Current Affairs Fact July 2024 in Hindi | जुलाई 2024 समसमयिकी प्रमुख तथ्य
Current Affairs Fact July 2024 in Hindi
जुलाई 2024 समसमयिकी प्रमुख तथ्य
PLI योजना के तहत ग्लूकागॉन का विनिर्माण
- सरकार ने वर्ष 2026 से भारत में उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजना के तहत ग्लूकागॉन जैसे पेप्टाइड रिसेप्टर एगोनिस्ट (GLP-1RA) ड्रग्स (दवा) के विनिर्माण का फैसला किया है।
- GLP-1RA, मधुमेह रोधी दवाओं के वर्ग से संबंधित है जिसका उपयोग वज़न घटाने के लिये भी किया जाता है।
- GLP-1RA के अलावा निवेशक ओज़ेम्पिक (मधुमेह के लिये) और वेगोवी (मोटापे के लिये) जैसी अन्य दवाएँ बनाने की भी योजना बना रहे हैं तथा इस क्रम में PLI योजना के तहत भारत में विनिर्माण हेतु प्रोत्साहन मिलेगा।
- घरेलू विनिर्माण क्षमता को बढ़ाने के क्रम में PLI योजना एक महत्त्वाकांक्षी योजना है, जिससे आयात में कमी आने के साथ रोज़गार सृजन को प्रोत्साहन मिलेगा।
- मार्च 2020 में शुरू की गई इस योजना के तहत वर्तमान में 14 क्षेत्र शामिल हैं।
- इस योजना के तहत घरेलू तथा विदेशी कंपनियों को भारत में विनिर्माण हेतु वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किया जाता है, जो पाँच वर्षों तक के उनके राजस्व के प्रतिशत के आधार पर निर्धारित होता है।
विश्व का पहला लकड़ी का सैटेलाइट
- जापानी शोधकर्त्ताओं ने विश्व का पहला लकड़ी का सैटेलाइट, लिग्नोसैट बनाया है, जो मैगनोलिया की लकड़ी से बना है तथा जिसके प्रत्येक किनारे की माप मात्र 10 सेंटीमीटर है।
- सैटेलाइट को सितंबर 2024 में कैनेडी अंतरिक्ष केंद्र से स्पेसएक्स रॉकेट के जरिये अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (International Space Station- ISS) तक प्रक्षेपित किया जाएगा, जहाँ इसकी मज़बूती और स्थायित्व का आकलन करने के लिये इसे जापानी ISS प्रयोग मॉड्यूल द्वारा तैनात किया जाएगा।
- शोधकर्त्ताओं का मानना है कि जब यह उपकरण पुनः वायुमंडल में प्रवेश करेगा तो इसका लकड़ी से बना भाग पूरी तरह से जल जाएगा, जिससे हानिकारक धातु कणों का निर्माण बाधित होगा, जो सैटेलाइट के सेवानिवृत्त होने पर पर्यावरण और दूरसंचार को प्रभावित कर सकते हैं।
- एक अन्य घटनाक्रम में यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (European Space Agency- ESA) और जाक्सा (JAXA) द्वारा कैलिफोर्निया से अर्थकेयर सैटेलाइट को रॉकेट द्वारा प्रक्षेपित किया गया, जो तीन वर्षों तक पृथ्वी से 400 किलोमीटर ऊपर परिक्रमा करेगा और अध्ययन करेगा कि मेघ जलवायु परिवर्तन को किस प्रकार प्रभावित करते हैं।
रेड फ्लैग अभ्यास
- आठ भारतीय राफेल लड़ाकू विमान, दो IL-78 एयर-टू-एयर रिफ्यूलर और तीन C-17 ग्लोबमास्टर-III रणनीतिक एयरलिफ्ट विमान के साथ, अमेरिका के अलास्का में प्रतिष्ठित बहुराष्ट्रीय 'रेड फ्लैग' अभ्यास में भाग लेने के लिये तत्पर हैं।
- दो सप्ताह तक चलने वाले उन्नत हवाई युद्ध प्रशिक्षण अभ्यास, रेड फ्लैग अभ्यास का उद्देश्य बहुराष्ट्रीय वातावरण में वायुसैनिकों को एकीकृत करना है, जिसमें 1 से 14 जून, 2024 तक चार देशों के 100 से अधिक विमान और लगभग 3,100 कार्मिक भाग लेंगे।
- भारतीय वायु सेना ने रेड फ्लैग अभ्यास में दो बार भाग लिया, जिसे सबसे यथार्थवादी वायु युद्ध प्रशिक्षण के रूप में जाना जाता है, जहाँ लड़ाकू पायलट कई लक्ष्यों, वास्तविक खतरों और विरोधी शक्तियों के विरुद्ध कौशल को निखारते हैं।
रुद्रम-II
- रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (Defence Research and Development Organisation- DRDO) ने सुखोई-30 MKI लड़ाकू विमान से हवा-से-सतह पर मार करने वाली रुद्रम-II मिसाइल का ओडिशा के तट पर सफलतापूर्वक परीक्षण किया।
- रुद्रम-II एक स्वदेशी रूप से विकसित ठोस ईंधन से चलने वाली वायु-प्रक्षेपित मिसाइल प्रणाली है, जो हवा-से-सतह पर मार करने में सक्षम है।
- यह शत्रु के कई प्रकार के हथियारों को नष्ट कर सकती है।
- यह भारत की हवाई सुरक्षा और रक्षा तैयारियों को मज़बूती प्रदान करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा तथा ‘शक्ति गुणक' के रूप में भी कार्य करेगा।
- इसके प्रदर्शन का मूल्यांकन इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सिस्टम, रडार और टेलीमेट्री स्टेशनों सहित उन्नत रेंज ट्रैकिंग उपकरणों का उपयोग करके किया गया।
विशेषताएँ:
- मारक क्षमता: 300 किलोमीटर तक
- गति: मैक 5.5 तक
- पेलोड क्षमता: 200 किलोग्राम
- संसूचन: 100 किमी. से अधिक दूरी से दुश्मन की रेडियो फ्रीक्वेंसी और रडार संकेतों का पता लगाने में सक्षम
- यह रूस की Kh-31 मिसाइल को प्रतिस्थापित कर सकता है, जिसका उपयोग वर्तमान में भारत के सुखोई लड़ाकू विमानों में किया जाता है।
स्वास्थ्य संवर्द्धन के लिये नेल्सन मंडेला पुरस्कार
- राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य और तंत्रिका विज्ञान संस्थान (National Institute of Mental Health and Neuro Sciences- NIMHANS), बंगलूरू को विश्व स्वास्थ्य संगठन ( World Health Organization- WHO) द्वारा वर्ष 2024 के लिये स्वास्थ्य संवर्द्धन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिये प्रतिष्ठित नेल्सन मंडेला पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
- यह मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने और सभी के लिये सुलभ मानसिक स्वास्थ्य सेवाएँ सुनिश्चित करने के लिये देश की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
- भारत ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से लगभग सभी ज़िलों में टेली-मानस (Tele MANAS) हेल्पलाइन और मानसिक स्वास्थ्य इकाइयों की स्थापना के साथ मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण प्रगति की है।
राष्ट्रीय मानसिक
स्वास्थ्य एवं तंत्रिका विज्ञान संस्थान (NIMHANS):
- यह एक बहु-विषयक संस्थान है जो नैदानिक देखभाल, शिक्षा (स्नातक, स्नातकोत्तर, पीएचडी कार्यक्रम) और अनुसंधान के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य तथा तंत्रिका विज्ञान दोनों पर केंद्रित है।
- इसकी स्थापना वर्ष 1974 में की गई।
- वर्ष 1994 में इसे डीम्ड विश्वविद्यालय घोषित किया गया।
- यह संसद के NIMHANS अधिनियम, 2012 द्वारा शासित है।
- वर्ष 2012 में इसे राष्ट्रीय महत्त्व का संस्थान घोषित किया गया।
- WHO द्वारा स्वास्थ्य संवर्द्धन के लिये नेल्सन मंडेला पुरस्कार:
- स्थापना: इसकी स्थापना वर्ष 2019 में अफ्रीकी क्षेत्र के स्वास्थ्य मंत्रियों की पहल पर की गई।
- पुरस्कार: यह पुरस्कार ऐसे व्यक्ति, संस्थान या गैर-सरकारी संगठन, जो स्वास्थ्य संवर्द्धन में महत्त्वपूर्ण योगदान देते हैं, को दिया जाता है।
चीन का चांग'ई-6
- चीन के चांग’ई-6 यान ने चंद्रमा के दूरस्थ भाग से चट्टान और मिट्टी के नमूने सफलतापूर्वक एकत्र किये तथा चंद्र सतह से उड़ान भरकर पृथ्वी पर वापस आ गया।
- यान का लैंडिंग स्थल दक्षिणी ध्रुव-ऐटकेन बेसिन था, जो 4 अरब वर्ष पूर्व पहले बना एक क्रेटर है, जो 13 किलोमीटर गहरा है और इसका व्यास 2,500 किलोमीटर है।
- चंद्रयान-3 का लैंडिंग स्थल चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास था।
- चंद्रमा के सुदूरवर्ती भाग का मिशन चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि इसमें पृथ्वी के साथ सीधे संचार की कमी है, इसके लिये रिले उपग्रह की आवश्यकता है और समतल लैंडिंग क्षेत्रों की संख्या कम है तथा भूभाग भी दुर्गम है।
- यह मिशन चांग’ई चंद्रमा अन्वेषण कार्यक्रम का छठा मिशन है, जिसका नाम एक “चीन की चंद्रमा देवी” (Chinese moon goddess) के नाम पर रखा गया है। यह नमूने लेकर वापस आने वाला दूसरा डिज़ाइन है, इससे पहले चांग’ई 5 ने 2020 में नज़दीकी क्षेत्र से ऐसा किया था।
- चीन का लक्ष्य 2030 से पहले अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर उतारना है और यह मिशन उस लक्ष्य की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है।
प्रवाह सॉफ्टवेयर
- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organisation- ISRO) ने एयरोस्पेस व्हीकल एयरो-थर्मो-डायनेमिक एनालिसिस Parallel RANS Solver for Aerospace Vehicle Aero-thermo-dynamic Analysis- PraVaHa) के लिये पैरेलल RANS सॉल्वर नामक कम्प्यूटेशनल फ्लुइड डायनेमिक्स (Computational Fluid Dynamics- CFD) सॉफ्टवेयर विकसित किया है।
- प्रवाह (PraVaHa) एक सॉफ्टवेयर उपकरण है जिसे विशेष रूप से प्रक्षेपण वाहनों और पंखयुक्त तथा बिना पंखयुक्त (Winged and Unwinged) पुनः प्रवेश वाहनों जैसे एयरोस्पेस वाहनों के वायुगतिकी एवं ऊष्मागतिकी का विश्लेषण करने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
- यह एयरोस्पेस वाहनों के चारों ओर वायु प्रवाह का अनुकरण करता है तथा परिणामी बलों और तापीय प्रभावों की गणना करता है, जो इन निकायों के लिये आवश्यक आकार, संरचना एवं थर्मल प्रोटेक्शन सिस्टम (TPS) को डिज़ाइन करने के लिये आवश्यक है।
- इसका उपयोग मानव-योग्य प्रक्षेपण वाहनों, जैसे HLVM3, क्रू एस्केप सिस्टम ( Crew Escape System- CES) और क्रू मॉड्यूल (CM) के वायुगतिकीय विश्लेषण के लिये गगनयान मिशन में व्यापक पैमाने पर किया गया है।
- प्रक्षेपण या पुन: प्रवेश के दौरान पृथ्वी के वायुमंडल से गुज़रते समय कोई भी एयरोस्पेस वाहन बाह्य दबाव और ऊष्मा प्रवाह के संदर्भ में गंभीर वायुगतिकीय एवं वायुतापीय भार के अधीन होता है।
- कम्प्यूटेशनल फ्लुइड डायनेमिक्स (CFD) वायुगतिकीय एवं वायुतापीय भार की भविष्यवाणी करने के लिये एक ऐसा उपकरण है जो अवस्था के समीकरण के साथ द्रव्यमान, संवेग और ऊर्जा के संरक्षण के समीकरणों को संख्यात्मक रूप से हल करता है।
QS वर्ल्ड
यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2025
- 2025 के लिये नवीनतम QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग जारी की गई, जिसमें भारतीय विश्वविद्यालयों की वैश्विक स्थिति में महत्त्वपूर्ण सुधार देखा गया।
रैंकिंग की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?
