विश्व दुग्ध दिवस 2023 : थीम (विषय) इतिहास उद्देश्य महत्व महत्वपूर्ण जानकारी | World milk day 2032 Details in Hindi

 विश्व दुग्ध दिवस 2023 : थीम (विषय) इतिहास उद्देश्य महत्व महत्वपूर्ण जानकारी

विश्व दुग्ध दिवस 2023 : थीम (विषय) इतिहास उद्देश्य महत्व महत्वपूर्ण जानकारी



विश्व दुग्ध दिवस 2023 : थीम (विषय) इतिहास उद्देश्य महत्व महत्वपूर्ण जानकारी 


  • संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) द्वारा प्रतिवर्ष 1 जून को विश्व दुग्ध दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस की शुरुआत वर्ष 2001 में की गई थी और इसका प्राथमिक लक्ष्य समाज के योगदान में डेयरी किसानों और डेयरी क्षेत्र के योगदान की सराहना करना तथा वैश्विक भोजन के रूप में दूध के महत्त्व को रेखांकित करना है।


विश्व दुग्ध दिवस 2023 : थीम (विषय)

  • विश्व दुग्ध दिवस-2023 की थीम Sustainable Dairy: Good for the planet, good for you.

  • विश्व दुग्ध दिवस-2022 की थीम sustainability in the dairy sector, as well as environmental, nutritional, and socioeconomic empowerment.”  है। 


विश्व दुग्ध दिवस का निम्न सेक्टरों को प्रोत्साहित करना है -

  • अच्छा भोजनस्वास्थ्य और पोषण। 
  • किसान अपने समुदायोंजमीन और अपने जानवरों की जिम्मेदारी से देखभाल करते हैं। 
  • डेयरी क्षेत्र में स्थिरता अभ्यास। 
  • डेयरी कैसे आर्थिक विकास और आजीविका में योगदान करती है। 

राष्ट्रीय दुग्ध दिवस 26 नवंबर

  • ज्ञात हो कि भारत में प्रतिवर्ष 26 नवंबर को श्वेत क्रांति के जनक डॉ. वर्गीज कुरियन के जन्मदिन को राष्ट्रीय दुग्ध दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। भारतविश्व में दूध के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक है। वर्ष 1955 में भारत का मक्खन आयात 500 टन था और वर्ष 1975 तक दूध एवं दूध उत्पादों का सभी प्रकार का आयात लगभग शून्य हो गयाक्योंकि इस समय तक भारत दूध उत्पादन में आत्मनिर्भर हो गया था। दुग्ध उत्पादन में भारत की सफलता में सबसे महत्त्वपूर्ण भूमिका डॉ. वर्गीज कुरियन की रहीजिन्हें भारत में श्वेत क्रांति के जनक’ के रूप में जाना जाता है। उनके मार्गदर्शन में भारत में कई महत्त्वपूर्ण संस्थाओं जैसे- गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ लिमिटेड और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड आदि का गठन किया गया।

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