अजंता की गुफाओं
को सन 1983 में यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत स्थल में शामिल किया गया।
ताजमहल को
यूनेस्को द्वारा 1983 में विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है.
एलोरा गुफा
यूनेस्को द्वारा 1983 में इसे विश्व विरासत स्थल में शामिल किया गया।
कोणार्क का सूर्य
मंदिर इसे सन 1984 में विश्व धरोवर स्थल में शामिल किया गया।
महाबलीपुरम या
मामल्लपुरम यूनेस्को द्वारा 1984 में इन्हें विश्व विरासत स्थल में शामिल किया
गया।
केवलादेव
राष्ट्रीय उद्यान या केवलादेव घना राष्ट्रीय उद्यान इसको 1971 में संरक्षित पक्षी
अभयारण्य घोषित किया गया था और बाद में 1985 में इसे विश्व धरोहर भी घोषित किया
गया है।
काजीरंगा
राष्ट्रीय उद्यान को 1985 में विश्व विरासत स्थल के रूप में घोषित किया गया है।
मानस राष्ट्रीय
उद्यान या मानस वन्यजीव अभयारण्य, जून 2011 से यह पुनः यूनेस्को की विश्व धरोहर
में शामिल कर लिया गया है।
गिरिजाघर एवं
कान्वेंट को यूनेस्को द्वारा सन 1986 में विश्व धरोहर स्थल में शामिल किया गया।
हम्पी भारत
केकर्नाटक राज्य में स्थित यह नगर 1986
में यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत स्थल में शामिल किया गया।
फतेहपुर सीकरी
उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में एक शहर है। यूनेस्को द्वारा सन 1986 में इसे विश्व
धरोवर स्थल में सम्मिलित किया।
खजुराहो , मध्यप्रदेशयूनेस्को को विश्व धरोहर स्थलों की सूची में
1986 में सम्मिलित किया गया ।
सुंदरवन
राष्ट्रीय उद्यान यूनेस्को द्वारा सन 1987में इसे विश्व धरोवर स्थल में सम्मिलित किया।
एलिफेंटा की
गुफाएं को यूनेस्कोे द्वारा वर्ष 1987 में विश्वस विरासत का दर्जा दिया गया है।
पत्तदकल को 1987
में युनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था।
वर्ष 1987 में, यूनेस्को द्वारा
बृहदेश्वर मंदिर को विश्व विरासत स्थल के रूप में घोषित किया गया थाय
नंदा देवी
राष्ट्रीय उद्यान और फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान उत्तराखंड में स्थित है। यूनेस्को
द्वारा इन्हें क्रमशः वर्ष 1988 एवं 2005 में विश्व विरासत स्थल में शामिल किया
गया।
सांची स्तूप को
वर्ष 1989 में इसे युनेस्को द्वारा ‘विश्व विरासत
स्थल’ का दर्जा प्रदान किया गया ।
हुमायूँ का मकबरा
इमारत परिसर मुगल वास्तुकला से प्रेरित मकबरा स्मारक है। यह नई दिल्ली में स्थित
है, वर्ष 1993 में इस इमारत समूह को युनेस्को द्वारा विश्व
धरोहर स्थल घोषित किया गया।
कुतुब मीनार
दिल्ली युनेस्को द्वारा वर्ष 1993में
विश्व धरोहर के रूप में स्वीकृत किया गया है
दार्जिलिंग
हिमालयी रेलवे, नीलगिरि पर्वतीय रेलवे, और कालका-शिमला
रेलवे को संयुक्त रूप से भारतीय पर्वतीय रेलवे कहा जाता है, इन्हें क्रमशः
1999, 2005 एवं 2008 में यूनेस्को द्वारा वैश्विक धरोहर स्थल का
दर्जा प्रदान किया गया
बोधगया, बिहार इसे
यूनेस्को द्वारा2002 में विश्व विरासत
स्थल का दर्जा दिया गया।
भीमबेटका क्षेत्र
को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, भोपाल मंडल ने अगस्त 1990 में राष्ट्रीय
महत्त्व का स्थल घोषित किया।यूनेस्कोद्वारा वर्ष 2003में इसे विश्व धरोहर स्थल घोषित किया।
चंपानेरदृ पावागढ़
पुरातत्व उद्यान, गुजरातवर्ष 2004 में इसे पुरातात्विक स्थल का दर्जा मिला था,यूनेस्कोद्वारा 2004में इसे विश्व धरोहर
