धौलपुर-करौली भारत का 54वाँ टाइगर रिज़र्व | National Tiger Reserve of India
धौलपुर-करौली भारत का 54वाँ टाइगर रिज़र्व
धौलपुर-करौली भारत का 54वाँ टाइगर रिज़र्व
- राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (National Tiger Conservation Authority- NTCA) ने राजस्थान में धौलपुर-करौली टाइगर रिज़र्व की स्थापना को मंज़ूरी दे दी है।
- यह मुकुंदरा हिल्स, रामगढ़ विषधारी, रणथंभौर और सरिस्का के बाद राजस्थान में पाँचवाँ बाघ अभयारण्य/टाइगर रिज़र्व है।
धौलपुर-करौली टाइगर रिज़र्व:
- धारीदार बड़ी बिल्लियों, अर्थात् बाघों के संरक्षण के लिये नामित संरक्षित क्षेत्र को टाइगर रिज़र्व के रूप में जाना जाता है। हालाँकि बाघ अभयारण्य एक राष्ट्रीय उद्यान अथवा वन्यजीव अभयारण्य भी हो सकता है।
- उदाहरण के लिये सरिस्का टाइगर रिज़र्व एक राष्ट्रीय उद्यान भी है। ऐसा इसलिये है क्योंकि इसे मूलतः एक राष्ट्रीय उद्यान के रूप में बनाया गया था और बाद में बाघ संरक्षण के लिये उपयोग किया जाने लगा।
- राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की सलाह पर वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 38V के प्रावधानों के अनुसार, बाघ अभयारण्यों को राज्य सरकारों द्वारा अधिसूचित किया जाता है।
- वर्तमान में भारत में कुल 54 टाइगर रिज़र्व हैं (हाल ही में शामिल किया गया रिज़र्व धौलपुर-करौली टाइगर रिज़र्व है)।
टाइगर महत्वपूर्ण तथ्य
- विश्व भर के 75% बाघ भारत में पाए जाते हैं। भारत में बाघों की स्थिति पर नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2022 तक देश में बाघों की संख्या बढ़कर 3,167 हो गई है।
- प्रोजेक्ट टाइगर पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया एक केंद्र प्रायोजित कार्यक्रम है जो विभिन्न राज्यों में निर्दिष्ट बाघ अभयारण्यों में बाघ संरक्षण के लिये सरकारी सहायता प्रदान करता है।
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण क्या है
यह पर्यावरण, वन और जलवायु
परिवर्तन मंत्रालय के तहत एक वैधानिक निकाय है जिसका गठन बाघों के बेहतर ढंग से
संरक्षण के लिये वर्ष 2006 में संशोधित
वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम,
1972 के प्रावधानों के तहत किया गया है।
उद्देश्य:
- प्रोजेक्ट टाइगर के निर्देशों के कानूनी अनुपालन हेतु इसे वैधानिक अधिकार प्रदान करना।
- देश के संघीय ढाँचे के भीतर राज्यों के साथ समझौता ज्ञापन के लिये आधार प्रदान करते हुए टाइगर रिज़र्व के प्रबंधन में केंद्र-राज्य की जवाबदेही को बढ़ावा देना।
- टाइगर रिज़र्व के आसपास के क्षेत्रों में स्थानीय लोगों की आजीविका संबंधी चिंता का समाधान करना।
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