पर्यावरण के लिये भारत द्वारा किये गए प्रयासों का वर्णन कीजिये ? |Efforts for environmental protection
पर्यावरण के लिये भारत द्वारा किये गए प्रयासों का वर्णन कीजिये ?
पर्यावरण के लिये भारत द्वारा किये गए प्रयासों का वर्णन कीजिये ?
- श्रीमती इंदिरा गाँधी के प्रधानमंत्रित्व काल (1972) में पहली बार पर्यावरणीय संरक्षण के विविध पहलुओं पर विचार-विमर्श के लिए एक समिति गठित की गयी। जनसाधारण के प्रति जागरूकता लाने के लिए वर्ष 1976 में 42वाँ संविधान संशोधन कर नीति-निर्देशक तत्व के अन्तर्गत अनुच्छेद 48ए तथा मूल कर्त्तव्यों के अन्तर्गत अनुच्छेद 51 ए में क्रमशः यह प्रावधान किया गया कि 'पर्यावरण का संरक्षण तथा संवर्द्धन और वन तथा वन्य जीवों की रक्षा की जाए' और 'भारत के नागरिकों का यह कर्तव्य है कि सम्पूर्ण भारत को पर्यावरणीय स्वच्छता प्रदान करें। इसके लिए आवश्यक है कि पर्यावरण को सुधार, उसे सरक्षण दें तथा प्राणीमात्र के प्रति दया का भाव रखें। इन उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए अनेक कानून और विनियामक उपाय हैं। कानूनों के अलावा राष्ट्रीय संरक्षण रणनीति और पर्यावरण और विकास पर नीतिगत वक्तव्य 1992, राष्ट्रीय पर्यावरण नीति 1988 प्रदूषण नियंत्रण वक्तव्य 1992 और राष्ट्रीय पर्यावरण नीति 2000 भी भविष्य में कार्रवाई की देख-रेख करेंगे। उल्लेखनीय है कि पर्यावरण संबंधी तथ्यों के क्रियान्वयन का उत्तरदायित्व पर्यावरण एवं वन मंत्रालय पर है।
राष्ट्रीय पर्यावरण नीति-2006
- राष्ट्रीय पर्यावरण नीति मौजूदा नीतियों को लेकर बनाई गई है (उदाहरणार्थ, राष्ट्रीय वन नीति, 1988;
- राष्ट्रीय संरक्षण रणनीति और पर्यावरण एवं विकास पर नीति वक्तव्य, 1992; और प्रदूषण क्षरण पर नीति वक्तव्य, 1992;
- राष्ट्रीय कृषि नीति, 2000;
- राष्ट्रीय जनसंख्या नीति, 2000;
- राष्ट्रीय जल नीति, 2002 इत्यादि) ।
- यह नियामकीय सुधार; पर्यावरणीय संरक्षण हेतु कार्यक्रम एवं प्रोजेक्ट; केंद्र, राज्य एवं स्थानीय सरकारों द्वारा कानूनों की समीक्षा एवं कार्यान्वयन की कार्रवाई में भावी निर्देशक का कार्य करती है।
राष्ट्रीय पर्यावरण अपीलीय प्राधिकरण-इस स्वायत्त
- निकाय की स्थापना 17 जनवरी, 1998 को सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश एन.जी. बैंकटचेलैया की अध्यक्षता में की गयी। प्राधिकरण के निर्णय को किसी दूसरी अदालत में प्रश्नगत नहीं किया जा सकता और न कोई अदालत प्राधिकरण को सौंपे गये मामलों को अपने न्यायाधिकार क्षेत्र में शामिल कर सकती थी।
राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण अधिनियम
- इस अधिनियम का अनुमोदन 2 जून, 2010 को किया। इस अधिनियम के तहत् पर्यावरण, वनों के संरक्षण और प्राकृतिक संसाधनों संबंधी मामलों की सुनवाई के लिए अलग से एक राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण का गठन केंद्र सरकार ने 19 अक्टूबर, 2010 को किया। न्यायाधिकरण का मुख्यालय दिल्ली में स्थापित किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश लोकेश्वर सिंह पांटा को इस 20 सदस्यीय राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। इस न्यायाधिकरण को उच्च न्यायालय का दर्जा दिया गया है तथा इसकी 4 पीठें (बेंच) देश के विभिन्न शहरों में स्थापित की जाएँगी।
पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन (ईआईए)
- पर्यावरण पर मानवोद्भद् गतिविधियों द्वारा पड़ने वाले संभावित प्रभाव को 'पर्यावरणीय प्रभाव' कहा जाता है। मानवीय क्रियाकलापों के पर्यावरणीय प्रभावों के मूल्यांकन व आकलन को 'पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन' कहा जा सकता है। प्राकृतिक संसाधनों के दोहन तथा प्रसंस्करण के दौरान पर्यावरण पर पड़ने वाले मानवजनित प्रभावों के संबंध में दिये गये सामान्य वक्तव्यों को 'पर्यावरण प्रभाव वक्तव्य' (ईआईएस) कहा जाता है।
ईआईए के व्यापक पहलू इस प्रकार हैं-
1. मौजूदा पर्यावरणीय दशाओं की समीक्षा।
2. उत्पादन पद्धतियों की उपयोगिता का निर्धारण ।
3. ईआईए से जुड़ी कार्य प्रणालियाँ।
4. परियोजनाओं का पर्यावरण पर प्रभाव।
5. मौजूदा उत्पादन तकनीक के सुधार एवं रूपांतरण द्वारा पर्यावरण के संरक्षण की तकनीकों का विकास।
पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1988 (Environmental (Protection) Act 1986
यह सम्पूर्ण भारत पर लागू होता है। इसके अन्तर्गत निम्नलिखित प्रावधान हैं-
1. पर्यावरण के अन्तर्गत जल, वायु, भूमि, मनुष्य, प्राणी, पौधे, सूक्ष्म जीवाणु तथा सम्पत्ति एवं इनके मध्य सम्बन्ध सम्मिलित हैं।
2. पर्यावरण प्रदूषक ऐसा ठोस, द्रव या गैसीय पदार्थ है, जो ऐसी सांद्रता में विद्यमान है कि पर्यावरण के लिए हानिकारक हो सकता है।
3. पर्यावरण नूषण का अर्थ पर्यावरण में प्रदूषकों का होना आवश्यक है।
4. ऐसे पदार्थ के निर्माण, पैकिंग, भण्डारण, परिवहन उपयोग, विनाश तथा विक्रय के दौरान हाथों से छूना ।
5. संकटमय (Hazardous) पदार्थों का निर्माण जो अपने रासायनिक या भौतिक गुणों से मनुष्यों, प्राणियों, वनस्पति, सूक्ष्मजीवों या पर्यावरण को हानि पहुँचा सकता है।
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