- QS (क्वाक्वेरेली साइमंड्स- एक वैश्विक उच्च शिक्षा विश्लेषक और सेवा प्रदाता) वैश्विक उच्च शिक्षा क्षेत्र के लिये बेजोड़ डेटा, विशेषज्ञता एवं समाधान प्रदान करता है।
- 2025 QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग के संकलन के लिये QS ने 17 मिलियन शोध पत्रों, 176 मिलियन उद्धरणों, विश्व भर के 5,600 संस्थानों के डेटा और 175,798 शिक्षाविदों तथा 105,476 नियोक्ताओं से प्राप्त अंतर्दृष्टि का विश्लेषण करने का दावा किया है।
शीर्ष वैश्विक
संस्थान:
- मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT): लगातार 13वें वर्ष विश्व स्तर पर सर्वश्रेष्ठ संस्थान के रूप में अपना स्थान बरकरार रखा।
- इंपीरियल कॉलेज लंदन: छठे स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँचा।
- हार्वर्ड विश्वविद्यालय और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय: संयुक्त रूप से तीसरे स्थान पर।
क्षेत्रीय
आकर्षण:
- ETH ज़्यूरिख़: 17वें वर्ष भी महाद्वीपीय यूरोप में शीर्ष संस्थान बना हुआ है।
- नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर (NUS) अपना आठवाँ स्थान बरकरार रखते हुए एशिया में एक प्रमुख संस्थान बना हुआ है।
भारत की स्थिति:
- रैंकिंग के इस संस्करण में, 46 विश्वविद्यालयों के साथ, भारतीय उच्च शिक्षा प्रणाली विश्व स्तर पर सातवें स्थान पर है और एशिया में तीसरे स्थान पर है, जो केवल जापान (49 विश्वविद्यालय) और चीन (71 विश्वविद्यालय) से पीछे है।
- 61% भारतीय विश्वविद्यालयों की रैंकिंग में सुधार हुआ है, जिसमें IIT बॉम्बे को भारत में शीर्ष स्थान प्राप्त हुआ है।
- इस बार कुल 61% भारतीय विश्वविद्यालयों की रैंकिंग में सुधार हुआ है, जबकि 24% ने अपना स्थान बरकरार रखा है।
शोध एवं सहयोग:
- प्रति संकाय उद्धरण: इस संबंध में भारत का प्रदर्शन मज़बूत है, जिसका स्कोर 37.8 है, जो वैश्विक औसत 23.5 से अधिक है।
- यह एशिया में मौजूद ऐसे देशों जहाँ 10 से अधिक रैंक प्राप्त करने वाले विश्वविद्यालय हैं, दूसरे स्थान पर है।
- हालाँकि, भारत अंतर्राष्ट्रीय संकाय अनुपात और अंतर्राष्ट्रीय छात्र अनुपात संकेतकों में पीछे है, जो अधिक अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एवं आदान-प्रदान की आवश्यकता को रेखांकित करता है।
शीर्ष भारतीय
संस्थान:
- IIT बॉम्बे: भारत में अग्रणी, IITबॉम्बे 2024 में 149वें स्थान से 2025 में 118वें स्थान पर पहुँच गया।
- IIT दिल्ली: भारत में दूसरा स्थान प्राप्त किया, 197वें स्थान से 47 पायदान नीचे 150वें स्थान पर पहुँचा।
- IIT इंदौर: एकमात्र भारतीय संस्थान रहा जिसकी रैंकिंग में गिरावट आई और यह 454वें स्थान से गिरकर 477वें स्थान पर आ गया।
- नई प्रविष्टियाँ: सिंबायोसिस इंटरनेशनल (Symbiosis International) (डीम्ड यूनिवर्सिटी- Deemed University) शीर्ष 20 यूनिवर्सिटीज़ में शामिल हुई तथा वैश्विक स्तर पर इसकी रैंकिंग 641-650 के बीच है।
17वीं लोक सभा का विघटन
- प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 17वीं लोकसभा को भंग करने की सिफारिश की।
- संविधान के अनुच्छेद 83(2) के अनुसार, बैठक के प्रथम दिन से पाँच वर्ष पूर्ण होने पर संसद के निचले सदन को भंग कर दिया जाता है।
- संसद भंग होने से मौजूदा सदन का कार्यकाल समाप्त हो जाता है और आम चुनाव होने के बाद नए सदन का गठन किया जाता है।
- हालाँकि, प्रधानमंत्री की सलाह पर राष्ट्रपति द्वारा निचले सदन को पहले भी भंग किया जा सकता है।
- इसे तब भी भंग किया जा सकता है, जब राष्ट्रपति को यह लगे कि पिछली सरकार के त्यागपत्र या भंग होने के बाद कोई व्यवहार्य सरकार नहीं बनाई जा सकती।
- राज्यसभा एक स्थायी सदन होने के कारण भंग नहीं होती।
रेपो रेट 8वीं बार भी अपरिवर्तित रही
- भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने लगातार आठवीं बार नीतिगत दर को 6.5% पर अपरिवर्तित रखने का निर्णय लिया।
- मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee- MPC) मुद्रास्फीति पर कड़ा नियंत्रण बनाए रखने तथा सामान्य मानसून की आशा के बीच खाद्य मुद्रास्फीति में वृद्धि पर नज़र बनाए रखने के लिये प्रतिबद्ध है।
- मई 2022 से कुल 250 आधार अंकों की लगातार छह दर वृद्धि के बाद दर वृद्धि चक्र को पिछले वर्ष अप्रैल में निलंबित कर दिया गया था।
- RBI ने चालू वित्त वर्ष के लिये विकास अनुमान को 7% से बढ़ाकर 7.2% कर दिया है।
- भारत में मुद्रास्फीति लक्ष्य निर्धारण वर्ष 2016 में अपनाया गया एक मौद्रिक नीति ढाँचा है, जिसके तहत केंद्र सरकार, भारतीय रिज़र्व बैंक के परामर्श से, पाँच साल में एक बार लक्ष्य मुद्रास्फीति दर निर्धारित करती है।
नागी और नकटी पक्षी अभयारण्यों को रामसर स्थल के रूप में मान्यता
- विश्व पर्यावरण दिवस पर बिहार के नागी और नकटी पक्षी अभयारण्यों को रामसर कन्वेंशन के तहत अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की आर्द्रभूमि के रूप में मान्यता प्रदान की गई है।
- इसके साथ ही भारत में ऐसी आर्द्रभूमियों की कुल संख्या 82 हो गई है।
नागी और नकटी
पक्षी अभयारण्यों की प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं?
