MP Current Affairs 2023 in Hindi मध्यप्रदेश समसमयिकी 2023
मध्यप्रदेश को मिले राष्ट्रीय पुरस्कार
वर्ष 2022 मध्यप्रदेश के लिए उल्लेखनीय उपलब्धियों वाला वर्ष रहा है।
इस वर्ष कई क्षेत्रों में मध्यप्रदेश ने देश में अग्रणी रहने का गौरव और राष्ट्रीय
पुरस्कार प्राप्त किया।
स्वच्छ सर्वेक्षण में मध्यप्रदेश को 16 राष्ट्रीय
पुरस्कार मिले। स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 में इंदौर लगातार छठी बार देश का नंबर वन शहर बना।
मध्यप्रदेश स्वच्छता में देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य घोषित किया गया। प्रदेश के
इंदौर नगर को 7 स्टार रेटिंग
मिली, वहीं 99 अन्य नगरीय
निकायों को स्टार रेटिंग प्राप्त हुई।
कृषि अधोसंरचना निधि के क्रियान्वयन में
मध्यप्रदेश को सर्वश्रेष्ठ राज्य का पुरस्कार मिला। खनिज क्षेत्र में अच्छे कार्य
के लिए केन्द्र सरकार ने प्रदेश को 7 करोड़ रूपए की पुरस्कार राशि दी। वर्ष 2022 में प्रदेश का
बुरहानपुर जिला जल जीवन मिशन में हर घर नल से जल सर्टिफाइड जिला बना।
मध्यप्रदेश को नशामुक्त भारत अभियान के
क्रियान्वयन में देश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ। राज्य को इस वर्ष 8 नेशनल टूरिज्म
अवॉर्ड और साथ ही मोस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट का अवॉर्ड भी प्राप्त हुआ।
मध्यप्रदेश को आयुष्मान भारत योजना में नवाचार
और बेस्ट प्रेक्टिसेस के लिए सर्वश्रेष्ठ राज्य का पुरस्कार मिला। वर्ष 2021 के लिए ई-पंचायत
पुरस्कार भी प्रदेश को प्राप्त हुआ।
वर्ष 2022 में मोटा अनाज (मिलेट) के उत्पादन को प्रोत्साहन देने के
लिए प्रदेश को बेस्ट इमर्जिंग स्टेट का अवॉर्ड मिला। वहीं प्रदेश में मछली उत्पादन
के बेहतर प्रबंधन और उत्पादन में लगातार बढ़ोतरी के लिए प्रदेश को विशेष श्रेणी
में उत्कृष्ट पुरस्कार मिला है।
मध्यप्रदेश की महत्वपूर्ण घटनाएँ 2022
वर्ष 2022 में अक्टूबर माह की 11 तारीख मध्यप्रदेश के आध्यात्मिक धार्मिक परिदृश्य पर
स्वर्ण अक्षरों में अंकित हुई। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने राज्य सरकार के
प्रदेश के संस्कृति/आध्यात्मिक वैभव की पुनर्स्थापना की मुहिम के अंतर्गत द्वादश
ज्योर्तिलिंग में से एक महाकाल की नगरी उज्जयिनी में श्री महाकाल महालोक का
शिवार्पण किया।
सात दशक के बाद भारत की धरती पर मध्यप्रदेश के
कूनो पालपुर (जिला श्योपुर) अभयारण्य में अफ्रीकी चीतों का पुनर्स्थापन हुआ।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विशेष प्रयासों से मध्यप्रदेश को चीता स्टेट
बनने का मौका मिला।
भगवान बिरसा मुण्डा की जन्म जयंती का दिन 15 नवम्बर 2022 को राष्ट्रपति
श्रीमती द्रोपदी मुर्मु की गरिमामय उपस्थिति में शहडोल के लालपुर गाँव में राज्य
स्तरीय जनजातीय गौरव दिवस समारोह में मध्यप्रदेश में पेसा एक्ट लागू किया गया। यह
एक्ट लागू करके राज्य सरकार ने जनजातीय वर्ग के लोगों को जल, जंगल, जमीन पर उनके
जायज हक दिलाने की ऐतिहासिक पहल की है।
वर्ष 2022 में मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना, प्रधानमंत्री
मुद्रा योजना, प्रधानमंत्री
रोजगार सृजन योजना, आजीविका मिशन, पीएम स्व-निधि
योजना, मुख्यमंत्री
ग्रामीण पथ- विक्रेता योजना, संत रविदास स्व-रोजगार आदि योजनाओं में 31 लाख से अधिक
