अक्टूबर 2021 समसामयिकी सार October 2022 Current Affair Summary in Hindi
Current Affair Summary in Hindi Monthly
गोल्ड एक्सचेंज
भारतीय प्रतिभूति
और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने ‘गोल्ड एक्सचेंज’ की स्थापना के लिये नियमों को अंतिम रूप दे दिया है।
गोल्ड
एक्सचेंज की स्थापना इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीट्स के रूप में सोने के व्यापार के
लिये की जा रही है, जिससे सोने के
घरेलू मूल्य का पारदर्शी तरीके से पता लगाने की व्यवस्था हो सकेगी। इस एक्सचेंज
में सोने का प्रतिनिधित्व करने संबंधी दस्तावेज़ को ‘इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीट्स’ (EGR) कहा जाएगा और
अन्य प्रतिभूतियों की तरह इसका व्यापार, क्लियरिंग और सेटेलमेंट किया जा सकेगा।
सेबी ने इस संबंध
में जारी एक अधिसूचना में कहा कि ‘गोल्ड एक्सचेंज’ के दायरे में ‘इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीट्स’ की ट्रेडिंग और सोने की भौतिक डिलिवरी सहित एक
समूची प्रणाली शामिल की जाएगी, जिससे देश में सशक्त स्वर्ण कारोबार परितंत्र स्थापित हो
सकेगा।
‘गोल्ड एक्सचेंज’ भारत में मानक
सोने के साथ ‘इलेक्ट्रॉनिक
गोल्ड रिसीट्स’ के क्रय-विक्रय
के लिये एक राष्ट्रीय मंच होगा। इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीट्स के तहत सोने के
विभिन्न प्रस्तावित मूल्य जैसे 1 किलोग्राम, 100 ग्राम, 50 ग्राम का होगा तथा कुछ शर्तों के साथ इन्हें 5 और 10 ग्राम में भी
रखा जा सकेगा।
गौरतलब है कि भारत (चीन के बाद) विश्व स्तर पर सोने का दूसरा सबसे
बड़ा उपभोक्ता है, जिसकी वार्षिक
सोने की मांग लगभग 800-900 टन है, जोवैश्विक बाज़ारों में एक महत्त्वपूर्ण स्थान
रखता है।
राइट लाइवलीहुड
अवार्ड
दिल्ली स्थित
पर्यावरण संगठन ‘लीगल इनिशिएटिव
फॉर फॉरेस्ट एंड एन्वायरनमेंट’ (LIFE) को ‘संवेदनशील
समुदायों की आजीविका की रक्षा करने और स्वच्छ पर्यावरण के अधिकार का दावा करने’ हेतु ‘राइट लाइवलीहुड
अवार्ड-2021’ से सम्मानित किया
गया है। ज्ञात हो कि इस पुरस्कार को स्वीडन के ‘वैकल्पिक नोबेल पुरस्कार’ के रूप में भी
जाना जाता है। पुरस्कार प्राप्त करने वाले अन्य विजेताओं में कैमरून की महिला
अधिकार कार्यकर्त्ता मार्थे वांडौ, रूसी पर्यावरण कार्यकर्त्ता ‘व्लादिमीर स्लिव्यक’ और कनाडा के
स्वदेशी अधिकार रक्षक ‘फ्रेडा ह्यूसन’ शामिल हैं। ‘राइट लाइवलीहुड
अवार्ड’ वैश्विक समस्याओं
को हल करने वाले लोगों को प्रदान किया जाता है। इस पुरस्कार के तहत विजेताओं को 1 मिलियन स्वीडिश
क्राउन ($115,000) और लॉरेट्स
प्रदान किया जाता है।
‘सतत् वित्त
केंद्र’ हेतु IFSCA पैनल
‘अंतर्राष्ट्रीय
वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण’ (IFSCA) ने हाल ही में पूर्व पर्यावरण एवं वन सचिव ‘सी.के. मिश्रा’ की अध्यक्षता में
एक विशेषज्ञ पैनल का गठन किया है, जो कि IFSC में एक विश्व स्तरीय ‘सतत् वित्त केंद्र’ विकसित करने हेतु रूपरेखा का सुझाव देगा। यह पैनल भारत की
सतत् विकास संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये एक गेटवे के रूप में कार्य
करने हेतु GIFT-IFSC के लिये मौजूदा
और उभरते अवसरों की पहचान करेगा तथा सतत् वित्त पर एक लघु, मध्यम एवं
दीर्घकालिक रोड मैप की सिफारिश करेगा। केंद्र सरकार ने वर्ष 2019 में गुजरात के
गांधीनगर में 'अंतर्राष्ट्रीय
वित्तीय सेवा केंद्रों'
(IFSCs) में सभी वित्तीय सेवाओं को विनियमित करने के लिये 'अंतर्राष्ट्रीय
वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण' की स्थापना की थी। IFSCA भारत में ‘अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र’ (IFSC) में वित्तीय
उत्पादों, वित्तीय सेवाओं
और वित्तीय संस्थानों के विकास और विनियमन हेतु एक एकीकृत प्राधिकरण है। इसका
मुख्यालय ‘गिफ्ट सिटी’ (गांधीनगर) में
स्थित है। IFSCA की स्थापना से
पूर्व घरेलू वित्तीय नियामकों जैसे- रिज़र्व बैंक, सेबी और ‘पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण’ आदि द्वारा इस
क्षेत्र को विनियमित किया जाता था।
विश्व बैंक ने
हाल ही में चेन्नई को एक विश्व स्तरीय शहर के रूप में विकसित करने हेतु 150 मिलियन डॉलर
(लगभग 1,112 करोड़ रुपए) के
कार्यक्रम को मंज़ूरी दी है,
