Current Affairs Summary March 2023 in Hindi |समसामयिकी सारांश मार्च 2023

Current Affairs Summary March 2023 in Hindi समसामयिकी सारांश मार्च  2023  

Current Affairs Summary March 2023 in Hindi |समसामयिकी सारांश मार्च  2023



Current Affairs Summary March 2023 in Hindi


समाचार प्रसारण और डिजिटल मानक प्राधिकरण 

समाचार प्रसारण और डिजिटल मानक प्राधिकरण (News Broadcasting and Digital Standards Authority- NBDSA) ने कुछ समाचार चैनलों को आचार संहिता एवं प्रसारण मानकों तथा विशिष्ट दिशा-निर्देशों के उल्लंघन कर प्रसारित कुछ कार्यक्रमों के वीडियो को अपने ऑनलाइन प्लेटफाॅर्म से हटाने का निर्देश दिया है। NBDSA न्यूज़ ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल एसोसिएशन (NBDA) द्वारा स्थापित एक स्वतंत्र निकाय है, जो निजी टेलीविज़न समाचार, करंट अफेयर्स और डिजिटल ब्रॉडकास्टर्स के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करता है। यह खुद को भारत में समाचार, करंट अफेयर्स एवं डिजिटल ब्रॉडकास्टर्स की सामूहिक आवाज़ के रूप में वर्णित करता है। यह पूरी तरह से इसके सदस्यों द्वारा वित्तपोषित है। इसका उद्देश्य अपने सभी सदस्यों के अनुचित और/या अनैतिक व्यवहार को रोकना या टेलीविज़न समाचार प्रसारकों, डिजिटल समाचार मीडिया तथा अन्य संबंधित संस्थाओं को बदनाम होने से बचाना है।


शिकायत अपीलीय समिति पोर्टल 

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सूचना प्रौद्योगिकी नियम, 2021 के तहत शिकायत अपीलीय समिति पोर्टल की शुरुआत की, यह सरकार द्वारा गठित तीन समितियों की मदद से उन लोगों की समस्या का निवारण किये जाने की सुविधा प्रदान करता है, जो इंटरनेट सामग्री को हटाए जाने के अनुरोधों पर सोशल मीडिया कंपनियों को किये गए शिकायत से असंतुष्ट हैं। सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया नीतिगत संहिता) के नियम, 2021 में वर्ष 2022 में संशोधन किया गया था, ताकि सोशल मीडिया कंपनियों को संविधान के तहत अनुच्छेद 14, 19 एवं 21 द्वारा नागरिकों को दिये गए सभी अधिकारों का सम्मान करना अनिवार्य किया जाए। नतीजतन, सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म को अब उन अभिव्यक्तियों की अनुमति देने के लिये बाध्य किया जा सकता है जो निजी तौर पर अवैध हो सकते है परंतु सार्वजनिक रूप से वैध हैं। जनवरी 2023 में केंद्र सरकार ने तीन GACs (Grievance Appellate Committee) के गठन को अधिसूचित किया जो सोशल मीडिया तथा अन्य इंटरनेट-आधारित प्लेटफाॅर्मों के खिलाफ उपयोगकर्त्ता की शिकायतों का समाधान करेगी। इसके अतिरिक्त इन पैनलों के पास सामग्री मॉडरेशन के संबंध में इन प्लेटफाॅर्मों द्वारा किये गए निर्णयों की निगरानी करने और उन निर्णयों को रद्द करने का अधिकार होगा।


सियांग उनिंग महोत्सव

हाल ही में केंद्रीय बंदरगाह, नौवहन एवं जलमार्ग और आयुष मंत्री ने सियांग उनिंग महोत्सव (Siang Unying Festival) में भाग लिया जो अरुणाचल प्रदेश के बोलेंग में आदि समुदाय का एक महत्त्वपूर्ण त्योहार है।

उनिंग का त्योहार खेती के मौसम, आदि समुदाय के नए साल की शुरुआत, वसंत ऋतु के आगमन के साथ-साथ समुदाय के बीच बंधन को मज़बूत करने हेतु मनाया जाता है। माना जाता है कि अरुणाचल प्रदेश की आदि जनजाति (Adi Tribe) 16वीं शताब्दी में दक्षिणी चीन से आई थी। यह तिब्बती-बर्मी भाषा बोलने वाली आबादी है। वे सुदूर उत्तर में अरुणाचल प्रदेश के पूर्वी सियांग और निचली दिबांग घाटी ज़िलों में रहते हैं। आदि समुदाय के लोग बेंत और बाँस की वस्तुएँ बनाने में विशेषज्ञ होते हैं। सोलंग (कटाई का त्योहार जहाँ जानवरों की बलि और अनुष्ठान किये जाते हैं) और अरन (Aran) (एक शिकार त्योहार जहाँ परिवार के सभी पुरुष सदस्य शिकार हेतु जाते हैं) भी आदि जनजातियों के प्रमुख त्योहारों में से हैं।


पृथ्वी की 5वीं परत

एक नए अध्ययन में वैज्ञानिकों ने लगभग 650 किमी. {आंतरिक क्रोड त्रिज्या (संपूर्ण)- 1,221 किमी.} की त्रिज्या के साथ एक 5वीं नई परत अंतरतम आंतरिक क्रोड (Innermost Inner Core) के अस्तित्त्व की पुष्टि की (इन चार परतों-क्रस्ट, मेंटल, बाह्य तरल क्रोड और आंतरिक ठोस क्रोड के अलावा) है। यह 5वीं परत आंतरिक क्रोड (लोहा और निकल) के  समान सामग्री से बनी है एवं दोनों के बीच मुख्य अंतर यह है कि इसके परमाणुओं की व्यवस्था अलग तरह होने से ठोस संरचना का निर्माण हुआ है। यह परत आंतरिक क्रोड के बाकी हिस्सों की तुलना में एक अलग दिशा में निर्मित और विकसित हो सकती है। वर्ष 2002 में यह प्रस्तावित किया गया था कि पृथ्वी में 5वीं परत हो सकती है। पृथ्वी के आंतरिक भाग का अध्ययन करने हेतु वैज्ञानिक भूकंपीय तरंगों पर निर्भर हैं। ये तरंगें विभिन्न पदार्थो से गुज़रने पर अलग तरह से व्यवहार करती हैं (जैसे- गर्म सामग्री से गुज़रते समय धीमी गति से गुज़रना)। इस विश्लेषण के अनुसार, अंतरतम आंतरिक क्रोड घूर्णन अक्ष (ध्रुव से ध्रुव तक) और विषुवतीय तल (ध्रुवों के लंबवत) के बीच एक बिंदु पर भूकंपीय तरंगों को धीमा कर देता है। इसके विपरीत आंतरिक क्रोड का बाहरी आवरण केवल भूमध्यरेखीय तल में तरंगों को धीमा करता है।


विंडसर फ्रेमवर्क

विंडसर फ्रेमवर्क यूरोपीय संघ और यूनाइटेड किंगडम के बीच व्यापार एवं भावनाओं को प्रभावित करने वाली राजनीतिक जटिलताओं के समाधान का नवीनतम प्रयास है। यह उत्तरी आयरलैंड प्रोटोकॉल का स्थान लेगा जो ब्रेक्ज़िट के सबसे कठिन परिणामों में से एक है। उत्तरी आयरलैंड प्रोटोकॉल के तहत ग्रेट ब्रिटेन से उत्तरी आयरलैंड को भेजे जाने वाले सामानों के भारी भरकम व्यापार/सीमा शुल्क निरीक्षण के साथ उत्तरी आयरलैंड, यूरोपीय संघ के एकल बाज़ार में बना रहा, जिससे व्यापार में बाधा उत्पन्न हुई और खाद्य उत्पादों की शेल्फ लाइफ कम हो गई। इसके अलावा यूरोपीय संघ के नियमों ने UK सरकार की कुछ नीतियों को उत्तरी आयरलैंड में लागू करने से रोक दिया तथा एक आयरिश समुद्री सीमा की उपस्थिति के कारण वे लोग परेशान हुए जो एक संयुक्त UK की मांग करते हैं। विंडसर फ्रेमवर्क उत्तरी आयरलैंड में व्यापार वस्तुओं हेतु ग्रीन और रेड लेन के उपयोग (परिचय) के माध्यम से ग्रेट ब्रिटेन एवं उत्तरी आयरलैंड के बीच मुक्त व्यापार की अनुमति देकर व्यापार व्यवधानों को संबोधित करना चाहता है। ग्रीन लेन के सामानों के मामले में कम जाँच और नियंत्रण होंगे, जिसमें कोई सीमा शुल्क जाँच या उत्पत्ति के नियम शामिल नहीं होंगे। फ्रेमवर्क के तहत रेड लेन के सामान यूरोपीय संघ के एकल बाज़ार को संरक्षित करने हेतु पूर्ण जाँच एवं नियंत्रण के अधीन होंगे।


एडिनोवायरस

पश्चिम बंगाल में हाल ही में एडिनोवायरस संक्रमण के कारण सरकारी अस्पतालों में 12 मौतें हुई हैं। हालाँकि वर्तमान में वायरल महामारी के कोई साक्ष्य नहीं हैं। एडिनोवायरस 70-90 नैनोमीटर आकार का डबल-स्ट्रैंडेड लीनियर DNA वायरस है। इसके लक्षणों में ठंड लगना, बुखार, गले में खराश, ब्रोंकाइटिस, निमोनिया, दस्त और नेत्रश्लेष्मलाशोथ (गुलाबी आँख ) शामिल हैं।

 

अल नीनो

विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) के अनुसार, ला नीना के लगातार तीन वर्षों के पश्चात् आने वाले माह में एल नीनो की घटना घटित हो सकती है। एल नीनो में ला नीना के विपरीत पूर्वी भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र में जल के असामान्य रूप से गर्म होने की विशेषता होती है, जहाँ आमतौर पर ला नीना इस क्षेत्र में ठंडे जल को लेकर आता है। इस घटना के एक साथ घटित होने को अल नीनो दक्षिणी दोलन (El Niño Southern Oscillation- ENSO) कहा जाता है। एल नीनो का भारत में ग्रीष्मकाल और कमज़ोर मानसून वर्षा के साथ उच्च संबंध है।


MoMo गर्भावस्था: एक दुर्लभ घटना

एक अमेरिकी महिला ने छह महीने के भीतर एक जैसे जुड़वाँ बच्चों के दो जोड़े को जन्म दिया जिसे एक दुर्लभ घटना करार दिया गया है। ऐसे जुड़वाँ बच्चे जिन्हें वैज्ञानिक रूप से ‘MoMo‘ के रूप में जाना जाता है, मोनोएम्नियोटिक-मोनोकोरियोनिक का एक संक्षिप्त नाम है, यह संयुक्त राज्य में सभी जन्मों का 1% से भी कम हिस्सा है। MoMo गर्भावस्था में जुड़वाँ बच्चों को एक ही प्लेसेंटा, एमनियोटिक थैली और द्रव साझा करने के संदर्भ में जाना जाता है लेकिन उनकी गर्भनाल अलग-अलग होती है। वे गर्भनाल के आलावा सब कुछ साझा करते हैं, जो आसानी से एक ही थैली में उलझ सकते हैं। दुर्भाग्य से ‘MoMo‘ जुड़वाँ संबंधी परिवार में मृत जन्मों की उच्च दर है। जुड़वाँ बच्चे दो अंडों के निषेचित होने का परिणाम होते हैं, जबकि समान जुड़वाँ एक अंडे के निषेचित और विभाजित होने का परिणाम होते हैं। इसका मतलब है कि समान DNA होने के कारण समान जुड़वाँ बच्चों का लिंग समान होना चाहिये।


स्मार्ट-PDS

केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री के अनुसार, स्मार्ट-PDS तकनीकी रूप से संचालित एक महत्त्वपूर्ण पहल है, इसलिये सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को इसे जल्द से जल्द लागू करने के लिये गंभीरता से प्रयास करना चाहिये। स्मार्ट-PDS एक ऐसी प्रणाली है जिसके अंतर्गत सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लाभार्थियों को स्मार्ट राशन कार्ड जारी किया जाता है तथा लाभार्थी परिवार के किसी भी सदस्य द्वारा स्मार्ट राशन कार्ड प्रस्तुत करने पर उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से राशन प्रदान किया जाता है। भारत में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) को मज़बूत करने के लिये भारत सरकार की प्रमुख पहल है, जिसमें राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के समन्वय में कोविड-19 महामारी के दौरान अप्रैल 2020 से दिसंबर 2022 तक लागू प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) तथा प्रवासी आबादी का समर्थन करने के लिये लागू वन नेशन वन राशन कार्ड योजना शामिल है। PDS में कदन्न को बढ़ावा देने, देश में पोषण सुरक्षा को मज़बूत करने हेतु महत्त्वपूर्ण है।