भौगोलिक स्थिति:
- दोनों पक्षी अभयारण्य मानव निर्मित आर्द्रभूमि पर निर्मित हुए हैं, जिन्हें मुख्य रूप से नकटी बाँध के निर्माण के माध्यम से सिंचाई के लिये विकसित किया गया है।
- दोनों अभयारण्यों को प्रवासी प्रजातियों के लिये शीतलन आवास के रूप में उनके महत्त्व के कारण वर्ष 1984 में पक्षी अभयारण्य के रूप में नामित किया गया था।
- जलग्रहण क्षेत्र में पहाड़ियों से घिरे शुष्क पर्णपाती वन हैं।
वनस्पति और जीव:
- ये आर्द्रभूमि पक्षियों, स्तनधारियों, मछलियों, जलीय पौधों, सरीसृपों और उभयचरों की 150 से अधिक प्रजातियों के लिये आवास प्रदान करती हैं।
- ये लुप्तप्राय भारतीय हाथी और सुभेद्य देशी कैटफिश जैसी वैश्विक रूप से संकटग्रस्त प्रजातियों की मेज़बानी करते हैं।
- एशियाई जलपक्षी जनगणना, 2023 के अनुसार, नकटी पक्षी अभयारण्य में 7,844 पक्षी पाए गए, जो सर्वेक्षण में सबसे अधिक है, इसके पश्चात् नागी पक्षी अभयारण्य में 6,938 पक्षी पाए गए।
संयुक्त राष्ट्र का WSIS 2024 “चैंपियन” पुरस्कार
- भारत सरकार के दूरसंचार अनुसंधान एवं विकास केंद्र, सी-डॉट (Centre for Development of Telematics) ने "सेल ब्रॉडकास्ट इमरजेंसी अलर्टिंग के माध्यम से मोबाइल-सक्षम आपदा लचीलापन" श्रेणी में संयुक्त राष्ट्र का WSIS 2024 "चैंपियन" पुरस्कार जीता।
- विश्व सूचना समाज शिखर सम्मेलन (World Summit on the Information Society- WSIS) +20 फोरम 2024 का आयोजन अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (International Telecom Union- ITU) द्वारा किया गया।
- ITU सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (ICT) के लिये संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी है।
- इसकी स्थापना वर्ष 1865 में हुई थी और इसका मुख्यालय जिनेवा, स्विटज़रलैंड में है।
- भारत वर्ष 1952 से ITU का नियमित सदस्य बना हुआ है।
- यह पुरस्कार सामाजिक प्रभाव हेतु प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के लिये सी-डॉट की प्रतिबद्धता को मान्यता देता है तथा यह सभी के लिये प्रारंभिक चेतावनी (EW4All) और ITU के कॉमन अलर्टिंग प्रोटोकॉल (Common Alerting Protocol- CAP) जैसी वैश्विक पहलों के अनुरूप है।
- AI फॉर गुड ग्लोबल समिट (WSIS के साथ आयोजित) में सी-डॉट ने धोखाधड़ी/अनधिकृत मोबाइल कनेक्शनों का पता लगाने के लिये ASTR (टेलीकॉम सिम सब्सक्राइबर वेरिफिकेशन हेतु AI और फेशियल रिकॉग्निशन संचालित समाधान) जैसे अपने AI-संचालित समाधानों का प्रदर्शन किया।
वर्ल्ड वेल्थ
रिपोर्ट, 2024
- कैपजेमिनी वर्ल्ड वेल्थ रिपोर्ट (Capgemini World Wealth Report) के अनुसार, भारत के उच्च निवल मूल्य वाले व्यक्तियों (High Net-Worth Individuals- HNWI) की संख्या वर्ष 2022 की तुलना में 2023 में 12.2% बढ़ी है। देश में अब 3.589 मिलियन उच्च निवल मूल्य वाले व्यक्ति हैं।
- भारत के HNWI की वित्तीय संपत्ति वर्ष 2023 में 12.4% बढ़कर 1,445.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गई, जो 2022 में 1,286.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर थी।
- वैश्विक स्तर पर वर्ष 2023 में HNWI की संपत्ति और जनसंख्या में क्रमशः 4.7% और 5.1% की वृद्धि होने का अनुमान है।
वर्ष 2023 में भारत:
- भारत की बेरोज़गारी दर वर्ष 2023 में घटकर 3.1 प्रतिशत हो गई, जो वर्ष 2022 में 7 प्रतिशत थी।
- बाज़ार पूंजीकरण में 29.0% की वृद्धि हुई, जबकि वर्ष 2022 में इसमें 6% की वृद्धि हुई थी।
- सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में देश की राष्ट्रीय बचत वर्ष 2022 के 29.9 प्रतिशत की तुलना में वर्ष 2023 में बढ़कर 33.4 प्रतिशत हो गई।
- HNWI वे हैं जिनके पास 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर या उससे अधिक की निवेश योग्य परिसंपत्तियाँ हैं, जिनमें उनका प्राथमिक निवास, संग्रहणीय वस्तुएँ, उपभोग्य वस्तुएँ और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएँ शामिल नहीं हैं।
जोल्फा
- ईरान के राष्ट्रपति और विदेश मंत्री की ईरान के पूर्वी अज़रबैजान प्रांत के जोल्फा में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु हो गई।
- यह अमेरिका निर्मित Bell-212 हेलीकॉप्टर था, जो पुराना होने के बावजूद अपनी विश्वसनीयता के लिये जाना जाता था।
जोल्फा:
- जोल्फा ईरान के पूर्वी अज़रबैजान प्रांत के जोल्फा काउंटी (Jolfa County) के मध्य ज़िले में एक शहर है।
- यह काउंटी और ज़िले दोनों की राजधानी के रूप में कार्य करता है।
- जोल्फा को अरस नदी (Aras River), अज़रबैजान की सीमा पर स्थित जुल्फा शहर से अलग करती है।
विपक्ष के नेता
- कॉन्ग्रेस कार्य समिति (Congress Working Committee- CWC) ने 18वीं लोकसभा में विपक्ष के नेता (Leader of the Opposition- LoP) के चयन के लिये सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया है।
विपक्ष के नेता (LOP):
- लोकसभा की कुल सदस्य संख्या के दसवें भाग से कम सीटें न रखने वाले सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता को विपक्ष का नेता माना जाता है।
- वह लोक लेखा (अध्यक्ष), सार्वजनिक उपक्रम, प्राक्कलन जैसी महत्त्वपूर्ण समितियों तथा कई संयुक्त संसदीय समितियों के भी सदस्य होंगे।