इससे चेन्नई शहर
को और अधिक ग्रीन, रहने योग्य एवं
जलवायु परिवर्तन के प्रति अधिक लचीला बनाया जाएगा। तकरीबन 150 मिलियन डॉलर की
लागत वाला 'चेन्नई सिटी
पार्टनरशिप: सस्टेनेबल अर्बन सर्विसेज़ प्रोग्राम’ राज्य के संस्थानों को मज़बूत करने, सेवा एजेंसियों
के वित्तीय स्वास्थ्य में सुधार और चार प्रमुख शहरी सेवाओं- जल आपूर्ति एवं सीवरेज, गतिशीलता, स्वास्थ्य
गुणवत्ता में सुधार और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में मदद करेगा। गौरतलब है कि ‘चेन्नई महानगर
क्षेत्र’ में लगभग 10.9 मिलियन लोग रहते
हैं और यह भारत का चौथा सबसे अधिक आबादी वाला महानगरीय क्षेत्र है। ऐसे में यह
परियोजना शहर के लोगों के लिये काफी मददगार साबित होगी। इसके अलावा विश्व बैंक ने 40 मिलियन डॉलर की
एक अन्य परियोजना को भी मंज़ूरी दी है, जो मेघालय में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार
करेगी और कोविड-19 महामारी सहित
स्वास्थ्य आपात स्थितियों से निपटने के लिये राज्य की क्षमता को मज़बूत करेगी।
'मित्र शक्ति' अभ्यास
भारत और श्रीलंका
ने हाल ही में श्रीलंका के पूर्वी ज़िले ‘अम्पारा’ में स्थित कॉम्बैट ट्रेनिंग स्कूल में आतंकवाद-विरोधी सहयोग
बढ़ाने के उद्देश्य से 12 दिवसीय मेगा
सैन्य अभ्यास शुरू किया है। 04 से 15 अक्तूबर तक आयोजित होने वाले 'मित्र शक्ति' अभ्यास के आठवें
संस्करण में भारतीय सेना के 120 जवान शामिल हैं। इस संयुक्त सैन्य अभ्यास को
अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद, अंतर-संचालन कौशल, संयुक्त सामरिक
संचालन और एक-दूसरे की सर्वोत्तम प्रथाओं तथा अनुभवों को साझा करने की दृष्टि से
डिज़ाइन किया गया है। इस वार्षिक प्रशिक्षण कार्यक्रम, जिससे दोनों
देशों की सेवाओं के बीच द्विपक्षीय सैन्य सहयोग को मज़बूत करने में मदद मिलती है, को प्रतिवर्ष
भारत या श्रीलंका में वैकल्पिक रूप से आयोजित किया जाता है। मित्र शक्ति अभ्यास का
सातवाँ संस्करण वर्ष 2019 में पुणे में
आयोजित किया गया था।
ज़िरकॉन’ हाइपरसोनिक क्रूज़
मिसाइल
हाल ही में रूस
ने पहली बार पनडुब्बी के माध्यम से ‘ज़िरकॉन’ हाइपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। इस
हाइपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल का परीक्षण ‘सेवेरोडविंस्क पनडुब्बी’ के माध्यम से ‘बैरेंट्स सागर’ में किया गया था। इससे पूर्व ‘ज़िरकॉन’ हाइपरसोनिक क्रूज़
मिसाइल का परीक्षण नौसेना के युद्धपोत पर किया जा चुका है और यह पहली बार है जब
इसका परीक्षण पनडुब्बी के माध्यम से किया गया है। इस संबंध में रूस द्वारा जारी
अधिकारिक सूचना के मुताबिक,
‘ज़िरकॉन’ हाइपरसोनिक
मिसाइल ध्वनि की गति से नौ गुना तेज़ उड़ान भरने में सक्षम है और इसकी रेंज 1,000 किलोमीटर (620 मील) तक है। इस
हाइपरसोनिक मिसाइल की तैनाती रूस की सैन्य क्षमता में महत्त्वपूर्ण वृद्धि करती
है। रूस के मुताबिक, ‘ज़िरकॉन’ मिसाइल प्रणाली
के सभी परीक्षण इस वर्ष के अंत तक पूरे हो जाएंगे और इसे वर्ष 2022 तक रूसी नौसेना
में कमीशन कर दिया जाएगा। ‘ज़िरकॉन’ मिसाइल का
उद्देश्य रूसी क्रूज़र, फ्रिगेट और
पनडुब्बियों के बेड़ों को सशक्त बनाना है। यह रूस में विकसित की जा रहीं कई
हाइपरसोनिक मिसाइलों में से एक है।
व्यापक हस्तशिल्प
क्लस्टर विकास योजना
वस्त्र मंत्रालय
ने 160 करोड़ रुपए के
कुल परिव्यय के साथ ‘व्यापक हस्तशिल्प
क्लस्टर विकास योजना’
(CHCDS) को जारी रखने की मंज़ूरी दी है। यह योजना मार्च 2026 तक जारी रहेगी।
इस योजना के तहत हस्तशिल्प कारीगरों को बुनियादी ढाँचागत सहायता, बाज़ार तक पहुँच, डिज़ाइन एवं
प्रौद्योगिकी उन्नयन से जुड़ी सहायता आदि प्रदान की जाएगी। इस योजना का उद्देश्य
ऐसा विश्व स्तरीय बुनियादी ढाँचा तैयार करना है, जो उत्पादन एवं निर्यात को बढ़ावा देने हेतु स्थानीय
कारीगरों व लघु एवं मध्यम उद्यमों (SME) की व्यावसायिक आवश्यकताओं को पूरा करता हो। संक्षेप में इन
समूहों को स्थापित करने का मुख्य उद्देश्य कारीगरों और उद्यमियों को आधुनिक
बुनियादी ढाँचे, नवीनतम
प्रौद्योगिकी व पर्याप्त प्रशिक्षण तथा मानव संसाधन विकास इनपुट, मार्केट लिंकेज
एवं उत्पादन संबंधी विविधीकरण के साथ जुड़ाव युक्त विश्वस्तरीय इकाइयाँ स्थापित