पोर्टर पुरस्कार 2023

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय को पोर्टर पुरस्कार 2023 प्रदान किया गया है। इसने कोविड-19 के प्रबंधन में सरकार की रणनीति, दृष्टिकोण और विभिन्न हितधारकों की भागीदारी, विशेष रूप से मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्त्ताओं (आशा) की भागीदारी को मान्यता दी। वैक्सीन के विकास तथा निर्माण में देश के योगदान की भी सराहना की गई। भारत द्वारा वैक्सीन की 2.5 अरब से अधिक खुराक वितरित की गई। पोर्टर पुरस्कार का नाम पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री माइकल ई. पोर्टर के नाम पर रखा गया है। उन्होंने निगमों, अर्थव्यवस्थाओं और समाज द्वारा सामना की जाने वाली कई चुनौतीपूर्ण समस्याओं के समाधान हेतु आर्थिक सिद्धांत और रणनीतिक अवधारणाओं को प्रतिपादित किया है। भारत ने राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के एक भाग के रूप में वर्ष 2005-06 में आशा कार्यक्रम प्रारंभ किया गया था। वर्ष 2013 में राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के शुभारंभ के साथ कार्यक्रम को शहरी क्षेत्रों में भी विस्तारित किया गया। आशा कार्यक्रम का मूल उद्देश्य समुदाय के सदस्यों की क्षमता का निर्माण करना है ताकि वे अपने स्वयं के स्वास्थ्य की देखभाल कर सकें और स्वास्थ्य सेवाओं में भागीदार बन सकें।


क्वाड बैठक

नई दिल्ली में हाल ही में क्वाड की बैठक के दौरान क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों ने यूक्रेन में दीर्घकालिक शांति का आह्वान किया और रूसी आक्रमण के संदर्भ में क्षेत्रीय संप्रभुता और अखंडता के सम्मान पर ज़ोर दिया। उन्होंने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के आक्रामक व्यवहार और संयुक्त राष्ट्र में आतंकवादियों को नामित किये जाने से रोकने के प्रयासों को भी संबोधित किया। आतंकवाद से निपटने हेतु क्वाड वर्किंग ग्रुप बनाने और हिंद महासागर रिम एसोसिएशन (IORA) के साथ अधिक निकटता से जुड़ने का निर्णय लिया गया, जो 23 सदस्यों का एक समूह है जिसमें भारत और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। क्वाड चार लोकतांत्रिक देशों का एक समूह है: ये देश हैं भारत, ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त राज्य अमेरिका और जापान। सभी चार राष्ट्र लोकतांत्रिक राष्ट्र होने के साथ-साथ अबाधित समुद्री व्यापार और सुरक्षा हित साझा करते हैं। इसका लक्ष्य "मुक्त, खुला और समृद्ध" हिंद-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करना तथा उसको बढ़ावा देना है। जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने पहली बार वर्ष 2007 में क्वाड का प्रस्ताव रखा था। यह "चतुर्भुज" गठबंधन वर्ष 2017 में भारत, ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त राज्य अमेरिका और जापान द्वारा बनाया गया था। अगले क्वाड लीडर्स समिट की मेज़बानी वर्ष 2023 में ऑस्ट्रेलिया द्वारा की जाएगी।


धारा पहल

संस्कृति मंत्रालय द्वारा आज़ादी के अमृत महोत्सव के तत्त्वावधान में शुरू की गई अनूठी और प्रमुख पहल "धारा: भारतीय ज्ञान प्रणाली का स्रोत (Ode to Indian Knowledge Systems) को फरवरी 2023 में एक वर्ष पूरा हो गया है। मंत्रालय का भारतीय ज्ञान प्रणाली (The Indian Knowledge Systems-IKS) प्रभाग AICTE, नई दिल्ली स्थित शिक्षा धारा आयोजनों के लिये प्रमुख निष्पादन भागीदार है। अपनी साल भर की गतिविधियों के दौरान इसने  जन जागरूकता और हितधारकों की भागीदारी सुनिश्चित करने में सफलता प्राप्त की है तथा IKS के कई कार्यक्षेत्रों के प्रचार और पुनरुद्धार के लिये रूपरेखा तैयार करने में सहायक सिद्ध हुआ है।

आज़ादी का अमृत महोत्सव प्रगतिशील भारत के 75 वर्ष और भारतवासियों, उनकी संस्कृति एवं उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास का अभिनंदन और इसका उत्सव मानाने के लिये भारत सरकार की एक पहल है। भारत ने देश भर में व्यक्तियों एवं समुदायों द्वारा चलाए गए कई आंदोलनों के साथ 100 से अधिक वर्षों तक चले एक लंबे संघर्ष के बाद वर्ष 1947 में भारतीय उपमहाद्वीप से विदेशी शासकों को सफलतापूर्वक निष्कासित कर दिया।


बैम्बू क्रैश बैरियर

महाराष्ट्र में चंद्रपुर और यवतमाल ज़िलों को जोड़ने वाले वाणी-वरोरा राजमार्ग पर दुनिया का पहला 200 मीटर लंबा बैम्बू क्रैश बैरियर लगाया गया है। 'बहू बल्ली' नामक बैम्बू क्रैश बैरियर का विभिन्न सरकारी संस्थानों में परीक्षण किया गया और इसे फायर रेटिंग टेस्ट के दौरान क्लास- 1 दर्जा दिया गया एवं इसे भारतीय सड़क कॉन्ग्रेस (Indian Road Congress- IRC) द्वारा भी मान्यता दी गई है। यह क्रैश बैरियर स्टील का एक सही विकल्प प्रदान करता है और पर्यावरण संबंधी चिंताओं का समाधान करता है। IRC देश में हाईवे इंजीनियरों की शीर्ष संस्था है। IRC की स्थापना वर्ष 1934 में भारतीय सड़क विकास समिति की सिफारिशों पर की गई थी, जिसे भारत में सड़क विकास के उद्देश्य से सरकार द्वारा स्थापित जयकर समिति (1927) के रूप में जाना जाता है।


INS त्रिकंद

INS त्रिकंद 26 फरवरी से 16 मार्च 2023 तक खाड़ी क्षेत्र में आयोजित होने वाले अंतर्राष्ट्रीय समुद्री अभ्यास- Cutlass Express 2023 (IMX/CE-23) में भाग ले रहा है। यह अभ्यास समुद्री सुरक्षा बढ़ाने, समुद्री वाणिज्य के लिये क्षेत्र में समुद्री लेन को सुरक्षित रखने के साझे उद्देश्य के साथ 50 से अधिक देशों और अंतर्राष्ट्रीय समुद्री एजेंसियों के प्रतिभागियों के साथ आयोजित किया जाएगा। IMX/CE-23 विश्व के सबसे बड़े बहुराष्ट्रीय समुद्री अभ्यासों में से एक है। हालाँकि यह भारतीय नौसेना की पहली IMX भागीदारी है, यह दूसरा अवसर भी है जहाँ एक भारतीय नौसेना जहाज़ संयुक्त समुद्री बलों (CMF) द्वारा आयोजित अभ्यास में भाग ले रहा है। INS त्रिकंद ने 22 नवंबर को उत्तर-पश्चिमी अरब सागर में CMF के नेतृत्त्व वाले ऑपरेशन सी स्वॉर्ड 2 में हिस्सा लिया था।

संयुक्त सैन्य अभ्यास FRINJEX-23

भारतीय और फ्राँसीसी सेना के बीच पहला संयुक्त सैन्य अभ्यास FRINJEX-23 तिरुवनंतपुरम, केरल में आयोजित किया जाएगा। यह पहली बार है जब दोनों देशों की सेनाएँ इस प्रारूप में शामिल हो रही हैं, जिसमें प्रत्येक टुकड़ी में तिरुवनंतपुरम स्थित भारतीय सेना के सैनिकों और फ्राँसीसी 6वीं लाइट आर्मर्ड ब्रिगेड की एक-एक कंपनी समूह शामिल हैं। इस अभ्यास का उद्देश्य सामरिक स्तर पर दोनों बलों के बीच अंतर-संचालन, समन्वय और सहयोग को बढ़ाना है। संयुक्त अभ्यास फ्राँस के साथ रक्षा सहयोग को और मज़बूत करेगा जो समग्र भारत-फ्राँस रणनीतिक साझेदारी का एक महत्त्वपूर्ण पहलू है। अन्य सैन्य-संवाद और नियमित रूप से आयोजित संयुक्त अभ्यासों में वरुण (नौसेना), गरुड़ (वायु सेना) तथा शक्ति (थल सेना) शामिल हैं।


इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस (IBCA)

भारत ने सुझाव दिया है कि बाघों की सुरक्षा के लिये उसके नेतृत्त्व में एक अंतर्राष्ट्रीय गठबंधन स्थापित किया जाना चाहिये और 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर (800 करोड़ रुपए से अधिक) के गारंटीकृत वित्तपोषण के साथ पाँच वर्ष की अवधि में समर्थन का आश्वासन दिया है। प्रस्तावित इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस (आईबीसीए) सात प्रमुख बाघों- बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुए, प्यूमा, जगुआर और चीता की सुरक्षा एवं संरक्षण की दिशा में कार्य करेगा। गठबंधन की सदस्यता 97 "रेंज" देशों के लिये खुली होगी, जिसमें अन्य इच्छुक राष्ट्र, अंतर्राष्ट्रीय संगठन आदि भी शामिल हो सकते हैं। यह गठबंधन 2022 में नामीबिया से चीतों के आगमन से प्रेरित था जिसमें इन बड़ी बिल्लियों के प्राकृतिक आवास भी शामिल हैं। भारत विश्व का एकमात्र राष्ट्र है जहाँ प्यूमा और जगुआर को छोड़कर बाघ, शेर, तेंदुए, हिम तेंदुए और चीता पाए जाते हैं। इसलिये यह उचित होगा कि भारत संयुक्त राष्ट्र जैसे संगठन के साथ सभी बड़े देशों को साथ लाने का बीड़ा उठाए। IBCA की शासन संरचना में सभी सदस्य देशों की एक महासभा होगी, जिसमें न्यूनतम 7 और अधिकतम 15 सदस्यों की एक परिषद जिसके सदस्य 5 वर्ष की अवधि के लिये महासभा द्वारा चुने जाएंगे तथा एक सचिवालय शामिल होगा। परिषद की सिफारिश पर महासभा एक विशिष्ट अवधि के लिये IBCA महासचिव नियुक्त करेगी।


ड्राइवरों हेतु दृष्टि परीक्षण

सड़क सुरक्षा पर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति के अवलोकन के अनुसार, सड़क दुर्घटनाओं के परिणामस्वरूप प्रत्येक वर्ष 1.5 लाख लोगों की मृत्यु हो जाती है, राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा योजना (National Road Safety Plan- NRSP) में ड्राइवरों हेतु दृष्टि परीक्षण कराना अनिवार्य किया गया है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (Ministry of Health and Family Welfare- MoHFW) के अनुसार, यातायात सुरक्षा अनुसंधान समूहों का मानना है कि ड्राइवरों के बीच अस्पष्ट दृष्टि का मुद्दा आम समस्या है और नियमित नेत्र परीक्षण के फलस्वरूप सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है एवं सड़क सुरक्षा तथा चालकों की भलाई के लिये नियमित नेत्र परीक्षण को शामिल किया जाना चाहिये। जबकि MoHFW ने इस कदम को मंज़ूरी दे दी है, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) को अब अपनी सड़क सुरक्षा गतिविधियों में नियमित दृष्टि परीक्षण को शामिल करना चाहिये। MoRTH वर्तमान में नेत्र जाँच शिविर का आयोजन एक बार करता है। MoRTH द्वारा आयोजित स्क्रीनिंग कैंप में भाग लेने के अलावा Sightsavers India पिछले पाँच वर्षों में प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों पर 'राही - नेशनल ट्रकर्स आई हेल्थ प्रोग्राम' नामक एक परियोजना चला रहा है।


भारत के सबसे अधिक भूस्खलन-प्रवण ज़िले

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के उपग्रह डेटा के अनुसार, देश में उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग और टिहरी गढ़वाल सबसे अधिक भूस्खलन-प्रवण ज़िले हैं। हाल ही में उत्तराखंड के जोशीमठ का मामला भूस्खलन बड़ी घटनाओं में से एक है। कुछ अन्य उदाहरणों में 2013 में केदारनाथ में आपदा और 2011 में सिक्किम भूकंप के कारण हुए भूस्खलन शामिल हैं। वैश्विक स्तर पर प्राकृतिक आपदाओं में होने वाली मौतों के मामले में भूस्खलन तीसरे स्थान पर है। भारत उन चार प्रमुख देशों में शामिल है जहाँ भूस्खलन का खतरा सबसे अधिक है। देश में लगभग 0.42 मिलियन वर्ग किलोमीटर भू-स्खलन संभावित क्षेत्र है, जो देश के कुल भूमि क्षेत्र का 12.6% है।

