ब्ल्यूटूथ तकनीक से क्या तात्पर्य है? What is Bluetooth technology?
ब्ल्यूटूथ तकनीक से क्या तात्पर्य है?
ब्ल्यूटूथ नाम 10वीं सदी के डेनमार्क के राजा हैराल्ड ब्ल्यूटूथ से लिया गया है। ब्ल्यूटूथ टेक्नोलॉजी के अन्वेषकों के अनुसार हैराल्ड ने राजनयिक अर्थात् डिप्लोमैसी की एक चाल चली, जिसके अंतर्गत युद्धरत दल या पार्टियों ने एक-दूसरे से समझौता करना शुरू कर दिया और इसी प्रक्रिया ने ब्ल्यूटूथ को इस टेक्नोलॉजी के नाम के साथ जोड़ दिया, जिसके अंतर्गत विभिन्न प्रकार के उपकरण या युक्तियाँ आपस में बात/सूचनाओं का आदान-प्रदान कर सकते हैं। ब्ल्यूटूथ का लोगों (चिन्ह) या नाम शैली अंग्रेजी (H) और (B) या वर्णमाला पर आधारित है।
ब्ल्यूटूथ एक रेडियो और संचार प्रोटोकाल है, जिसका अभिकल्प या डिजाइन मुख्य रूप से निम्न पावर द्वारा 1 मीटर; 10 मीटर, 100 मीटर सीमा में सस्ते ट्रान्सीवर वाली माइक्रो चिपों (प्रत्येक उपकरण में लगाकर) के द्वारा किया गया है।
ब्ल्यूटूथ टेक्नोलॉजी द्वारा ये उपकरण आपस में सीमा (रेंज) के अंदर एक-दूसरे से संपर्क बना सकते हैं। ये उपकरण एक रेडियो संचार प्रणाली का प्रयोग करते हैं इसलिए इन्हें लाइन-ऑफ-साइट में रहने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। यहाँ तक कि ये उपकरण विभिन्न कमरों में स्थित हो सकते हैं तथा यह संपर्क प्रणाली तब तक कार्यशील रहती है जब तक कि अभिग्रहित शक्ति या पावर पर्याप्त होती है। इसके कारण विभिन्न एण्टीना के अभिकल्प या डिजाइन, प्रेषण पक्ष क्षीण या ह्रास और अन्य गणक तथा प्रक्षेपित सीमाएँ या परास (रेंज) परिवर्तनशील हो जाती हैं।
ब्ल्यूटूथ टेक्नोलॉजी के अंतर्गत प्रेषण शक्ति या पावर किसी एक वर्ग में अवश्य हो। ब्ल्यूटूथ टेक्नोलॉजी में ऊर्जा की खपत काफी कम है। ब्ल्यूटूथ टेक्नोलॉजी प्रेषी या ट्रांसमीटर की ऊर्जा को आवश्यकतानुसार सीमित कर देती हैं। सिग्नल की ताकत रेंज के अनुसार परिवर्तित (कम/ज्यादा) हो जाती है। अगर आँकड़ों से तुलना की जाए तो एक ब्ल्यूटूथ युक्ति किसी भी अन्य मोबाइल फोन से 3 प्रतिशत कम ऊर्जा का उपयोग करती है।
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