विश्व पर्यावरण दिवस 2023 : थीम (विषय) इतिहास उद्देश्य महत्व |World Environment Day 2023 Theme History Importance

विश्व पर्यावरण दिवस 2023 : थीम (विषय)  इतिहास उद्देश्य महत्व  

विश्व पर्यावरण दिवस 2023 : थीम (विषय)  इतिहास उद्देश्य महत्व |World Environment Day 2023 Theme History Importance



विश्व पर्यावरण दिवस 2023 : थीम इतिहास उद्देश्य महत्व 

  • प्रति वर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है।
  • पहला विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून 1974 को मनाया गया। इसमें हर साल 143 से अधिक देश हिस्सा लेते हैं
  • पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 19 नवंबर 1986 से लागू हुआ।

विश्व पर्यावरण दिवस 2023 : थीम (विषय) 

  • Solutions to plastic pollution

विश्व पर्यावरण दिवस 2022 : थीम (विषय) 

  • “Only One Earth"
  • वर्ष 2022 विश्व पर्यावरण दिवस का आयोजक देश  स्वीडन है । 
  • World Environment Day 2022 is hosted by Sweden. “Only One Earth" is the campaign slogan, with the focus on “Living Sustainably in Harmony with Nature”.


विश्व पर्यावरण दिवस की जानकारी 

  • विश्व पर्यावरण दिवस संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रकृति को समर्पित दुनियाभर में मनाया जाने वाला सबसे बड़ा उत्सव है।
  • पर्यावरण प्रदूषण की समस्या पर सन् 1972 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने स्टॉकहोम (स्वीडन) में विश्व भर के देशों का पहला पर्यावरण सम्मेलन आयोजित किया। इसमें 119 देशों ने भाग लिया और पहली बार एक ही पृथ्वी का सिद्धांत मान्य किया।
  • इसी सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) का जन्म हुआ तथा प्रति वर्ष 5 जून को पर्यावरण दिवस आयोजित करके नागरिकों को प्रदूषण की समस्या से अवगत कराने का निश्चय किया गया। तथा इसका मुख्य उद्देश्य पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाते हुए राजनीतिक चेतना जागृत करना और आम जनता को प्रेरित करना था।
  • पर्यावरण सम्मेलन तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने 'पर्यावरण की बिगड़ती स्थिति एवं उसका विश्व के भविष्य पर प्रभावविषय पर व्याख्यान दिया था। पर्यावरण-सुरक्षा की दिशा में यह भारत का प्रारंभिक कदम था। तभी से हम प्रति वर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाते आ रहे हैं।
  • पहला विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून 1974 को मनाया गया। इसमें हर साल 143 से अधिक देश हिस्सा लेते हैं
  • पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 19 नवंबर 1986 से लागू हुआ। जलवायुभूमि - इन तीनों से संबंधित कारक तथा मानवपौधेसूक्ष्म जीवअन्य जीवित पदार्थ आदि पर्यावरण के अंतर्गत आते हैं।

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