करने में सहायता करना है। इसके तहत लागत में कमी सुनिश्चित करने के लिये अलग-अलग
जगहों के कारीगरों के बीच समन्वय और उन्हें हस्तशिल्प क्षेत्र के लघु एवं मध्यम
उद्यमों (SME) से जोड़ने पर भी
ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इस योजना के तहत समग्र विकास के लिये 10,000 से अधिक
कारीगरों वाले बड़े हस्तशिल्प समूहों का चयन किया जाएगा।
करंट लगने से
हाथियों की मृत्यु रोकने हेतु पहल
ओडिशा सरकार ने
विद्युत नेटवर्क की ग्राउंड क्लीयरेंस बढ़ाने और हाथी गलियारों तथा उनके आवाजाही
क्षेत्रों में तारों को बदलने के लिये वितरण कंपनियों को 445.75 करोड़ रुपए
आवंटित किये हैं। इस परियोजना का उद्देश्य बिजली के झटकों के कारण होने वाली
हाथियों की मृत्यु को रोकना है। राज्य के ऊर्जा विभाग के मुताबिक, राज्य में 79,000 इंटरपोज़िंग पोल
लगाए गए हैं और 2,300 से अधिक सर्किट
कंडक्टरों को कवर किया गया है। हाथियों के संरक्षण की दिशा में काम कर रहे
पर्यावरण समूह- ‘वाइल्डलाइफ
सोसाइटी ऑफ ओडिशा’ (WSO) के मुताबिक, अप्रैल 2010 से अगस्त 2021 के बीच 862 हाथियों की
मृत्यु हुई थी, जिसमें से तकरीबन
135 (16%) हाथियों की मौत
बिजली के झटकों के कारण हुई थी। जानकारों के मुताबिक, यदि बिजली वितरण
कंपनियों द्वारा आवश्यक सुरक्षा उपकरण इनस्टॉल किये जाते हैं तो हाथियों को बिजली
के झटकों से बचाया जा सकता था।
मेगा इंटीग्रेटेड
टेक्सटाइल रीजन एंड अपैरल पार्क
केंद्रीय
मंत्रिमंडल ने हाल ही में भारत को वैश्विक वस्त्र हब के रूप में स्थापित करने हेतु
4,445 करोड़ रुपए के
कुल परिव्यय के साथ 7 ‘मेगा इंटीग्रेटेड
टेक्सटाइल रीजन एंड अपैरल पार्क’ के निर्माण की मंज़ूरी दी है। गौरतलब है कि इन ‘मेगा इंटीग्रेटेड
टेक्सटाइल पार्कों’ की स्थापना की
घोषणा वर्ष 2021-22 के केंद्रीय बजट
में की गई थी। इन पार्कों की स्थापना विभिन्न इच्छुक राज्यों में स्थित
ग्रीनफील्ड/ब्राउनफील्ड स्थलों पर की जाएगी। पार्क के लिये स्थलों का चयन
वस्तुनिष्ठ मानदंडों के आधार पर ‘चैलेंज मेथड’ द्वारा किया जाएगा। जानकारों का मानना है कि इस योजना के
परिणामस्वरूप तकरीबन 7 लाख लोगों के
लिये प्रत्यक्ष रोज़गार और 14 लाख के लिये
अप्रत्यक्ष रोज़गार सृजित किये जा सकेंगे। ये पार्क एक ही स्थान पर कताई, बुनाई, प्रसंस्करण/रंगाई
और छपाई से लेकर परिधान निर्माण हेतु एक एकीकृत वस्त्र मूल्य शृंखला विकसित करने
का अवसर प्रदान करेंगे। एक स्थान पर एक एकीकृत वस्त्र मूल्य शृंखला उद्योग की रसद
लागत को भी कम करेगी। बुनियादी अवसंरचनाओं के विकास हेतु सभी ग्रीनफील्ड पार्कों
को अधिकतम 500 करोड़ रुपए और
ब्राउनफील्ड पार्कों को अधिकतम 200 करोड़ रुपए विकास पूंजी सहायता (DCS) प्रदान की जाएगी।
विनिर्माण इकाइयों की स्थापना के लिये प्रोत्साहित करने हेतु केंद्र सरकार
प्रत्येक पार्क के लिये 300 करोड़ रुपए का कोष
स्थापित करेगी।
‘भारत-जापान
समुद्री द्विपक्षीय अभ्यास’
(JIMEX)
‘भारत-जापान
समुद्री द्विपक्षीय अभ्यास’
(JIMEX) का पाँचवाँ संस्करण 6-8 अक्तूबर तक अरब सागर में आयोजित किया जा रहा है। ‘JIMEX-21’ का उद्देश्य
समुद्री संचालन के पूरे स्पेक्ट्रम में कई उन्नत अभ्यासों के माध्यम से परिचालन
प्रक्रियाओं की एक सामान्य समझ विकसित करना और अंतर-संचालन क्षमता को बढ़ाना है।
यह नौसैनिक अभ्यास भारतीय नौसेना एवं जापानी समुद्री आत्म-रक्षा बल (JMSDF) के बीच
द्विवार्षिक रूप से आयोजित किया जाता है। इस द्विपक्षीय अभ्यास का चौथा संस्करण
वर्ष 2020 में मध्य उत्तरी
अरब सागर में आयोजित किया गया था। गौरतलब है कि बीते कुछ वर्षों में भारत और जापान
के बीच सैन्य सहयोग काफी अधिक बढ़ा है। भारत और जापान ने जनवरी 2012 में समुद्री
सुरक्षा सहयोग पर विशेष ध्यान देने के उद्देश्य से ‘जिमेक्स’ (JIMEX) शृंखला की शुरुआत की थी।
आंध्र प्रदेश का 'स्वच्छा' कार्यक्रम
आंध्र प्रदेश के
मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी जल्द ही राज्य में महिलाओं एवं किशोरियों के
स्वास्थ्य एवं स्वच्छता पर ध्यान केंद्रित करने हेतु 'स्वच्छा' कार्यक्रम की
शुरुआत करेंगे। इस पहल के तहत राज्य सरकार द्वारा शिक्षण संस्थानों में मुफ्त
सैनिटरी नैपकिन उपलब्ध कराए जाएंगे। राज्य भर के सभी सरकारी स्कूलों और इंटरमीडिएट
कॉलेजों में 7वीं-12वीं तक की कक्षा
