तथा एक-दूसरे की संस्कृतियों को समझने का अनूठा अवसर प्राप्त करेंगे। इस कार्यक्रम से पूर्वोत्तर क्षेत्र के युवाओं को भारत की विविधता को समझने का अवसर मिलेगा।


बृहस्पति (Jupiter) बना सबसे अधिक चंद्रमाओं वाला ग्रह

हाल ही में स्मिथसोनियन एस्ट्रोफिजिकल ऑब्ज़र्वेटरी द्वारा बृहस्पति की परिक्रमा कर रहे 12 नए चंद्रमाओं की खोज की है। खोजे गए 12 चंद्रमाओं में से 9 काफी दूर हैं। नए खोजे गए चंद्रमा 340 दिनों में अपनी परिक्रमाओं को पूरा करते हैं। इनमें से 9 उन सबसे बाहरी 71 जोवियन उपग्रहों में से हैं [बृहस्पति, शनि, अरुण (यूरेनस) और वरुण (नेप्च्यून) को जोवियन ग्रह कहा जाता है।], जिनकी परिक्रमाएँ 550 से अधिक दिनों में पूरा होती हैं। स्काई एंड टेलीस्कोप के मुताबिक, नए खोजे गए चंद्रमा में से 3 उन 13 उपग्रहों में से हैं जो विपरीत दिशा में परिक्रमा करते हैं। मतलब उनकी परिक्रमा की दिशा बृहस्पति के घूमने की दिशा के विपरीत है। पहले वैज्ञानिकों का मानना था, कि शनि ग्रह के चंद्रमाओं की संख्या सबसे अधिक (83) है, जबकि बृहस्पति के चंद्रमाओं की संख्या 80 थी। हालाँकि, नवीनतम खोज से पता चला है कि बृहस्पति के 12 और चंद्रमा हैं। इसके साथ ही बृहस्पति के चंद्रमाओं की संख्या बढ़कर 92 हो गई है। अब बृहस्पति के चंद्रमाओं की संख्या सबसे अधिक हो गई है।


भारत का पहला हाइड्रोजन इंटरनल कम्बशन इंजन

रिलायंस इंडस्ट्रीज़ ने बंगलूरू में आयोजित  इंडिया एनर्जी वीकमें भारत के पहले हाइड्रोजन ट्रक का प्रदर्शन किया। यह H2-ICE (हाइड्रोजन इंटरनल कम्बशन इंजन) ट्रक भारत में हाइड्रोजन से संचालित होने वाला अपनी तरह का पहला ट्रक है। इसे रिलायंस इंडस्ट्रीज़ ने अशोक लेलैंड के साथ साझेदारी में विकसित किया है। ट्रक में परंपरागत डीज़ल ईंधन या तरलीकृत प्राकृतिक गैस (LNG) के स्थान पर हाइड्रोजन का इस्तेमाल किया जाता है। H2-ICE में H2 हाइड्रोजन का सूत्र है और ICE का मतलब इंटरनल कम्बशन इंजन यानी आंतरिक दहन इंजन है। यह ट्रक शून्य कार्बन का उत्सर्जन करता है। हाइड्रोजन को सबसे क्लीन फ्यूल माना जाता है। इससे सिर्फ पानी और ऑक्सीजन का ही उत्सर्जन होता है। यह पारंपरिक डीज़ल ट्रक्स के बराबर ही परफॉर्मेंस देता है। पहला H2-ICE फ्रेंकोइस इसाक डी रिवाज़ द्वारा वर्ष 1806 में बनाया गया था, जो हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के मिश्रण से चलता था।


वामपंथी उग्रवाद संबंधी हिंसा में रिकॉर्ड गिरावट

केंद्रीय गृह मंत्री ने एक बैठक में कहा कि 4 दशकों में पहली बार वामपंथी उग्रवाद (LWE) में नागरिकों और सुरक्षा बलों की मौतों की संख्या वर्ष 2022 में 100 से कम हो गई। वर्ष 2010 की तुलना में वर्ष 2022 में LWE से संबंधित हिंसा में 76% की कमी आई। वामपंथी उग्रवादी संगठन वे समूह हैं जो हिंसक क्रांति के माध्यम से परिवर्तन लाने का प्रयास करते हैं। वे लोकतांत्रिक संस्थाओं के खिलाफ होते हैं और ज़मीनी स्तर पर लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को खत्म करने के लिये हिंसा का इस्तेमाल करते हैं। वामपंथी उग्रवाद से निपटने के लिये गृह मंत्रालय की नीति तीन दृष्टिकोणों पर आधारित है- क्रूर दृष्टिकोण के साथ चरमपंथी हिंसा को रोकने की रणनीति, केंद्र और राज्यों के बीच बेहतर समन्वय तथा विकास में सार्वजनिक भागीदारी के माध्यम से वामपंथी उग्रवाद के समर्थन को समाप्त करना। वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में चहुँमुखी विकास सुनिश्चित करने के लक्ष्य के हिस्से के रूप में सड़क मार्ग संपर्क में सुधार के लिये 11,811 किलोमीटर सड़कों का निर्माण पूरा किया गया है, पिछले 8 वर्षों के दौरान 2,343 मोबाइल टावर स्थापित किये गए हैं, वामपंथी उग्रवाद प्रभावित 90 ज़िलों में 245 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय स्वीकृत किये गए हैं और उनमें से कार्यरत विद्यालयों की संख्या वर्तमान में 121 है।


चंद्रयान 3 के लिये संभावित लैंडिंग साइट

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अपने तीसरे चंद्र मिशन- चंद्रयान-3 के लिये तीन संभावित लैंडिंग साइटों के निर्देशांक को अंतिम रूप दे दिया है, जिसके वर्ष 2023 के उत्तरार्द्ध में लॉन्च होने की उम्मीद है। चंद्रयान-3 के लिये प्रमुख लैंडिंग साइट चंद्रमा पर मंज़ियस यू और बोगुस्लाव्स्की M क्रेटर के बीच स्थित है। चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र वैज्ञानिकों के लिये विशेष रुचि का विषय है क्योंकि वहाँ पानी, बर्फ मिलने की संभावना है। चंद्रयान कार्यक्रम, जिसे भारतीय चंद्र अन्वेषण कार्यक्रम के रूप में भी जाना जाता है, ISRO द्वारा बाहरी अंतरिक्ष मिशनों की एक शृंखला है। चंद्रयान-1 को वर्ष 2008 में लॉन्च किया गया था और सफलता पूर्वक चंद्रमा कक्षा में स्थापित किया गया था। चंद्रयान-2 को वर्ष 2019 सफलता पूर्वक लॉन्च किया गया था और चंद्रमा की कक्षा में भेजा गया था, लेकिन सितंबर 2019 में उतरने का प्रयास करते हुए अपने प्रक्षेपवक्र से विचलित होने के कारण इसका लैंडर चंद्रमा की सतह पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। चंद्रयान-3 को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा से लॉन्च वाहन मार्क-3 (LVM3) रॉकेट द्वारा लॉन्च किया जाएगा। वर्ष 2023 के लिये ISRO के अन्य आगामी मिशनों में आदित्य-L1, सूर्य के विषय में जानकारी इकठ्ठा करने के लिये भारत का पहला समर्पित वैज्ञानिक मिशन और गगनयान का मानव रहित 'G1' मिशन शामिल हैं।

 

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना

हाल ही में बजट 2023-24 में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल सम्मान (Prime Minister-Vishwakarma Kaushal samman: PM-VIKAS) योजना की घोषणा की गई है। 

इस योजना के माध्यम से सरकार द्वारा पारंपारिक कलाकारों और शिल्पकारों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी, जिसके लिये सरकार इस योजना के तहत शिल्पकारों को एमएसएमई सेक्टर का हिस्सा बनाएगी। साथ ही उन्हें एमएसएमई मूल्य शृंखला के साथ संग्लग्न करते हुए उत्पादों की गुणवत्ता, पैमाने और पहुँच में सुधार करने में सक्षम बनाएगी। इस योजना के माध्यम से अलग-अलग पारंपारिक कौशल को बढ़ावा दिया जाएगा, जिसके लिये उन्हें ट्रेनिंग और फंडिंग प्रदान करने के साथ ही तकनीकी सुविधाओं से भी लाभान्वित किया जाएगा। इसमें अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, अन्य पिछड़ा वर्गों, महिलाओं एवं कमज़ोर वर्गों पर अधिक ध्यान केंद्रित किया गया है। विश्वकर्मा समुदाय के अंतर्गत देश के 140 से ज़्यादा जातियाँ आती हैं जो कि देश की एक बड़ी आबादी को कवर करती हैं।