H3N2 का प्रकोप

दिसंबर 2022 से जनवरी 2023 तक पूरे भारत में सर्दी, गले में खराश, बुखार और थकान से संबंधित लक्षणों के साथ साँस की बीमारी का प्रकोप देखा गया है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के अनुसार, इन्फ्लुएंज़ा का उपभेद H3N2 बीमारी का सत्यापित कारण रहा है। यह वायरस अन्य इन्फ्लुएंज़ाउपभेदों की तुलना में अस्पताल में अधिक मरीज़ों के भर्ती होने का कारण बना। टाइप ए, बी, सी और डी मौसमी इन्फ्लुएंज़ा वायरस के चार अलग-अलग उपप्रकार हैं। जब इन्फ्लुएंज़ा ए और बी वायरस फैलते हैं तो उसके परिणामस्वरूप बीमारी का वार्षिक प्रकोप देखने को मिलता है। इन्फ्लुएंज़ा वायरस एकमात्र इन्फ्लुएंज़ा वायरस है जो फ्लू महामारी (अर्थात् फ्लू रोग की वैश्विक महामारी) के रूप में पहचाना जाता है।

WHO ने जून 2009 में H1N1 महामारी की घोषणा की। स्वाइन फ्लू का प्रकोप इसका दूसरा सामान्य रूप है। वर्ष 2009 से पूर्व इन्फ्लुएंज़ा ए (H1N1) वायरस H1N1 महामारी का कोई भी मानवीय संक्रमण नहीं था। आनुवंशिक अध्ययनों के अनुसार, यह इन्फ्लुएंज़ा वायरस पशुओं के माध्यम से फैलता है जो मौसमी वायरस H1N1 वायरस से संबंधित नहीं है। हालाँकि भारत में वर्ष 2013 में एक महत्त्वपूर्ण स्वाइन फ्लू नामक महामारी की पहचान की गई।

 

अट्टुकल पोंगल

विश्व में महिलाओं के सबसे बड़े महोत्सव में से एक माने जाने वाले इस त्योहार में लगभग 15 लाख महिलाओं ने तिरुवनंतपुरम, केरल के वार्षिक अट्टुकल पोंगल उत्सव में भाग लिया। इस उत्सव में केरल के तिरुवनंतपुरम में अट्टुकल भगवती मंदिर के देवता को चावल से बनी एक मिठाई पोंगल चढ़ाई जाती है। दस दिवसीय इस उत्सव का मुख्य आकर्षण नौवें दिन चढ़ाई जाने वाली सामूहिक भेंट है। जहाँ राजधानी में प्रदेश भर से बड़ी संख्या में महिलाएँ पहुँचती हैं। वर्ष 2009 में इस अनुष्ठान ने एक ही दिन में महिलाओं की सबसे बड़ी धार्मिक सभा के रूप में गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में जगह बनाई थी, जब इसमें 2.5 मिलियन से अधिक महिलाओं ने भाग लिया था। अट्टुकल मंदिर को "महिलाओं का सबरीमाला" कहा जाता है क्योंकि यहाँ केवल महिलाएँ ही अनुष्ठान करती हैं, जबकि सबरीमाला में मुख्य रूप से पुरुष ही भगवान अयप्पा के पहाड़ी मंदिर की तीर्थ यात्रा करते हैं।


चंद्रमा हेतु टाइम ज़ोन

यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (European Space Agency- ESA) चंद्रमा पर एक अलग टाइम ज़ोन स्थापित करना चाहती है क्योंकि पहले से कहीं अधिक चंद्र मिशन की योजनाएँ बनाई गई हैं। नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) को उम्मीद है कि वर्ष 2024 में 50 से अधिक वर्षों में पहली बार चंद्रमा पर अंतरिक्ष यात्रियों को भेजा जाएगा, जिसमें वर्ष 2025 की शुरुआत में संभावित चंद्र लैंडिंग होगी। चंद्र मिशन वर्तमान में अंतरिक्ष यान के प्रभारी राष्ट्र के टाइम ज़ोन का अनुसरण करता है। यदि सार्वभौमिक रूप से मान्यता प्राप्त चंद्र टाइम ज़ोन होता तो यह सभी हेतु आसान होता, खासकर तब से जब अधिक सरकारें और व्यवसायिक लोग चंद्रमा पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। घड़ियाँ पृथ्वी की तुलना में चंद्रमा पर तेज़ी से चलती हैं, प्रत्येक दिन लगभग 56 माइक्रो सेकंड प्राप्त करती हैं। चंद्रमा की कक्षा की तुलना में चंद्रमा की सतह पर टिक-टिक अलग तरह से व्यवहार करता है, जो मुद्दों को और जटिल बनाता है। यद्यपि इसका अपना टाइम ज़ोन नहीं है, अंतरिक्ष स्टेशन समन्वित सार्वभौमिक समय (Coordinated Universal Time- UTC) पर संचालित होता है, जो परमाणु घड़ियों {एक प्रकार की घड़ी जो परमाणुओं की कुछ अनुनाद आवृत्तियों (अक्सर असाधारण सटीकता के साथ समय हेतु सीज़ियम या रूबिडियम) का उपयोग करती है) पर आधारित है। UTC परमाणु घड़ियों की शृंखला द्वारा परिभाषित एक आधुनिक समय मानक है और इसका उपयोग परिवहन, वित्त एवं वैज्ञानिक अनुसंधान के तहत कई अनुप्रयोगों में मानक संदर्भ समय के रूप में किया जाता है।


स्क्रब टाइफस

स्क्रब टाइफस, ओरिएंटिया त्सुत्सुगामुशी बैक्टीरिया के कारण होने वाला एक जानलेवा संक्रमण है, जो दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया में एक प्रमुख स्वास्थ्य संबंधी खतरा है। अनुमान के मुताबिक, दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया से लगभग दस लाख मामले सामने आए हैं जिनमें 10% मृत्यु दर है। भारत कम-से-कम 25% रोग भार वाले हॉटस्पॉट में से एक है। निदान और उपचार के बावजूद गंभीर बीमारी वाले रोगियों में उच्च मृत्यु दर के कारण स्क्रब टाइफस एक प्रमुख स्वास्थ्य संबंधी खतरा है। यह घुनों के छोटे, संक्रमित लार्वा से मनुष्यों में संक्रमित होता है। घुन के केवल लार्वा चरण में रक्त पोषण की आवश्यकता होती है, जो आमतौर पर कृन्तकों से होता है। डॉक्सीसाइक्लिन और एज़िथ्रोमाइसिन दोनों का संयोजन गंभीर स्क्रब टाइफस के उपचार में किसी भी दवा के एकल उपचार की तुलना में कहीं अधिक प्रभावी है। संक्रमण विशिष्ट लक्षणों का कारण नहीं होता है, इस प्रकार यह सही और प्रारंभिक उपचार को कठिन बना देता है। साथ ही, उच्च रोग भार और मृत्यु दर के बावजूद संक्रमण तथा बीमारी के बारे में जागरूकता बहुत कम है। बढ़ती जागरूकता स्पष्ट रूप से मृत्यु दर को कम कर सकती है।


जीन एडिटिंग: एक चिंता

एक हालिया शोध में जीन-एडिटिंग जुड़वाँ बच्चों के जन्म के लिये प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के अनजाने प्रभावों से चिंता उत्पन्न हो गई है। जीन एडिटिंग के माध्यम से रोग पैदा करने वाले उत्परिवर्तन को खत्म करना हानिकारक हो सकता है एवं इससे और समस्याएँ भी हो सकती हैं क्योंकि जीनोम एडिटिंग अभी भी एक नई तकनीक है। यह अन्य बीमारियों के खतरे को भी बढ़ा सकती है। जीन एडिटिंग तकनीकों का एक ऐसा समूह है जो वैज्ञानिकों को जीव के डीऑक्सी-राइबोन्यूक्लिक एसिड (DNA) को बदलने की क्षमता प्रदान करता है। इसे दो वर्गों में विभाजित किया जा सकता है। एक मानव कोशिका जीन को परिवर्तित करने पर ज़ोर देता है। इस तकनीक में प्रयुक्त प्रजनन कोशिकाएँ, जैसे शुक्राणु या अंडाणु अपरिवर्तित रहते हैं। यह उत्परिवर्तन (म्यूटेशन) से होने वाली बीमारियों को ठीक करने में सक्षम है। दूसरी तकनीक का प्रयोग करके मानव भ्रूण के जीनोम को परिवर्तित कर दिया जाता है। प्रत्येक मनुष्य के पास माता-पिता से प्राप्त एक विशेष जीन के दो संस्करण होते हैं। एक, बच्चे को माता-पिता से अप्रभावी रोग पैदा करने वाला जीन जिससे बच्चे को संरक्षित किया जा सकता है और दूसरा, उसी जीन से बच्चे को स्वस्थ स्वरूप प्रदान करता है। उन्नत शोध ने वैज्ञानिकों को अत्यधिक प्रभावी क्लस्टर्ड रेगुलरली इंटरस्पेस्ड पैलिंड्रोमिक रिपीट (CRISPR) से जुड़े प्रोटीन आधारित सिस्टम विकसित करने में मदद की है। यह प्रणाली जीनोम अनुक्रम में लक्षित हस्तक्षेप को संभव बनाती है। इससे बीमारियों का खतरा काफी बढ़ गया है।


दोषरहित ऊर्जा संभावना

अमेरिकी वैज्ञानिकों के अनुसार, उन्होंने व्यावसायिक रूप से पहली सुलभ सामग्री का उत्पादन किया है जो ऊर्जा की क्षति को समाप्त करता है क्योंकि विद्युत एक तार के माध्यम से संचालित की जाती है, जिसका अर्थ है यह अधिक कुशल कंप्यूटर और पावर ग्रिड, लंबे समय तक चलने वाली बैटरी, बेहतर उच्च गति वाली ट्रेनें और अधिक शक्तिशाली परमाणु संलयन रिएक्टर प्रदान कर सकता है। उन्होंने एक नया अतिचालक बनाया है जो कमरे के तापमान पर और पहले खोजे गए अतिचालक सामग्री की तुलना में बहुत कम दबाव पर कार्य कर सकता है। हाइड्रोजन और नाइट्रोजन के साथ मिलकर ल्यूटियम नामक एक दुर्लभ मृदा धातु 21 डिग्री सेल्सियस और लगभग 10,000 वायुमंडलीय दबाव पर प्रतिरोध के बिना विद्युत का संचालन कर सकती है।

अतिचालक, एक ऐसी सामग्री है जो बिना किसी क्षति के विद्युत धाराओं का संचालन कर सकती है, को बेहद अव्यावहारिक माना जाता है क्योंकि उन्हें आमतौर पर -195 डिग्री सेल्सियस तक ठंडा करने और कार्य करने के लिये अत्यधिक दबाव की आवश्यकता होती है।

ओडिशा में भीषण वनाग्नि

भारतीय वन सर्वेक्षण (Forest Survey of India- FSI) के आँकड़ों के अनुसार, ओडिशा राज्य में मार्च 2023 में 642 घटनाओं के साथ देश में आग की भीषण घटनाएँ देखी गईं, साथ ही वर्तमान में भी वनाग्नि की घटनाएँ हो रही हैं। पूरे ओडिशा में आग की घटनाओं की संख्या में अचानक वृद्धि के कारण राज्य के वनों में वनस्पतियों और जीवों का व्यापक नुकसान हुआ है। ओडिशा में नवंबर 2022 से लेकर अब तक 871 बड़ी वनाग्नि की घटनाएँ दर्ज की गई हैं। आधिकारिक आँकड़ों अनुसार, यह राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी है। ओडिशा के बाद आंध्र प्रदेश (754), कर्नाटक (642), तेलंगाना (447) और मध्य प्रदेश (316) का स्थान रहा। वर्ष 2021 में राज्य में 51,968 वनाग्नि की घटनाएँ हुईं। मयूरभंज ज़िले के सिमिलीपाल राष्ट्रीय उद्यान में भीषण आग लग गई थी, जो एशिया के प्रमुख जीवमंडलों में से एक है। वनाग्नि को झाड़ी या वनस्पति की आग या जंगल की आग भी कहा जाता है, इसे जंगल, चरागाह, ब्रशलैंड या टुंड्रा जैसे प्राकृतिक स्थल में किसी भी अनियंत्रित और गैर-निर्धारित दहन या पौधों को जलाने के रूप में वर्णित किया जा सकता है, जो प्राकृतिक ईंधन का उपयोग करती है एवं पर्यावरणीय कारकों (जैसे- हवा, स्थलाकृति) के आधार पर फैलता है


CISF का 54वाँ स्थापना दिवस

प्रत्येक वर्ष 10 मार्च को केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) का स्थापना दिवस मनाया जाता है जिसकी स्थापना केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन की गई थी। CISF, भारत की सात केंद्रीय सशस्त्र पुलिस इकाइयों में से एक है, जो विभिन्न सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, हवाई अड्डों और अन्य महत्त्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को सुरक्षा प्रदान करता है। CISF का गठन केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल अधिनियम, 1968’ के तहत 10 मार्च, 1969 को किया गया था। तभी से प्रत्येक वर्ष 10 मार्च को CISF के स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है। हालाँकि वर्ष 2023 में इसे संशोधित कर 12 मार्च किया गया है।