में पढ़ने वाली लगभग 10 लाख किशोरियों
को प्रतिमाह दस सैनिटरी नैपकिन प्रदान किये जाएंगे। इसके अतिरिक्त शहरी एवं
ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को सभी ‘वाईएसआर चेयुथा स्टोर्स’ में सस्ती कीमतों पर गुणवत्तापूर्ण नैपकिन उपलब्ध कराए
जाएंगे। इसके अलावा इस कार्यक्रम के तहत राज्य सरकार यूनिसेफ, ‘वाश’ (WASH) और ‘पीएंडजी’ (P&G) जैसे संगठनों के
साथ साझेदारी में मासिक धर्म और स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के महत्त्व पर विशेष जागरूकता
कक्षाएँ भी आयोजित करेगी। ध्यातव्य है कि विभिन्न अध्ययनों और रिपोर्टों से पता
चलता है कि भारत में लगभग 23 प्रतिशत
छात्राओं की सैनिटरी नैपकिन तक पहुँच नहीं है, जबकि स्कूलों एवं कॉलेजों में उचित सुविधाओं और बुनियादी
अवसंरचनाओं की कमी भी इस संबंध में एक बड़ी चुनौती हैं।
हिमाचल प्रदेश
में दालचीनी की संगठित खेती
‘वैज्ञानिक एवं
औद्योगिक अनुसंधान परिषद’
(CSIR) ने हाल ही में पायलट प्रोजेक्ट के तहत हिमाचल प्रदेश में
दालचीनी की संगठित खेती शुरू की है। इस परियोजना की सफलता पर इसे व्यावसायिक स्तर
पर लॉन्च किया जाएगा। ‘वैज्ञानिक एवं
औद्योगिक अनुसंधान परिषद’
के इस प्रयास का
एकमात्र उद्देश्य भारत के दालचीनी आयात में कटौती करना है, जो कि वर्तमान
में तकरीबन 909 करोड़ रुपए के
आसपास है। गौरतलब है कि दालचीनी एक सदाबहार झाड़ीदार पेड़ है, जिसकी छाल मुख्य
रूप से मसाले के रूप में प्रयोग की जाती है। एशियाई और यूरोपीय व्यंजनों में इसे
मुख्यतः एक पाक सामग्री के रूप में उपयोग किया जाता है, साथ ही दालचीनी
का दवा में और प्रतिरक्षा बढ़ाने में भी महत्त्वपूर्ण अनुप्रयोग है। वैश्विक स्तर
पर दालचीनी की सबसे अधिक खेती श्रीलंका में की जाती है।
राष्ट्रीय सड़क
सुरक्षा बोर्ड
हाल ही में सरकार
ने ‘राष्ट्रीय सड़क
सुरक्षा बोर्ड’ (NRSB) के गठन की
अधिसूचना जारी की है, जो सड़क सुरक्षा
से संबंधित मामलों से निपटने के लिये राष्ट्रीय स्तर पर प्रमुख एजेंसी के रूप में
कार्य करेगी। सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक, बोर्ड का प्रधान
कार्यालय ‘राष्ट्रीय
राजधानी क्षेत्र’ में स्थित होगा
और यह भारत में अन्य स्थानों पर कार्यालय स्थापित कर सकता है। बोर्ड में एक
अध्यक्ष और कम-से-कम तीन सदस्यों की नियुक्ति की जाएगी, सदस्यों की
अधिकतम संख्या सात से अधिक नहीं होगी। इनकी नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा की
जाएगी। यह बोर्ड मुख्य तौर पर सड़क सुरक्षा, नवाचार को बढ़ावा देने और नई तकनीक को अपनाने तथा यातायात व
मोटर वाहनों को विनियमित करने हेतु उत्तरदायी होगा। ‘राष्ट्रीय सड़क
सुरक्षा बोर्ड’ का उद्देश्य सड़क
दुर्घटनाओं को कम करने तथा सड़क सुरक्षा के सभी पहलुओं में सुधार के लिये राज्यों
के सहयोग से विभिन्न प्रयासों को एकीकृत करना है। परिवहन मंत्रालय द्वारा जारी
अधिसूचना निर्दिष्ट करती है कि बोर्ड केवल सलाहकारी भूमिका में कार्य करेगा और
केंद्र सरकार के समक्ष अपनी सिफारिशें और प्रस्ताव प्रस्तुत करेगा। ज्ञात हो कि
अमेरिका, स्वीडन और
ऑस्ट्रेलिया समेत दुनिया भर के कई देशों में इस प्रकार की राष्ट्रीय संस्थाओं का
गठन किया गया है।
‘गुड समैरिटन’ स्कीम
केंद्र सरकार ने
हाल ही में ‘गुड समैरिटन’ स्कीम की शुरुआत
की है, इसके तहत जो कोई
भी सड़क दुर्घटना के शिकार व्यक्ति को ‘गोल्डन ऑवर’ के भीतर अस्पताल ले जाकर उसकी जान बचाएगा, उसे सरकार द्वारा
5,000 रुपए का नकद
इनाम दिया जाएगा। इस संबंध में जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, एक व्यक्ति को एक
वर्ष में अधिकतम पाँच बार पुरस्कार दिया जा सकता है। इसमें प्रतिवर्ष 10 राष्ट्रीय स्तर
के पुरस्कार भी होंगे, जिसके तहत उन
लोगों को चुना जाएगा जिन्हें पूरे वर्ष के दौरान सम्मानित किया गया है और उनमें से
प्रत्येक को 1 लाख रुपए का
पुरस्कार दिया जाएगा। इसके लिये योजना के प्रारंभिक दौर में केंद्र सरकार सभी
राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के परिवहन विभाग को 5 लाख रुपए प्रदान
करेगी। 'गोल्डन ऑवर' शब्द आमतौर पर
दुर्घटना के बाद की एक घंटे की अवधि को संदर्भित करता है, जिसके अंतर्गत
पीड़ित की जान बचाना काफी हद तक संभव होता है।
भारतीय अंतरिक्ष
संघ
हाल ही में