- वह केंद्रीय सतर्कता आयोग, केंद्रीय सूचना आयोग, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (Central Bureau of Investigation- CBI), राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission- NHRC) और लोकपाल जैसे वैधानिक निकायों के प्रमुखों की नियुक्ति के लिये ज़िम्मेदार विभिन्न चयन समितियों का सदस्य होने का हकदार है।
- वह सरकार की नीतियों की रचनात्मक आलोचना करते हैं और एक वैकल्पिक सरकार प्रदान करते हैं।
- दोनों सदनों में विपक्ष के नेता को संसद में विपक्ष के नेता के वेतन और भत्ते अधिनियम, 1977 के तहत वैधानिक मान्यता प्रदान की गई है तथा वे कैबिनेट मंत्री के समकक्ष वेतन, भत्ते एवं अन्य सुविधाएँ प्राप्त करने के हकदार हैं।
- संविधान में विपक्ष के नेता के पद का उल्लेख नहीं है।
क्रायोनिक्स
- सदर्न क्रायोनिक्स (ऑस्ट्रेलिया में एक कंपनी) ने घोषणा की कि उसने अपने पहले ग्राहक को भविष्य में पुनर्जीवित करने की उम्मीद के साथ सफलतापूर्वक फ्रीज़ कर दिया है।
- पहला मरीज़ 80 वर्षीय व्यक्ति था, जिसकी मई 2024 में सिडनी के एक अस्पताल में मृत्यु हो गई।
- क्रायोनिक्स में मानव शरीर को क्रायोजेनिक तापमान (-196°C) पर इस आशा के साथ रखा जाता है कि एक दिन, चिकित्सा विज्ञान उम्र बढ़ने और बीमारी के कारण होने वाली आणविक क्षति की मरम्मत करने में सक्षम हो जाएगा और रोगी को पूर्ण स्वास्थ्य में वापस ला सकेगा।
- इस प्रक्रिया में प्रारम्भ में व्यक्ति के शरीर को बर्फ से 6°C तक ठंडा किया जाता है तथा उसके बाद हृदय-फेफड़े बाईपास मशीन (heart-lung bypass machine) का उपयोग करके परिरक्षक घोल को प्रसारित किया जाता है, इसके बाद तापमान को और कम किया जाता है।
- इसके अलावा, शव को एक विशेष स्लीपिंग बैग में लपेटा जाता है तथा ड्राय आइस में पैक करके तापमान को -80°C तक लाया जाता है और फिर धीरे-धीरे तापमान को -200°C तक कम करते हुए एक शीतलन कक्ष में रखा जाता है, फिर उसे एक पॉड में रखकर एक विशेष टैंक में उल्टा करके रखा जाता है।
- हालाँकि, चिंता का विषय संपूर्ण मानव शरीर को पुनर्जीवित करने के वैज्ञानिक और नैतिक पहलुओं के साथ-साथ ऐसी प्रगति के लिये आवश्यक विस्तारित समय-सीमा भी है।
मैत्री सेतु
- मैत्री सेतु, जिसे भारत-बांग्लादेश मैत्री पुल के रूप में भी जाना जाता है, यह सितंबर तक खुल जाएगा, जो भारत के स्थल-रुद्ध पूर्वोत्तर को बंगाल की खाड़ी से जोड़ेगा।
मैत्री-सेतु की प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं?
- 1.9 किलोमीटर लंबा यह पुल सबरूम (त्रिपुरा में) को रामगढ़ (बांग्लादेश में) के साथ जोड़ता है।
- मैत्री सेतु का निर्माण फेनी नदी पर किया गया है, जो भारत (त्रिपुरा में) और बांग्लादेश के बीच सीमा का काम करती है।
- 'मैत्री सेतु' नाम भारत और बांग्लादेश के बीच द्विपक्षीय तथा मैत्रीपूर्ण संबंधों में हो रही वृद्धि का प्रतीक है।
- यह एकल-स्पैन संरचना वाला एक पूर्व-तनावयुक्त कंक्रीट पुल है जो सुचारु यातायात और माल प्रवाह को सुगम बनाता है।
- इस पुल के निर्माण को राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (National Highways and Infrastructure Development Corporation- NHIDCL) द्वारा किया गया है।
- NHIDCL एक सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी है जिसकी स्थापना वर्ष 2014 में भारत के राष्ट्रीय राजमार्गों और सामरिक सड़कों के विकास तथा रखरखाव के लिये की गई थी। यह सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ( Ministry of Road Transport and Highways- MoRTH) की नोडल एजेंसी के रूप में काम करती है।
BRICS का विस्तार
- BRICS के विदेश मंत्रियों ने वर्ष 2023 में मिस्र, ईरान, संयुक्त अरब अमीरात (UAE), सऊदी अरब एवं इथियोपिया को इसमें शामिल करने के बाद अपनी पहली बैठक का आयोजन किया।
- ये देश 1 जनवरी 2024 से BRICS में शामिल हुए हैं।
BRICS: परिचय:
- BRICS विश्व की पाँच अग्रणी उभरती अर्थव्यवस्थाओं- ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के समूह के लिये दिया गया एक संक्षिप्त शब्द (Abbreviation) है।
- BRICS के सदस्य देशों का शिखर सम्मेलन प्रतिवर्ष होता है।
- वर्ष 2023 में 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता दक्षिण अफ्रीका ने की थी और अक्तूबर 2024 में 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता रूस द्वारा की जाएगी।
BRICS का गठन:
- इस समूह का गठन पहली बार अनौपचारिक रूप से वर्ष 2006 में रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में G8 (अब G7) आउटरीच शिखर सम्मेलन के दौरान ब्राज़ील, रूस, भारत और चीन (BRIC) नामक देशों के प्रमुखों की बैठक के दौरान किया गया था, जिसे आगे चलकर वर्ष 2006 में न्यूयॉर्क में होने वाली BRIC देशों के विदेश मंत्रियों की पहली बैठक के दौरान औपचारिक रूप दिया गया था। वर्ष 2009 में BRIC का पहला शिखर सम्मेलन रूस के येकातेरिनबर्ग में हुआ था। इसके अगले वर्ष (2010) इसमें दक्षिण अफ्रीका के शामिल होने के बाद इसे BRICS नाम दिया गया।
जिमेक्स 24
- द्विपक्षीय जापान-भारत समुद्री अभ्यास, 2024 (JIMEX 24) का आठवाँ संस्करण जापान के योकोसुका में प्रस्तावित है।
- इस संयुक्त अभ्यास में बंदरगाह और समुद्री दोनों तरह के चरण शामिल किये गए हैं। बंदरगाह चरण में नौसैन्य गतिविधियों से सबंधित खेल व सामाजिक समन्वय कार्यक्रम होना शामिल हैं। इसके बाद दोनों देशों की नौसेनाएँ जटिल बहु-आयामी संचालन कुशलता के माध्यम से अपनी सहभागिता के साथ क्षमताओं को बढ़ाने पर बल देंगी।