स्व-रोजगार के नये अवसर सृजित किए गए। लगभग 20 हजार 500 करोड़ रूपए की ऋण सहायता स्वीकृत की गई।
स्वामी विवेकानंद जी की जयंती से रोजगार दिवस
का आयोजन प्रारंभ। हर माह करीब 2 लाख रोजगार के नए अवसर सृजित।
स्टार्ट योर बिजनेस इन 30 डेज' कार्यक्रम शुरू
किया,। कार्यक्रम में 8 विभागों की 44 सेवाएँ 30 दिन के भीतर
प्रदाय की जा रही हैं। इनमें से 35 सेवाएँ डीम्ड अप्रूवल की श्रेणी में।
पोषण आहार की नई व्यवस्था लागू, 7 पोषण आहार
संयंत्रों का संचालन महिला स्व-सहायता समूहों समूहों को सौंपा। टर्न ओवर प्रतिवर्ष
750 करोड़।
आजीविका मार्ट पोर्टल से अब तक महिला
स्व-सहायता समूहों द्वारा बनाए 531 करोड़ रूपये से अधिक के उत्पाद बिके।
महिलाओं के लिये पृथक से इंडस्ट्रियल कलस्टर।
स्टार्ट-अप नीति 2022 लागू, 21 से अधिक
स्टार्ट-अप को सहायता स्वीकृत। प्रदेश में 2500 से अधिक स्टार्ट-अप्स और 30 से अधिक इन्क्यूबेटर्स कार्यरत।
मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना लागू, 4 हजार से अधिक
प्रकरणों में ऋण सहायता स्वीकृत।
लाड़ली लक्ष्मी योजना 2.0 की लांचिंग।
योजना के प्रभाव से बेटियों के प्रति बदला दृष्टिकोण और लिंगानुपात में हुआ सुधार।
बाल विवाह में भी आई कमी। हर साल 2 मई को लाड़ली लक्ष्मी दिवस मनाने, प्रत्येक शहर में
लाड़ली लक्ष्मी पथ और लाड़ली लक्ष्मी वाटिका बनाने का निर्णय।
मुख्यमंत्री कन्या विवाह एवं निकाह योजना का
पुन: आरंभ।
आँगनवाड़ियों को सशक्त और बच्चों को कुपोषण
मुक्त प्रदेश बनाने में जन-सहभागिता के लिए एडप्ट एन आँगनवाड़ी आभियान का संचालन।
जन-भागीदारी से 37 करोड़ से अधिक की
नगद राशि एवं सामग्री हुई एकत्र।
महिला स्व- सहायता समूहों को दिया 4 हजार करोड़ रूपये
से अधिक का क्रेडिट लिंकेज।
100 करोड़ रूपये के साथ मुख्यमंत्री नारी सम्मान कोष की
स्थापना।
चाइल्ड बजटिंग शुरू करने वाला देश पहला राज्य
बना मध्यप्रदेश,।
बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण के लिये नि:शुल्क
मूंग वितरण शुरू।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में मध्यप्रदेश, देश में नंबर वन।
अब तक 32 लाख 43 हजार से अधिक
गर्भवती महिलाओं को 1370 करोड़ रूपये से
अधिक की सहायता।
एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड में लगभग 3500 करोड़ के प्रकरण
स्वीकृत कर मध्यप्रदेश देश में पहले स्थान पर।
उद्यानिकी फसलों के क्षेत्रफल में वृद्धि कर
मध्यप्रदेश संतरा, धनिया, मसाले, औषधीय एवं
सुगंधित पौधों के उत्पादन में देश में नंबर वन बना।
परम्परागत फसलों के स्थान पर लाभकारी फसलों के
उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए फसल विविधीकरण योजना लागू।
प्राकृतिक खेती को मिशन मोड में बढ़ाया आगे, एक लाख 86 हजार हेक्टेयर
क्षेत्र में प्राकृतिक खेती के लिये 60 हजार से अधिक किसानों ने कराया पंजीयन।
किसानों को देसी गाय पालन के लिये 900 रूपये का
प्रतिमाह अनुदान।
नरवई जलाने की प्रथा को हतोत्साहित करने
"फसल अवशेष प्रबंधन योजना" लागू। नरवई से भूसा तैयार करने की मशीन के
लिये किसानों को अनुदान का प्रावधान।
मध्यप्रदेश औषधीय पादप बोर्ड का हुआ गठन।
मुख्यमंत्री राशन आपके ग्राम योजना 89 जनजातीय बहुल
विकासखंडों में लागू कर 472 जनजातीय युवाओं
को राशन वाहन के लिये 10 करोड़ 80 लाख रूपये से