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरिक्ष और उपग्रह क्षेत्र में संलग्न कंपनियों के
एक समूह- ‘भारतीय अंतरिक्ष
संघ’ (ISA) का शुभारंभ किया
है। ‘भारतीय अंतरिक्ष
संघ’ अंतरिक्ष एवं
उपग्रह प्रौद्योगिकियों में उन्नत क्षमताओं वाले घरेलू और वैश्विक निगमों का
प्रतिनिधित्व करता है। इसके संस्थापक सदस्यों में भारती एयरटेल, लार्सन एंड टुब्रो, नेल्को (टाटा
ग्रुप), वनवेब, मैपमायइंडिया, वालचंदनगर
इंडस्ट्रीज़ तथा अनंत टेक्नोलॉजी लिमिटेड शामिल हैं। यह भारत में उन्नत वैज्ञानिक
एवं अनुसंधान कार्य करने के लिये एक मज़बूत अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी
तंत्र की सुविधा प्रदान करेगा। गौरतलब है कि हाल ही सरकार द्वारा भारतीय अंतरिक्ष
क्षेत्र में निजी क्षेत्र,
शैक्षणिक
संस्थानों और अनुसंधान संस्थानों की अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिये एक नए
निकाय- ‘भारतीय राष्ट्रीय
अंतरिक्ष संवर्द्धन तथा प्रमाणीकरण केंद्र’ का गठन किया है। इस निकाय के गठन का मुख्य उद्देश्य यह
सुनिश्चित करना है कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अपनी आवश्यक
गतिविधियों जैसे- अनुसंधान एवं विकास, ग्रहों के अन्वेषण और अंतरिक्ष के रणनीतिक उपयोग आदि पर
ध्यान केंद्रित कर सके तथा अन्य सहायक कार्यों को निजी क्षेत्र को हस्तांतरित कर
दिया जाए। ज्ञात हो कि भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र वर्तमान में काफी हद तक ‘भारतीय अंतरिक्ष
अनुसंधान संगठन’ (इसरो) द्वारा
संचालित किया जाता है।
नोबेल शांति
पुरस्कार 2021
इस वर्ष के नोबेल
शांति पुरस्कार हेतु फिलीपींस की पत्रकार ’मारिया रसा’ और रूस के पत्रकार ‘दिमित्री मुरातोफ’ को चुना गया है। अभिव्य्क्ति की स्व तंत्रता के लिये संघर्ष
में उनके योगदान को देखते हुए उन्हें यह पुरस्कािर प्रदान किया जा रहा है। नॉर्वे
की नोबेल पुरस्का र समिति ने शांति और लोकतंत्र की रक्षा में इन दोनों पत्रकारों
के निर्भीक योगदान का उल्लेीख करते हुए कहा है कि दोनों पत्रकारों ने अपने देश में
सच्चाोई और प्रेस की स्वउतंत्रता हेतु निर्भय होकर कार्य किया है। नोबेल पुरस्कार
भौतिकी, रसायन विज्ञान, चिकित्सा, साहित्य और शांति
के क्षेत्र में दिये जाने वाले वार्षिक पुरस्कारों की एक शृंखला है। स्वीडिश
वैज्ञानिक ‘अल्फ्रेड नोबेल’ की वसीयत के
माध्यम से वर्ष 1895 में पाँच
श्रेणियों में नोबेल पुरस्कारों की स्थापना की गई थी। नोबेल शांति पुरस्कार ‘नोबेल फाउंडेशन’ द्वारा विश्व
स्तर पर शांति के लिये किये गए प्रयासों हेतु प्रदान किया जाता है। गौरतलब है कि
वर्ष 2020 में संयुक्त
राष्ट्र के ‘विश्व खाद्य
कार्यक्रम’ (WFP) को ‘नोबेल शांति
पुरस्कार’ से सम्मानित किया
गया था।
राष्ट्रीय
मानवाधिकार आयोग स्थापना दिवस
12 अक्तूबर, 2021 को ‘राष्ट्रीय
मानवाधिकार आयोग’ (NHRC) का 28वाँ स्थापना दिवस
आयोजित किया गया। ज्ञात हो कि ‘राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग’ एक स्वतंत्र वैधानिक संस्था है, जिसकी स्थापना
मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के प्रावधानों के तहत 12 अक्तूबर, 1993 को की गई थी। मानवाधिकार आयोग का मुख्यालय नई दिल्ली में
स्थित है। यह संविधान द्वारा प्रदत्त मानवाधिकारों जैसे- जीवन का अधिकार, स्वतंत्रता का
अधिकार एवं समानता का अधिकार आदि की रक्षा करता है और उनके प्रहरी के रूप में
कार्य करता है। NHRC एक बहु-सदस्यीय
संस्था है। इसके अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री
की अध्यक्षता वाली उच्चस्तरीय समिति की सिफारिशों के आधार पर की जाती है। इन्हें
इनके पद से केवल तभी हटाया जा सकता है जब सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की जाँच
में इन पर दुराचार या असमर्थता के आरोप सिद्ध हो जाएँ। इसके अतिरिक्त आयोग में
पाँच विशिष्ट विभाग (विधि विभाग, जाँच विभाग, नीति अनुसंधान एवं कार्यक्रम विभाग, प्रशिक्षण विभाग
और प्रशासन विभाग) भी होते हैं। राज्य मानवाधिकार आयोग में अध्यक्ष और सदस्यों की
नियुक्ति राज्यपाल द्वारा राज्य के मुख्यमंत्री, राज्य के गृह मंत्री, विधानसभा अध्यक्ष
एवं नेता प्रतिपक्ष के परामर्श पर की जाती है।
स्मार्टफोन
आधारित ई-वोटिंग प्रणाली
हाल ही में