मिष्टी योजना (MISHTI SCHEME)

वर्ष 2023 के बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा मिष्टी (Mangrove Initiative for Shoreline Habitats & Tangible Incomes: MISHTI) योजना की घोषणा की गई है। इसका मुख्य उद्देश्य भारत के समुद्र तट के साथ-साथ लवणीय भूमि पर मैंग्रोव वृक्षारोपण की सुविधा प्रदान करना है। यह योजना मनरेगा, कैम्पा (CAMPA) फंड एवं अन्य स्रोतों के मध्य अभिसरण के माध्यम से संचालित की जाएगी। मैंग्रोव ही समुद्र में आने वाली सूनामी जैसे बड़े दुष्प्रभावों को रोकने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मैंग्रोव कुल भारतीय भौगोलिक क्षेत्र का 0.15% हिस्सा कवर करते हैं। यह लगभग 4,975 वर्ग किलोमीटर में है। अकेले पश्चिम बंगाल राज्य में भारत के मैंग्रोव का 42.45% हिस्सा है। मैंग्रोव वन आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, अंडमान और निकोबार, गोवा, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र तथा तमिलनाडु में फैले हुए हैं। मिष्टी ( (MISHTI) योजना समुद्र तट के किनारे मैंग्रोव वनों की रक्षा करने में सहायक होगी। मैंग्रोव वृक्ष लवणीय जल के प्रति सहिष्णु होने के साथ ही उष्णकटिबंधीय वर्षावनों की तुलना में चार गुना अधिक कार्बन पृथक्करण करने में सक्षम हैं।


क्वाड साइबर चैलेंज

क्वाड देशों द्वारा क्वाड साइबर चैलेंज शुरू किया जा रहा है, यह 4 देशों में साइबर सुरक्षा सुधार के लिये एक सार्वजनिक अभियान है। इस चैलेंज में शामिल होने और सुरक्षित तथा ज़िम्मेदारी पूर्वक साइबर का उपयोग करने की शपथ लेने के लिये पूरे हिंद-प्रशांत एवं अन्य क्षेत्रों के इंटरनेट-उपयोगकर्त्ताओं को आमंत्रित किया जा रहा है। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय के साथ भारत का राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा समन्वयक इस चुनौती में समन्वयक निकाय है। साइबर अपराध और अन्य दुर्भावनापूर्ण साइबर खतरे, जो सालाना खरबों डॉलर का नुकसान कर सकते हैं तथा संवेदनशील, व्यक्तिगत डेटा से समझौता कर सकते हैं, के निशाने पर विश्व भर के इंटरनेट उपयोगकर्त्ता हैं। कई साइबर-हमलों को सरल निवारक उपायों द्वारा संरक्षित किया जा सकता है जैसे- नियमित रूप से सुरक्षा अद्यतन, मज़बूत और नियमित रूप से बदलते हुए पासवर्ड का उपयोग करना, फिशिंग जैसे सामान्य ऑनलाइन घोटालों के बारे में जागरूकता। QUAD भारत, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और जापान के रूप में चार लोकतांत्रिक देशों का समूह है जिसका उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र को "स्वतंत्र, खुला और समृद्ध" बनाना तथा उसका समर्थन करना है।


RBI ने रेपो रेट में वृद्धि की

भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India- RBI) ने रेपो दर को 25 आधार अंकों से बढ़ाकर 6.5% कर दिया है, जो लगातार छठी दर वृद्धि है। मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee- MPC) ने चालू वित्त वर्ष (2022-23) में अपनी सबसे हालिया बैठक में 6.4% वास्तविक GDP वृद्धि (वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिये) का अनुमान लगाया है।। रेपो रेट वह दर है जिस पर RBI वाणिज्यिक बैंकों को पैसा उधार देता है।


ऑपरेशन दोस्त क्या है ?

भारत ने 'ऑपरेशन दोस्त' के तहत भूकंप प्रभावित तुर्किये की मदद के लिये राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (National Disaster Response Force- NDRF) के कर्मियों, आवश्यक वस्तुओं और चिकित्सा उपकरणों को लेकर अपना छठा विमान भेजा है। छठी उड़ान में बचाव दल, डॉग स्क्वायड और आवश्यक दवाएँ शामिल हैं। ऑपरेशन दोस्त के तहत भारतीय सेना द्वारा तुर्किये के हटाय प्रांत में एक फील्ड अस्पताल स्थापित किया गया है। भारत ने सीरिया में चिकित्सा आपूर्ति के साथ एक परिवहन विमान भी भेजा है। 6 फरवरी, 2023 को रिक्टर पैमाने पर 7.7 की तीव्रता के भूकंप ने तुर्किये और सीरिया को प्रभावित किया है, इसके बाद कई आफ्टरशॉक्स भी देखे गए, जिससे दोनों देशों में भारी तबाही के साथ जानमाल की क्षति तथा बुनियादी ढाँचे को नुकसान पहुंँचा। ऑपरेशन दोस्त इस बात का प्रतीक है कि भारत तुर्किये का मित्र है अर्थात् दोनों को अपने संबंधों को अधिक मज़बूत करना चाहिये। इससे पहले NDRF को इसी तरह के दो अंतर्राष्ट्रीय अभियानों- वर्ष 2011 में जापान ट्रिपल डिज़ास्टर (भूकंप, सुनामी और परमाणु संकट) एवं वर्ष 2015 में नेपाल में आए भूकंप हेतु भेजा गया था।


पी के रोज़ी कौन है

सर्च इंजन गूगल ने मलयालम सिनेमा की पहली महिला एक्ट्रेस व पहली महिला दलित अभिनेत्री पी के रोज़ी की 120वीं जयंती पर उनके प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए एक खास डूडल (Doodle) समर्पित किया है। 10 फरवरी, 1903 में केरल के तिरुवनंतपुरम में जन्मी, रोज़ी को कम उम्र में ही अभिनय का काफी शौक था। रोज़ी ने वर्ष 1928 में मलयालम फिल्म विगाथाकुमारन (द लॉस्ट चाइल्ड) में अपनी भूमिका के साथ उन तमाम बाधाओं, विशेष रूप से उस समय जब महिलाओं की प्रदर्शन कला को प्रोत्साहित नहीं किया जाता था, को न सिर्फ तोड़ा बल्कि वह मलयालम सिनेमा की पहली एक्ट्रेस के तौर पर सामने आई। फिल्म में उन्होंाने एक उच्च जाति की महिला की भूमिका अदा की, जिससे उन्हें  उच्च जातियों के विरोध का सामना करना पड़ा। उनका घर जला दिया गया और राज्य छोड़ने के लिये मजबूर किया गया। ऐसे में जान बचाने के लिये रोज़ी तमिलनाडु की ओर जा रही एक लॉरी में भाग गईं, उन्होंने लॉरी के चालक केशवन पिल्लई से शादी की और अपना जीवन 'राजम्मा' के रूप में बिताया। उन्हें अपनी बाकी जिंदगी गुमनामी में गुज़ारनी पड़ी।

 

श्वासावरोध

आंध्र प्रदेश में हाल ही में एक खाद्य तेल टैंक से तेल के अवशेषों (Sludge) को हटाने के दौरान दम घुटने/श्वासावरोध के कारण 7 श्रमिकों की मृत्यु हो गई। श्वासावरोध एक ऐसी स्थिति है जिसमें श्वसन तंत्र विफल हो जाता है अथवा मस्तिष्क में अपर्याप्त या कम ऑक्सीजन के कारण श्वसन तंत्र सुचारू नहीं रह जाता है। कभी-कभी यह बेहोशी मौत का कारण बन जाती है। श्वासावरोध, मस्तिष्क को ऑक्सीजन से वंचित करने के अलावा श्वास मार्ग की क्षति अथवा उसमें रुकावट के कारण भी हो सकता है, जैसे कि गला घोंटना, भोजन अंतर्ग्रहण, या अत्यधिक मात्रा में तरल पदार्थ का सेवन।


