सूक्ष्मनलिकाएँ एवं सूक्ष्मतन्तु |MICROTUBULES AND MICROFILAMENTS
सूक्ष्मनलिकाएँ एवं सूक्ष्मतन्तु
सूक्ष्मनलिकाएँ एवं सूक्ष्मतन्तु
- इन दोनों रचनाओं को एक साथ कोशिकीय कंकाल (Cytoskeleton) कहते हैं, क्योंकि ये कोशिकांगों को निश्चित स्थान पर रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और कोशिका के आकार तथा विस्तार को नियन्त्रित करते हैं। ये सभी यूकैरियोटिक कोशिकाओं में जाल के रूप में पाये जाते हैं और इन्हीं के कारण कोशिकांग एक-दूसरे से जुड़े होते हैं।
सूक्ष्मनलिकाएँ (Microtubules)
- सूक्ष्मनलिकाएँ यूकैरियॉटिक कोशिकाओं के कोशिकाद्रव्य में पायी जाने वाली खोखली, बेलनाकार, अनिश्चित लम्बाई की) अशाखित और लगभग 250A व्यास की नलियाँ हैं। इनकी दीवार लगभग 45A मोटी होती है।
- प्रत्येक सूक्ष्मनलिका 13 पतले और लगभग 45Å व्यास वाले तन्तुओं की बनी होती है।
- प्रत्येक तन्तु ट्यूब्यूलिन (Tubulin) नामक प्रोटीन का बहुलक है, जिसमें ट्यूब्यूलिन अणु श्रृंखला के रूप में व्यवस्थित रहते हैं। सूक्ष्मनलिका के ट्यूब्यूलिन अणु परिवर्तनशील हो सकते हैं। अर्थात् नलिका के अणु अलग-अलग होकर नलिका के स्वरूप को समाप्त कर देते हैं और फिर विभिन्न एन्जाइमों आदि के सहयोग से व्यवस्थित होकर नलिका का स्वरूप बहाल कर देते हैं।
- सूक्ष्मनलिकाएँ पक्ष्म, कशाभिकाएँ, सेण्ट्रिओल विभाजक उपकरण, तन्त्रिका कोशिकाओं, विभज्योतिकी (Meristematic) ऊतक की कोशिकाओं में स्पष्ट रूप से देखी जा सकती हैं।
- सूक्ष्मनलिकाएँ अकेले या समूहों में पायी जाती हैं। इन्हें कोशिकाद्रव्यीय प्रवाह, अन्तरकोशिकीय परिवहन तथा सम्भवतः कोशिकाद्रव्य के सामान्य संकुचन के लिए भी उत्तरदायी माना जाता है।
सूक्ष्मनलिकाएँ के कार्य (Functions).
1. ये सिलिया, कशाभिका, सेण्ट्रिओल, विभाजन तर्क का निर्माण करते हैं।
2. कोशिका का कंकाल बनाते हैं।
3. कोशिका के आकार - विस्तार को नियन्त्रित करते हैं।
4. गुणसूत्रों तथा कोशिकाओं की गति का नियन्त्रण करते हैं।
5. कोशिकांगों को स्थिर रखते हैं।
6. कोशिकाद्रव्य चक्रण (Cyclosis) में सहायता करते हैं।
सूक्ष्मतन्तु Microfilament)
सूक्ष्मतन्तु तन्तु पतले, लम्बे, बेलनाकार लगभग 60-100A व्यास के छड़ हैं, जो कोशिकाद्रव्य में जाल के रूप में बिखरकर इसे बाँधे रहते हैं और मुख्यतः ऐक्टिन नाम्रक प्रोटीन के बने होते हैं। मायोसिन के अलावा अन्य प्रोटीन तन्तु भी अल्प मात्रा में ऐक्टिन के साथ होते हैं। ये सूक्ष्म तन्तुओं की कुंचनशीलता को बढ़ाते हैं। ये सूक्ष्म तन्तु कोशिकाद्रव्य में जाल बनाते हैं। जाल में फँसकर कोशिका की सभी रचनाएँ अपनी जगह पर स्थिर रहती हैं। जब कोशिका के वातावरण में परिवर्तन होता है, तो जाल का भी रूपान्तरण होता रहता है। जाल के सूक्ष्म तन्तु प्लाज्मा झिल्ली से भी जुड़े होते हैं।
सूक्ष्मतन्तु के कार्य
- 1. यह कोशिका का कंकाल बनाकर विभिन्न अंगकों को कोशिकाद्रव्य में साधे रहता है तथा इसके आकार, विस्तार को नियन्त्रित करता है।
- 2. यह कोशिकाद्रव्य चक्रण (Cyclosis) के लिए जिम्मेदार होता है।
- 3. यह कोशिकाओं की विभिन्न गतियों, जैसे- कूटपादीय गति आदि को संचालित करता है।
- 4. यह कोशिकाओं और पेशियों के संकुचन और शिथिलन की क्रिया को संचालित करता है।
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