तेलंगाना सरकार ने भारत की पहली ‘स्मार्टफोन आधारित ई-वोटिंग प्रणाली’ विकसित की है, जिसका परीक्षण
शीघ्र ही तेलंगाना के ‘खम्मम ज़िले’ में किया जाएगा।
यह देश की पहली ‘स्मार्टफोन
आधारित ई-वोटिंग प्रक्रिया’
होगी। तेलंगाना
चुनाव आयोग द्वारा इस संबंध में ‘TSEC eVote’ नामक एंड्राइड एप का उपयोग किया जा रहा है। इस मोबाइल
एप्लीकेशन के माध्यम से मतदाता के ‘डिवाइस आईडी’ और ‘फोन नंबर’ को एक विशिष्ट
नागरिक पंजीकरण प्रक्रिया से एकीकृत किया जाता है, ताकि मतदान हेतु केवल एक ही डिवाइस का उपयोग
किया जा सके, जिससे सुरक्षा
बढ़ेगी। इस समग्र प्रकिया की निगरानी वेब पोर्टल के माध्यम से एक ‘व्यवस्थापक’ या एडमिन द्वारा
किया जाएगा। इसके अतिरिक्त संपूर्ण डेटा को राज्य डेटा केंद्रों में एक अतिरिक्त
सुरक्षा विचार की दृष्टि से संग्रहीत किया जाएगा। विदित हो कि डिजिटल वोटिंग की यह
अवधारणा वरिष्ठ नागरिकों,
विकलांगों (PwD), बीमार लोगों, आवश्यक सेवाओं
में कार्यरत व्यक्तियों को 'ई-वोटिंग' में सक्षम बनाएगी। इस प्रणाली को राज्य चुनाव आयोग द्वारा
राज्य के ‘आईटी विभाग’ के ‘इमर्जिंग
टेक्नोलॉजी विंग’ के साथ-साथ ‘सेंटर फॉर
डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग’ के सहयोग से विकसित किया गया है। इस प्रणाली में
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ब्लॉकचेन (डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर) जैसी आधुनिक तकनीकों
का प्रयोग किया गया है।
भारत और यूनाइटेड
किंगडम का 'फॉरवर्ड एक्शन
प्लान'
भारत और यूनाइटेड
किंगडम ने वर्ष 2030 के रोडमैप के
हिस्से के रूप में बिजली,
स्वच्छ परिवहन, नवीकरणीय ऊर्जा, हरित वित्त एवं
अनुसंधान जैसे पहलुओं के लिये एक 'फॉरवर्ड एक्शन प्लान' पर सहमति व्यक्त की है। इस 'फॉरवर्ड एक्शन प्लान' के तहत बहुपक्षीय
सहयोग के साथ-साथ स्मार्ट ग्रिड, ऊर्जा भंडारण, हरित हाइड्रोजन, बुनियादी चार्जिंग अवसंरचना, बैटरी भंडारण एवं नवीकरणीय ऊर्जा हेतु निवेश
जुटाने की आवश्यकता सहित कई विषयों को कवर किया गया है। यह ‘एक्शन प्लान’ ऐसे समय में आया
है जब भारत और ब्रिटेन हरित ऊर्जा के लिये एक वैश्विक बैंक स्थापित करने की
संभावना तलाश रहे हैं। यूनाइटेड किंगडम ने इससे पूर्व हरित एवं नवीकरणीय ऊर्जा
परियोजनाओं में सार्वजनिक तथा निजी निवेश के 1.2 बिलियन डॉलर के पैकेज की घोषणा की थी और हरित हाइड्रोजन पर
भारत के साथ सहयोग करने की इच्छा व्यक्त की थी।
‘करुप्पुर कलमकारी
पेंटिंग’ और ‘कल्लाकुरिची
लकड़ी की नक्काशी’
हाल ही में
तमिलनाडु की ‘करुप्पुर कलमकारी
पेंटिंग’ और ‘कल्लाकुरिची
लकड़ी की नक्काशी’ को भौगोलिक संकेत
(GI) टैग प्रदान किया
गया है। गौरतलब है कि ‘कलमकारी पेंटिंग’ शुद्ध सूती कपड़े
पर की जाती हैं, जो मुख्य रूप से
मंदिरों की छतरी के कवर, बेलनाकार हैंगिंग
और रथ कवर के लिये उपयोग होती है। वहीं ‘कल्लाकुरिची लकड़ी की नक्काशी’ ‘लकड़ी की नक्काशी’ का एक अनूठा रूप
है, जिसमें
शिल्पकारों द्वारा पारंपरिक शैलियों के अलंकरण और डिज़ाइनों का उपयोग किया जाता है।
दस्तावेज़ी साक्ष्यों से पता चलता है कि ‘कलमकारी पेंटिंग’ 17वीं शताब्दी की शुरुआत में ‘नायक शासकों’ के संरक्षण में विकसित हुई, जबकि एक कला के
रूप में ‘कल्लाकुरिची
लकड़ी की नक्काशी’ का विकास तब हुआ, जब मदुरै प्राचीन
काल में विभिन्न राजशाही शासनों के तहत एक महत्त्वपूर्ण शहर था। समय के साथ लकड़ी
पर नक्काशी करने वाले शिल्पकार दूसरे शहरों और स्थानों पर चले गए, जहाँ उन्होंने
अपनी एक विशिष्ट शैली विकसित की।
विश्व
की पहली स्वचालित ट्रेन
जर्मनी ने हाल ही
में ‘हैम्बर्ग’ शहर में दुनिया
की पहली स्वचालित, चालक रहित ट्रेन
का अनावरण किया है, जो कि पारंपरिक
ट्रेनों की तुलना में समय की अधिक पाबंद और ऊर्जा कुशल बताई जा रही है। ऐसी चार
ट्रेनें शहर के उत्तरी हिस्से के एस-बान रैपिड शहरी रेल नेटवर्क में शामिल होंगी
और मौजूदा रेल बुनियादी अवसंरचना का उपयोग करते हुए दिसंबर माह से संचालन शुरू
करेंगी। गौरतलब है कि पेरिस जैसे अन्य शहरों में चालक रहित मेट्रो मौजूद हैं, जबकि हवाई अड्डों
में भी प्रायः स्वचालित मोनोरेल ही चलती हैं, किंतु इन सभी का संचालन विशेष एकल पटरियों पर किया जाता है, जबकि ‘हैम्बर्ग’ ट्रेन अन्य नियमित
