महारत्न कम्पनी दर्जे के लिए आवश्यक दशाएं |Maharatna company
महारत्न कम्पनी दर्जे के लिए आवश्यक दशाएं
- हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लि. को महारत्न कम्पनी का दर्जा मिलने से वर्तमान में देश में महारत्न कम्पनियों की संख्या अब 14 हुई।
- रक्षा उत्पादन विभाग के तहत् सार्वजनिक क्षेत्र की दिग्गज कम्पनी हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लि. (HAL) को महारत्न कम्पनी का दर्जा वित्त मंत्रालय के लोक उद्यम विभाग (Department of Public Enterprises) ने अक्टूबर 2024 में प्रदान किया है. यह दर्जा प्राप्त होने से एचएएल को अब अधिक वित्तीय स्वायत्तता प्राप्त होगी. सार्वजनिक क्षेत्र की इस कम्पनी को अब अपने फैसले लेने में ज्यादा आजादी मिलेगी. कम्पनी अब ₹5000 करोड़ या अपनी सम्पत्ति के 15 प्रतिशत तक का निवेश बिना सरकार की मंजूरी के किसी प्रोजेक्ट में कर सकेगी. इसके अतिरिक्त विलय एवं अधिग्रहण आदि मामलों के लिए भी स्वतंत्रता इसे प्राप्त हो जाएगी. इससे न केवल इसकी निवेश क्षमता में वृद्धि होगी बल्कि यह कम्पनी के विस्तार एवं उसकी रणनीतिक योजनाओं को भी बल प्रदान करेगा.
- हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लि. के महारत्न कम्पनी का दर्जा दिए जाने से देश में महारत्न कम्पनियों की संख्या बढ़कर 14 जहाँ हो गई है, वहीं नवरत्न कम्पनियों की संख्या घटकर 24 अब रह गई है. (एचएएल को नवरत्न कम्पनी का दर्जा इससे पूर्व प्राप्त था) एचएएल से पूर्व ऑइल इंडिया लि. को अगस्त 2023 में तथा रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉर्पोरेशन लि. (REC) को सितम्बर 2022 में महारत्न कम्पनी का दर्जा प्रदान किया गया था.
देश में 14 महारत्न कम्पनियाँ
1. भारतीय इस्पात
प्राधिकरण (SAIL)
2. भारतीय तेल
निगम (IOC)
3. कोल इण्डिया
लिमिटेड (CIL)
4. गेल (इण्डिया)
लिमिटेड (GAIL)
5. पॉवर ग्रिड
कॉर्पोरेशन ऑफ इण्डिया (PGCIL)
6.पॉवर फाइनेंस
कॉर्पोरेशन (PFC)
7. तेल एवं
प्राकृतिक गैस निगम (ONGC)
8. राष्ट्रीय ताप
विद्युत् निगम (NTPC)
9. भारत हैवी
इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL)
10. भारत
पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL)
11. हिन्दुस्तान
पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL)
12. ग्रामीण
विद्युतीकरण निगम (REC)
13. ऑइल इंडिया लि.
14. हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लि. (HAL)
महारत्न कम्पनी के दर्जे के लिए आवश्यक दशाएं
1. कम्पनी को
पहले नवरत्न दर्जा प्राप्त होना चाहिए.
2. कम्पनी को
भारतीय शेयर बाजार में सूचीबद्ध होना चाहिए तथा सार्वजनिक शेयर धारिता के सम्बन्ध
में 'सेबी' (SEBI) के नियमों का
अनुपालन करना चाहिए.
3. पिछले 3
वर्षों में कम्पनी का औसत वार्षिक कारोबार 25,000 करोड़ से
अधिक रहा होना चाहिए.
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