विश्व किडनी दिवस 2024 थीम उद्देश्य | World Kidney Day 2024
विश्व किडनी दिवस 2024 थीम उद्देश्य
विश्व किडनी दिवस 2024 थीम उद्देश्य
- विश्व किडनी दिवस दुनियाभर में आयोजित किया गया यह दिवस हर वर्ष मार्च महीने के दूसरे बृहस्पतिवार को इस दिवस का आयोजन किया जाता है।
- 2024 विश्व किडनी दिवस 14 मार्च को मनाया जा रहा है ।
- विश्व किडनी दिवस का उद्देश्य किडनी रोग और उससे संबंधित अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के प्रभाव को कम करना तथा मानव स्वास्थ्य में किडनी के महत्त्व के प्रति जागरूकता उत्पन्न करना है।
- विश्व किडनी दिवस पहली बार वर्ष 2006 से मनाना शुरू किया गया था और यह एक प्रकार से वैश्विक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता अभियान है।
- 2024 के लिये इस दिवस की थीम Kidney Health for All रखी गई है। विश्व किडनी दिवस एक अभियान है, जो किडनी रोगों के बढ़ते प्रकोप को दर्शाने और silent killer कहे जाने वाले इस रोग के प्रति लोगों को सचेत करने का काम करता है।
विश्व किडनी दिवस का इतिहास
- 2006 में इसकी शुरुआत से, विश्व किडनी दिवस गुर्दे की बीमारी के महत्व के बारे में आम जनता और निर्णय निर्माताओं के बीच सतर्कता बढ़ाने का सबसे सफल प्रयास बन गया है।
- हर साल विश्व किडनी दिवस हमें याद दिलाता है कि किडनी की बीमारी आम है, हानिकारक है और इलाज योग्य भी है ।
- इस दिन, वृक्क दान, स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों, रोगी समूहों और उन व्यक्तियों द्वारा राष्ट्रीय और अनगिनत स्थानीय कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जो बदलाव लाना चाहते हैं। हम सभी को अभियान में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं और विश्व किडनी दिवस मनाने के लिए एक गतिविधि या कार्यक्रम आयोजित करने का प्रयास कर रहे हैं और गुर्दे की स्वस्थता की आवश्यकता के बारे में सार्वजनिक नोटिस आकर्षित कर रहे हैं, बीमारी आने से पहले किडनी को बचाने के लिए क्या किया जा सकता है, और पहले से बीमार मरीजों की मदद कर सकते हैं।
- दीर्घकालिक गुर्दे की विफलता है। वास्तव में, यह दिन, समुदाय में बाहर निकलने और परिवार, दोस्तों और आपसे मिलने वाली आबादी के साथ विश्व किडनी दिवस संदेश वितरित करने का आदर्श अवसर प्रदान करता है ।
वृक्क से संबन्धित महत्वपूर्ण जानकारी
वृक्क की बाहरी सतह पर दृढ़ संपुट होता है। वृक्क में दो भाग होते हैं - बाहरी वल्कुट (कॉर्टेक्स) और भीतरी मध्यांश (मेडुला)। मध्यांश कुछ शंक्वाकार पिरामिड (मध्यांश पिरामिड) में बँटा होता है जो कि चषकों में फैले रहते हैं। वल्कुट मध्यांश पिरामिड (पिंडों) के बीच फैलकर वृक्क स्तंभ बनाते हैं, जिन्हें बरतीनी-स्तंभ (Columns of Bertini) कहते हैं .
वृक्काणु (नेफ्रोन)
- प्रत्येक वृक्क में लगभग 10 लाख जटिल नलिकाकार संरचना वृक्काणु (नेफ्रोन) पाई जाती हैं जो क्रियात्मक इकाइयाँ हैं । प्रत्येक वृक्काणु के दो भाग होते हैं। जिन्हें गुच्छ (ग्लोमेरूलस) और वृक्क नलिका कहते हैं। गुच्छा वृक्कीय धमनी की शाखा अभिवाही धमनिकाओं (afferent arteriole) से बनी केशिकाओं (कैपिलरी) का एक गुच्छ है। ग्लोमेरूलस से रक्त अपवाही धमनिका (efferent arteriole) द्वारा ले जाया जाता है।
- वृक्क नलिका दोहरी झिल्ली युक्त प्यालेनुमा बोमेन संपुट से प्रारंभ होती है, जिसके भीतर गुच्छ होता है। गुच्छ और बोमेन संपुट मिलकर मेल्पीगीकाय अथवा वृक्क कणिका (कार्पसल) बनाते हैं । बोमेन संपुट से एक अति कुंडलित समीपस्थ संवलित नलिका (पीसीटी) प्रारंभ होती है, इसके बाद वृक्काणु में हेयर पिन के आकार का हेनले-लूप (Henle's loop) पाया जाता है, जिसमें आरोही व अवरोही भुजा होती है। आरोही भुजा से एक ओर अति कुंडलित नलिका, दूरस्थ संवलित नलिका (डीसीटी) प्रारंभ होती है।
- अनेक वृक्काणुओं की दूरस्थ संवलित नलिकाएं एक सीधी संग्रह नलिका में खुलती हैं। अनेक संग्रह नलिकाएं मिलकर चषकों के बीच स्थित मध्यांश पिरामिड से गुजरती हुई वृक्कीय श्रोणि में खुलती हैं। वृक्काणु की वृक्क कणिका, समीपस्थ संवलित नलिका, दूरस्थ संवलित नलिका आदि वृक्क के वल्कुट भाग में, जबकि हेनले लूप मध्यांश में, स्थित होते हैं।
- अधिकांश वृक्काणु के हेनले-लूप बहुत छोटे होते हैं और मध्यांश में बहुत कम धँसे रहते हैं ऐसे वृक्काणुओं को वल्कुटीय वृक्कक कहते हैं। कुछ वृक्काणुओं के हेनले-लूप बहुत लंबे होते हैं तथा मध्यांश में काफी गहराई तक धंसे रहते हैं। इन्हें सान्निध्य मध्यांश वृक्काणु (जक्सटा मेडुलरी नेफ्रोन) कहते हैं । गुच्छ से निकलने वाली अपवाही धमनिका, वृक्कीय नलिका के चारों ओर सूक्ष्म केशिकाओं का जाल बनाती हैं, जिसे परिनालिका केशिका जाल कहते हैं। इस जाल से निकलने वाली एक एक सूक्ष्म वाहिका हेनले लूप के समानांतार चलते हुए 'यू' ('U') आकार की संरचना वासा रेक्टा बनाती है। वल्कुटीय वृक्काणु में वासा रेक्टा या तो अनुपस्थित या अत्यधिक हासित होती है।
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