अधिनियम की धारा 69 (A)

MeitY ने IT अधिनियम, 2000 की धारा 69 (A) के तहत "तत्काल" और "आपातकालीन" आधार पर 138 ऑनलाइन सट्टेबाज़ी प्लेटफॉर्मों एवं 94 मनी लेंडिंग एप्स को ब्लॉक करने के आदेश जारी किये। कुछ साइट्स और एप कथित तौर पर चीन से जुड़े हुए थे और उनमें "भारत की संप्रभुता एवं अखंडता के लिये प्रतिकूल सामग्री" थी। पिछले 3 वर्षों में ऐसे लोगों से ज़बरन वसूली/उत्पीड़न की कई शिकायतें मिली हैं, जिन्होंने इस तरह के मनी-लेंडिंग एप्स के माध्यम से अक्सर अत्यधिक उच्च ब्याज दरों पर छोटी राशि उधार ली थी। IT अधिनियम की धारा 69 सरकार को इंटरनेट सेवा प्रदाताओं, दूरसंचार सेवा प्रदाताओं, वेब होस्टिंग सेवाओं, सर्च इंजन, ऑनलाइन मार्केटप्लेस आदि जैसे ऑनलाइन मध्यस्थों को सामग्री-अवरोधक आदेश जारी करने का अधिकार प्रदान करती है, बशर्ते इस प्रकार की सामग्री भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा, संप्रभुता या सार्वजनिक व्यवस्था के लिये खतरा उत्पन्न करती हो।


पहला सुंदरबन बर्ड फेस्टिवल

हाल ही में पहले सुंदरबन बर्ड फेस्टिवल के दौरान 145 अलग-अलग पक्षी प्रजातियों को देखा गया। इस पहले उत्सव का आयोजन पश्चिम बंगाल वन विभाग के सुंदरबन टाइगर रिज़र्व (STR) डिवीज़न द्वारा किया गया था, जिसमें कई टीमों ने सुंदरबन बायोस्फीयर रिज़र्व के अंदर विभिन्न क्षेत्रों का दौरा किया। बर्ड फेस्टिवल सुंदरबन की पक्षी प्रजातियों की विविधता पर आधारभूत डेटा प्रदान करता है। वर्ष 2021 में ज़ूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ZSI)  के अनुसार, भारत में खोजी गई सभी एवियन प्रजातियों में से एक-तिहाई (पक्षियों की प्रजातियाँ) यानी 428 पक्षी प्रजातियाँ सुंदरबन में पाई गईं।


बौने ग्रह पर रहस्यमयी वलय

एक नए अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पाया कि बौना ग्रह, प्लूटो असामान्य वलय वाला है जो ग्रह के आकार का लगभग आधा है। क्वाओर (Quaoar) के वलय (मूल अमेरिकी पौराणिक कथाओं में सृजन के एक देवता के नाम पर) सात ग्रहों की त्रिज्या (किसी ग्रह के केंद्र और उसकी सतह के बीच की दूरी) से अधिक दूरी पर स्थित हैं, जो अन्य ग्रहों, जिनमें वलय हैं, से बहुत दूर है। ग्रहों के वलय में बर्फ के छोटे-छोटे टुकड़े और अन्य पदार्थ होते हैं जो एक बड़ी वस्तु की परिक्रमा करते हैं। केवल शनि, बृहस्पति, यूरेनस तथा वरुण (नेप्च्यून), जिसमें दो अन्य छोटे ग्रह चारिकलो और ह्यूमिया शामिल हैं, को वलय के रूप में जाना जाता है।


पालम परियोजना क्या है ?

तमिलनाडु के करूर ज़िले में पालम परियोजना अथवा सिटी लाइवलीहुड सेंटर शिक्षित बेरोज़गार युवाओं को नौकरियाँ प्रदान करने में काफी सफल रहा है। अधिकांश सरकारी रोज़गार के विपरीत यह ज़्यादातर निजी नौकरियों पर केंद्रित है। पश्चिमी तमिलनाडु में तिरुपुर के वस्त्र केंद्र के पास स्थित करूर ज़िला अपने उद्योगों के लिये जाना जाता है, लेकिन यह अपने घरेलू वस्त्र उत्पादों के लिये अधिक लोकप्रिय है। यह परियोजना वर्ष 2022 में शुरू हुई थी। पालम परियोजना का उद्देश्य रोज़गार की तलाश करने वालों और नियोक्ताओं के बीच एक सेतु का काम करना था। अनिवार्य रूप से पालम परियोजना का उद्देश्य एक अद्वितीय विचार के साथ आने के बजाय कई ज्ञात और अज्ञात सरकारी कार्यक्रमों एवं अवसरों का उपयोग करना था।


तरकश (TARKASH) अभ्यास क्या है 

राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) और संयुक्त राष्ट्र स्पेशल ऑपरेशंस फोर्स (SOF) द्वारा तरकश अभ्यास वर्तमान में चेन्नई में आयोजित किया रहा है। रासायनिक और जैविक युद्ध को विश्व के लिये खतरे के रूप में पहचाने जाने के साथ, आयोजित भारत-अमेरिका संयुक्त अभ्यास में पहली बार रासायनिक, जैविक, रेडियोलॉजिकल एवं नाभिकीय (Chemical, Biological, Radiological and Nuclear- CBRN) हमलों के प्रति प्रतिक्रिया शामिल है। इस संयुक्त अभ्यास का उद्देश्य आतंकवादियों को तेज़ी से बेअसर करना, बंधकों को सुरक्षित छुड़ाना और आतंकवादियों द्वारा ले जाए जा रहे रासायनिक हथियारों को निष्क्रिय करना था। CBRN हथियार, जिन्हें सामूहिक विनाश के हथियारों (Weapons of Mass Destruction- WMD) के रूप में भी वर्गीकृत किया गया है, का उपयोग बीते समय में विभिन्न देशों और आतंकवादी समूहों द्वारा किया गया है। CBRN का सबसे हालिया उपयोग वर्ष 2017 में सीरिया में सरीन गैस हमले के रूप में देखा गया था। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, आतंकवादियों और उनके समर्थकों सहित गैर-राज्य अभिकर्त्ताओं की WMD अथवा CBRN तक पहुँच प्राप्त करने तथा उनका उपयोग करने की संभावना अंतर्राष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा के लिये एक गंभीर खतरा है।


भाषिणी मिशन के बारे में जानकारी  

20 से अधिक स्थानीय भारतीय भाषाओं में उपलब्ध यूपीआई 123 पे के माध्यम से डिजिटल भुगतान करने के लिये मिशन भाषिणी की क्षमताओं को एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई) के साथ जोड़ा  किया गया है। भाषिणी का उद्देश्य, भाषा के लिये एक राष्ट्रीय डिजिटल मंच उपलब्ध कराना जिससे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अन्य उभरती नेचुरल लैंग्वेज टेक्नोलॉजियों का उपयोग कर योगदानकर्त्ताओं, साझेदार संस्थाओं तथा नागरिकों का एक मिलाजुला इकोसिस्टम विकसित करना है, जो कि भाषा की बाधाओं से परे एक आत्मनिर्भर भारत में सभी का डिजिटल समावेश व डिजिटल सशक्तीकरण सुनिश्चित करेगा। इससे सभी भारतीयों को उनकी मूल भाषाओं में इंटरनेट एवं डिजिटल सेवाओं तक आसान पहुँच प्रदान करने में मदद मिलेगी। यूपीआई 123 पे एक त्वरित भुगतान प्रणाली है जो उपयोगकर्त्ताओं को इंटरनेट कनेक्शन के बिना यूपीआई लेन-देन की अनुमति प्रदान करेगी। इसे भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा लॉन्च किया गया है