- भारतीय नौसेना का प्रतिनिधित्व INS शिवालिक और जापान की नौसेना का प्रतिनिधित्व गाइडेड मिसाइल विध्वंसक JS युगिरी द्वारा किया जा रहा है।
- दोनों नौसेनाओं के एकीकृत हेलीकॉप्टर भी संयुक्त अभ्यास में शामिल हो रहे हैं।
- जिमेक्स 24 दोनों देशों को एक-दूसरे की सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों से सीखने का अवसर प्रदान करता है और आपसी सहयोग को बढ़ावा देने तथा हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा के प्रति अपनी साझा प्रतिबद्धता की पुष्टि करने के लिये भारतीय नौसेना व जापान की नौसेना के मध्य परिचालन संबंधी कार्रवाई को सुविधाजनक बनाता है।
- भारत और जापान के बीच अन्य द्विपक्षीय अभ्यासों में मालाबार अभ्यास (नौसेना अभ्यास), ‘वीर गार्जियन’ SHINYUU मैत्री (वायु सेना) तथा धर्म गार्जियन (थल सेना) शामिल हैं।
वैश्विक पवन दिवस
2024
- 15 जून, 2024 को नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) ने “पवन-ऊर्जा: भारत के भविष्य को सशक्त बनाना” के केंद्रीय विषय के साथ ‘वैश्विक पवन दिवस’ (Global Wind Day 2024) का आयोजन किया।
- इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारतीय पवन ऊर्जा क्षेत्र की सफलता का जश्न मनाना तथा भारत में पवन ऊर्जा को अपनाने में तीव्रता लाने के तरीकों पर चर्चा करना था।
- मई 2024 तक भारत की संचयी स्थापित पवन ऊर्जा क्षमता 46.4 गीगावॉट (चीन, अमेरिका तथा जर्मनी के बाद दुनिया में चौथी सबसे बड़ी) है।
- वर्ष 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन-आधारित ऊर्जा संसाधनों से अपनी विद्युत ऊर्जा की स्थापित क्षमता का 50 प्रतिशत और वर्ष 2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य प्राप्त करने के भारत के प्रयासों के लिये पवन ऊर्जा महत्त्वपूर्ण घटक है।
- गुजरात, कर्नाटक तथा तमिलनाडु भारत में पवन ऊर्जा उत्पादक अग्रणी राज्य हैं।
कावली पुरस्कार
- आठ वैज्ञानिकों को खगोल भौतिकी, तंत्रिका विज्ञान और नैनो विज्ञान में उनके योगदान के लिये 2024 कावली पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- इस वर्ष पुरस्कार से सम्मानित सभी आठ वैज्ञानिक अग्रणी अमेरिकी विश्वविद्यालयों में प्रोफेसर हैं।
कावली पुरस्कार
- कावली पुरस्कार से अलग कावली पदक (Kavli Medal), पर्यावरण विज्ञान और इंजीनियरिंग में उत्कृष्टता के लिये प्रतिवर्ष प्रदान किया जाता है।
- यह ब्रिटेन, राष्ट्रमंडल या आयरिश गणराज्य के नागरिकों या कम-से-कम तीन वर्षों के निवास अनुभव वाले निवासियों के लिये खुला है।
- PhD प्राप्त करने के 15 वर्षों के भीतर, कॅरियर अंतराल को छोड़कर, प्रारंभिक कॅरियर वाले वैज्ञानिकों को यह पुरस्कार प्रदान किया जाता है।
- संयुक्त भौतिक और जैविक विज्ञान पुरस्कार समिति की अनुशंसाओं के आधार पर रॉयल सोसाइटी काउंसिल द्वारा प्राप्तकर्त्ताओं का चयन किया जाता है। नामांकन पाँच वर्ष तक वैध होता है, जिसके उपरांत उम्मीदवारों को पुनः नामांकित होने से पूर्व एक वर्ष की अवधि तक इंतज़ार करना पड़ता है।
कावली पुरस्कार क्या है?
- कावली पुरस्कार एक अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार है जो वैज्ञानिकों को खगोल भौतिकी, नैनोसाइंस और तंत्रिका विज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिये मान्यता प्रदान करता है।
- प्रत्यके दो वर्ष में दिये जाने वाले इस पुरस्कार की शुरुआत वर्ष 2008 में हुई थी। इसका नाम नॉर्वेजियन-अमेरिकी व्यवसायी और लोकोपकारक फ्रेड कावली (Fred Kavli) के नाम पर रखा गया है।
- यह पुरस्कार नॉर्वेजियन एकेडमी ऑफ साइंस एंड लेटर्स द्वारा कावली फाउंडेशन और नॉर्वेजियन शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्रालय के साथ साझेदारी में प्रदान किया जाता है।
तरंग शक्ति-2024
- अगस्त 2024 में भारत तरंग शक्ति-2024 नामक अपने पहले बहुराष्ट्रीय हवाई अभ्यास का आयोजन करेगा, जिसमें 10 देश भाग लेंगे तथा इसमें कुछ अन्य पर्यवेक्षक के रूप में शामिल होंगे।
- यह अमेरिका द्वारा आयोजित रेड फ्लैग अभ्यास से प्रेरित है
- इसका आयोजन दो चरणों में होगा, जिसका पहला चरण दक्षिण भारत में और दूसरा पश्चिम में होगा।
- इसमें ऑस्ट्रेलिया, फ्राँस, जर्मनी, जापान, स्पेन, संयुक्त अरब अमीरात, यूनाइटेड किंगडम तथा संयुक्त राज्य अमेरिका के भाग लेने की आशा है
- इसमें जर्मनी द्वारा A-400M विमान का प्रदर्शन किया जाएगा। इसे मध्यम परिवहन विमान की श्रेणी में खुले टेंडर के संभावित विकल्प के रूप में माना जा रहा है
- हाल ही में भारतीय वायु सेना (IAF) ने अलास्का में 4 से 14 जून 2024 तक हवाई अभ्यास रेड फ्लैग, 2024 के दूसरे संस्करण में भाग लिया।
- सिंगापुर तथा अमेरिकी विमानों के साथ भारतीय राफेल भी संयुक्त अभ्यास में शामिल हुआ। इन आयोजित मिशनों में आक्रामक काउंटर एयर और एयर डिफेंस भूमिकाओं में लार्ज फोर्स एंगेजमेंट के एक भाग के रूप में बियॉन्ड विजुअल रेंज युद्ध अभ्यास शामिल थे।
विश्व मगरमच्छ
दिवस 2024
- 17 जून को विश्व मगरमच्छ दिवस मनाया जाता है। यह दिन विश्व भर में संकटग्रस्त मगरमच्छों एवं घड़ियालों की स्थिति को उजागर करने के लिये एक वैश्विक जागरूकता अभियान है।
मगरमच्छ संरक्षण परियोजना क्या है?