ट्रेनों के साथ पटरियों को साझा करेगी। जर्मनी में ट्रेन संचालन नेटवर्क को
नियंत्रित करने वाली कंपनी ने कहा कि यद्यपि ट्रेन को डिजिटल तकनीक के माध्यम से
पूर्णतः स्वचालित रूप से नियंत्रित किया जाएगा, लेकिन एक ड्राइवर यात्रा की निगरानी के लिये वहाँ मौजूद रहेगा।
अकासा एयरलाइन
स्टॉक मार्केट
निवेशक राकेश झुनझुनवाला द्वारा समर्थित ‘अकासा एयरलाइन’ को नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा ‘अनापत्ति प्रमाण
पत्र’ (NOC) प्रदान किया गया
है। यह एयरलाइन, जो कि कम लागत
वाहक के रूप में अपनी सेवाएँ देने की योजना बना रही है, अगले वर्ष तक
संचालन शुरू कर सकती है। यह एयरलाइन आगामी चार वर्षों में लगभग 70 विमानों के
संचालन की योजना बना रही है। कंपनी द्वारा अपने संचालन में ‘अल्ट्रा लो कॉस्ट
कैरियर्स’ (ULCC) मॉडल का उपयोग
किया जाएगा। इस मॉडल के तहत ‘अकासा एयरलाइन’ ‘इंडिगो’ और ‘स्पाइसजेट’ जैसी विशिष्ट बजट
एयरलाइनों की तुलना में परिचालन लागत को भी कम रखने पर ध्यान केंद्रित करेगी। वर्ष
2019 में ‘जेट एयरवेज़’ के बंद होने और ‘एयर इंडिया’ के विनिवेश के
बाद से एयरलाइन उद्योग की स्थिति काफी कमज़ोर बनी हुई है, ऐसे में ‘अकासा एयरलाइन’ की उपस्थिति भारतीय
एयरलाइन उद्योग को मज़बूती प्रदान कर सकती है।
‘पावर फाइनेंस
कॉर्पोरेशन’ को ‘महारत्न’ कंपनी का दर्जा
हाल ही में
केंद्र सरकार ने ‘पावर फाइनेंस
कॉरपोरेशन’ (PFC) को ‘महारत्न’ का दर्जा प्रदान
किया है, इस प्रकार ‘पावर फाइनेंस
कॉर्पोरेशन’ ‘महारत्न’ कंपनियों की
प्रतिष्ठित श्रेणी में प्रवेश करने वाली देश की 11वीं राज्य-स्वामित्व वाली इकाई बन गई है। ज्ञात
हो कि इस श्रेणी में ‘पावर फाइनेंस
कॉर्पोरेशन’ के अलावा ओएनजीसी, इंडियन ऑयल
कॉर्पोरेशन, स्टील अथॉरिटी ऑफ
इंडिया लिमिटेड (सेल) जैसी विशिष्ट कंपनियाँ शामिल हैं। ‘महारत्न’ कंपनी के दर्जे
के माध्यम से ‘पावर फाइनेंस
कॉर्पोरेशन’ इक्विटी में
निवेश करने, वित्तीय संयुक्त
उद्यम बनाने, पूर्ण स्वामित्व
वाली सहायक कंपनियाँ बनाने और देश के साथ-साथ विदेशों में विलय एवं अधिग्रहण करने
में सक्षम हो गई है। ‘महारत्न’ का दर्जा उस
कंपनी को दिया जाता है जिसने लगातार बीते तीन वर्षों में 5,000 करोड़ रुपए से
अधिक का शुद्ध लाभ प्राप्त किया है अथवा बीते तीन वर्षों के लिये उसका औसत वार्षिक
कारोबार 25,000 करोड़ रुपए था
या फिर बीते तीन वर्षों के लिये उसका औसत वार्षिक शुद्ध मूल्य 15,000 करोड़ रुपए है।
साथ ही वैश्विक स्तर पर भी उस कंपनी का संचालन होना अनिवार्य है। विदित हो कि ‘पावर फाइनेंस
कॉर्पोरेशन’ को वर्ष 1986 में निगमित किया
गया था और यह ‘केंद्रीय विद्युत
मंत्रालय’ के अधिकार
क्षेत्र में आती है।
युद्ध अभ्यास 2021
भारत और अमेरिका
के बीच जारी रक्षा सहयोग के हिस्से के रूप में 15 अक्तूबर से 29 अक्तूबर, 2021 के बीच अलास्का (अमेरिका) स्थित संयुक्त बेस
एल्मेंडॉर्फ रिचर्डसन में सैन्य प्रशिक्षण अभ्यास ‘युद्ध अभ्यास 2021’ (Yudh Abhyas 2021) का आयोजन किया जा
रहा है। भारत की ओर से इसमें हिस्सा ले रहे दल में इन्फैंट्री बटालियन के 350 कर्मी शामिल
हैं। गौरतलब है कि ‘युद्ध अभ्यास’ भारत और अमेरिका
के बीच सबसे बड़ा संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण और रक्षा सहयोग है। यह संयुक्त अभ्यास
का 17वाँ संस्करण होगा, जिसे दोनों देशों
के बीच बारी-बारी से आयोजित किया जाता है। इस अभ्यास का पिछला संस्करण फरवरी 2021 में राजस्थान के
बीकानेर में ‘महाजन फील्ड
फायरिंग रेंज’ में आयोजित किया
गया था। यह अभ्यास दोनों देशों के बीच बढ़ते सैन्य सहयोग में एक और महत्त्वपूर्ण
कदम है। इस अभ्यास का उद्देश्य दोनों सेनाओं के बीच समझ, सहयोग और
अंतर-संचालन को बढ़ाना है।
संयुक्त राष्ट्र
मानवाधिकार परिषद
हाल ही में भारत
को वर्ष 2022-24 के कार्यकाल के
लिये ‘संयुक्त राष्ट्र
मानवाधिकार परिषद’
(UNHRC) हेतु एक बार पुनः चुन लिया गया है। ध्यातव्य है कि भारत के
साथ अमेरिका समेत कुल 18 देशों का चयन
किया गया है। ट्रम्प प्रशासन द्वारा 47 सदस्यीय इस निकाय को छोड़ने के तीन वर्ष से अधिक समय बाद
पहली बार अमेरिका इस समूह में शामिल हुआ है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद, संयुक्त राष्ट्र
के अंग के रूप में कार्यरत एक अंतर-सरकारी निकाय है, जिसकी स्थापना वर्ष 2006 में हुई थी।