चीन सीमा (लद्दाख) पर सेना इकाई का नेतृत्त्व करने वाली पहली महिला

हाल ही में एक महिला अधिकारी, कर्नल गीता राणा ने पहली बार संवेदनशील लद्दाख क्षेत्र में एक स्वतंत्र इकाई की कमान संभाली हैं, जहाँ भारत और चीन लंबे समय से सीमा विवाद में उलझे हुए हैं। जनवरी 2023 में सेना ने पहली बार विश्व के सबसे ऊँचे और सबसे ठंडे युद्ध मैदान सियाचिन में एक महिला अधिकारी, कैप्टन शिवा चौहान को तैनात किया। इसने 27 महिला शांति सैनिकों की अपनी सबसे बड़ी टुकड़ी को सूडान के अबेई के विवादित क्षेत्र में तैनात किया, जहाँ वे संयुक्त राष्ट्र अंतरिम सुरक्षा बल (UNISFA) के हिस्से के रूप में एक चुनौतीपूर्ण मिशन में सुरक्षा संबंधी कार्य कर रही हैं। सेना में महिलाओं के लिये एक महत्त्वपूर्ण मोड़ वर्ष 2015 में तब आया जब भारतीय वायु सेना (IAF) ने उन्हें पहली बार लड़ाकू स्ट्रीम में शामिल करने का निर्णय लिया।

 

एयरोसोल्स मिशन हेतु NASA का मल्टी-एंगल इमेजर (MAIA)

नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) और इटैलियन स्पेस एजेंसी (Agenzia Spaziale Italiana- ASI) वर्ष 2024 से पहले एयरोसोल्स मिशन हेतु NASA का मल्टी-एंगल इमेजर (MAIA) का निर्माण और इसे लॉन्च करेगी। यह मिशन, जो कि तीन वर्ष तक चलेगा, भारत में नई दिल्ली सहित 11 मुख्य लक्षित क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगा। MAIA एक उपग्रह उपकरण है जो विभिन्न प्रकार के वायु प्रदूषण के स्वास्थ्य प्रभावों की जाँच करने हेतु डेटा एकत्र करेगा। यह वायुमंडल में प्रदूषकों की प्रचुरता, आकार, रासायनिक संरचना और ऑप्टिकल गुणों को निर्धारित करने के लिये सूर्य के प्रकाश का उपयोग करेगा। डेटा ज़मीन और वायुमंडलीय मॉडल पर सेंसर से एकत्र किया जाएगा। इसके बाद ये परिणाम श्वसन और हृदय रोगों, प्रतिकूल प्रजनन परिणामों, मानव जन्म, मृत्यु एवं अस्पताल में भर्ती होने के रिकॉर्ड से संबंधित होंगे ताकि दूषित हवा के प्रभावों को समझा जा सके। वेधशाला में प्लैटिनो-2 उपग्रह शामिल होगा, जिसे ASI द्वारा प्रदान किया जाएगा। वेधशाला के वैज्ञानिक उपकरण में एक पॉइंटेबल स्पेक्ट्रोपोलरिमेट्रिक कैमरा होता है, जो इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम के पराबैंगनी, दृश्यमान, निकट-अवरक्त एवं शॉर्टवेव अवरक्त भागों में कई कोणों पर डिजिटल छवियों को कैप्चर करता है।


इंडोनेशिया में मेरापी ज्वालामुखी विस्फोट

मेरापी (अग्नि पर्वत) इंडोनेशिया में 120 से अधिक सक्रिय ज्वालामुखियों में सबसे अधिक सक्रिय है और हाल ही में इसमें कई बार विस्फोट हुआ है। इस ज्वालामुखी का उद्गार 2,911 मीटर तक होता है और इसके निम्न भाग में सघन वनस्पतियों के साथ खड़ी ढलानें हैं। यह जावा द्वीप और इंडोनेशिया की सांस्कृतिक राजधानी याग्याकार्टा के केंद्र के पास स्थित है। वर्ष 2010 में इसके अंतिम बड़े विस्फोट में 347 लोग मारे गए और 20,000 ग्रामीण विस्थापित हुए। इंडोनेशिया, 270 मिलियन लोगों का एक द्वीप समूह, भूकंप और ज्वालामुखीय गतिविधियों के लिये प्रवण है क्योंकि यह "अग्नि वलय (Ring of Fire)" के पास स्थित है, जो प्रशांत महासागर के चारों ओर भूकंपीय भ्रंश रेखाओं की शृंखला के आसपास एक घोड़े की नाल के आकार के रूप में स्थित है। जावा द्वीप के सबसे ऊँचे ज्वालामुखी सेमेरू पर्वत में दिसंबर 2021 में हुए विस्फोट में 48 लोगों की मौत हो गई थी और 36 लोग लापता हो गए थे।


विश्व का सबसे तेज़ सिंगल-शॉट लेज़र कैमरा

जर्मनी और संयुक्त राज्य अमेरिका के वैज्ञानिकों ने विश्व का सबसे तेज़ एकल-शॉट लेज़र कैमरा बनाया है, जो बेहद संक्षिप्त घटनाओं को कैप्चर करने में अपने पूर्ववर्तियों की तुलना में 1,000 गुना तेज़ है। उन्होंने अभी तक का सबसे सटीक दृश्य प्रदान करने के लिये कैमरे का उपयोग किया कि कैसे हाइड्रोकार्बन फ्लेम सूत (Soot) उत्पन्न करती है। डिवाइस की तकनीक को लेज़र-शीट कंप्रेस्ड अल्ट्राफास्ट फोटोग्राफी (LS-CUP) कहा जाता है, जो एक मानक स्ट्रीक कैमरा सिस्टम पर कंप्रेस्ड सेंसिंग के साथ लेज़र शीट इमेजिंग का संयोजन करती है। यह "लौ या स्प्रे अथवा किसी भी टर्बिड मीडिया जैसे त्रि-आयामी वस्तु को एक आयाम में ला सकता है और अंतरिक्ष भौतिकी या रासायनिक प्रक्रियाओं को हल करने में सक्षम है। यह 12.5 बिलियन फ्रेम प्रति सेकंड (fps) तस्वीरें ले सकता है। इन उपकरणों का उपयोग परमाणु रिएक्टरों में शॉकवेव्स, बारीक स्प्रे के दहन तथा सोनोल्यूमिनेसेंस नामक एक रहस्यमय प्रक्रिया (कभी-कभी ध्वनि से उत्तेजित होने पर एक तरल अंतःस्फोट में बुलबुले और ~ 10,000 K के तापमान पर प्रकाश छोड़ने) के लिये भी किया जा सकता है। जिनमें से कुछ नैनो सेकंड में होने वाली प्रक्रियाएँ भी शामिल हैं। हालाँकि प्रौद्योगिकी लागत बहुत अधिक हो सकती है।


फ्राँसीसी नौसेना के साथ समुद्री साझेदारी अभ्यास (MPX)

भारतीय नौसेना के स्वदेश निर्मित गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट, INS सह्याद्रि ने मार्च 2023 में अरब सागर में फ्राँसीसी नौसेना (FN) के जहाज़ों के साथ एक समुद्री साझेदारी अभ्यास (MPX) में भाग लिया। अभ्यास के दौरान क्रॉस-डेक लैंडिंग, बोर्डिंग ड्रिल और सीमैनशिप इवोल्यूशन जैसे विभिन्न प्रकार के विकास हुए। अभ्यास के निर्बाध संचालन ने दोनों नौसेनाओं के मध्य पारस्परिकता और उच्च स्तर के सहयोग की पुष्टि की। INS सह्याद्रि अत्याधुनिक हथियारों और सेंसर युक्त है, जो इसे हवा, सतह और उप-सतह के खतरों का पता लगाने और उन्हें नष्ट करने में सक्षम बनाता है। यह जहाज़ विशाखापत्तनम स्थित भारतीय नौसेना के पूर्वी बेड़े का हिस्सा है। इसके अतिरिक्त हाल ही में फ्राँस और भारत के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास FRINJEX-2023 केरल में संपन्न हुआ। FRINJEX की थीम 'विवादित वातावरण में मानवीय सहायता के लिये आपदा राहत अभियान' थी। वरुण (एक नौसैनिक अभ्यास), गरुड़ (एक वायु अभ्यास), शक्ति (एक सेना अभ्यास), और डेजर्ट नाइट-21 (वायु अभ्यास) अन्य भारत-फ्राँस अभ्यास हैं।


कलक्कड़-मुंडनथुराई टाइगर रिज़र्व (KMTR)

तमिलनाडु के शोधकर्त्ताओं ने कलक्कड़-मुंडनथुराई टाइगर रिज़र्व (KMTR) के बफर ज़ोन में भारत में पहली बार एक दुर्लभ कीट प्रजाति पाई है, इसे आखिरी बार 127 वर्ष पहले वर्ष 1893 में श्रीलंका में देखा गया था। माइमुसेमिया सीलोनिका एक कीट प्रजाति है जो उपप्रजाति अग्रिस्टिन और नोक्टुइडे समूह से संबंधित है। KMTR को वर्ष 1988 में मौज़ूदा और सन्निहित कलक्कड़ तथा मुंडनथुराई वन्यजीव अभयारण्यों को मिलाकर बनाया गया था। कलक्कड़-मुंडनथुराई को तमिलनाडु में पहला टाइगर रिज़र्व घोषित किया गया था। यह पश्चिमी घाट के दक्षिणी भाग में स्थित है और इसमें आर्द्र सदाबहार वन हैं, यह 14 नदियों का जलग्रहण क्षेत्र है। यह अगस्त्यमाला बायोस्फीयर रिज़र्व का भी हिस्सा है। अगस्त्यमाला बायोस्फीयर रिज़र्व को इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंज़र्वेशन ऑफ नेचर (IUCN) द्वारा भारत में पौधों की विविधता और स्थानिकता के पाँच केंद्रों में से एक माना जाता है। बाघों के अतिरिक्त इस वन में सांभर, चित्तीदार हिरण, हाथी, तेंदुए, जंगली कुत्ते और बड़ी संख्या में पक्षियों की प्रजातियाँ, सरीसृप आदि पाए जाते हैं।


बहुपक्षीय अभ्यास ला पेरॉस

बहुपक्षीय अभ्यास ला पेरॉस का तीसरा संस्करण 13-14 मार्च, 2023 तक हिंद महासागर क्षेत्र में आयोजित किया जाएगा। इस संस्करण में रॉयल ऑस्ट्रेलियाई नौसेना, फ्राँसीसी नौसेना, भारतीय नौसेना, जापानी मैरीटाइम सेल्फ डिफेंस फोर्स, रॉयल नेवी और यूनाइटेड स्टेट्स नेवी के कर्मियों, जहाज़ों और इन्टिग्रल हेलीकाप्टरों की भागीदारी रहेगी। यह द्विवार्षिक युद्धाभ्यास ला पेरॉसफ्राँसीसी नौसेना द्वारा आयोजित किया जाता है। इसका उद्देश्य समुद्री क्षेत्र जागरूकता बढ़ाने और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भाग लेने वाली नौसेनाओं के बीच समुद्रीय समन्वय को अधिकतम करना है। स्वदेश निर्मित गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट आईएनएस सह्याद्रि और फ्लीट टैंकर आईएनएस ज्योति युद्धाभ्यास के इस संस्करण में भाग लेंगे। इस युद्धाभ्यास में भारतीय नौसेना की भागीदारी मैत्रीपूर्ण नौसेनाओं के बीच उच्च स्तर के तालमेल, समन्वय और परस्पार संचालन के उच्चक स्तसरों तथा हिंद-प्रशांत क्षेत्र में कानून आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

95वें ऑस्कर

95वें ऑस्कर में नाटू नाटू गीत को मोशन पिक्चर श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ मूल गीत के लिये अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह पहला भारतीय गीत है और यह पुरस्कार जीतने वाला दूसरा भारतीय भाषा का गीत है। द एलिफेंट व्हिस्पर्स ने सर्वश्रेष्ठ वृत्तचित्र लघु फिल्म का पुरस्कार जीता। ऑस्कर प्रतिमा, जो 13 1/2 इंच लंबी है और सोने से सजी है, विश्व में सबसे अधिक विख्यात ट्राफियों में से एक है। प्रतिमा जिसे आधिकारिक तौर पर मेरिट अकादमी पुरस्कार के रूप में जाना जाता है, ऑस्कर के रूप में प्रसिद्ध है। इस उपनाम को एकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेज ने आधिकारिक तौर पर वर्ष 1939 में अपनाया था।

 