स्थल घोषित किया।
छत्रपति शिवाजी
महाराज टर्मिनल यूनेस्कोद्वारा वर्ष
2004में इसे विश्व धरोहर स्थल घोषित
किया।
लाल किला
यूनेस्को द्वारा 2007 में इसे विश्व धरोहर घोषित किया गया।
जंतर मंतर
यूनेस्को द्वारा वर्ष 2010 में इसे विश्व धरोहर घोषित किया गया।
वर्ष 2012 में
यूनेस्को ने पश्चिमी घाट क्षेत्रके
स्थानों को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया है।
राजस्थानमें स्थित छह पहाड़ी किलों के समूह को यूनेस्को
द्वारा वर्ष 2013 में इन किलों को सयुक्त रूप से विश्व धरोहर घोषित किया गया।
महान हिमालयी
राष्ट्रीय उद्यान 2014 में युनेस्को द्वारा ‘विश्व विरासत
स्थल’ का दर्जा प्रदान किया गया।
रानी की वाव
गुजरात को यूनेस्को द्वारा इसे 2014 मे विश्व विरासत स्थल में सम्मिलित किया गया।
नालंदा
विश्वविद्यालय बिहार 2016 में यूनेस्को द्वारा इसे विश्व विरासत स्थलों मेंशामिल किया गया।
कंचनजंगा
राष्ट्रीय उद्यान कोवर्ष 2016 में
यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत स्थल में शामिल किया गया।
चंडीगढ़ कैपिटल
कॉम्प्लेक्स कोवर्ष 2016 में यूनेस्को
द्वारा विश्व विरासत स्थल में शामिल किया गया।
अहमदाबाद का
ऐतिहासिक नगर या पुराना अहमदाबाद, वर्ष 2017 में यूनेस्को द्वारा अहमदाबाद को
वर्ल्ड हेरिटेज सिटी घोषित किया।
मुंबई का
विक्टोरियन और आर्ट डेको एनसेंबल सन 2018 मेंयूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल में शामिल किया गया है।
रास्थान की
राजधानी जयपुर को गुलाबी शहर सन 2019 मेंयूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल में शामिल किया गया है।
धोलावीरा एवम
रामप्पा मंदिर को यूनेस्को द्वारा 2021 विश्व धरोहर स्थल में शामिल किया गया है।
शांतिनिकेतन को यूनेस्को द्वारा भारत के 41वें विश्व धरोहर
स्थल के रूप में मान्यता 2023 में दी गई है।
विश्व विरासत
स्थल क्या होते हैं
यूनेस्को की
विश्व विरासत सूची (World Heritage List) में विभिन्न
क्षेत्रों या वस्तुओं को अंकित किया गया है।
यह सूची यूनेस्को
द्वारा वर्ष 1972 में अपनाई गई ‘विश्व सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहरों के
संरक्षण से संबंधित कन्वेंशन’ नामक एक अंतर्राष्ट्रीय संधि में सन्निहित है।
विश्व विरासत
केंद्र वर्ष 1972 में हुए कन्वेंशन का सचिवालय है।
यह पूरे विश्व
में उत्कृष्ट सार्वभौमिक मूल्यों के प्राकृतिक और सांस्कृतिक स्थलों के संरक्षण को
बढ़ावा देता है।
इसमें तीन प्रकार
के स्थल शामिल हैं: सांस्कृतिक, प्राकृतिक और मिश्रित।
सांस्कृतिक विरासत
(Cultural Heritage) स्थलों में ऐतिहासिक इमारत, शहर स्थल, महत्त्वपूर्ण
पुरातात्त्विक स्थल, स्मारकीय मूर्तिकला और पेंटिंग कार्य शामिल
किये जाते हैं।
प्राकृतिक विरासत
(Natural Heritage) में उत्कृष्ट पारिस्थितिक और विकासवादी
प्रक्रियाएँ, अद्वितीय प्राकृतिक घटनाएँ, दुर्लभ या
लुप्तप्राय प्रजातियों के आवास स्थल आदि शामिल किये जाते हैं।
मिश्रित विरासत (Mixed
Heritage) स्थलों में प्राकृतिक और सांस्कृतिक दोनों प्रकार के
महत्त्वपूर्ण तत्त्व शामिल होते हैं।
भारत में वर्तमान में यूनेस्को द्वारा मान्यता प्राप्त कुल 41 विरासत धरोहर स्थल (33 सांस्कृतिक, 7 प्राकृतिक और 1
मिश्रित) हैं।
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