अमृतपेक्स 2023 के बारे में जानकारी 

संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने AMRITPEX 2023 - राष्ट्रीय डाक टिकट प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। डाक टिकटों का यह पाँच दिवसीय महाकुंभ (11 से 15 फरवरी, 2023) प्रगति मैदान, नई दिल्ली में आज़ादी के अमृत महोत्सव समारोह के तहत आयोजित किया जा रहा है। इस प्रदर्शनी में देश के इतिहास और संस्कृति से संबंधित डाक टिकट तथा फोटोग्राफिक संग्रह प्रदर्शित किये जाएंगे। यह पाँच विषयों पर आधारित है- आज़ादी का अमृत महोत्सव और नया भारत, युवा शक्ति, नारी शक्ति, प्रकृति और वन्य जीवन तथा भारत की संस्कृति एवं इतिहास। भारत में पहली बार आभासी वास्तविकता (Virtual Reality) और संवर्द्धित वास्तविकता (Augmented Reality) जैसी अत्याधुनिक तकनीक को देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, इतिहास तथा प्राकृतिक एवं वन्यजीवन को प्रदर्शित करते हुए टिकटों की यात्रा को प्रदर्शित करने  के लिये नियोजित किया गया है।

 

NRIs और G-20 देशों की UPI तक पहुँच

भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India- RBI) ने G-20 देशों और अनिवासी भारतीयों (Non-resident Indians- NRI) को भारत में आने वाले यात्रियों को मर्चेंट भुगतान/P2M हेतु चुनिंदा हवाई अड्डों पर एकीकृत भुगतान इंटरफेस (Unified Payment Interface- UPI) का उपयोग करने की अनुमति दी है। RBI के अनुसार, प्रीपेड भुगतान उपकरण (Prepaid Payment Instruments- PPI) जारी करने हेतु अधिकृत बैंक और गैर-बैंक विदेशी नागरिकों तथा भारत आने वाले अनिवासी भारतीयों को रुपया-मूल्यवर्ग पूर्ण-KYC PPI जारी कर सकते हैं। भारतीय रुपए में रूपांतरण केवल विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (FEMA) के तहत विदेशी मुद्रा में व्यवहार करने हेतु अधिकृत संस्थाओं द्वारा किया जा सकता है। PPIs भुगतान साधन हैं जो ऐसे उपकरणों पर संग्रहीत मूल्य के विरुद्ध वस्तुओं और सेवाओं की खरीद की सुविधा प्रदान करते हैं। ऐसे उपकरणों पर संग्रहीत मूल्य धारक द्वारा नकद, बैंक खाते में डेबिट या क्रेडिट कार्ड द्वारा भुगतान किये गए मूल्य का प्रतिनिधित्त्व करता है।


"खनन प्रहरी" मोबाइल एप के बारे में जानकारी 

भारत सरकार ने अनधिकृत कोयला खनन गतिविधियों की सूचना देने के लिये "खनन प्रहरी" नामक एक मोबाइल एप और एक वेब एप कोयला खदान निगरानी और प्रबंधन प्रणाली (Coal Mine Surveillance and Management System- CMSMS) लॉन्च की है। यह मोबाइल एप कोयला मंत्रालय द्वारा विकसित किया गया है जो नागरिकों को घटना के स्थान से भू-टैग की गई तस्वीरों तथा टेक्स्ट के रूप में सूचना का उपयोग करके अवैध कोयला खनन की घटनाओं के बारे में रिपोर्ट करने में सक्षम बनाता है। इस संबंध में किये गए वैधानिक उपायों में शामिल हैं- कोयला खदान (राष्ट्रीयकरण) अधिनियम, 1973; खनिज रियायत नियम, 1960; कोलियरी नियंत्रण नियम, 2004’ खान और खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 1957। इसके अलावा इन क्षेत्रों तक पहुँच और अवैध गतिविधियों को रोकने के लिये परित्यक्त खदानों के मुहाने पर कंक्रीट की दीवारें निर्मित की गई हैं। साथ ही मौजूदा सुरक्षा/CISF कर्मियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है और अवैध खनन के विभिन्न पहलुओं की निगरानी के लिये CIL (Coal India Ltd.) की कुछ सहायक कंपनियों में विभिन्न स्तरों पर समितियों/कार्यबलों का गठन किया गया है।


खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण 

कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA), जिसे वर्ष 1986 में संसद के एक अधिनियम के माध्यम से स्थापित किया गया था, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत कार्य करता है। कृषि जिंसों के निर्यात को बढ़ावा देने हेतु APEDA को अधिकार प्राप्त है। इसके अतिरिक्त APEDA को चीनी के आयात की निगरानी करने की ज़िम्मेदारी भी सौंपी गई है। 'वोकल फॉर लोकल' तथा 'आत्मनिर्भर भारत' के विचारों के अनुरूप APEDA स्थानीय रूप से प्राप्त जीआई (भौगोलिक संकेत) के साथ-साथ स्वदेशी, जातीय कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। विश्व व्यापार संगठन व्यापार डेटा के आधार पर भारत वित्त वर्ष 2021-22 में 24.77 बिलियन अमेरिकी डॉलर के निर्यात के साथ कृषि उत्पादों का विश्व का आठवाँ सबसे बड़ा निर्यातक बन गया है। APEDA की हाल की कुछ पहलों में फार्मर कनेक्ट पोर्टल, वाराणसी कृषि-निर्यात हब (VAEH); बाजरा आदि के प्रचार के लिये बाजरा पोर्टल सम्मिलित है।


निर्माण से शक्ति पहल क्या है ?

कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) ने बुनियादी ढाँचे के आधुनिकीकरण के लिये 'निर्माण से शक्ति' नामक एक पहल की शुरुआत की है। 'निर्माण से शक्ति' पहल में चरणबद्ध तरीके से ईएसआई योजना अस्पतालों और औषधालयों का उन्नयन/आधुनिकीकरण, बेहतर आधुनिक सुविधाओं के साथ 100/200/500 बेड वाले अस्पतालों के लिये मानक डिज़ाइन तैयार करना, पर्यवेक्षण, निर्माण की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिये नई भवन प्रौद्योगिकियों को अपनाने के साथ-साथ भूमि/संपत्ति दस्तावेज़ों का डिजिटलीकरण, परियोजना की निगरानी हेतु ऑनलाइन रीयल-टाइम डैशबोर्ड आदि शामिल हैं। कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम, 1948 के तहत कर्मचारी राज्य बीमा योजना (ESIC), एक बहुआयामी सामाजिक सुरक्षा प्रणाली है जो इस योजना के तहत शामिल श्रमिक आबादी और उनके आश्रितों को सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के लिये तैयार की गई है।


mपॉक्स क्या है 

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, 1 जनवरी, 2022 से 110 देशों में मंकीपॉक्स के कम-से-कम 85,765 मामलों की पुष्टि के साथ ही 1,382 संभावित मामले दर्ज किये गए। इस रोग से सबसे अधिक प्रभावित देश संयुक्त राज्य अमेरिका था, जहाँ 29,948 मामलों की पुष्टि के गई। WHO ने इसके वैश्विक जोखिम का मूल्यांकन 'मध्यम' के रूप में किया और यह भी घोषणा की कि वह इस बीमारी को मंकीपॉक्स के बजाय mपॉक्स (mPox) के रूप में संदर्भित करना चाहता है। मंकीपॉक्स एक ज़ूनोटिक वायरल बीमारी है जिसके लक्षण चेचक के समान होते हैं लेकिन यह कम संक्रामक होता है। कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य के अफ्रीकी देश में यह पहली बार वर्ष 1970 में मनुष्यों में पाया गया था। चेचक के उन्मूलन के लिये उपयोग किये जाने वाले टीके mपॉक्स से सुरक्षा प्रदान करते हैं। इस रोग के इलाज के लिये नए टीके भी विकसित और स्वीकृत किये गए हैं।


मैमटस क्लाउड की जानकारी 

हाल ही में बादलों का एक समूह जो नीचे से बुलबुले की तरह दिखाई देता है, संयुक्त राज्य अमेरिका के नेब्रास्का पर मंडराते हुए देखा गया क्योंकि नम गर्म हवा जो ऊपर उठती है और ठंडी होने पर एक विशिष्ट तापमान पर पानी की बूँदों के रूप में संघनित हो जाती है। आमतौर पर विशिष्ट ऊँचाई पर ऐसा होता है तथा बादल की तलहटी बुलबुले की तरह दिखाई देती है। पानी की बूँदों के कारण अपारदर्शी बादल बनता है। हालाँकि कुछ शर्तों के तहत क्लाउड पॉकेट्स बन सकते हैं, जिसमें पानी की बड़ी बूँदें या बर्फ होती है जो कि स्वच्छ हवा में वाष्पित हो जाती है। ये पॉकेट, मेघ गर्जन के निकट अशांत हवा में बन सकते हैं। इस कारण मैमटस क्लाउड दिखाई देते हैं।


धारा (DHARA) 2023 क्या है ?

राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (National Mission for Clean Ganga- NMCG) ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स (NIUA) के सहयोग से रिवर सिटीज़ एलायंस (RCA) के सदस्यों की वार्षिक बैठक, ड्राइविंग होलिस्टिक एक्शन फॉर अर्बन रिवर (DHARA) का आयोजन किया। धारा 2023 स्थानीय जल निकायों के प्रबंधन पर साथ मिलकर समझने और समाधानों पर चर्चा करने हेतु एक मंच प्रदान करेगा। धारा 2024 मध्य प्रदेश के ग्वालियर में आयोजित होगा। नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत मुल्ला मुथा नदी (पुणे) के घाट पर योग सत्र नामक एक अनूठी पहल का आयोजन किया गया। यह बैठक और शहरी 20 (यू20) कार्यक्रम, जो भारत की G20 अध्यक्षता के दायरे में आता है, में बहुत कुछ समान था। यह सिफारिश की गई कि विश्व जल दिवस 2021 के अवसर पर शुरू किये गए कैच द रेन अभियान के तहत हर शहर में प्राकृतिक जल संरक्षण (Fillers) को प्रोत्साहित किया जाना चाहिये।


चक्रवात गेब्रियल न्यूज़ीलैंड 

न्यूज़ीलैंड ने चक्रवात गेब्रिएल से कम-से-कम पाँच लोगों की मृत्यु और 9,000 लोगों के विस्थापित होने के पश्चात् रिकवरी के प्रयास तेज़ कर दिये हैं।

चक्रवात कम दबाव वाले वे क्षेत्र हैं जहाँ तीव्र गति से आंतरिक वायु का परिसंचरण होता है। उत्तरी गोलार्द्ध में हवा एंटीक्लॉकवाइज़ घूमती है, जबकि दक्षिणी गोलार्द्ध में हवा क्लॉकवाइज़ घूमती है। चक्रवात दो प्रकार के होते हैं: उष्णकटिबंधीय चक्रवात और अतिरिक्त-उष्णकटिबंधीय चक्रवात। न्यूज़ीलैंड में मुख्य रूप से दो द्वीप- उत्तर एवं दक्षिण द्वीप तथा कई अन्य छोटे द्वीप हैं। देश में वनस्पति और पशु जीवन की एक अनूठी शृंखला भी है। वर्ष 1893 में महिलाओं को मतदान की अनुमति देने वाला यह पहला देश था। न्यूज़ीलैंड का वेतापुंगा, जो विश्व के सबसे भारी कीटों में से एक है, का वज़न एक गौरैया के वज़न से अधिक हो सकता है।



आदि महोत्सव की जानकारी 

भारत के प्रधानमंत्री ने नई दिल्ली में दो सप्ताह तक चलने वाली प्रदर्शनी "आदि महोत्सव" का उद्घाटन किया। यह महोत्सव जनजातीय संस्कृति, शिल्प, व्यंजन, वाणिज्य और पारंपरिक कला की भावना को प्रोत्साहित करता है, यह जनजातीय मामलों के मंत्रालय के तहत जनजातीय सहकारी विपणन विकास संघ लिमिटेड (Tribal Cooperative Marketing Development Federation Limited- TRIFED) की एक वार्षिक पहल है। TRIFED/ट्राइफेड की स्थापना वर्ष 1987 में भारत सरकार द्वारा तत्कालीन भारत कल्याण मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक राष्ट्रीय स्तर के सहकारी निकाय के रूप में की गई थी, जिसका मूल उद्देश्य बहु-राज्य सहकारी समिति अधिनियम, 1984 के तहत उनके द्वारा एकत्र किये गए लघु वनोपज (Minor Forest Produce- MFP) और अधिशेष कृषि उत्पाद (Surplus Agricultural Produce- SAP) के व्यापार को संस्थागत बनाकर देश के आदिवासियों का सामाजिक-आर्थिक विकास करना था।


अंतर्राष्ट्रीय इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी मेला (IETF) 2023

भारत के राष्ट्रपति ने नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी मेला (IETF) 2023 का उद्घाटन किया। IETF क्रेता-विक्रेता सम्मेलनों, अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों एवं सेमिनारों, व्यापार नेटवर्किंग, प्रौद्योगिकी आकलन, रणनीतिक भागीदारी और विक्रेता विकास के लिये एक मंच है तथा इसमें विश्व भर के आगंतुक भाग लेते हैं। यह आयोजन न केवल इंजीनियरिंग एवं विनिर्माण क्षेत्र में भारत की विकास गाथा का उत्सव है, बल्कि विश्व में सर्वश्रेष्ठ उन्नत प्रौद्योगिकियों के साथ देश के सहयोग का भी प्रमाण है। IETF-2023 में उभरती प्रौद्योगिकियों के 11 क्षेत्र शामिल हैं जिनका हमारी अर्थव्यवस्था और समाज पर गहरा प्रभाव है।


अभ्यास धर्म गार्जियन के बारे में जानकारी 

भारत और जापान के मध्य संयुक्त सैन्य अभ्यास धर्म गार्जियन का चौथा संस्करण 17 फरवरी से 2 मार्च, 2023 तक जापान में आयोजित किया जा रहा है। यह अभ्यास जापान के साथ एक वार्षिक प्रशिक्षण कार्यक्रम है और वर्तमान वैश्विक स्थिति की पृष्ठभूमि में दोनों देशों के सामने आने वाली सुरक्षा चुनौतियों के संदर्भ में अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। यह अभ्यास दोनों देशों के मध्य द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाते हुए भारतीय सेना तथा जापानी ग्राउंड सेल्फ डिफेंस फोर्सेज़ के मध्य रक्षा सहयोग के स्तर को और बढ़ाएगा। भारत एवं जापान के मध्य अन्य सैन्य अभ्यास JIMEX (नौसेना), शिन्यु मैत्री (वायु सेना) और अभ्यास वीर गार्जियन हैं।


एयरो इंडिया 2023

एयरो इंडिया 2023 का आयोजन 13 फरवरी से 17 फरवरी, 2023 तक येलहंका, बेंगलुरु के वायु सेना स्टेशन में किया गया है। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह अब तक का सबसे बड़ा आयोजन था और इसमें 98 देशों की भागीदारी देखी गई है। इस वर्ष की थीम 'द रनवे टू ए बिलियन अपॉर्चुनिटीज़' है तथा प्रमुख उद्देश्य एयरोस्पेस और रक्षा क्षमताओं में भारत की वृद्धि को प्रदर्शित करना है। कार्यक्रमों में रक्षा मंत्रियों का कॉन्क्लेव, CEO राउंड टेबल, मंथन स्टार्ट-अप इवेंट, और बंधन समारोह (व्यावसायिक संस्थाओं के बीच साझेदारी बनाने और नवीनीकृत करने हेतु), एयर शो (जनता के लिये खुला) शामिल थे, जिसमें हवाई प्रदर्शन मुख्य आकर्षण थे। भारत में एक निजी कंपनी द्वारा पहले यात्री विमान के निर्माण और संयोजन हेतु गोपालन एयरोस्पेस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड तथा चेक गणराज्य के ओमनीपोल के बीच समझौता ज्ञापन भी शामिल है।


लाल मिर्च की तेजा किस्म

निर्यात बाज़ार में पाक, औषधीय और अन्य व्यापक उपयोगों हेतु प्रसिद्ध लाल मिर्च की लोकप्रिय तेजा किस्म की बढ़ती मांग खम्मम कृषि बाज़ार, तेलंगाना के लिये वरदान साबित हो रही है। लाल मिर्च की तेजा किस्म का सबसे बड़ा उत्पादक खम्मम ज़िला तीखे फलों का प्रमुख निर्यातक है। एक प्राकृतिक मिर्च से निकलने वाले ओलेरोसिन की भारी मांग के कारण मुख्य रूप से खम्मम ज़िले से तेजा किस्म की लाल मिर्च का निर्यात कई एशियाई देशों में विभिन्न मसाला प्रसंस्करण उद्योगों में किया जा रहा है। लाल मिर्च की इस किस्म को चीन, बांग्लादेश और कुछ अन्य दक्षिण एशियाई देशों में निर्यात किया जाता है। जिंस का एक बड़ा हिस्सा चीन को निर्यात किया जाता है। थाईलैंड सहित विभिन्न दक्षिण एशियाई देशों में इसके अनूठे स्वाद और प्राकृतिक रंग एजेंट के रूप में व्यापक अनुप्रयोगों के कारण इस तीखे फल की सबसे अधिक मांग है।