बोल्ड कुरुक्षेत्र अभ्यास का 13वाँ संस्करण

सिंगापुर की सेना और भारतीय सेना ने भारत के जोधपुर सैन्य स्टेशन में द्विपक्षीय शस्त्राभ्यास बोल्ड कुरुक्षेत्र के 13वें संस्करण में भाग लिया। इस अभ्यास की मेज़बानी भारतीय सेना ने की। अभ्यास शृंखला में पहली बार दोनों सेनाओं ने एक कमांड पोस्ट अभ्यास में भाग लिया, जिसमें बटालियन और ब्रिगेड स्तर की रणनीति और कंप्यूटर वॉरगेमिंग शामिल थे। बोल्ड कुरुक्षेत्र अभ्यास सिंगापुर की सेना और भारतीय सेना के बीच संयुक्त सेना प्रशिक्षण एवं अभ्यास हेतु द्विपक्षीय व्यवस्था के दायरे में आयोजित किया जाता है। यह अभ्यास पहली बार वर्ष 2005 में आयोजित किया गया था। भारत और सिंगापुर के बीच अन्य अभ्यासों में संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण (वायु सेना), त्रिपक्षीय समुद्री अभ्यास SIMTEX (थाईलैंड के साथ) और अग्नि योद्धा अभ्यास (सेना) शामिल हैं।


वेरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम (VSHORADS)

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने ओडिशा के तट पर चांदीपुर के इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज में वेरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम (VSHORADS) मिसाइल के लगातार दो सफल उड़ान परीक्षण किये। VSHORADS एक मैन पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम (MANPAD) है जो कम दूरी पर कम ऊँचाई वाले हवाई खतरों को निष्क्रिय करने के लिये तैयार किया गया  है। इसे अन्य DRDO प्रयोगशालाओं एवं भारतीय उद्योग साझेदारों के सहयोग से अनुसंधान केंद्र इमारत, हैदराबाद द्वारा स्वदेशी रूप से डिज़ाइन एवं विकसित किया गया है। मिसाइल में कई नई प्रौद्योगिकियाँ शामिल हैं।


IMD ने UMANG मोबाइल एप पर 7 सेवाएँ शुरू कीं

IMD ने जनता के उपयोग के लिये 'UMANG' मोबाइल एप के साथ अपनी सात सेवाओं (वर्तमान मौसम, नाउकास्ट, शहर के मौसम का पूर्वानुमान, वर्षा की जानकारी, पर्यटन पूर्वानुमान, चेतावनी और चक्रवात) की शुरुआत की है। इससे पहले वर्ष 2020 में IMD ने मौसम की भविष्यवाणी के लिये मोबाइल एप 'मौसम', कृषि मौसम सलाह के प्रसार हेतु 'मेघदूत' और बिजली गिरने की चेतावनी के लिये 'दामिनी' एप विकसित किया था। IMD एकीकृत पूर्वानुमान रणनीति का अनुसरण करता है। लंबे समय के पूर्वानुमान (पूरे मौसम के लिये), चार सप्ताह की अवधि के साथ गुरुवार को विस्तारित रेंज का पूर्वानुमान, इसके बाद अगले दो दिनों के दृष्टिकोण के साथ अगले पाँच दिनों तक दैनिक व लघु से मध्यम श्रेणी तक का पूर्वानुमान तथा चेतावनियाँ जारी की जाती हैं, इसके बाद तीन घंटे तक खराब मौसम का बहुत कम अवधि का पूर्वानुमान जारी किया जाता है (नाउकास्ट: हर 3 घंटे में अपडेट किया जाता है)। हाल के वर्षों में की गई पहलों में नियमित आधार पर ई-मेल, व्हाट्सएप समूहों और सोशल मीडिया द्वारा उपयोगकर्त्ताओं को जानकारी का प्रसार और SMS के माध्यम से पंजीकृत उपयोगकर्त्ताओं को खराब मौसम के बारे में नाउकास्ट शामिल है।

ओ-स्मार्ट (O-SMART) योजना

सरकार ने 5 वर्ष की अवधि यानी 2021-22 से 2025-26 के दौरान 'महासागरीय सेवाओं, प्रौद्योगिकी, निगरानी, संसाधन प्रतिरूपण और विज्ञान (O-SMART)' योजना के कार्यान्वयन के लिये 2177 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की। इसके अलावा योजना के उद्देश्यों की प्राप्ति के लिये पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा निम्नलिखित कदम उठाए जा रहे हैं: एर्गो फ्लोट्स, XBT/XCTD, वेव राइडर ब्वॉय, स्वचालित मौसम स्टेशन, ड्रिफ्टर्स, मूरेड ब्वॉय, टाइड गेज़, ध्वनिक डॉपलर धारा प्रोफाइलर सहित विभिन्न महासागर अवलोकन प्लेटफॉर्म तैनात किये गए। डेटा का उपयोग करके सूनामी की प्रारंभिक चेतावनी, तीव्र तूफान, संभावित मत्स्य ग्रहण क्षेत्र, महासागरीय स्थिति का पूर्वानुमान, हानिकारक शैवाल वृद्धि, प्रवाल भित्ति, बहु-जोखिम भेद्यता, तटीय भेद्यता सूचकांक, हाई वेव अलर्ट, तेल रिसाव, खोज एवं बचाव अभियान आदि का उपयोग कर उत्पन्न की गई। मॉडल इन हाउस परिचालित होते हैं और विभिन्न हितधारकों तथा अंतिम उपयोगकर्त्ताओं को प्रतिदिन के आधार पर डेटा प्रदान किये जाते हैं। प्रौद्योगिकी और नीतियों का प्रसार करने के लिये नियमित आधार पर तटीय सर्वेक्षण तथा गहरे समुद्र में परिभ्रमण व जन जागरूकता अभियान एवं संबंधित गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं।

भारतीय मानक ब्यूरो की 'मानकों के माध्यम से विज्ञान सीखो' शृंखला का शुभारंभ 

भारतीय मानक ब्यूरो ने एक नई पहल 'मानकों के माध्यम से विज्ञान सीखो' शृंखला का शुभारंभ किया है जो वैज्ञानिक अवधारणाओं, सिद्धांतों एवं नियमों का उपयोग करने के उद्देश्य से पाठ्य योजनाओं की एक शृंखला पर केंद्रित है, यह विद्यार्थियों को संबंधित भारतीय मानकों में बताए गए विभिन्न उत्पादों की गुणवत्ता एवं विशेषताएँ सुनिश्चित करने, कार्य तथा परीक्षण में उनके व्यावहारिक अनुप्रयोगों को समझाने में सहायता करती है। यह शृंखला पहले से ही BIS के साथ निरंतरता में है, जिसके तहत देश भर के शैक्षणिक संस्थानों में 'मानक क्लब' स्थापित किये जा रहे हैं। एक लाख से अधिक विद्यार्थी सदस्यों के साथ ऐसे 4200 से अधिक क्लब पहले ही बनाए जा चुके हैं। 'मानक क्लब' मानक-लेखन प्रतियोगिताओं के अतिरिक्त वाद-विवाद, प्रश्नोत्तरी और अन्य प्रतियोगिताओं जैसी विद्यार्थी-केंद्रित गतिविधियों का आयोजन करता है। BIS इन क्लबों को एक वर्ष में अधिकतम तीन गतिविधियों के लिये वित्तीय सहायता प्रदान करता है। 'लर्निंग साइंस वाया स्टैंडर्ड्स' पहल सिद्धांत तथा वैज्ञानिक शिक्षा के वास्तविक जीवन में उपयोग के मध्य की खाई को पाटने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है। यह देश में गुणवत्ता एवं मानकीकरण की संस्कृति को भी बढ़ावा देगा।


अटल नवाचार मिशन के तहत ATL सारथी की शुरुआत

अटल नवाचार मिशन (AIM)- नीति आयोग ने अटल टिंकरिंग लैब्स (ATL) के बढ़ते इकोसिस्टनम को मज़बूत करने के लिये एक व्यापक स्व-निगरानी ढाँचा ATL सारथी शुरू किया है। अटल इनोवेशन मिशन युवा दिमाग में जिज्ञासा, रचनात्मकता और कल्पना को बढ़ावा देने के लिये भारत भर के स्कूलों में अटल टिंकरिंग प्रयोगशालाओं (ATL) की स्थापना कर रहा है और डिज़ाइन थिंकिंग माइंडसेट, कंप्यूटेशनल थिंकिंग, एडाप्टिव लर्निंग, फिज़िकल कंप्यूटिंग आदि जैसे कौशल विकसित कर रहा है। अब तक अटल नवाचार मिशन ने अटल टिंकरिंग प्रयोगशालाएँ (ATL) स्थापित करने के लिये 10,000 स्कूलों को वित्तीय सहायता प्रदान की है। ATL सारथी, अटल टिंकरिंग लैब्स को कुशल और प्रभावी बनाने के लिये एक उपकरण है। इस पहल के चार स्तंभ हैं जो नियमित प्रक्रिया में सुधार के माध्यम से ATL के प्रदर्शन में वृद्धि सुनिश्चित करेंगे, जैसे कि स्व-रिपोर्टिंग डैशबोर्ड जिसे ‘MyATL डैशबोर्ड' और वित्तीय तथा गैर-वित्तीय अनुपालन सुनिश्चित करने हेतु स्कूलों के लिये कम्लावृद यंस SOP,  क्लस्टर आधारित दृष्टिकोण के माध्यम से उपयुक्त  स्थानीय प्राधिकरण के सहयोग से ATL की ऑन-ग्राउंड सक्षमता और प्रदर्शन-सक्षमता (PE) मैट्रिक्स द्वारा अपने प्रदर्शन का विश्लेषण करने के लिये स्कूलों को स्वामित्त्व प्रदान करने के रूप में जाना जाता है।

बुमचू महोत्सव: सिक्किम

बुमचू एक वार्षिक पवित्र जल फूलदान अनुष्ठान है जो ताशीदिंग मठ (Tashiding Monastery) में मनाया जाता है, यह सिक्किम में रंगीत नदी के ऊपर एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित सबसे पवित्र बौद्ध तीर्थ स्थलों में से एक है। बुमचू का अर्थ तिब्बती में "पवित्र जल का बर्तन" है। कलश का जल भक्तों के बीच बाँटा जाता है। ऐसा माना जाता है कि पानी में हीलिंग गुण होते हैं जो इसे पीने वालों को वैभव और धन प्रदान करता है। उत्सव पहले चंद्र महीने की 14वीं और 15वीं तारीख को मनाया जाता है जो अक्सर फरवरी या मार्च में पड़ता है। किंवदंती है कि आठवीं शताब्दी में बौद्ध धर्म को तिब्बत में लाने वाले एक महान बौद्ध गुरु ने मठ स्थल को आशीर्वाद दिया था। बाद में 17वीं शताब्दी में मठ की स्थापना हुई थी।

ओडिशा तट से गायब हो रहे हॉर्सशू क्रैब

ओडिशा के बालासोर ज़िले में चाँदीपुर और बलरामगढ़ी तट पर विनाशकारी मत्स्यन प्रथाओं के कारण हॉर्सशू क्रैब, औषधीय रूप से अमूल्य एवं पृथ्वी पर सबसे पुराने जीवित प्राणियों में से एक, अपने परिचित प्रजनन स्थल से गायब हो रहे हैं। भारत में हॉर्सशू क्रैब की दो प्रजातियाँ हैं- तटीय हॉर्सशू क्रैब (टैचीप्लस गिगास), मैंग्रोव हॉर्सशू क्रैब (कार्सिनोस्कॉर्पियस रोटुंडिकाउडा)। साथ ही इनकी सघनता ओडिशा में पाई जाती है। ये दोनों प्रजातियाँ अभी IUCN की रेड लिस्ट में सूचीबद्ध नहीं हैं, लेकिन वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची 4 का हिस्सा हैं। हॉर्सशू क्रैब का खून तेज़ी से नैदानिक अभिकर्मक तैयार करने हेतु बहुत महत्त्वपूर्ण है। सभी इंजेक्टेबल और दवाओं की जाँच हॉर्सशू क्रैब की मदद से की जाती है। हॉर्सशू क्रैब के अभिकर्मक से एक अणु विकसित किया गया है जो गर्भवती महिलाओं को प्रभावित करने वाली बीमारी प्री-एक्लेमप्सिया के इलाज में मदद करेगा। पुरापाषाणकालीन अध्ययन के अनुसार, हॉर्सशू क्रैब की आयु 450 मिलियन वर्ष है। यह प्राणी अपनी मज़बूत प्रतिरक्षा प्रणाली के कारण बिना किसी रूपात्मक परिवर्तन के पृथ्वी पर जीवित रहता है।

 

भारत ने 2023 को पर्यटन विकास वर्ष नामित करने हेतु SCO बैठक में योजना प्रस्तुत की

पर्यटन मंत्रियों के सम्मेलन में भारत ने वर्ष 2023 को पर्यटन विकास वर्ष के रूप में नामित करने के लिये शंघाई सहयोग संगठन की बैठक के दौरान एक कार्ययोजना प्रस्तुत की। पर्यटन क्षेत्र में सहयोग पर सदस्य देशों के बीच समझौते को लागू करने के लिये एक संयुक्त कार्ययोजना को मंज़ूरी दी गई है। इसमें SCO पर्यटन ब्रांड को बढ़ावा, सदस्य राज्यों की सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा; पर्यटन में सूचना और डिजिटल प्रौद्योगिकियों को साझा करना; चिकित्सा तथा स्वास्थ्य पर्यटन में आपसी सहयोग को बढ़ावा देना शामिल है। काशी को SCO की पहली पर्यटन एवं सांस्कृतिक राजधानी घोषित किया गया है। इसके अलावा इस बैठक में "SCO क्षेत्र में पर्यटन विकास वर्ष 2023" की कार्ययोजना को स्वीकृति प्रदान की गई। SCO एक स्थायी अंतर-सरकारी अंतर्राष्ट्रीय, यूरेशियन, राजनीतिक, आर्थिक और सैन्य संगठन है जिसका लक्ष्य संबद्ध क्षेत्र में शांति, सुरक्षा तथा स्थिरता बनाए रखना है। इसके सदस्य देशों में कज़ाखस्तान, चीन, किर्गिज़स्तान, रूस, ताजिकिस्तान, उज़्बेकिस्तान, भारत, पाकिस्तान और ईरान शामिल हैं।

