कोशिका कला की आण्विक संरचना |MOLECULAR STRUCTURE OF CELL MEMBRANE
कोशिका कला की आण्विक संरचना
कोशिका कला के रासायनिक संघटन से स्पष्ट हो चुका है कि वह मुख्य रूप से लिपिड्स एवं प्रोटीन की बनी होती है। कोशिका कला की आण्विक संरचना को समझाने के लिए दिये गये समस्त सिद्धान्तों अथवा मॉडल्स को निम्नलिखित दो समूहों में किया गया है-
(A) द्विस्तर मॉडल (Bilayer models) एवं
(B) माइसेलर अथवा उप इकाई मॉडल (Micellar or Sub-unit model)।
प्लाज्मा कला के विभिन्न मॉडल
(A) द्विस्तर मॉडल (Bilayer model)
(a) सैण्डविच मॉडल
- (i) डेनियली एवं डेवसन मॉडल
- (ii) रॉबर्टसन का इकाई झिल्ली मॉडल।
(b) आन्तर प्रोटीन मॉडल
- (i) सिंगर एवं निकोलसन का तरल मोजैक मॉडल ।
(B) माइसेलर मॉडल (Micellar model) हिलेयर एवं हॉफमैन का माइसेलर मॉडल।
कोशिका कला का द्विस्तर मॉडल्स (Bilayer Models)
इस सिद्धान्त के अनुसार, प्लाज्मा कला में प्रोटीन एवं लिपिड अलग- अलग स्तरों के रूप में व्यवस्थित रहते हैं। इस सिद्धान्त के अन्तर्गत निम्नलिखित मॉडल प्रस्तुत किये गये हैं--
(i) डेनियली एवं डेवसन मॉडल (Danielli-Daveson model) —
- डेनियली एवं डेवसन ने सन् 1936 में सर्वप्रथम प्लाज्मा कला की आण्विक संरचना को समझाने के लिए लाइपोप्रोटीन मॉडल (Li- poprotein model) प्रस्तुत किया। इस मॉडल के अनुसार, प्लाज्मा कला तीन स्तरों की बनी होती है, जिसके मध्य भाग में फॉस्फोलिपिड्स 20A [ (Phospholipids) के दो स्तर होते हैं, जो कि है। फॉस्फोलिपिड्स की जल विरोधी पूँछें (Hy- drophobic tails) केन्द्र की ओर एक-दूसरे के सम्मुख एवं इसके जलस्नेही सिरा (Hydrophilic heads) परिधि की ओर प्रोटीन के स्तरों की ओर अभिमुख होते हैं।
डेनियली एवं डेवसन के अनुसार, प्लाज्मा कला के तीनों स्तरों की सम्मिलित मोटाई 75 A होती है , जबकि इसके तीनों स्तरों की अलग-अलग मोटाई निम्नानुसार होती
(i) बाह्य प्रोटीन स्तर की मोटाई 20Å होती है।
(ii) मध्य के फॉस्फोलिपिड के दोनों स्तरों की मोटाई 35A होती है।
(iii) प्रोटीन के आन्तरिक स्तर की मोटाई 20Å है।
- इस प्रकार, प्लाज्मा झिल्ली एक ट्राइलेमिनर लाइपोप्रोटीन झिल्ली (Trilaminar lipoprotein membrane) के रूप में होती है।
- सन् 1938 में डेनियली (Danielli) ने बताया कि प्लाज्मा कला में दो प्रकार को प्रोटीन पायी जाती है- (i) अवशोषित प्रोटीन (Absorbed protein) एवं (ii) ग्लोब्यूलर प्रोटीन (Globular protein)। अवशोषित प्रोटीन लिपिड के सम्पर्क में होती है तथा यह झिल्ली की दोनों सतह पर पायी जाती है, जबकि ग्लोब्यूलर प्रोटीन बाह्य सतह पर ही पायी जाती है।
डेक्सन एवं डेनियली (Daveson and Danielli, 1954) ने पुनः विभिन्न अध्ययनों पश्चात् बताया कि फोल्डेड श्रृंखला (Folded Bechain) के रूप में होती है तथा झिल्ली में प्रोटीन के द्वार घिरे 74A परिधि वाले छिद्र भी पाये जाते हैं, जो छोटे-छोटे आपनों एवं जल के आवागमन में मदद करते हैं।
कोशिका कला इकाई झिल्ली मॉडल (Unit membrane model)—
सन् 1959 में रॉबर्टसन (Robertson, 1959) ने प्लाजमा झिल्ली की संरचना समझाने के लिए इकाई झिल्ली परिकल्पना प्रस्तुत की। इन्होंने लाल रक्त कणिकाओं (R.B.Cs.) की प्लाज्मा कला का अध्ययन करने के पश्चात् बताया कि प्लाज्मा झिल्ली त्रिस्तरीय (Trilaminar) होती है, जिसमें लिपिड के अणुओं के दो स्तर मध्य में होते हैं, जो कि दोनों ओर प्रोटीन के एक-एक स्तर से घिरा रहता है। सम्पूर्ण कला की मोटाई 75 A होती है, जिसमें लिपिड के दो स्तरों की मोटाई 35A व प्रोटीन के प्रत्येक स्तर की मोटाई 20 A होती है। इनके अनुसार, कला की बाह्य सतह पर म्यूकोप्रोटीन (Mucoprotein) व आन्तरिक सतह पर नॉन-म्यूकॉइड प्रोटीन (Non-mucoid pro- tein) पायी जाती है। प्रोटीन-लिपिड प्रोटीन के ये तीनों स्तर मिलकर एक इकाई झिल्ली का निर्माण करते हैं।
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