पादपों वृद्धि महत्वपूर्ण तथ्य | Plant Growth Important Fact in Hindi

  पादपों वृद्धि महत्वपूर्ण तथ्य  

पादपों वृद्धि महत्वपूर्ण तथ्य  | Plant Growth Important Fact in Hindi



 पादपों वृद्धि महत्वपूर्ण तथ्य  

  • वृद्धि वह जैविक क्रिया है जिसमें जीव अपने आकार, भार, आयतन एवं रूप में अनुत्क्रमणीय परिवर्तन करता है।  
  • पादपों में वृद्धि सामान्यतः उनके अग्रस्थ भागों में होती है। 
  • पादपों को वृद्धि विभज्योतकों की कोशिकाओं में विभाजन के कारण होती है। 
  • वृद्धि में तीन अवस्थाएँ पायी जाती है-- (i) कोशिका विभाजन, (ii) कोशिका विस्तार, (iii) कौशिका भिन्नन तथा अंग निर्माण. 
  • पादपों की वृद्धि एवं समय का ग्राफ "S" रूप से प्राप्त होता है। 
  •  पादपों की वृद्धि का मापन आक्जैनोमीटर द्वारा किया जाता है। 
  • जीवों में वृद्धि का नियन्त्रण बाह्य तथा आन्तरिक कारकों के द्वारा होता है। जल, O2, भोज्य पदार्थ, प्रकाश, ताप प्रमुख बाह्य कारक है जो पादप शरीर के बाहर स्थित होते हैं। 
  • वृद्धि नियन्त्रक आन्तरिक कारक पादप शरीर के अन्दर विशिष्ट रासायनिक पदार्थों के रूप में बनते हैं जिन्हें हॉर्मोन कहते हैं। 
  • ऑक्सिन, जिबरेलिन, साइटोकइनिन, इथिलीन तथा एब्सिसिक अम्ल प्रमुख पादप हॉर्मोन हैं। 
  • हॉर्मोन चूँकि वृद्धि का नियन्त्रण करते हैं, इस कारण इन्हें वृद्धि नियन्त्रक या नियामक पदार्थ भी कहते हैं। 
  • पादप हॉर्मोन सामान्यतः पादप के शीर्ष भागों में बनते हैं तथा फ्लोएम द्वारा सम्पूर्ण शरीर में वितरित होते हैं। 
  • पुष्पन को क्रिया को नियन्त्रित करने वाले हॉर्मोन्स को पुष्पन हॉर्मोन कहते हैं। जैसे- वर्नेलिन तथा फ्लोरीजेन। 
  • वर्नेलिन  तथा फ्लोरोजेन, जिबरेलिन के प्रकार हैं। 
  • जीवों में उम्र के साथ होने वाली हासो परिवर्तनों को जीर्णता कहते हैं।
  • अग्रस्थ प्रभाविता (Apical dominance) - शीर्षस्थ कलिका की वृद्धि के कारण चार कलिका की वृद्धि रुक जाना। 
  • विलगन-  (Abscission) - पौधे में विलगन परत के निर्माण के कारण पतियों एवं फलों का गिरना।  
  • ऑक्सिन (Auxin)-- पादप वृद्धि नियंत्रक, पादप वृद्धिकारी पदार्थ या एक पादप हॉर्मोन 
  •  ABA (Abscissic acid) - एक पादप हॉर्मोन, जिसके प्रभाव से पौधों में विलगन होता है तथा पौधे की वृद्धि एक जाती।  
  • साइटोकाइनिन (Cytokinin)— ऐसा पादप हॉर्मोन जो कि कोशिका विभाजन को प्रेरित करता है। 
  • क्रेस्कोग्राफ (Crescography— पौधों की वृद्धि का मापन करने वाला उपकरण। 
  • दिवस निरपेक्ष पादप (Day neutral plants) - ऐसे पौधे जिन पर दिन या प्रकाश को समयावधि का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है उसे दिवस निरपेक्ष पादप कहते हैं। 
  • उपरिभूमिक अंकुरण (Epigeal germination) - ऐसा बीज अंकुरण जिसमें अंकुरण पश्चात् बीजों के बीजपत्र भूमि से बाहर निकल आते हैं। 
  • अधोभूमिक अंकुरण (Hypogeal germination)- एक प्रकार का बीज अंकुरण जिसमें बीजपत्र भूमि के अन्दर धँसा रहता है। 
  • हॉर्मोन (Hormone) — एक कार्बनिक यौगिक जो कि शरीर के एक भाग में अल्प मात्रा में उत्पन्न होता है तथा वहाँ से अन्य भागों में स्थानान्तरित होकर वृद्धि की क्रिया को प्रेरित करता है या अपना प्रभाव प्रदर्शित करता है। 
  • फाइटोक्रोम (Phytochrome) - पुष्पन हेतु प्रकाश उद्दीपन को ग्रहण करने वाला एक प्रकार का वर्णक । 
  • जीर्णता (Senescence)- जीव की विभिन्न शारीरिक क्रियाओं का क्रमिक रूप से धीमी पड़ना जिसके कारण जीव मृत्यु को और अग्रसर होता है। 
  • अल्प दीप्तिकालिक या छोटे दिन वाले पौधे (Short day plants) — ऐसे पौधे जिनमें पुष्पन हेतु 12 घंटे से कम अवधि वाले दिन या दीप्तिकाल की आवश्यकता होती है। 
  • जरायुजता (Vivipary)- बीजों का मातृ पौधे के ऊपर हो अंकुरित हो जाना। 
  • बसन्तीकरण (Vemalization)- कम ताप उपचार द्वारा पौधों में पुष्पन क्रिया को प्रेरित करना।

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