 

INS द्रोणाचार्य को प्रेसीडेंट कलर

भारत के राष्ट्रपति ने INS द्रोणाचार्य को प्रेसिडेंट्स कलर प्रदान किया। यह राष्ट्र के लिये अपनी असाधारण सेवाओं हेतु भारत में सैन्य इकाई को दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है। इसे 'निशान' के रूप में भी जाना जाता है जो एक प्रतीक है तथा जिसे सभी यूनिट अधिकारी अपनी वर्दी में बाएँ हाथ की आस्तीन पर पहनते हैं। तीनों  रक्षा बलों में से भारतीय नौसेना वर्ष 1951 में डॉ. राजेंद्र प्रसाद द्वारा प्रेसिडेंट्स कलर से सम्मानित होने वाली पहली भारतीय सशस्त्र सेना थी। भारत के साथ-साथ कई राष्ट्रमंडल देशों में कलर की परंपरा ब्रिटिश सेना से ली गई है। परंपरागत रूप से कलर मानक, गाइडन, कलर और बैनर से जुड़े चार प्रकार के प्रतीक रहे हैं। भारतीय नौसेना का INS द्रोणाचार्य कोच्चि, केरल में स्थित एक प्रतिष्ठित गनरी स्कूल (Gunnery School) है। यह  छोटे हथियारों, नौसैनिक मिसाइलों, तोपखाने, रडार और रक्षात्मक उपायों जैसे विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण अधिकारियों और रेटिंग के लिये ज़िम्मेदार है।


तमिलनाडु टीबी मृत्यु-मुक्त परियोजना (TN-KET)

TN-KET (तमिलनाडु कसनोई एराप्पिला थिटम, जिसका अर्थ है टीबी मृत्यु-मुक्त परियोजना) के शुरुआती टीबी मौतों की संख्या में काफी कमी आई है। यह कार्यक्रम तमिलनाडु सरकार द्वारा भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद, चेन्नई में राष्ट्रीय तपेदिक अनुसंधान संस्थान (Indian Council of Medical Research- National Institute of tuberculosis research- ICMR-NIRT) और WHO भारत के सहयोग से लागू किया गया है।

इस पहल के एक भाग के रूप में 'डिफरेंशिएटेड टीबी केयर' का उद्देश्य रोगियों का आकलन कर यह तय करना है कि टीबी से पीड़ित लोगों को एम्बुलेटरी देखभाल अथवा अस्पताल में प्रवेश की आवश्यकता है या नहीं। TN-KET पहल ने पहले ही रोगियों के 80% ट्राइएजिंग (गंभीरता के स्तर का आकलन), 80% रेफरल, व्यापक मूल्यांकन और गंभीर बीमारी की पुष्टि तथा 80% प्रवेश की पुष्टि के प्रारंभिक लक्ष्य को प्राप्त कर लिया है।

 

कुदुम्बश्री और उन्नति कार्यक्रम

राष्ट्रपति ने विश्व के सबसे बड़े महिला स्वयं सहायता नेटवर्क में से एक कुदुम्बश्रीके रजत जयंती समारोह का उद्घाटन किया और अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति समुदायों के युवाओं के मध्य रोज़गार एवं स्व-रोज़गार के अवसर सृजित करने के लिये एक अंब्रेला कार्यक्रम 'उन्नति' शुरू किया। कुदुम्बश्री की शुरुआत वर्ष 1998 में केरल सरकार और नाबार्ड के संयुक्त कार्यक्रम के रूप में की गई थी ताकि सामुदायिक कार्रवाई के माध्यम से पूर्ण गरीबी को समाप्त किया जा सके। यह देश की सबसे बड़ी महिला सशक्तीकरण परियोजना है। इसके तीन घटक हैं, माइक्रो क्रेडिट, उद्यमिता और सशक्तीकरण। इसकी तीन स्तरीय संरचना है- पड़ोस के समूह (SHG), क्षेत्र विकास समाज (15-20 SHG) एवं सामुदायिक विकास समाज (सभी समूहों का महासंघ)। 


हर्स्टार्ट (herSTART)

भारत सरकार ने महिलाओं के नेतृत्त्व वाले स्टार्टअप्स के लिये 'हर्स्टार्ट (herSTART)' प्लेटफॉर्म के तहत एक वर्ष तक के लिये 20,000 रुपए के मासिक भत्ते की घोषणा की है। महिलाओं के नेतृत्त्व वाले व्यावसायिक उद्यम देश में रोज़गार के अवसर पैदा कर, जनसांख्यिकीय बदलाव लाकर और महिला संस्थापकों की अगली पीढ़ी को प्रेरित करके समाज में उल्लेखनीय भूमिका निभा रहे हैं। HerSTART महिला उद्यमियों के नवाचार और स्टार्टअप प्रयासों को बढ़ावा देने हेतु एक मंच है और यह उन्हें विभिन्न सरकारी एवं निजी उद्यमों से जुड़ने में भी मदद करता है। भारत में कम-से-कम 36 यूनिकॉर्न और संभावित यूनिकॉर्न में कम-से-कम एक महिला संस्थापक अथवा सह-संस्थापक है। भारत विभिन्न पहलों, योजनाओं, नेटवर्क और समुदायों के माध्यम से महिलाओं के नेतृत्त्व वाली उद्यमिता का निर्माण करने तथा स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र में विभिन्न हितधारकों के बीच साझेदारी को सक्रिय करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। वर्तमान में जनवरी 2023 तक विश्व भर की 47 कंपनियों ने डेकाकाॅर्न का दर्जा हासिल कर लिया है (ऐसे स्टार्टअप जिनका मूल्य 1 बिलियन डॉलर से अधिक है)। वर्तमान में भारत में फ्लिपकार्ट, बायजू, नायका, स्विगी और फोनपे के रूप में पाँच स्टार्टअप डेकाकाॅर्न में शामिल हैं।

 

कलानिधि पुरस्कार 2023

हाल ही में कर्नाटक गायिका बॉम्बे जयश्री, जो गायन की अपनी मधुर एवं मग्न शैली (Meditative Style) के लिये जानी जाती हैं तथा भारत सरकार द्वारा इन्हें पद्मश्री पुरस्कार प्रदान किया गया है, को वर्ष 2023 के संगीत अकादमी के संगीत कलानिधि पुरस्कार के लिये चुना गया है। संगीत कलानिधि पुरस्कार को कर्नाटक संगीत के क्षेत्र में सर्वोच्च पुरस्कार माना जाता है तथा यह वर्ष 1942 में अस्तित्त्व में आया। इस पुरस्कार के तहत एक स्वर्ण पदक और प्रशस्ति पत्र दिया जाता है। वसंतलक्ष्मी नरसिम्हाचारी को नृत्य के लिये नृत्य कलानिधि पुरस्कार हेतु चुना गया है। वसंतलक्ष्मी नरसिम्हाचारी भरतनाट्यम एवं कुचिपुड़ी दोनों में उत्कृष्ट हैं।


शत्रु संपत्तियाँ 

1 करोड़ से 100 करोड़ रुपए के बीच मूल्य की शत्रु संपत्ति का निपटान इलेक्ट्रॉनिक नीलामी के माध्यम से भारत के शत्रु संपत्ति के अभिरक्षक द्वारा किया जाएगा, जो शत्रु संपत्ति अधिनियम, 1968 के तहत बनाया गया है या जैसा कि केंद्र सरकार और शत्रु संपत्ति निपटान समिति द्वारा निर्धारित किया गया है। रक्षा संपदा महानिदेशालय द्वारा किये गए एक सर्वेक्षण में CEPI द्वारा पहचान की गई शत्रु संपत्तियों की वर्तमान स्थिति और मूल्य का आकलन किया गया है। देश में शत्रु संपत्ति में कुल 12,611 प्रतिष्ठान शामिल हैं, जिनका मूल्य एक लाख करोड़ रुपए से अधिक है। CEPI में निहित 12,611 संपत्तियों में से 12,485 पाकिस्तानी नागरिकों से संबंधित और 126 चीनी नागरिकों से संबंधित थीं। उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक शत्रु संपत्तियाँ एवं आंध्र प्रदेश तथा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में सबसे कम शत्रु संपत्तियाँ में पाई गईं।


INS एंड्रोथ

आठ एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट (ASW-SWC) की शृंखला में दूसरे जहाज़, INS एंड्रोथ को कोलकाता में लॉन्च किया गया। INS एंड्रोथ का नाम लक्षद्वीप द्वीप समूह में एंड्रोथ द्वीप के रूप में प्रसिद्ध सबसे बड़े और सबसे लंबे द्वीप के नाम पर रखा गया है। इसका निर्माण कार्य कोलकाता में गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) द्वारा किया गया। INS एंड्रोथ तीन डीज़ल चालित वाटर जेट द्वारा संचालित है, यह जहाज़ 25 समुद्री मील की अधिकतम गति प्राप्त कर सकता है। INS एंड्रोथ का प्राथमिक कार्य तटीय जल में पनडुब्बी रोधी संचालन, कम तीव्रता वाले समुद्री संचालन और खदान बिछाने का संचालन कार्य करना है। ये जहाज़ तटीय जल और विभिन्न सतही प्लेटफाॅर्मों की संपूर्ण उप-सतही निगरानी तथा विमान के साथ समन्वित ASW संचालन में भी सक्षम हैं। ये जहाज़ आकार में छोटे होते हैं, परंतु हल्के टॉरपीडो, ASW रॉकेट और माइंस, क्लोज़-इन वेपन सिस्टम (30 मि.मी. की बंदूक के साथ) तथा 16.7 मि.मी. स्थिरीकृत रिमोट-नियंत्रित बंदूकें भी ले जाने में सक्षम होते हैं।

 

भारत में मादक पदार्थों का सेवन

हाल ही में मादक पदार्थ प्रदाताओं तथा तस्करों के खिलाफ मुकदमा चलाने के गृह मंत्रालय के प्रयास के साथ सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय नशे की लत को पीड़ितों के रूप में चित्रित करके मादक पदार्थों की मांग को कम करने के लिये एक अभियान चला रहा है। मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम, 2017 के अनुसार मादक पदार्थों के सेवन से होने वाले विकार भारत में मानसिक बीमारी की परिभाषा में शामिल हैं। इस मुद्दे को हल करने के लिये केंद्र सरकार के सभी उपाय नेशनल एक्शन प्लान फॉर ड्रग डिमांड रिडक्शन (NAPDDR) के अंतर्गत आते हैं। इसमें 372 सुभेद्य ज़िलों में नशा मुक्त भारत अभियान चलाना, नशे की लत से छुटकारा दिलाने के लिये 340 एकीकृत पुनर्वास केंद्र, 48 समुदाय आधारित सहकर्मी के नेतृत्त्व वाले हस्तक्षेप केंद्र और 71 आउटरीच और ड्रॉप-इन केंद्र शामिल हैं।


शारदा पीठ

गृहमंत्री ने शारदा देवी को समर्पित माता शारदा देवी मंदिर का वर्चुअल किया और घोषणा की कि भारत सरकार शारदा-सभ्यता की खोज एवं शारदा-लिपि के प्रचार की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम के रूप में शारदा पीठ के लिये करतारपुर-शैली का गलियारा बनाने का प्रयास करेगी। शारदा पीठ एक परित्यक्त हिंदू मंदिर और शिक्षा का प्राचीन केंद्र है। यह नियंत्रण रेखा के साथ जम्मू और कश्मीर के कुपवाड़ा ज़िले के तीतवाल गाँव में पाक-अधिकृत कश्मीर के नीलम घाटी में स्थित है। यह 18 महाशक्ति पीठों में से एक है और इसे हिंदू देवी सरस्वती का निवास माना जाता है। शारदा पीठ कश्मीरी पंडितों के लिये सबसे पूजनीय धार्मिक स्थल है।


