श्री विश्वनाथ प्रताप सिंह भारत के 7वें प्रधान मंत्री
विश्वनाथ प्रताप सिंह (25 जून 1931 -
27
नवंबर 2008),
कार्यकाल 2 दिसंबर 1989 – 10 नवंबर 1990
राजा बहादुर राम गोपाल सिंह के पुत्र श्री वी.पी. सिंह का जन्म 25 जून 1931 को इलाहाबाद में हुआ था। उन्होंने इलाहाबाद एवं पूना विश्वविद्यालय
से शिक्षा प्राप्त की थी। 25 जून 1955 को श्रीमती सीता कुमारी से उनका विवाह हुआ एवं उनके दो बेटे हैं।
विद्वान् श्री वी.पी. सिंह इलाहाबाद के कोरॉव में स्थित गोपाल
विद्यालय इंटर कालेज के संस्थापक थे। वे 1947-48 में वाराणसी के उदय प्रताप कॉलेज में छात्र संघ के अध्यक्ष थे एवं
इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्र संघ के उपाध्यक्ष भी रहे। उन्होंने 1957 में भूदान आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग
लिया एवं इलाहाबाद जिले के पासना गांव में सुस्थित खेत को दान में दिया था।
वे अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी, 1969 से 71 तक इलाहाबाद विश्वविद्यालय के
कार्यकारी निकाय एवं उत्तर प्रदेश विधान सभा के सदस्य रहे। वे 1971 से 74 तक संसद (लोकसभा) के सदस्य, अक्टूबर 1974 से नवंबर 1976 तक वाणिज्य उपमंत्री, नवंबर 1976 से मार्च 1977 तक वाणिज्य संघ राज्य मंत्री, 3 जनवरी से 26 जुलाई 1980 तक संसद (लोकसभा) के सदस्य रहे। वे 9 जून 1980 से 28 जून 1982 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे, 21 नवंबर 1980 से 14 जून 1981 तक उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य और 15 जून 1981 से 16 जुलाई 1983 तक उत्तर प्रदेश विधान सभा के सदस्य रहे।
वे 29 जनवरी 1983 से केंद्रीय वाणिज्य मंत्री रहे एवं 15 फरवरी 1983 से आपूर्ति विभाग का अतिरिक्त प्रभार
संभाला। वे 16 जुलाई 1983 से संसद (राज्य सभा) के सदस्य रहे। वे 1 सितंबर 1984 को उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के
अध्यक्ष चुने गए और 31 दिसंबर 1984 को केंद्रीय वित्त मंत्री बने।
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