कमला कस्तूरी कौन थीं 

हाल ही में श्रीमती कमला कस्तूरी का निधन हो गया। वह एक पर्यावरणविद् थीं जिन्होंने पर्यावरण संरक्षण में अहम योगदान दिया और वे पर्यावरण सोसायटी, चेन्नई की संस्थापक भी थीं। वे कई पर्यावरण संरक्षण परियोजनाओं तथा कावेरी नदी को रंगाई कार्य करने वाले मिलों (Dyeing Units) से बचाने एवं नदी की सफाई के अभियान में शामिल थीं। उन्होंने कई वृक्षारोपण अभियानों में भाग लिया था और बूचड़खाने के खिलाफ जनहित याचिका (Public Interest Litigation- PIL) भी दायर की थी, जिसे रेड हिल्स (सेंगुंद्रम, तमिलनाडु) में प्रस्तावित किया गया था।


संसद रत्न पुरस्कार 2023 

संसद रत्न पुरस्कार समारोह का 13वाँ संस्करण 25 मार्च, 2023 को नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा। संसद रत्न पुरस्कारों की स्थापना डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के सुझाव पर शीर्ष प्रदर्शन करने वाले सांसदों को सम्मानित करने के लिये की गई थी। उन्होंने स्वयं वर्ष 2010 में चेन्नई में पुरस्कार समारोह के पहले संस्करण का शुभारंभ किया था। अब तक शीर्ष प्रदर्शन करने वाले 90 सांसदों को सम्मानित किया जा चुका है। संख्या के संदर्भ में पुरस्कारों के शतक के निशान को पार कर 13वाँ संस्करण इतिहास में दर्ज हो जाएगा।


भारत का पहला हाइब्रिड रॉकेट

निजी कंपनियों द्वारा भारत का पहला हाइब्रिड-साउंडिंग रॉकेट तमिलनाडु के चेंगलपट्टू से लॉन्च किया गया। मार्टिन फाउंडेशन ने डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम इंटरनेशनल फाउंडेशन और स्पेस ज़ोन इंडिया के सहयोग से डॉ एपीजे अब्दुल कलाम सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल मिशन- 2023 लॉन्च किया है। संगठनों ने उल्लेख किया कि परियोजना में 5,000 छात्र शामिल थे। चयनित छात्रों ने एक छात्र उपग्रह प्रक्षेपण यान (रॉकेट) और 150 PICO उपग्रह (1 किलोग्राम से कम द्रव्यमान वाले उपग्रह, आधुनिक लघुकरण तकनीकों के उपयोग से कार्यान्वित) अनुसंधान प्रयोग क्यूब्स का डिज़ाइन एवं निर्माण किया, जिसमें विभिन्न पेलोड शामिल थे। रॉकेट का उपयोग मौसम, वायुमंडलीय स्थितियों और विकिरण में अनुसंधान के लिये किया जा सकता है। हाइब्रिड रॉकेट इंजन एक बाइप्रोपेलेंट रॉकेट इंजन है जो दो अवस्थाओं में प्रणोदक का उपयोग करता है, आमतौर पर तरल और ठोस, जब प्रतिक्रिया किये जाने पर रॉकेट प्रणोदन के लिये उपयुक्त गैसें उत्पन्न करता है। वर्ष 2022 में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी स्टार्टअप स्काईरूट एयरोस्पेस ने भारत का पहला निजी तौर पर विकसित रॉकेट विक्रम-S भेजा। यह एक सिंगल-स्टेज स्पिन-स्टेबलाइज़्ड सॉलिड प्रोपेलेंट रॉकेट है जिसका वज़न लगभग 545 किलोग्राम है।


अनुभूति समावेशी पार्क

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने महाराष्ट्र के नागपुर में विश्व के सबसे बड़े और अनोखे दिव्यांग पार्क - अनुभूति समावेशी पार्क की आधारशिला रखी। यह विश्व का पहला समावेशी दिव्यांग पार्क है जिसका निर्माण सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा किया गया है। दिव्यांगों के साथ-साथ आम जनता और वरिष्ठ नागरिकों के लिये विभिन्न परियोजनाओं की परिकल्पना की गई है। पार्क में सभी 21 प्रकार की दिव्यांगताओं हेतु अनुकूलित सुविधाएँ होंगी, इसमें टच एंड स्मेल गार्डन, हाइड्रोथेरेपी यूनिट, वाटर थेरेपी तथा मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों एवं माताओं के लिये स्वतंत्र कक्ष जैसी सुविधाएँ होंगी। वर्ष 2016 में केंद्र सरकार ने दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकारों के लिये दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम को पारित किया। यह कानून दिव्यांगों को सम्मान के साथ जीने का अधिकार प्रदान करता है। केंद्र सरकार ने इस पहल के तहत दक्षिण भारत और मध्य प्रदेश में भी कुछ दिव्यांग पार्क बनाए हैं।


एनोफिलीज़ स्टीफेन्सी: घातक मलेरिया प्रजाति

केन्या में एशिया से भी घातक मलेरिया रोगवाहक का पता चला है। केन्या अफ्रीका का छठा और नवीनतम देश है जिसने घातक मलेरिया प्रजातियों के संक्रमण की सूचना दी है। एनोफिलीज़ स्टीफेन्सी की उत्पत्ति दक्षिण-पूर्व एशिया, पश्चिम एशिया और अरब प्रायद्वीप में हुई थी। इस प्रजाति पिछले ने एक दशक में अपनी भौगोलिक सीमा का विस्तार किया है, अफ्रीका में पहली बार जिबूती (2012), इथियोपिया और सूडान (2016), सोमालिया (2019) तथा नाइजीरिया (2020) में इसके बारे में पता लगने की सूचना मिली है। यह एक बड़ा खतरा भी है, क्योंकि अन्य मलेरिया पैदा करने वाले मच्छर वाहकों के विपरीत, जो कि मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में प्रजनन करते हैं, एनोफिलीज़ स्टीफेन्सी अत्यधिक अनुकूली है और शहरी वातावरण में पनप सकता है। मलेरिया प्लाज्मोडियम परजीवियों के कारण होने वाला एक जानलेवा मच्छर जनित रक्त रोग है। यह मुख्य रूप से अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका तथा एशिया के उष्णकटिबंधीय एवं उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है। यह रोकथाम योग्य होने के साथ-साथ इलाज योग्य भी है। भारत में मलेरिया उन्मूलन प्रयास वर्ष 2015 में शुरू किये गए थे तथा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा 2016 में राष्ट्रीय मलेरिया उन्मूलन रूपरेखा (National Framework for Malaria Elimination- NFME) को लॉन्च किये जाने के बाद इसमें तेज़ी देखी गई है।


भारत-चीन सीमा मामलों  WMCC की 26वीं बैठक

वर्ष 2020 में भारत-चीन सीमा गतिरोध शुरू होने के बाद पहली बार भारत-चीन सीमा मामलों (WMCC) पर परामर्श और समन्वय के लिये कार्यकारी तंत्र की 26वीं बैठक के लिये भारत ने बीजिंग का दौरा किया। जुलाई 2019 में आयोजित 14वीं बैठक के बाद से WMCC की यह पहली व्यक्तिगत बैठक थी। WMCC की स्थापना वर्ष 2012 में भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के प्रबंधन के लिये परामर्श एवं समन्वय के साथ-साथ दोनों पक्षों के सीमा सुरक्षा कर्मियों के मध्य संचार तथा सहयोग को मज़बूत करने हेतु विचारों का आदान-प्रदान करने के लिये एक संस्थागत तंत्र के रूप में की गई थी। दोनों पक्षों ने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के पश्चिमी सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर स्थिति की समीक्षा की एवं खुले क्षेत्रों में रचनात्मक तरीके से पीछे हटने के प्रस्तावों पर चर्चा की, जिससे पश्चिमी सेक्टर में LAC पर शांति और स्थिरता बहाल करने में मदद मिलेगी तथा द्विपक्षीय संबंधों में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिये  स्थितियाँ सृजित होंगी।