सारस क्रेन

उत्तर प्रदेश के राजकीय पक्षी सारस क्रेन को बचाकर रायबरेली के समसपुर पक्षी विहार में छोड़ा गया है। पक्षी को अभयारण्य में ले जाने के एक दिन बाद यह दावा किया गया कि यह पक्षी लापता है। सारस क्रेन का वैज्ञानिक नाम ग्रस एंटीगोन है। यह दुनिया का सबसे बड़ा उड़ने वाला पक्षी है, जिसकी लंबाई 152-156 सेंटीमीटर और पंखों का फैलाव 240 सेंटीमीटर है। सारस क्रेन मुख्य रूप से लाल सिर और इसकी ऊपरी गर्दन भूरे रंग की होती है, साथ ही हल्के लाल पैर होते हैं। यह जीवन भर के लिये एक साथी के साथ रहने हेतु जाना जाता है और इसका प्रजनन काल मानसून के मौसम में भारी बारिश के दौरान होता है। सारस क्रेन वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची IV में सूचीबद्ध है एवं IUCN रेड लिस्ट में सुभेद्य है, यह मुख्य रूप से भारत, दक्षिण पूर्व एशिया और ऑस्ट्रेलिया में पाया जाता है।


आरक्षण में लिंगायतों, वोक्कालिगा की हिस्सेदारी

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने राज्य में प्रभावशाली लिंगायत और वोक्कालिगा जातियों के लिये अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण के नए उपसमूह बनाने के राज्य सरकार के आदेश पर लगाई गई रोक हटा दी। मुख्य न्यायाधीश पी.बी. वराले की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने रोक हटाने की अनुमति दी। वर्तमान में लिंगायत और वोक्कालिगा जातियों का आरक्षण क्रमशः 5% आरक्षण के साथ श्रेणी III (B) में और 4% आरक्षण के साथ श्रेणी III (A) में है। पंचमसाली, जो लिंगायतों के भीतर सबसे बड़ा उप-संप्रदाय है, सरकारी नौकरियों एवं शैक्षणिक संस्थानों में 15% कोटा का लाभ उठाने के लिये ओबीसी 2A श्रेणी के तहत उन्हें शामिल करने की मांग कर रहा है। प्रस्तावित सिफारिशों के अनुसार, प्रमुख वोक्कालिगा और लिंगायतों की पहचान नई ओबीसी श्रेणियों (2C एवं 2D) के तहत की जाएगी तथा उन्हें केंद्र द्वारा बनाए गए 10% आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग (EWS) कोटा का 6% आवंटित किया जाएगा।


अभ्यास कोंकण 2023

वार्षिक द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास कोंकण 2023 भारतीय नौसेना और ब्रिटेन की रॉयल नेवी के बीच आयोजित एक संयुक्त समुद्री अभ्यास था। वार्षिक सैन्य अभ्यास अरब सागर में कोंकण तट पर 20 से 22 मार्च, 2023 तक आयोजित किया गया था। कोंकण अभ्यास शृंखला वर्ष 2004 में शुरू हुई। अभ्यास ने तैयारी-तत्परता का प्रदर्शन किया, अंतर-संचालनीयता में वृद्धि और संयुक्त ऑपरेशन आयोजित किये गए। इसमें भाग लेने वाले जहाज़ों में INS त्रिशूल (भारतीय नौसेना), HMS लैंकेस्टर (रॉयल नेवी) और टाइप 23 गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट शामिल थे। इस अभ्यास में समुद्री अभियानों, वायु, सतह और उप-सतह के सभी डोमेन शामिल थे तथा इसमें सतह से उड़ान भरने योग्य लक्ष्य 'किलर टोमैटो', हेलीकॉप्टर संचालन, वायु-रोधी तथा पनडुब्बी-रोधी युद्ध अभ्यास, विज़िट बोर्ड सर्च एंड सीज़र (VBSS), जहाज़ युद्धाभ्यास व कर्मियों का आदान-प्रदान शामिल था। भारत और यूके के बीच अन्य सैन्य अभ्यासों में शामिल हैं- कोंकण शक्ति 2021 (पहली बार तीनों सेनाओं का संयुक्त अभ्यास), इंद्रधनुष अभ्यास (संयुक्त वायु सेना अभ्यास), अभ्यास अजय वाॅरियर (भारत और ब्रिटेन के सैनिकों के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास.  

 

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना

केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (Pradhan Mantri Ujjwala Yojana- PMUY) के तहत 200 रुपए प्रति गैस सिलेंडर सब्सिडी को एक वर्ष हेतु और बढ़ा दिया, जिससे 9.59 करोड़ लाभार्थी लाभान्वित हुए। सब्सिडी सीधे पात्र लाभार्थियों के बैंक खातों में जमा की जाती है। विभिन्न भू-राजनीतिक कारकों के कारण अंतर्राष्ट्रीय तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (Liquefied Petroleum Gas- LPG) की कीमतों में तेज़ वृद्धि के मद्देनज़र सरकार ने PMUY लाभार्थियों को उच्च LPG कीमतों से बचाने का फैसला किया है। PMUY भारत में आर्थिक रूप से कमज़ोर परिवारों को LPG उपलब्ध कराने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा वर्ष 2016 में शुरू की गई एक सरकार की प्रमुख योजना है। इस योजना का उद्देश्य खाना पकाने हेतु स्वच्छ ईंधन (LPG) प्रदान कर महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य की रक्षा करना है।


रेडियोधर्मी सुनामी

उत्तर कोरिया ने "हैइल", जो कि कोरियाई शब्द है और जिसका अर्थ ज्वार की लहरें या सुनामी है, नामक एक परमाणु-सक्षम अंडरवाटर ड्रोन का परीक्षण करने का दावा किया है, जिसे एक विशाल "रेडियोधर्मी सुनामी" उत्पन्न करने के लिये डिज़ाइन किया गया है। जल के भीतर हुए परमाणु विस्फोट को सैद्धांतिक रूप से रेडियोधर्मी सुनामी कहा जा सकता है। इस ड्रोन को तट पर ही तैनात किया जा सकता है या सतही जहाज़ों की सहायता से एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा सकता है और इसे "जल के नीचे विस्फोट के माध्यम से विशाल रेडियोधर्मी सुनामी उत्पन्न करने" के लिये बनाया गया है तथा परिचालनीय जल (operational waters) में घुसपैठ के दौरान इसे ट्रैक नहीं किया जा सकता है, इस प्रकार यह नौसेना के हमलावर समूहों और बंदरगाहों को नष्ट करने में सक्षम है।


डिजीक्लेम

डिजीक्लेम (DigiClaim) एक डिजिटाइज़्ड क्लेम भुगतान मॉड्यूल है जिसे हाल ही में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत लॉन्च किया गया है। इस मॉड्यूल के लॉन्च होने के साथ दावों (Claim) का निपटान इलेक्ट्रॉनिक रूप से किया जाएगा, जिससे छह राज्यों के संबंधित किसानों को लाभ होगा। राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड और हरियाणा राज्यों में बीमित किसानों को 23 मार्च, 2023 को कुल 1260.35 करोड़ रुपए का बीमा दावा निपटान किया गया है। स्वचालित दावा निपटान प्रक्रिया सभी बीमित किसानों के जीवन को आसान बनाने और उन्हें स्थायी वित्तीय प्रवाह और सहायता प्रदान करने के लिये एक सतत् गतिविधि होगी। किसानों के दावों को पारदर्शी एवं ज़िम्मेदारी के साथ सीधे उनके संबंधित बैंक खातों में प्रेषित किया जाएगा। इस तकनीक को राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल (NCIP) एवं सार्वजनिक वित्त प्रबंधन प्रणाली (PFMS) के एकीकरण के माध्यम से सक्षम किया गया है।


एबेल पुरस्कार

लुइस कैफरेली ने गैर-रैखिक आंशिक अंतर समीकरणों के लिये नियमितता सिद्धांत में उनके योगदान हेतु वर्ष 2023 का एबेल पुरस्कार जीता है, जिसमें मुक्त-सीमा समस्याएँ और मोंगे-एम्पीयर समीकरण शामिल हैं। एबेल पुरस्कार गणित के क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित पुरस्कार है जो गणित में अग्रणी वैज्ञानिक उपलब्धियों को मान्यता देता है। इसका नाम नार्वे के गणितज्ञ नील्स हेनरिक एबेल के नाम पर रखा गया है। नार्वेजियन संसद ने वर्ष 2002 में पुरस्कार की स्थापना की और इसमें 7.5 मिलियन क्रोनर (लगभग $720,000) का मौद्रिक पुरस्कार और एक काँच पट्टिका शामिल है। यह नॉर्वे के शिक्षा मंत्रालय की ओर से नॉर्वेजियन एकेडमी ऑफ साइंस एंड लेटर्स द्वारा प्रदान किया जाता है


स्टेट ऑफ स्कूल फीडिंग वर्ल्डवाइड 2022

विश्व खाद्य कार्यक्रम (World Food Programme- WFP) की रिपोर्ट स्टेट ऑफ स्कूल फीडिंग वर्ल्डवाइड 2022 के अनुसार, कम आय वाले देशों में स्कूली भोजन खाने वाले बच्चों की संख्या में लगभग 4% की गिरावट आई है, जिसमें सबसे गंभीर गिरावट अफ्रीका में देखी गई है। यह विश्लेषण वर्ष 2020 में 163 देशों की तुलना में 176 देशों के सर्वेक्षण आँकड़ों पर आधारित है। अध्ययन के अनुसार, उच्च आय, उच्च-मध्य आय और निम्न-मध्य आय वाले देशों ने क्रमशः 4%, 4% और 12% की निरंतर मामूली वृद्धि प्रदर्शित की है। इस रिपोर्ट ने विशेष रूप से कम आय वाले देशों में समर्थन को लक्षित करने हेतु बाह्य विकास भागीदारों की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। कम आय वाले देशों ने महामारी के बाद की अन्य मांगों और नकदी की कमी के बावजूद वर्ष 2020 में स्कूली भोजन हेतु अपने घरेलू वित्तपोषण को 30% से बढ़ाकर वर्ष 2022 में 45% कर दिया है। पाँच देशों- ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका ने वर्ष 2020 और 2022 के बीच स्कूली भोजन प्राप्त करने वाले बच्चों की संख्या में 30 मिलियन की वृद्धि में 19 मिलियन का योगदान दिया।


भारत का पहला केबल स्टे रेलवे ब्रिज

जम्मू और कश्मीर में अंजी नदी (चिनाब नदी की एक सहायक नदी) पर भारत के पहले केबल आधारित रेलवे पुल के मई 2023 तक तैयार होने की उम्मीद है। कटरा और रियासी स्टेशनों के बीच अंजी पुल जम्मू और कश्मीर केंद्रशासित प्रदेश के रियासी ज़िले में पड़ता है। यह महत्त्वाकांक्षी उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला-रेल लिंक (USBRL) परियोजना का हिस्सा है। इस परियोजना को मार्च 2002 में राष्ट्रीय महत्त्व की परियोजना घोषित किया गया था। यह स्वतंत्रता के बाद की सबसे बड़ी पर्वतीय रेलवे परियोजना भी है। इस पुल में एक एकीकृत निगरानी प्रणाली भी होगी जिसमें विभिन्न स्थानों पर कई सेंसर स्थापित किये जाएंगे।


एरिज़ोना में पवित्र होपी स्थल

एरिज़ोना, संयुक्त राज्य अमेरिका में स्थित एक स्थल और अमेरिकी राष्ट्र के होपी मूल के नागरिकों के लिये पवित्र स्मारक और स्थल को इंटरनेशनल काउंसिल ऑन मॉन्यूमेंट्स एंड साइट्स अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान समिति (ICOMOS ISC) द्वारा ' वाटर एंड हेरिटेज़ शील्ड' से सम्मानित किया गया है। शील्ड को ब्लैक मेसा ट्रस्ट (BMT) को प्रदान किया गया, जो होपी मूल के लोगों का एक संगठन है। शील्ड का उद्देश्य विश्व भर में जनता को जल और स्वदेशी पवित्र स्थलों के महत्त्व तथा सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक स्मृति के अधिकार के बारे में जागरूक करने में मदद करना है। होपी पर्यावरण के प्रति अपनी अनूठी श्रद्धा के लिये जाने जाते हैं। होपी सिपापू को वह स्थान मानते हैं जहाँ से उनके पूर्वज दूसरी दुनिया से निकलकर इस दुनिया में आए थे। सिपापू एक चट्टानी गुंबद है जो चूना पत्थर से बना है और साथ ही कोलोराडो की एक सहायक नदी लिटिल कोलोराडो नदी पर स्थित एक झरना है। लिटिल कोलोराडो ग्रैंड कैन्यन, यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल में मुख्य नदी में मिलती है। ICOMOS ISC एक गैर-सरकारी अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जो विश्व के स्मारकों और स्थलों के संरक्षण के लिये समर्पित है। यह विश्व स्तर पर विरासत की पहचान करने में संयुक्त राष्ट्र को मदद करता है।


