एन्जाइम क्या होते हैं गुण कार्य प्रणाली | Enzymes GK in Hindi

  एन्जाइम क्या होते हैं गुण कार्य प्रणाली

एन्जाइम क्या होते हैं गुण कार्य प्रणाली | Enzymes GK in Hindi



एन्जाइम क्या होते हैं  [Enzymes] 

एन्जाइम जैव उत्प्रेरक होते हैं जो जैवतन्त्र (biosystems) में अभिक्रियाओं के वेग में वृद्धि करते हैं। ये अपने कार्य में अति विशिष्ट एवं वरणात्मक (selective) होते हैं। रासायनिक रूप से सभी एन्जाइम प्रोटीन होते हैं।


एन्जाइम जीवित कोशिकाओं में उत्पन्न होने वाले नाइट्रोजन युक्त कार्बनिक पदार्थ (globular protein) हैं जो शरीर के अन्दर होने वाली विभिन्न शरीर क्रियात्मक क्रियाओं (metabolic processes), जैसे भोजन का पाचनश्वसन आदि में भाग लेते हैं और उन्हें उत्प्रेरित करते हैं। उदाहरणार्थ-किसी ऐमाइड का जल अपघटन ऐमाइड को क्षार के साथ काफी समय तक गरम करने पर होता हैकिन्तु जब भोजन आमाशय में पहुँचता है तब भोजन में उपस्थित प्रोटीन ऐमीनो अम्लों में सरलता से जल-अपघटित हो जाते हैं। यह कार्य शरीर में उपस्थित एन्जाइमों की उत्प्रेरक क्रिया के द्वारा सरलता से हो जाता है। एन्जाइम जैविक (biological) उत्प्रेरक होते हैं और सामान्य उत्प्रेरकों से दो गुणों में भिन्न होते हैं। ये अपने कार्य में अत्यन्त विशिष्ट और दक्ष (specific and efficient) होते हैं। एक एन्जाइम केवल एक विशेष प्रकार की रासायनिक क्रिया को उत्प्रेरित करता है। उदाहरणार्थ - यूरिएस एन्जाइम केवल यूरिया को ही जल-अपघटित करता है। इनकी अत्यन्त सूक्ष्म मात्रा अभिक्रिया को उत्प्रेरित करने के लिए आवश्यक होती है। एन्जाइम किसी जैव रासायनिक क्रिया (या जैविक क्रिया) का वेग लगभग 10 की घात 2 से 10 की घात 6 गुना बढ़ा देते हैंउदाहरणार्थ - आहारनाल में यदि एन्जाइम नहीं होते तो भोजन का पाचन 50 वर्षों में होता। ये मध्यम (medium) ताप और मध्यम pH पर बहुत सक्रिय होते हैं। एक प्रारूपिक (typical) कोशिका में लगभग 3000 भिन्न प्रकार के एन्जाइम होते हैं। शरीर में किसी भी एन्जाइम की कमी हो जाने से भयंकर कुछ प्रमुख एन्जाइमों के नाम एवं कार्य निम्नांकित सारणी में दिए

 

एन्जाइमों के गुण (Properties of Enzymes) 

(1) ये जैव उत्प्रेरक होते हैं। किसी अभिक्रिया के वेग को एक करोड़ गुना तक बढ़ा देते हैं। 

(2) ये अपने कार्य में अत्यन्त विशिष्ट होते हैं अर्थात् कोई एन्जाइम किसी विशिष्ट क्रियाकारक के साथ कोई विशिष्ट अभिक्रिया ही सम्पन्न कर सकता हैजैसे - यूरिएस एन्जाइम द्वारा यूरिया का जल अपघटन । 

(3) ये शरीर के सामान्य ताप व सामान्य pH पर सक्रिय होते हैं। 

(4) अभिक्रिया सम्पन्न होने के बाद उत्प्रेरकों के समान ये अपनी मूल प्राप्त कर लेते हैं।