कक्षा 1 में प्रवेश हेतु न्यूनतम आयु छह वर्ष 

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy- NEP) 2020 के अनुरूप कक्षा 1 में प्रवेश हेतु न्यूनतम आयु छह वर्ष निर्धारित करने का निर्देश दिया है। NEP 2020 के अनुसार, बुनियादी चरण में सभी बच्चों (3 से 8 वर्ष के बीच) हेतु सीखने के पाँच वर्ष के अवसर शामिल हैं, जिसमें तीन वर्ष की प्री-स्कूल शिक्षा के बाद कक्षा 1 और 2 शामिल हैं। NEP 2020 प्री-स्कूल से कक्षा 2 तक के बच्चों के निर्बाध सीखने और विकास को बढ़ावा देता है। इसने राज्यों को यह भी सलाह दी है कि वे अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में प्री स्कूल शिक्षा पाठ्यक्रम में दो वर्षीय डिप्लोमा (Diploma in Preschool Education- DPSE) को डिज़ाइन करने एवं चलाने की प्रक्रिया शुरू करें। राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (State Council of Educational Research and Training- SCERT) से पाठ्यक्रम को डिज़ाइन करने की उम्मीद है, जो SCERT के पर्यवेक्षण और नियंत्रण के तहत ज़िला शिक्षा तथा प्रशिक्षण संस्थान (District Institute of Education and Training- DIET) के माध्यम से चलाया या कार्यान्वित किया जाएगा


राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण में फॉस्फोर-जिप्सम

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (National Highways Authority of India- NHAI), उर्वरक विभाग एवं रसायन और उर्वरक मंत्रालय के सहयोग से राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण में फॉस्फोर-जिप्सम के उपयोग हेतु NHAI परियोजनाओं पर फील्ड परीक्षण करेगा ताकि एक चक्रीय अर्थव्यवस्था प्राप्त की जा सके। फॉस्फोर-जिप्सम, उर्वरक निर्माण से निकलने वाला एक अपशिष्ट उत्पाद, रेडॉन रेडियोधर्मी गैस का उत्सर्जन करता है। इसमें रेडियोधर्मी तत्त्व यूरेनियम, थोरियम और रेडियम भी शामिल हैं। NHAI सड़क निर्माण में बेकार प्लास्टिक के उपयोग को भी बढ़ावा दे रहा है, जिसका सफल परीक्षण किया जा चुका है। अध्ययनों ने स्थापित किया है कि प्लास्टिक कचरे का उपयोग करके बनाई गई सड़कें टिकाऊ, एवं धारणीय होती हैं और बिटुमेन (कच्चे तेल के आसवन के माध्यम से उत्पादित पदार्थ) के जीवन चक्र को बढ़ाती हैं। इसी प्रकार NHAI ने हाईवे और फ्लाईओवर तटबंधों के निर्माण के लिये फ्लाई ऐश का इस्तेमाल किया है। फ्लाई ऐश कोयला थर्मल पावर प्लांट में कोयले के दहन का एक अवांछित अधजला अवशेष है। यह किसी भट्टी में कोयले के जलने के दौरान ग्रिप गैसों (एक दहन प्रक्रिया से एक अपशिष्ट गैस) के साथ उत्सर्जित होती है तथा इसे इलेक्ट्रोस्टैटिक प्रीसिपिटेटर्स का उपयोग करके एकत्र किया जाता है।


संस्कृति कार्यसमूह की पहली बैठक

G-20 की भारत की अध्यक्षता में संस्कृति कार्यसमूह की पहली बैठक हाल ही में मध्य प्रदेश के खजुराहो में आयोजित हुई। बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री ने की। बैठक के पहले दिन पद्मश्री नेक राम, जिन्हें मिलेट्स मैन के रूप में भी जाना जाता है, को अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष (IYM) 2023 मनाने के लिये आमंत्रित किया गया है। खजुराहो के मंदिर 950- 1050 ईस्वी के बीच चंदेल राजवंश के शासनकाल में बनाए गए थे। वर्तमान में यहाँ केवल 20 मंदिर शेष हैं; वे तीन अलग-अलग समूहों में आते हैं तथा दो अलग-अलग धर्मों से संबंधित हैं - हिंदू धर्म और जैन धर्म। यूनेस्को की 'खजुराहो ग्रुप ऑफ मॉन्यूमेंट्स' की साइट अपनी नागर शैली की वास्तुकला तथा  नयिकाओं (हिंदू पौराणिक महिला नायक) एवं देवताओं की सुंदर मूर्तियों के लिये प्रसिद्ध है।

22वें विधि आयोग कार्यकाल (भारतीय विधि आयोग)

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 22वें विधि आयोग के कार्यकाल को डेढ़ वर्ष के लिये बढ़ा दिया है, विधि आयोग उन कानूनों की पहचान करने के लिये अनिवार्य है जो "अब प्रासंगिक नहीं हैं" और उन्हें निरस्त करने की सिफारिश करते हैं। पैनल का कार्यकाल 31 अगस्त, 2024 तक बढ़ा दिया गया है। यह भी अनिवार्य है कि नए कानून को लागू करने का सुझाव दिया जाए जो निदेशक सिद्धांतों को लागू करने तथा संविधान की प्रस्तावना में निर्धारित उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिये आवश्यक हो सकते है। भारत का विधि आयोग समय-समय पर भारत सरकार द्वारा गठित एक गैर-सांविधिक निकाय है। पहला विधि आयोग वर्ष 1834 में 1833 के चार्टर अधिनियम द्वारा ब्रिटिश राज के दौरान स्थापित किया गया था और इसकी अध्यक्षता लॉर्ड मैकाले ने की थी। स्वतंत्र भारत का पहला विधि आयोग 1955 में तीन वर्ष के कार्यकाल के लिये स्थापित किया गया था।


अमेज़न-ONDC (ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स)

अमेज़न ने घोषणा की है कि वह भारत सरकार के ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC) प्लेटफॉर्म से जुड़ेगा। वर्ष 2022 में माइक्रोसॉफ्ट सोशल ई-कॉमर्स के माध्यम से भारतीय बाज़ार में लॉजिस्टिक्स खरीद शुरू करने के इरादे से नेटवर्क में शामिल होने वाली पहली बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनी बन गई। ONDC वाणिज्य मंत्रालय के उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (Department of Promotion of Industry and Internal Trade- DPIIT) द्वारा स्थापित एक खुला ई-कॉमर्स प्रोटोकॉल है। ONDC के तहत यह परिकल्पना की गई है कि भाग लेने वाला ई-कॉमर्स साइट पर पंजीकृत खरीदार किसी अन्य प्रतिभागी ई-कॉमर्स साइट (उदाहरण के लिये फ्लिपकार्ट/Flipkart) पर विक्रेता से सामान खरीद सकता है। वर्तमान में एक ही प्लेटफॉर्म के माध्यम से होने वाले लेन-देन हेतु खरीदारों एवं विक्रेताओं को एक ही एप पर होना पड़ता है।

ग्रेट बैकयार्ड पक्षी गणना (GBBC) 2023

35 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में ग्रेट बैकयार्ड बर्ड काउंट (GBBC) 2023 के दौरान उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश के बाद पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक प्रजातियों (498) की सूचना मिली है। बर्ड काउंट इंडिया (BCI) के अनुसार, सर्वाधिक बर्ड चेकलिस्ट वाला राज्य केरल था। महाराष्ट्र तथा तमिलनाडु इस संदर्भ में दूसरे एवं तीसरे स्थान पर रहे। BCI पक्षी वितरण और समष्टि के बारे में सामूहिक ज्ञान बढ़ाने हेतु एक साथ काम करने वाले संगठनों तथा समूहों की एक अनौपचारिक साझेदारी है। GBBC 2023 में भाग लेने वाले 190 देशों में भारत भी शामिल था, GBBC एक वार्षिक कार्यक्रम है जो पक्षियों से लगाव रखने वालों, छात्रों और प्रकृति के प्रति उत्साही लोगों को उनके आस-पास पाए जाने वाले पक्षियों की गिनती हेतु एकजुट करता है। GBBC की शुरुआत वर्ष 1998 में की गई थी। भारत में GBBC का आयोजन बर्ड काउंट इंडिया द्वारा किया जाता है। देश भर में भागीदारी में उल्लेखनीय वृद्धि ने चेकलिस्ट की संख्या के संदर्भ में भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद दूसरा और किसी भी देश में पक्षी प्रजातियों की संख्या के संदर्भ में तीसरे स्थान पर पहुँच गया है।


ई-श्रम पोर्टल क्या है ?