महिला विश्व मुक्केबाज़ी चैंपियनशिप

हाल ही में निखत ज़रीन (दूसरा विश्व खिताब) एवं लवलीना बोरगोहेन (पहला विश्व खिताब) ने महिला विश्व मुक्केबाज़ी चैंपियनशिप में भारत के लिये दो स्वर्ण पदक जीते। महिला विश्व मुक्केबाज़ी चैंपियनशिप का आयोजन अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाज़ी संघ (IBA) ने किया था। IBA का मिशन ओलंपिक चार्टर की आवश्यकताओं और भावना के अनुसार विश्व भर में मुक्केबाज़ी के खेल को बढ़ावा देना, समर्थन करना एवं नियंत्रित करना है। ओलंपिक चार्टर ओलंपिज़्म के मौलिक सिद्धांतों एवं अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति द्वारा अपनाए गए नियमों तथा उप-नियमों (एक संगठन या समुदाय द्वारा स्थापित नियमों या कानूनों का एक सेट ताकि खुद को विनियमित किया जा सके) का संहिताकरण है।


आत्मीयता परीक्षण कभी निर्णायक नहीं हो सकता: सर्वोच्च न्यायालय

सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के अनुसार, जाति या जनजाति के दावे को तय करने हेतु आत्मीयता परीक्षण (Affinity Test) एक प्रभावी और निश्चित तरीका नहीं हो सकता है। आत्मीयता परीक्षण में जाति/जनजाति के विशिष्ट मानवशास्त्रीय और जातीय लक्षणों, देवताओं, अनुष्ठानों, रीति-रिवाज़ों, विवाह के तरीके, मृत्यु संस्कार, शवों को दफनाने के तरीकों आदि के आधार पर जाति/जनजाति के दावों पर अधिकारियों द्वारा रिपोर्ट का अध्ययन और तैयारी को अनिवार्य करता है।

 

वित्त विधेयक, 2023

भारत सरकार ने हाल ही में वर्ष 2023-24 के लिये अपनी बजटीय कार्ययोजना पूर्ण की, जिसमें संसद के दोनों सदनों ने वित्त विधेयक, 2023 को मंज़ूरी दी, साथ ही वित्त मंत्री द्वारा विधेयक के पिछले संस्करण में ऑप्शन अनुबंधों पर प्रतिभूति लेन-देन कर (STT) दरों में त्रुटि को सुधारने के लिये पेश किये गए एक नए संशोधन को भी मंज़ूरी दी। वित्त विधेयक में सरकार के व्यय के वित्तपोषण से संबंधित प्रावधान शामिल हैं, जबकि एक विनियोग विधेयक धन निकालने की मात्रा और उद्देश्य को निर्दिष्ट करता है। विनियोग और वित्त विधेयक दोनों को धन विधेयक के रूप में वर्गीकृत किया जाता है जिसके लिये राज्यसभा की सहमति की आवश्यकता नहीं होती है। राज्यसभा केवल उन पर चर्चा करती है और विधेयकों को लौटा देती है। एक बार जब लोकसभा सरकार के बजट या किसी अन्य धन संबंधी कानून को पारित कर देती है, तो राज्यसभा इसे अस्वीकार नहीं कर सकती है। राज्यसभा इसे केवल 14 दिनों तक रोक सकती है या इसमें बदलाव का सुझाव दे सकती है, हालाँकि लोकसभा इन परिवर्तनों को स्वीकार कर भी सकती है अथवा नहीं भी कर सकती है।


नई NCERT पाठ्यपुस्तकें और पंचादि मार्ग

लगभग दो दशकों के बाद सभी स्तरों पर स्कूली छात्र 2024-25 शैक्षणिक वर्ष में पेश की जाने वाली अद्यतन राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (NCERT) की पाठ्यपुस्तकों से सीखेंगे। यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (NCF) के अनुरूप है जिसे अगस्त 2022 में जारी किया गया था। पाठ्यपुस्तकों को 22 भाषाओं में विकसित किया जाएगा। वर्तमान में सरकार ने तीन से आठ वर्ष की आयु के बच्चों के लिये पूर्व-स्कूल से कक्षा 2 तक के लिये NCF जारी किया है। अन्य वर्गों के लिये रूपरेखा अभी तैयार की जानी शेष है। NCF ने अपने दिशा-निर्देशों में इस बात पर ज़ोर दिया है कि भारतीय परंपरा को ध्यान में रखते हुए छात्रों के सीखने की योजना बनाई जानी चाहिये और पूर्व-स्कूली या मूलभूत स्तर पर बच्चों के लिये पाँच चरणों वाली सीखने की प्रक्रिया या पंचादि का प्रस्ताव दिया है। पंचादि में अदिति (Introduction of a topic), बोध (Conceptual understanding), अभ्यास (Practice), प्रयोग (Application) और प्रसार (Expansion) शामिल हैं।

 

रामसर साइट्स की रक्षा करने में विफल रहने पर NGT ने केरल सरकार पर ज़ुर्माना लगाया  

राष्ट्रीय हरित अधिकरण ( National Green Tribunal- NGT) ने केरल सरकार पर आर्द्रभूमि की रामसर सूची में शामिल दो आर्द्रभूमियों- वेम्बनाड और अष्टमुडी झीलों की रक्षा करने में विफल रहने पर 10 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। ये आर्द्रभूमियाँ फार्मास्यूटिकल अपशिष्ट, प्लास्टिक अपशिष्ट, घरेलू अपशिष्ट एवं बूचड़खाने के अपशिष्ट के जमाव के कारण प्रदूषित हो गई हैं। वेम्बनाड, केरल के सबसे बड़े आर्द्रभूमि पारिस्थितिकी तंत्र को वर्ष 2002 में रामसर साइट के रूप में नामित किया गया था। केरल यूनिवर्सिटी ऑफ फिशरीज़ एंड ओशन स्टडीज़ के एक हालिया अध्ययन के अनुसार, वेम्बनाड झील की जल धारण क्षमता एवं पारिस्थितिकी पिछले 120 वर्षों में अतिक्रमण और विनाश के कारण 85% कम हो गई है। अष्टमुडी झील कई पौधों और पक्षियों की प्रजातियों का आवास स्थल है, जिसे अगस्त 2002 में रामसर सूची में शामिल किया गया था। तब से उस स्थल की सुरक्षा हेतु बहुत कम प्रयास किया गया है जहाँ पर वर्तमान में अपशिष्ट जमाव की समस्या बनी हुई है। केरल विधानसभा की पर्यावरण समिति ने इस स्थल की सुरक्षा हेतु अष्टमुडी वेटलैंड प्रबंधन प्राधिकरण के गठन सहित कई प्रस्तावों को सूचीबद्ध किया है। इसमें झील में अवैध विध्वंस एवं नावों के जमाव को नियंत्रित करने हेतु तत्काल नियमों की सिफारिश की गई है, साथ ही राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को प्रत्येक तीन महीने में झील में कोलीफॉर्म बैक्टीरिया तथा ऑक्सीजन के स्तर की जाँच करने का निर्देश दिया गया।

 

भारतीय तटरक्षक बल का क्षेत्रीय खोज एवं बचाव अभ्यास

भारतीय तटरक्षक बल ने हाल ही में काकीनाडा, आंध्र प्रदेश में एक क्षेत्रीय खोज एवं बचाव अभ्यास आयोजित किया, ताकि वास्तविक समय परिदृश्य में समुद्री संकट का सामना किया जा सके एवं बड़े पैमाने पर बचाव अभियान के लिये खोज एवं बचाव संगठन (Search and Rescue organization-SAR) के कामकाज़ की समीक्षा की जा सके। इस अभ्यास में सभी हितधारकों को शामिल किया गया और प्रभावी रूप से समुद्री खोज एवं बचाव आकस्मिकता के लिये उपलब्ध संसाधनों का प्रभावी ढंग से उपयोग किया गया। कृष्णा गोदावरी बेसिन में बड़े पैमाने पर अन्वेषण और उत्पादन गतिविधियों को देखते हुए अभ्यास के लिये काकीनाडा के समुद्र क्षेत्र को चुना गया था, जो बड़े पैमाने पर SAR प्रतिक्रिया की आवश्यकता वाले संभावित  आपात स्थिति क्षेत्र का निर्माण करता है


उर्ध्वगामी तड़ित (Upward Lightning)

ब्राज़ील के शोधकर्त्ताओं ने "उर्ध्वगामी तड़ित" या "उर्ध्वगामी तड़ित चमक" की छवियों को कैप्चर किया है।

यह परिघटना तब होती है जब एक स्वतः उत्पन्न तड़ित किसी ऊँचे पिंड से विकसित होती है और विद्युत आयनों से युक्त तूफानी बादल की ओर उर्ध्वगामी दिशा में यात्रा करती है। इस परिघटना के लिये तूफान, विद्युतीकरण और विद्युत आवेश क्षेत्र की उपस्थिति की आवश्यकता होती है। किसी ऊँचे पिंड का ऊर्ध्वाधर उन्नयन भूमि पर स्थानीय रूप से विद्युत क्षेत्र पर ज़ोर देता है, जिसके परिणामस्वरूप एक ऊँचे पिंड से ऊपर की ओर तड़ित रेखा की उत्पत्ति के लिये अनुकूल परिस्थितियाँ निर्मित होती हैं। यह प्रक्रिया क्रमागत रूप से विकसित होती है, जो ऋणावेशों की एक शृंखला है जो एक बादल से ज़िगज़ैग पैटर्न में नीचे की ओर यात्रा करती है, जिससे ज़मीन पर धनावेश की तीव्रता बढ़ जाती है। ऋणावेशित, नीचे की ओर गति करने वाली शृंखला का अग्रभाग विकासशील धनावेशित ऊपर की ओर प्रवाहित होने वाली प्रकाश किरणों में से एक के साथ संपर्क बनाता है तथा तड़ित की समग्र शृंखला को पूरा करता है और आवेशों को बादल से ज़मीन की ओर तेज़ी से प्रवाहित करता है।


भारत द्वारा दुर्लभ रोग दवाओं और खाद्य आयात शुल्क पर छूट की घोषणा

भारत सरकार ने दुर्लभ बीमारियों के इलाज हेतु व्यक्तिगत उपयोग के लिये आयात की जाने वाली विशेष चिकित्सा उद्देश्यों वाली सभी दवाओं एवं भोजन के संदर्भ में बुनियादी सीमा शुल्क पर छूट की घोषणा की है। यह छूट 1 अप्रैल, 2023 से प्रभावी होगी। विभिन्न तरह के कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा पेम्ब्रोलिजुमाब (कीट्रूडा) को भी बुनियादी सीमा शुल्क से छूट दी गई है। पहले स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी या डचेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के इलाज हेतु उपयोग की जाने वाली दवाओं को छूट प्रदान की जाती थी। व्यक्तिगत आयातक को छूट का लाभ उठाने हेतु केंद्रीय या राज्य निदेशक स्वास्थ्य सेवा या ज़िला चिकित्सा अधिकारी/सिविल सर्जन से एक प्रमाण पत्र प्राप्त करना होगा। दुर्लभ बीमारियों का इलाज बहुत महँगा हो सकता है और इस छूट के परिणामस्वरूप रोगियों को लागत की काफी बचत होगी।

इसरो ने EOS-06 उपग्रह द्वारा कैप्चर किये गए ग्लोबल अर्थ मोज़ेक जारी किया

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने हाल ही में EOS-06 उपग्रह पर ओशन कलर मॉनिटर (OCM) पेलोड द्वारा कैप्चर की गई छवियों का एक ग्लोबल फाल्स कलर कंपोज़िट (FCC) मोज़ेक जारी किया है। वैश्विक महासागरों के लिये भूमि और महासागर बायोटा पर वैश्विक वनस्पति आवरण के संदर्भ में जानकारी प्रदान करने के लिये OCM पृथ्वी को 13 अलग-अलग तरंग दैर्ध्य में महसूस करता है। नवंबर 2021 में इसरो द्वारा लॉन्च किया गया EOS-06 उपग्रह ओशनसैट शृंखला में तीसरी पीढ़ी का है तथा समुद्र के रंग डेटा, समुद्र की सतह के तापमान और जलवायु एवं मौसम संबंधी अनुप्रयोगों हेतु पवन वेक्टर डेटा का निरीक्षण करने के लिये चार पेलोड से युक्त है


असम की तिवा जनजाति द्वारा यांगली महोत्सव का आयोजन

असम की तिवा जनजाति के लोग बुवाई के मौसम की शुरुआत के प्रतीक के रूप में मनाने के लिये प्रत्येक तीन वर्ष  में एक बार यांगली महोत्सव का आयोजन करते हैं। यांगली उत्सव, जो कि कृषि से संबंधित है, तिवा जनजाति की लोगों के लिये एक महत्त्वपूर्ण उत्सव है क्योंकि कृषि उनके समुदाय के लिये आय का मुख्य स्रोत है। उत्सव के दौरान तिवा लोग नृत्य करते हैं और उत्तम फसल के लिये प्रार्थना करते हैं तथा कीटों एवं प्राकृतिक आपदाओं से अपनी फसलों की सुरक्षा की मांग करते हैं।


Also Read.....

समसामयिकी सारांश फरवरी  2023 

समसामयिकी सारांश जनवरी  2023 

समसामयिकी सारांश दिसंबर  2022 

समसामयिकी सारांश नवंबर  2022 

समसामयिकी सारांश अक्टूबर  2022 

समसमयिकी सारांश सितंबर   2022

No comments:

Post a Comment

Powered by Blogger.