- मगरमच्छ संरक्षण परियोजना, वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के पारित होने के तुरंत बाद संयुक्त राष्ट्र तथा भारत सरकार द्वारा शुरू की गई थी।
- प्राथमिक उद्देश्य प्राकृतिक आवासों की रक्षा करना, कैप्टिव ब्रीडिंग के माध्यम से मगरमच्छों की संख्या को बढ़ावा देना और साथ ही प्राकृतिक वातावरण में नवजात शिशु के जीवित रहने की कम दर का समाधान करना।
- इस परियोजना के तहत देश के संकटग्रस्त मगरमच्छों के संरक्षण एवं पुनर्वास हेतु भारत में 34 स्थानों पर प्रजनन केंद्र स्थापित किये गए, जिनमें भितरकनिका भी शामिल है, इसमें विशेष रूप से खारे पानी मगरमच्छों या समुद्री मगरमच्छों (क्रोकोडाइलस पोरोसस) पर ध्यान केंद्रित किया गया।
मगरमच्छ की वर्तमान संख्या और वितरण:
- भितरकनिका में खारे जल के मगरमच्छों की संख्या वर्ष 1975 में 95 थी, जो नवीनतम सरीसृप जनगणना रिपोर्ट (2023) के अनुसार बढ़कर 1,811 हो गई है।
- वर्तमान में खारे जल के मगरमच्छ भारत में तीन मुख्य स्थानों पर पाए जाते हैं: भितरकनिका, सुंदरबन तथा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह।
मानव-मगरमच्छ
संघर्ष:
- भितरकनिका में मगरमच्छों की बढ़ती संख्या के कारण मनुष्यों के साथ संघर्ष की घटनाएँ बढ़ गई हैं, जिसके परिणामस्वरूप वर्ष 2014 से अब तक 50 मौतें हो चुकी हैं, जिसके कारण अधिकारियों को हमलों को रोकने के लिये 120 नदी तटों पर बैरिकेड्स लगाने पड़े, जिसके पश्चात् भी संघर्ष जारी है।
नालंदा विश्वविद्यालय का उद्घाटन
- भारतीय प्रधानमंत्री ने नालंदा विश्वविद्यालय के परिसर का औपचारिक उद्घाटन किया।
- यह बिहार के बिहार शरीफ ज़िले में राज़गीर नामक स्थान पर स्थित 455 एकड़ में विस्तृत है। यह स्थल प्राचीन नालंदा बौद्ध मठ से मात्र 12 कि.मी. दूरी पर स्थित है।
नालंदा विश्वविद्यालय का इतिहास
- गुप्त वंश के सम्राट कुमारगुप्त (शक्रदित्य) ने 5वीं शताब्दी के प्रारंभ में आधुनिक बिहार में 427 ई. में नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना की थी, जो कि 12वीं शताब्दी तक 600 वर्षों तक चला।
- हर्षवर्धन और पाल राजाओं के काल में, यह बहुत लोकप्रिय हुआ।
- राजा हर्षवर्धन के शासनकाल (606-647 ई.) के दौरान चीनी विद्वान ज़ुआन ज़ांग (जिन्हें ह्वेनत्सांग और मोक्षदेव के नाम से भी जाना जाता है, जो 7वीं शताब्दी के चीनी बौद्ध भिक्षु, विद्वान, यात्री और अनुवादक थे) यहाँ आए और लगभग 5 वर्षों तक अध्ययन किया।
- वे नालंदा से कई शास्त्र भी अपने साथ ले गए, जिनका बाद में चीनी भाषा में अनुवाद किया गया।
- 670 ई. में एक अन्य चीनी तीर्थयात्री इत्सिंग ने नालंदा का दौरा किया। जिसके बारे में उन्होंने कहा कि नालंदा में 2,000 छात्र निवास करते थे और 200 गाँवों से मिलने वाले धन से इसका भरण-पोषण होता था।
- यहाँ चीन, मंगोलिया, तिब्बत, कोरिया और अन्य एशियाई देशों से बड़ी संख्या में छात्र अध्ययन के लिये आते थे।
- कुछ पुरातात्विक साक्ष्य इंडोनेशियाई शैलेंद्र राजवंश के संपर्क का भी संकेत देते हैं, जिनके राजाओं में से एक ने परिसर में एक मठ का निर्माण किया था।
- भगवान बुद्ध और भगवान महावीर जैसे आध्यात्मिक देवताओं (Spiritual Divines) ने इस क्षेत्र में ध्यान किया, जिससे इस क्षेत्र की सकारात्मक जीवंतता में वृद्धि हुई।
- नागार्जुन, आर्यभट्ट और धर्मकीर्ति जैसे महान गुरुओं ने प्राचीन नालंदा की विद्वत्तापूर्ण परंपराओं में योगदान दिया।
- तुर्क शासक कुतुबुद्दीन ऐबक के सेनापति बख्तियार खिलजी ने वर्ष 1193 में विश्वविद्यालय को नष्ट कर दिया था।
- वर्ष 1812 में स्कॉटिश सर्वेक्षक फ्राँसिस बुकानन-हैमिल्टन द्वारा इसकी पुनः खोज की गई तथा बाद में वर्ष 1861 में सर अलेक्जेंडर कनिंघम द्वारा इसे प्राचीन विश्वविद्यालय के रूप में पहचान मिली।
आक्रमण:
- नालंदा महाविहार पर पहला आक्रमण गुप्त साम्राज्य के सम्राट समुद्रगुप्त के शासनकाल के दौरान 455-470 ई. के बीच हुआ था।
- आक्रमणकारी हूण थे, जो एक मध्य एशियाई आदिवासी समूह था, यह आक्रमण मुख्य रूप से विश्वविद्यालय के बहुमूल्य संसाधनों को लूटने की इच्छा से प्रेरित था।
- सम्राट स्कंद गुप्त ने बाद में विश्वविद्यालय को पुनः स्थापित किया। उसके शासनकाल के दौरान ही प्रसिद्ध नालंदा पुस्तकालय की स्थापना की गई थी।
- नालंदा महाविहार पर दूसरा आक्रमण 7वीं शताब्दी के प्रारंभ में हुआ था, जिसकी योजना बंगाल के गौड़ सम्राटों द्वारा तैयार की गई थी।
- यह आक्रमण कन्नौज के सम्राट हर्षवर्धन के साथ राजनीतिक तनाव के कारण हुआ था।
- विनाश के बावजूद, हर्षवर्धन ने विश्वविद्यालय को बहाल किया, जिससे नालंदा को वैश्विक ज्ञान प्रसार के अपने मिशन को जारी रखने की अनुमति मिली।
बायो-बिटुमेन
- भारत ने बायोमास या कृषि अपशिष्ट से बड़े पैमाने पर बायो-बिटुमेन या जैव-कोलतार का उत्पादन शुरू करने की योजना शुरू की है।
बायो-बिटुमेन क्या है?