ई-श्रम पोर्टल को देश के असंगठित/प्रवासी श्रमिकों के मामले में अभूतपूर्व सफलता मिली है और 24 फरवरी, 2023 तक 28.60 करोड़ से अधिक श्रमिकों ने ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण कराया है। असंगठित/प्रवासी श्रमिकों का एक राष्ट्रीय डेटाबेस बनाने तथा उन्हें एक यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) प्रदान करने के लिये श्रम और रोज़गार मंत्रालय द्वारा वर्ष 2021 में ई-श्रम पोर्टल लॉन्च किया गया था। ई-श्रम पोर्टल का उद्देश्य असंगठित श्रमिकों विशेष रूप से प्रवासी श्रमिकों तक सामाजिक सुरक्षा एवं  कल्याणकारी योजनाओं के लाभों का विस्तार करना है तथा उन श्रमिकों की पहचान करना है जो जागरूकता की कमी या अन्य किसी कारण से कल्याणकारी योजनाओं के विभिन्न लाभों से वंचित हैं। इस उद्देश्य से श्रम और रोज़गार मंत्रालय ने खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग (DFPD) से उपलब्ध राशन कार्ड डेटा के साथ ई-श्रम लाभार्थियों के डेटा का मिलान शुरू किया है। यह पहल सुनिश्चित करेगी कि ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत सभी पात्र श्रमिकों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत राशन कार्ड का लाभ उपलब्ध कराया जाता है।


मार्कोनी प्राइज़

कंप्यूटर वैज्ञानिक हरि बालकृष्णन को मार्कोनी प्राइज़ 2023 से सम्मानित किया गया। डॉ. बालाकृष्णन को वायर्ड और वायरलेस नेटवर्किंग, मोबाइल सेंसिंग एवं डिस्ट्रीब्यूटेड सिस्टम में बुनियादी योगदान हेतु प्रदान किया गया है। मार्कोनी प्राइज़ कंप्यूटर वैज्ञानिकों हेतु एक शीर्ष सम्मान है और इसे अमेरिका स्थित मार्कोनी फाउंडेशन द्वारा प्रदान किया जाता है। यह उन लोगों को दिया जाता है जिन्होंने उन्नत सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के माध्यम से डिजिटल समावेशिता बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। पुरस्कार विजेताओं को एक स्वतंत्र चयन समिति द्वारा चुना जाता है तथा मार्कोनी सोसाइटी बोर्ड द्वारा अनुमोदित किया जाता है।


कोबरा वारियर अभ्यास

ब्रिटेन में रॉयल एयर फोर्स के वैडिंगटन एयर फोर्स बेस में अभ्यास कोबरा वॉरियर में भाग लेने के लिये भारतीय वायु सेना आज जामनगर वायु सेना स्टेशन से प्रस्थान किया। यह अभ्यास 06 मार्च 2023 से लेकर 24 मार्च 2023 तक आयोजित किया जाएगा। कोबरा वारियर अभ्यास एक बहुपक्षीय वायु सैन्य अभ्यास है, जिसमें फिनलैंड, स्वीडन, दक्षिण अफ्रीका, अमरीका और सिंगापुर की वायु सेनाएँ भी रॉयल एयर फोर्स तथा भारतीय वायु सेना के साथ हिस्सा ले रही हैं। इस कोबरा वारियर अभ्यास का उद्देश्य भिन्न-भिन्न लड़ाकू विमानों की विविध गतिविधियों में शामिल होना और अलग-अलग वायु सेनाओं की सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों से सीखना है। दोनों देशों के बीच आयोजित अन्य अभ्यासों में अजय वारियर (सैन्य), कोंकण (नौसेना), इन्द्रधनुष (वायु सेना) और कोंकण शक्ति (पहली बार तीनों सेनाओं का संयुक्त अभ्यास) शामिल हैं।


वन रैंक-वन पेंशन (OROP) 

सर्वोच्च न्यायालय की टिप्पणियों के बाद रक्षा मंत्रालय ने रक्षा लेखा महानियंत्रक (Controller General Defence Accounts- CGDA) को वन रैंक-वन पेंशन (OROP) की संपूर्ण बकाया राशि एक ही किश्त में जारी करने का निर्देश दिया। OROP का अर्थ सैन्य अधिकारियों को समान रैंक हेतु समान सेवा अवधि के लिये समान पेंशन का भुगतान करना है, भले ही उनकी सेवानिवृत्ति की तिथि कुछ भी हो। OROP से पहले पूर्व सैनिकों को सेवानिवृत्ति के समय वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार पेंशन मिलती थी। उत्तर प्रदेश और पंजाब में OROP लाभार्थियों की संख्या सबसे अधिक है। योजना का क्रियान्वयन भगत सिंह कोश्यारी की अध्यक्षता में गठित कोश्यारी समिति की संस्तुति पर आधारित था।


येलो रिवर चीनी सभ्यता की 'मातृ नदी

महान येलो रिवर, चीनी सभ्यता की 'मातृ नदी' को प्रागैतिहासिक काल के बाद से विनाशकारी बाढ़ के कारण प्रभावित होने की वजह से 'आपदा की नदी' और 'चीन के शोक (China’s Sorrow) ' के रूप में भी जाना जाता है। हाल ही के एक अध्ययन में पाया गया कि लोएस पठार, जो येलो रिवर से घिरा हुआ है, तटबंध बनाने की चीनी प्रथा के कारण अक्सर ऊपर के क्षेत्रों में आने वाली बाढ़ का एक अन्य कारण है। येलो रिवर विश्व की छठी सबसे लंबी नदी है और यह सबसे अधिक तलछट से भरी पड़ी है। इसे हुआंग हे के रूप में भी जाना जाता है, यह किन्हाई प्रांत से निकलती है और लोएस पठार से होते हुए बहती है, जहाँ से यह अपने साथ तलछट भी ले जाती है जो इसके जल को उनका विशिष्ट पीला रंग प्रदान करता है। उत्तरी चीन के मैदान पर निचले क्षेत्र में इस नदी के कारण बाढ़ की संभावना बनी रहती है क्योंकि पठार से तलछट या लोएस (एक प्रकार की गाद) आमतौर पर नदी के तल पर जमा हो जाते हैं और इसकी ऊँचाई में वृद्धि करते है।


बिस्फेनॉल पॉली कार्बोनेट प्लास्टिक 

बिस्फेनॉल A (BPA) पॉली कार्बोनेट प्लास्टिक और एपॉक्सी रेज़िन (थर्मोसेटिंग पॉलिमर की श्रेणी) में उपयोग होने वाला एक रसायन है एवं यह विशेष रूप से पानी की बोतलों, बच्चों की बोतलों तथा अन्य खाद्य कंटेनरों में पाया जाता है। BPA औद्योगिक बहिःस्रावों और डिस्चार्ज लीचेट्स के माध्यम से सतह के मीठे जल को दूषित करता है (कोई भी दूषित तरल जो ठोस अपशिष्ट निपटान स्थल के माध्यम से रिसने वाले जल से उत्पन्न होता है, दूषित पदार्थों को जमा करता है एवं उपसतह क्षेत्रों में पहुँच जाता है)। पानी में BPA का निर्वहन तब होता है जब पर्याप्त धूप होती है और प्लास्टिक नरम हो जाता है। हाल के एक अध्ययन के अनुसार, यह मच्छरों के प्रजनन को भी गति देता है। शरीर में BPA रसायन के प्रवेश से यह हार्मोन के साथ हस्तक्षेप कर अंतःस्रावी तंत्र को बाधित कर देता है और भ्रूण, शिशुओं तथा बच्चों के मस्तिष्क एवं प्रोस्टेट ग्रंथि को प्रभावित करता है।


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