अधिक की सहायता दी गई।
तेंदूपत्ता संग्रहण की दर बढ़ा कर 3 हजार रूपये मानक
बोरा की गई।
जनजातीय वर्ग, मछुआ, केश शिल्पी, महिला स्व-सहायता समूह और युवाओं के हित में विशेष सत्रों
का आयोजन कर विचार-विमर्श।
सिकलसेल मिशन प्रदेश के सभी 89 जनजातीय बहुल
विकासखंडों में लागू कर 10 करोड़ रूपये का
बजट प्रावधान।
जनजातीय बहुल जिले श्योपुर और मंडला में नये
मेडिकल कॉलेज स्वीकृत।
भोपाल स्थित हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम रानी
कमलापतिऔर पातालपानी रेलवे स्टेशन का
नामकरण जननायक टंटया भील स्टेशन किया गया।
छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय का नाम राजा शंकर शाह
विश्वविद्यालय किया गया।
भू-माफियाओं के अवैध कब्जे वाली 23 हजार एकड़ भूमि
अतिक्रमण से मुक्त कराई गई। मुक्त जमीन पर आवासहीन गरीबों को आवास देने के लिए
सुराज कालोनियाँ बनाने का निर्णय।
जोर-जबरदस्ती बहला-फुसला कर विवाह और धर्म
परिवर्तन रोकने के लिए प्रदेश में धर्म स्वातंत्रय विधेयक हुआ लागू।
मासूम बच्चियों के साथ दुष्कर्म के दोषियों को
कानून में मृत्युदंड का प्रावधान।
महिलाओं के विरूद्ध अपराधों के प्रति जीरो
टॉलरेंस की नीति, हर जिले में एक
महिला थाने की स्थापना। साथ ही ऊर्जा महिला, आपरेशन मुस्कान, पंख अभियान और गौरवी सेंटर का सफल संचालन।
मध्यप्रदेश स्वामित्व योजना को लागू करने वाला
पहला राज्य। योजना में 9 लाख 37 हजार से अधिक
भू-अभिलेख वितरित।
प्रदेश के 827 वन ग्रामों को राजस्व ग्रामों में परिवर्तित करने का
महत्वपूर्ण फैसला।
सायबर तहसील की क्रांतिकारी अवधारणा लागू।
राजस्व प्रकरणों के निराकरण की प्रक्रिया फेसलेस और पारदर्शी बनी।
आजादी के अमृत महोत्सव में 9 करोड़ घनमीटर जल
भंडारण क्षमता के 6 हजार से अधिक
अमृत सरोवर का निर्माण।
प्रदेश में सिंचाई के रकबे में आशातीत वृद्धि, सिंचाई
परियोजनाओं पर हुआ तेजी से कार्य।
जल संसाधन के बांधों की सुरक्षा के लिये बांध
सुरक्षा संचालनालय स्थापित और डेम सेफ्टी रिव्यू पेनल का गठन।
मध्यप्रदेश मत्स्य महासंघ मर्यादित को
सर्वश्रेष्ठ महासंघ का राष्ट्रीय पुरस्कार।
शहर और गाँव के गौरव दिवस मनाने की परम्परा
शुरू की गई।
जन-कल्याण के लिये 45 दिन का
मुख्यमंत्री जन-सेवा अभियान संचालित कर विभिन्न योजनाओं में पात्र 83 लाख नये
हितग्राही शामिल।
पंचायत चुनाव में बना समरसता का नया रिकार्ड-780 से अधिक
जन-प्रतिनिधि निर्विरोध निर्वाचित।
भ्रष्टाचार के विरूद्ध जीरो टॉलरेंस नीति। लोक
सेवा गारंटी कानून में 600 से अधिक सेवाएँ
समय-सीमा में प्रदान करने की गारंटी, सीएम हेल्पलाइन के जरिये मुख्यमंत्री तक जनता की सीधी पहुँच, जन-सुनवाई, समाधान ऑनलाइन, सीएम जन-सेवा, समाधान एक दिवस
आदि के माध्यम से लोकसेवाओं का प्रदाय और काम-काज की प्रभावी मॉनिटरिंग।
सुशासन को और अधिक बेहतर बनाने के लिये आईटी का
प्रभावी उपयोग।
विभिन्न क्षेत्रों में मध्यप्रदेश के नागरिकों
द्वारा अर्जित की जाने वाली असाधारण उपलब्धियों को पुरस्कृत करने के उद्देश्य से
मध्यप्रदेश गौरव सम्मान की स्थापना।
मैदानी स्तर पर शासकीय योजनाओं/कार्यक्रमों/परियोजनाओं
की मॉनिटरिंग के लिये मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा जिलेवार मॉर्निंग
मीटिंग की शुरूआत।
बिजली के उत्पादन में आत्म-निर्भरता के साथ