(5) इनकी अभिक्रियाएँ तीव्र गति से होती हैं।

 

एन्जाइमों की कार्य प्रणाली (Mode of Enzyme Action) 

एन्जाइम उत्प्रेरित अभिक्रियाएँ निम्नलिखित पदों में होती हैं- 

(1) एन्जाइम क्रियाधार (substrate) के साथ बँधकर एक सक्रियित संकुल (activated complex) बनाता है।     E+S → ES

(2) इस संकुल के भीतर उत्पाद के अणु बन जाते हैं जो एन्जाइम के साथ नया संकुल बनाते हैं।          ES → EP      

E-P एन्जाइम का उत्पाद के साथ बना संकुल है।             

(3) फिर एन्जाइम उत्पाद संकुल (EP) में से उत्पाद पृथक् हो जाता है। मुक्त हुआ एन्जाइम पुनः उत्प्रेरक के रूप में कार्य है।

 EP→E+P

E+S ----  ES -→EP ----  E+P.


एन्जाइम की उत्प्रेरकीय क्रियाशीलता उनके पृष्ठ पर कुछ विशेष क्षेत्रों में ही होती है। इन क्षेत्रों को सक्रिय क्षेत्र (active कहते हैं। इन सक्रिय क्षेत्रों की ऐसी विशिष्ट आकृति व संरचना होती है कि इन पर क्रियाकारक के अणु फिट होकर संकुल बना लेते हैं। संकुल बनने से अभिक्रिया की सक्रियण ऊर्जा का मान इतना कम हो जाता है कि क्रियाकारक से उत्पाद तुरन्त बन जाते हैं। ये उत्पाद शीघ्र ही एन्जाइम से पृथक् हो जाते हैं और एन्जाइम शीघ्र ही अन्य क्रियाकारी अणु को ग्रहण करके उत्पाद में परिवर्तित करने के लिए तैयार हो जाता है। अतः क्रियाकारी अणु उत्प्रेरक के पृष्ठ पर उपस्थित विशिष्ट आकृति के क्षेत्रों में ताले व कुंजी के समान समा जाते हैं। यही कारण है कि एन्जाइम अपने कार्य में अत्यन्त विशिष्ट होते हैं।

 

एन्जाइम के औद्योगिक अनुप्रयोग (Industrial Applications of Enzymes) 

उद्योगों में एन्जाइमों का अति महत्त्वपूर्ण अनुप्रयोग हैजैसे- 

(1) कार्बोहाइड्रेट के किण्वन से बीयरव्हिस्कीरम आदि के निर्माण में । 

(2) खाद्य उद्योगों में मीठे शर्बतमक्का का स्टार्च तथा पनीर के उत्पादन में।

 

एन्जाइम तथा रोग (Enzymes and Diseases) 

एन्जाइमों की कमी या अनुपस्थिति से मानव शरीर में अनेक रोग हो जाते हैंजैसे-

 

(1) फेनिल हाइड्रॉक्सीलेस एन्जाइम की कमी से एक जन्मजात (congenital) रोग फेनिल कीटोन यूरिया हो जाता है। इस रोग में शरीर में निरर्थक पदार्थ एकत्रित हो जाते हैं जिससे मस्तिष्क (brain) को क्षति पहुँचती है और बच्चों में मन्दबुद्धि रोग (mental retardation) हो जाता है। सूक्ष्म मात्रा में विद्यमान फेनिल ऐलानाइन वाला भोजन देने से इस रोग को रोका जा सकता है। 

(2) टाइरोसिनेस (tyrosinase) एन्जाइम की कमी से ऐलबिनिज्म (albinism) का रोग हो जाता है। 

(3) कुछ हृदय रोग कोरोनरी धमनी (coronary artery) में रक्त का थक्का जम जाने से होते हैं। इसका उपचार स्ट्रेप्टोकाइनेस (streptokinase) एन्जाइम द्वारा हो सकता है।

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