कोशिका कला परावेशित या अन्तर्वेशी प्रोटीन मॉडल |तरल मोजैक मॉडल | Fluid mosaic model

 कोशिका कला  परावेशित या अन्तर्वेशी प्रोटीन मॉडल 

कोशिका कला परावेशित या अन्तर्वेशी प्रोटीन मॉडल |तरल मोजैक मॉडल | Fluid mosaic model



परावेशित या अन्तर्वेशी प्रोटीन मॉडल 

इस मॉडल के अनुसारप्लाज्मा झिल्ली में प्रोटीन के अणु दो प्रकार के होते हैं-

 

1. बाहाप्रोटीन (Extrinsic protein) एवं 

2. आन्तर या अन्तर्वेशित प्रोटीन (Intrinsic protein) |

प्रोटीन के ये अणु गोलाणुओं (Globules) के रूप में होते हैं तथा अन्तर्वेशी प्रोटीन लिपिड के स्तरों के अन्दर पाई जाती है। इस मॉडल को समझाने के लिए केवल तरल मोजैक मॉडल (Fluid mosaic model) ही प्रस्तुत किया गया है। 

तरल मोजैक मॉडल (Fluid mosaic model) 

इस मॉडल की अवधारणा सिंगर एवं निकोलसन (Singer and Nicholson) द्वारा 1972 में प्रस्तुत की गयी। इसे पूरे विश्व में वैज्ञानिकों द्वारा व्यापक रूप से स्वीकार किया गया है। इस मॉडल के अनुसार- 

1. लिपिड तथा आन्तरिक प्रोटीन अणु एक मोजैक (Mosaic) व्यवस्था के रूप में पाये जाते हैं। 

2. लिपिड अणुओं के गोलाकार ध्रुवीय सिरे बाहर की ओर तथा अध्रुवीय सिरे अन्दर की ओर होते हैं। ऐसी व्यवस्था होने के कारण झिल्ली जल के अणुओं को कोशिका के अंदर जाने से रोकती हैलेकिन वसा में घुलनशील पदार्थ आसानी से अंदर जा सकते।  

3. प्रोटीन के कुछ अणु लिपिड स्तर के बाहरी- सतह पर चिपके रहते हैं। इन्हें आसानी से हटाया जा सकता है। ये बाह्य या सतही (Peripheral or Extrinsic) प्रोटीन कहलाते हैं। कुछ अन्य अणु लिपिड स्तर के अंदर धँसे होते हैं। इन्हें आसानी से अलग नहीं किया जा सकता। इन्हें आन्तर प्रोटीन (Intrinsic protein) कहते हैं। 

4. ग्लोब्यूलर प्रोटीन के कुछ बड़े अणु लिपिड स्तर में इस प्रकार धँसे होते हैं कि उनके दोनों सिरे दोनों सतहों पर निकले रहते हैं। 

5.  लिपिड स्तर तरल रूप में होते हैं जिसकी सतह पर प्रोटीन अणु मोजेक के रूप मे व्य्यस्थित रहते हैं । 


माइसेलर मॉडल (Micellar Models) 

हिलेयर एवं हॉफमैन (Hilleir and Hoffman, 1953) ने प्लाज्मा झिल्ली की आण्विक संरचना को समझाने के लिए माइसेलर मॉडल प्रस्तुत किया। इसके अनुसारप्लाज्मा कला एक ग्लोब्यूलर इकाई (Globular unit) या एलीमेण्टरी कणों (Elementary par- Protein ticles) के रूप में होती है। इन्होंने क्लोरोप्लास्ट व माइटोकॉण्ड्रिया की कलाओं का अध्ययन करके बताया कि इनकी कलाएँ गोलाकार इकाइयों या माइसेल (Micelle) के रूप में होती हैंजिनका व्यास 40A - 70 A तक होता है तथा ये ग्लोब्यूल्स रिपीटेड इकाइयों (Repeated units) के रूप में आपस में जुड़ी रहती हैं। प्रत्येक ग्लोब्यूल्स में लिपिड्स के अणु केन्द्र में होते हैं जिसके ध्रुवीय सिरे (Polar ends) परिधि को और एवं अध्रुवीय सिरे केन्द्र की ओर होते हैं तथा लिपिड्स के बहुत से ग्लोब्यूलर माइसेल का निर्माण करते हैंजो कि प्रोटीन के आवरण से चारों ओर से घिरे रहते हैं । 


प्लाज्मा झिल्ली का माइसेलर मॉडल

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