निर्बाध आपूति का बनाया रिकार्ड।
घरेलू और औद्योगिक उपभोक्ताओं को 24 घंटे और कृषि
उपभोक्ताओं को 10 घंटे नियमित
बिजली का प्रदाय। घरेलू एवं कृषि उपभोक्ताओं को लगभग 22 हजार 400 करोड़ रूपये से
अधिक की बिजली सब्सिडी।
घरेलू उपभोक्ताओं को 100 यूनिट की खपत पर
643 रूपये के स्थान
पर केवल 100 रूपये का बिल,84 प्रतिशत दी गई सब्सिडी, 88 लाख उपभोक्ता लाभान्वित।
नवकरणीय ऊर्जा में भी मध्यप्रदेश बना अग्रणी, 5 हजार 500 मेगावॉट हुई
क्षमता।
ओंकारेश्वर में 3500 करोड़ के निवेश से 600 मेगावॉट कादेश के पहले फ्लोटिंग सोलर पॉवर प्लान्ट का
कार्य शुरू।
बिजली की बचत के लिये ऊर्जा साक्षरता अभियान - 11 लाख 61 हजार से अधिक
नागरिकों की सहभागिता।
मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना की फिर हुई
शुरुआत, नये धार्मिक
स्थलों को जोड़ा गया।
उज्जैन स्थित श्री महाकाल महालोक से 5 जी की
मध्यप्रदेश में ऐतिहासिक शुरूआत।
ग्रामीण पर्यटन नीति को मूर्त रूप। विदिशा जिले
में पायलेट प्रोजेक्ट से 76 मार्गों
पर्यटन के माध्यम से रोजगार के अवसर बढ़ाने
ग्राम -स्टे और होम-स्टे का नवाचार।
जल जीवन मिशन में बेहतर कार्य करने और मिशन की
राशि का व्यय करने में प्रथम राज्य। मिशन में अब तक 50 हजार करोड़ रूपये
की लागत की नल-जल योजनाएँ स्वीकृत, 55 लाख 12 हजार से अधिक ग्रामीण परिवारों के घरों में नल से जल
पहुँचा, 7100 से अधिक ग्राम
हुए शत-प्रतिशत कवर।
प्रदेश का बुरहानपुर जिला बना देश का पहला हर
घर नल से जल प्रमाणित जिला।
मध्यप्रदेश की विकास दर 19.74 फीसदी हुई, जो देश में सबसे
ज्यादा है।
राज्य की प्रति व्यक्ति आय बढ़ कर एक लाख 37 हजार रूपये हुई।
भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थ-व्यवस्था बनाने में मध्यप्रदेश का 550 बिलियन डॉलर का
योगदान देने का संकल्प। इस साल 48 हजार करोड़ रूपये से अधिक का पूँजीगत व्यय करने का लक्ष्य।
शिक्षा के क्षेत्र में नई क्रांति -
सर्वसुविधायुक्त 350 सी.एम.राइज
स्कूल।
हिन्दी में मेडिकल की पढ़ाई करने वाला देश का
पहला राज्य बना मध्यप्रदेश।
रीवा-सीधी को जोड़ने वाली देश की सबसे लंबी 2280 मीटर टनल हुई
शुरू।
स्वास्थ्य संस्थाओं को सुविधायुक्त बनाने के
लिए राज्य स्तरीय कायाकल्प अभियान का संचालन।
साढ़े तीन करोड़ आयुष्मान कार्ड बनाकर मध्यप्रदेश
आयुष्मान योजना के कार्ड बनाने में देश में प्रथम।
मध्यप्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग का
गठन। स्थानीय निकाय निर्वाचन 27 प्रतिशत आरक्षण के साथ हुए।
पीएम स्व-निधि योजना के क्रियान्वयन में
मध्यप्रदेश देश में प्रथम। पीएम स्व-निधि एवं मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ-विक्रेता
योजना को मिला कर 10 लाख से अधिक पथ
विक्रेताओं को ब्याज मुक्त ऋण मुहैया।
विभिन्न क्षेत्रों में मध्यप्रदेश के नागरिकों
द्वारा अर्जित की जाने वाली असाधारण उपलब्धियों के लिये मध्यप्रदेश गौरव सम्मान की
स्थापना।
जनजातीय नायकों की प्रतिमाओं की स्थापना एवं
उनके नाम पर संस्थाओं और अधो-संरचनाओं का नामकरण एवं गौरव यात्राओं का संचालन।
गरीबों को नाममात्र की दर पर भरपेट भोजन सुलभ
कराने के लिए दीनदयाल रसोई केंद्रों की संख्या 56 से बढ़ाकर 100 की गई।
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