18वें प्रवासी भारतीय दिवस से संबन्धित प्रमुख तथ्य |PBD 2025 Fact in Hindi

18वें प्रवासी भारतीय दिवस से संबन्धित प्रमुख तथ्य 

18वें प्रवासी भारतीय दिवस से संबन्धित प्रमुख तथ्य |PBD 2025 Fact in Hindi


  • प्रत्येक दो साल में 9 जनवरी को मनाया जाने वाला प्रवासी भारतीय दिवस (PBD) एक उल्लेखनीय आयोजन है जिसके तहत भारतीय प्रवासियों द्वारा अपनी मातृभूमि के लिये दिये गए योगदान पर प्रकाश डाला जाता है 
  • 18वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का आयोजन ओडिशा द्वारा 8 से 10 जनवरी 2025 तक किया गया जिसका विषय 'विकसित भारत में प्रवासी भारतीयों का योगदान' है।

प्रवासी भारतीय दिवस (PBD) क्या है?

प्रवासी भारतीय दिवस इतिहास: 

  • यह द्विवार्षिक उत्सव वर्ष 1915 के उस दिन की याद में मनाया जाता है जब महात्मा गांधी देश के स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व करने के लिये दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे थे।

प्रवासी भारतीय दिवस के प्राथमिक लक्ष्य:

  • भारत के विकास में प्रवासी भारतीयों के योगदान पर प्रकाश डालना।
  • विदेश में भारत के बारे में बेहतर समझ विकसित करना।
  • भारत के लक्ष्यों का समर्थन करना तथा विश्व भर में स्थानीय भारतीय समुदायों के कल्याण की दिशा में कार्य करना।
  • प्रवासी भारतीयों को अपनी पैतृक भूमि की सरकार एवं लोगों के साथ जुड़ने के लिये एक मंच प्रदान करना। 

प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन:

  • प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन की शुरुआत पहली बार वर्ष 2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के तहत प्रवासी भारतीय समुदाय को मान्यता देने एवं उनके साथ जुड़ने हेतु एक मंच के रूप में की गई थी।

18वाँ  प्रवासी भारतीय दिवसकन्वेंशन, 2025:

  • इस सम्मेलन के दौरान भारत के प्रधानमंत्री ने प्रवासी भारतीय एक्सप्रेस का उद्घाटन किया, जो भारतीय प्रवासियों के लिये एक विशेष पर्यटक ट्रेन है।
  • प्रवासी भारतीय एक्सप्रेस का संचालन विदेश मंत्रालय की प्रवासी तीर्थ दर्शन योजना के अंतर्गत किया गया।
  • इस अवसर पर गुजरात के मांडवी से ओमान के मस्कट में प्रवास करने वाले लोगों के दुर्लभ दस्तावेजों को प्रदर्शित करने के क्रम में एक प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया गया।
  • प्रधानमंत्री ने गिरमिटिया (स्वतंत्रता-पूर्व भारत के गिरमिटिया मजदूर) के महत्व पर प्रकाश डाला, जिन्हें फिजी, मॉरीशस, त्रिनिदाद और टोबैगो आदि देशों में भेजा गया था।
  • गिरमिटियाओं का एक व्यापक डाटाबेस बनाने का भी सुझाव दिया गया।

प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार (PBSA):

  • प्रवासी भारतीय कार्यक्रम के तहत दिया जाने वाला यह पुरस्कार किसी अनिवासी भारतीय (NRI), भारतीय मूल के व्यक्ति (PIO); अथवा उनके द्वारा स्थापित एवं संचालित किसी संगठन या संस्था को दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है।
  • यह पुरस्कार विदेशों में भारत के बारे में बेहतर समझ पैदा करने, भारत के उद्देश्यों का समर्थन करने तथा स्थानीय भारतीय समुदाय के कल्याण के लिये कार्य करने में प्रवासी भारतीयों के योगदान को याद करने के लिये दिया जाता है।

डायस्पोरा क्या है?

पृष्ठभूमि एवं उत्पत्ति:

  • डायस्पोरा शब्द की जड़ें ग्रीक शब्द डायस्पेरो से जुड़ी हैं, जिसका अर्थ है प्रसार। भारतीयों के पहले जत्थे को गिरमिटिया व्यवस्था के तहत गिरमिटिया मजदूरों के रूप में पूर्वी प्रशांत तथा कैरिबियाई द्वीपों में ले जाने के बाद से भारतीय डायस्पोरा में कई गुना वृद्धि हुई है।

प्रवासी समुदाय का वर्गीकरण:

अनिवासी भारतीय (NRI): 

NRI ऐसे भारतीय हैं जो विदेशों के निवासी हैं। किसी व्यक्ति को NRI माना जाता है यदि:

  • कोई व्यक्ति गैर-निवासी है, यदि वह एक वर्ष में 182 दिनों से कम या विगत 4 वर्षों में 365 दिनों से कम तथा चालू वर्ष में 60 दिनों से कम समय के लिये भारत में निवास कर रहा हो।

भारतीय मूल के व्यक्ति (PIO): 

  • PIO से तात्पर्य ऐसे विदेशी नागरिक (जो पूर्व में भारतीय पासपोर्ट धारक हो) से है, जिसका या उसके माता-पिता/दादा-दादी का जन्म भारत में हुआ हो या जो किसी भारतीय नागरिक या PIO का जीवनसाथी हो।
  • पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बाँग्लादेश, चीन, ईरान, भूटान, श्रीलंका और नेपाल के नागरिक PIO श्रेणी में शामिल नहीं हैं।
  • वर्ष 2015 में PIO श्रेणी को समाप्त कर दिया गया और OCI श्रेणी में विलय कर दिया गया।

प्रवासी भारतीय नागरिक (OCI): 

  • वर्ष 2005 में OCI की एक अलग श्रेणी बनाई गई।
  • ऐसे व्यक्तियों के नाबालिग बच्चे (पाकिस्तान और बाँग्लादेश के नागरिकों को छोड़कर) भी OCI कार्ड के लिये पात्र थे।
  • OCI कार्ड उस विदेशी नागरिक को दिया जाता है, जो 26 जनवरी 1950 को भारतीय नागरिकता के लिये पात्र था या किसी ऐसे क्षेत्र का निवासी था जो 15 अगस्त 1947 के बाद भारत का हिस्सा बना।

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