- बायो-बिटुमेन एक जैव-आधारित बाइंडर (बंधक) है, जो वनस्पति तेलों, फसल के ठूंठ, शैवाल, लिग्निन (लकड़ी का एक घटक) या यहाँ तक कि पशु खाद जैसे नवीकरणीय स्रोतों से प्राप्त होता है।
- उत्पत्ति और उत्पादन: बिटुमेन मुख्य रूप से कच्चे तेल के आसवन से प्राप्त होता है। रिफाइनिंग के दौरान, गैसोलीन और डीज़ल जैसे हल्के घटकों को हटाने के बाद भारी बिटुमेन बच जाता है। यह प्राकृतिक रूप से जमाव में भी पाया जा सकता है, जैसे कि तेल रेत में।
बिटुमेन के गुण और उपयोग:
- यह अपने जलरोधी और चिपकने वाले गुणों के लिये जाना जाता है तथा इसका उपयोग सड़क निर्माण (डामर फर्श) एवं इमारतों व समुद्री संरचनाओं में जलरोधी अनुप्रयोगों में बड़े पैमाने पर किया जाता है।
बायो-बिटुमेन का उपयोग के तरीके:
- प्रत्यक्ष प्रतिस्थापन: डामर में पेट्रोलियम बिटुमेन को पूर्णतः बायो-बाइंडर से प्रतिस्थापित करना।
- संशोधक: पारंपरिक बिटुमेन के गुणों में सुधार के लिये उसमें जैव-पदार्थ मिलाना।
- कायाकल्प: पुराने डामर फुटपाथों की गुणवत्ता और कार्यक्षमता को बहाल करना।
हंसा मेहता को सम्मान
- संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के अध्यक्ष द्वारा कूटनीति में महिलाओं के लिये अंतर्राष्ट्रीय दिवस (24 जून) पर हंसा मेहता को सम्मानित किया।
- यह दिन कूटनीति के क्षेत्र में महिलाओं के योगदान एवं उपलब्धियों को सम्मान तथा मान्यता प्रदान करता है।
हंसा मेहता कौन हैं
- वह भारत की एक प्रमुख भारतीय विद्वान, शिक्षिका, समाज सुधारक, लेखिका एवं राजनयिक थीं।
- उनका जन्म 3 जुलाई 1897 को हुआ था और साथ ही वह महिला अधिकारों की समर्थक भी थीं।
- मेहता द्वारा लैंगिक समावेशी भाषा को शामिल करने के लिये मानव अधिकारों की सार्वभौम घोषणा (UDHR) को संशोधित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- मानव अधिकारों की सार्वभौम घोषणा (UDHR) के अनुच्छेद 1 में कहा गया है कि “सभी मनुष्य स्वतंत्र पैदा हुए हैं जिनकी गरिमा एवं अधिकार समान हैं।
- वर्ष 1946 में अखिल भारतीय महिला सम्मेलन (AIWC) की अध्यक्ष के रूप में, उन्होंने "भारतीय महिला अधिकार चार्टर" के प्रारूपण का नेतृत्व किया, जिसमें भारत में महिलाओं के लिये लैंगिक समानता, नागरिक अधिकार एवं न्याय की मांग की गई थी।
- वह भारत की संविधान सभा तथा सलाहकार समिति एवं मौलिक अधिकारों पर उप-समिति की सदस्य थीं।
- वह संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग में एलेनोर रूजवेल्ट के अतिरिक्त एकमात्र अन्य महिला प्रतिनिधि थीं।
विश्व ड्रग दिवस 2024
- प्रतिवर्ष 26 जून को नशीली दवाओं के दुरुपयोग तथा उनकी अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है, जिसे विश्व ड्रग दिवस के रूप में भी जाना जाता है।
- इस दिवस की स्थापना दिसंबर 1987 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा नशीली दवाओं के दुरुपयोग एवं अवैध नशीली दवाओं की तस्करी के खिलाफ वैश्विक लड़ाई के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिये की गई थी।
- वर्ष 2024 का थीम था “साक्ष्य स्पष्ट है: रोकथाम में निवेश करें”।
- मादक पदार्थों की अवैध तस्करी एवं उनका दुरुपयोग एक अंतर्राष्ट्रीय समस्या है और साथ ही संयुक्त राष्ट्र ड्रग्स और अपराध पर संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (UNODC) के अनुसार वर्ष 2018 में दुनिया भर में लगभग 269 मिलियन लोगों ने मादक पदार्थों का उपयोग किया।
- वर्ष 1997 में स्थापित, UNODC विश्व स्तर पर मादक पदार्थ नियंत्रण एवं अपराध रोकथाम कार्यालय के रूप में कार्य करता है।
- गृह मंत्रालय के अनुसार, भारत में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र तथा पंजाब वर्ष 2019 से वर्ष 2021 के बीच तीन वर्षों में NDPS अधिनियम के तहत दर्ज सर्वाधिक FIR वाले शीर्ष तीन राज्य हैं
सदन का नेता (Leader of the House) कौन है?
- राज्यसभा के 264वें सत्र के पहले दिन स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा को आधिकारिक तौर पर राज्यसभा में सदन का नेता नियुक्त किया गया।
कानूनी समर्थन:
- सदन के नेता शब्द को आधिकारिक तौर पर लोक सभा और राज्यसभा दोनों के लिये प्रक्रिया के नियमों में परिभाषित किया गया है।
नियुक्ति
प्रक्रिया:.
- वह एक मंत्री और राज्यसभा के सदस्य हैं और उन्हें प्रधानमंत्री द्वारा इस पद पर कार्य करने के लिये नामित किया जाता है।
- इसके अतिरिक्त सदन के नेता के पास सदन के उपनेता को नियुक्त करने का अधिकार होता है।
- संयुक्त राज्य अमेरिका में, एक तुलनीय पद को 'बहुमत नेता' के नाम से जाना जाता है।
दायित्त्व:
- समग्र प्रक्रिया का संचालन करता है, विशेष रूप से बहस और चर्चाएँ।
- सदस्यों के बीच सामंजस्य बनाए रखता है।
- राज्यसभा के सम्मान को बनाए रखता है।
- संसदीय बहस के दौरान मानक कार्यवाही बनाए रखता है।
लोकसभा में सदन का नेता:
- लोकसभा में, सदन का नेता आमतौर पर प्रधानमंत्री होता है, अगर वह सदन का सदस्य है। अगर नहीं है, तो यह एक मंत्री होता है जो इसका सदस्य होता है और प्रधानमंत्री द्वारा इस भूमिका के लिये नामित किया जाता है।
- परंपरा के अनुसार प्रधानमंत्री हमेशा लोकसभा का नेता होता है।
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