वैज्ञानिक अनुसंधान एवं विकास के क्षेत्र में CSIR का उद्देश्य क्या है?
वैज्ञानिक अनुसंधान एवं विकास के क्षेत्र में CSIR का उद्देश्य क्या है?
वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) की स्थापना 1942 में एक स्वायत्तशासी संस्था के रूप में की गई। इसका प्रमुख कार्य देश के वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान को प्रोत्साहन, मार्गनिर्देशन तथा समन्वयन स्थापित करना है। इसके अलावा यह विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी विकास की शीर्षस्थ संस्था है, जो विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं का संपादन एवं प्रकाशन करती है। यह न केवल उद्योगों के लिए, अपितु अर्थव्यवस्था के अन्य प्रमुख क्षेत्रों कृषि, सिंचाई, स्वास्थ्य, विद्युत, उत्खनन, परिवहन इत्यादि के क्षेत्रों में अनुसंधान करती है।
कुछ संस्थान राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के संरक्षण में कार्य करते हैं, जो निम्न हैं-
इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टिवेशन ऑफ साइंस- कोलकाता
जगदीशचंद्र बोस संस्थान-कोलकाता
महाराष्ट्र एसोसिएशन फॉर द कल्टिवेशन ऑफ साइंस - पुणे
बीरबल साहनी पुरावनस्पति विज्ञान संस्थान-लखनऊ
रमन अनुसंधान संस्थान, बैंगलुरू
वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान देहरादून
भारतीय भू-चुंबकत्व संस्थान-मुंबई
सत्येन्द्रनाथ बोस राष्ट्रीय विज्ञान केंद्र-कोलकाता
प्लाज्मा अनुसंधान संस्थान - गाँधीनगर
भारतीय तारा भौतिकी संस्थान-बैंगलुरू
भारतीय उष्ण क्षेत्रीय मौसम विज्ञान संस्थान-पुणे
वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकी विभाग कुछ वैज्ञानिक निकायों को भी अनुदान देता है। जैसे-
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