इसका मुख्यालय जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड
में स्थित है। सदस्यों का चुनाव तीन वर्षों की अवधि के लिये किया जाता है, जिसमें अधिकतम दो
कार्यकाल लगातार हो सकते हैं। UNHRC में 5 समूहों से क्षेत्रीय समूह के आधार पर 47 सदस्य चुने जाते
हैं। परिषद का प्राथमिक उद्देश्य दुनिया भर में मानवाधिकारों का प्रचार करना और
उनकी रक्षा करना, साथ ही कथित
मानवाधिकारों के उल्लंघन की जाँच करना है।
‘लूसी’ अंतरिक्ष मिशन
अमेरिकी अंतरिक्ष
एजेंसी नासा ने हाल ही में ‘बृहस्पति’ ग्रह के ट्रोजन क्षुद्रग्रहों का पता लगाने हेतु 12 वर्ष के मिशन पर
‘लूसी’ (Lucy) नामक एक
अंतरिक्षयान लॉन्च किया, जिसके माध्यम से
सौरमंडल के गठन से संबंधित कई महत्त्वपूर्ण सूचनाएँ प्राप्त हो सकती हैं। इस मिशन
का नाम एक पूर्व-मानव पूर्वज के एक प्राचीन जीवाश्म के नाम पर ‘लूसी’ रखा गया है, जो कि इतनी लंबी
यात्रा करने वाला पहला सौर-संचालित अंतरिक्षयान बन जाएगा और यह ‘बृहस्पति’ ग्रह पर कुल आठ
क्षुद्रग्रहों का निरिक्षण करेगा। ‘लूसी’ सर्वप्रथम वर्ष 2025 में मंगल और बृहस्पति के बीच मुख्य बेल्ट में ‘डोनाल्डजोहानसन’ नामक क्षुद्रग्रह
पर पहुँचेगा। इस क्षुद्रग्रह का नाम ‘लूसी’ जीवाश्म के खोजकर्त्ता के नाम पर रखा गया है। ज्ञात हो कि
बृहस्पति के पास मौजूद ट्रोजन क्षुद्रग्रह, जिनकी संख्या 7,000 से अधिक है, हमारे सौरमंडल के विशाल ग्रहों- बृहस्पति, शनि, यूरेनस और
नेपच्यून के निर्माण से बचे हुए अवशेष हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि उनके पास
प्रोटोप्लेनेटरी डिस्क की संरचना और भौतिक स्थितियों के बारे में महत्त्वपूर्ण
जानकारी मौजूद है।
लालन स्मरण उत्सव
16 अक्तूबर, 2021 को बांग्लादेश
में महान सूफी संत ‘लालन फकीर’ की 131वीं पुण्यतिथि के
अवसर पर बांग्लादेश शिल्पकला अकादमी द्वारा 'लालन स्मरण उत्सव' का आयोजन किया गया। लालन फकीर का जन्म बांग्लादेश के
कुश्तिया ज़िले के हरीशपुर गाँव (1774) में एक कुलिन हिंदू कायस्थ परिवार में हुआ था, हालाँकि उनका
पालन-पोषण एक मुस्लिम परिवार में हुआ। ‘फकीर लालन शाह’ अविभाजित हिंदुस्तान खासतौर पर बंगाल क्षेत्र में अपने समय
के एक महान रहस्यवादी संत,
दार्शनिक और समाज
सुधारक थे। लालन ‘शिराज शाह फकीर’ के शिष्य थे और ‘लालन शाह फकीर’ के नाम से
प्रसिद्ध हुए। वह न केवल एक बंगाली संत थे बल्कि एक गीतकार, दार्शनिक और समाज
सुधारक भी थे। गरीब एवं अनपढ़ होने के बावजूद वे 19वीं सदी के दौरान बंगाल में धर्म के एकीकरण के
प्रतीक के रूप में उभरे। उन्होंने अपने जीवनकाल में लगभग 10,000 गीतों की रचना
की थी। उनके दर्शन में इस्लाम, वैष्णववाद और शाहजिया, बौद्ध धर्म तथा जैन धर्म का सम्मिश्रण मिलता है। उन्होंने
रवींद्रनाथ टैगोर, काजी नजरूल
इस्लाम और अमेरिकी कवि एलन गिन्सबर्ग जैसी महान हस्तियों को प्रेरित और प्रभावित
किया। 116 वर्ष की आयु में
वर्ष 1890 में उनकी मृत्यु
हो गई।
माउंट मणिपुर
मणिपुर के
स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने अंडमान
और निकोबार द्वीप समूह में एक द्वीप शिखर- ‘माउंट हैरियट’ का नाम बदलकर ‘माउंट मणिपुर’ करने का निर्णय लिया है। इस संबंध में घोषणा करते हुए गृह
मंत्री ने कहा कि मणिपुर ने वर्ष 1857 की क्रांति के दौरान और वर्ष 1891 में पूर्वोत्तर
में अंग्रेज़ों का विरोध करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। यह एकमात्र ऐसा
राज्य था, जिसने अपना
संविधान लागू किया था। विदित हो कि मणिपुर युद्ध के नायक युवराज टिकेंद्रजीत और
जनरल थंगल को इंफाल में सार्वजनिक रूप से फाँसी दी गई थी। ‘माउंट हैरियट’ (अब ‘माउंट मणिपुर’) अंडमान और
निकोबार द्वीप समूह की तीसरी सबसे ऊँची द्वीप चोटी, जहाँ एंग्लो-मणिपुरी युद्ध (1891) के दौरान मणिपुर
के महाराजा कुलचंद्र सिंह और 22 अन्य स्वतंत्रता सेनानियों को कैद किया गया था।
राष्ट्रीय
अनुसंधान विकास निगम
भारतीय नौसेना
में 34 वर्ष की सेवाकाल
के बाद कमोडोर अमित रस्तोगी (सेवानिवृत्त) को हाल ही में ‘राष्ट्रीय
अनुसंधान विकास निगम’
(NRDC) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया
है। उन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक
की डिग्री प्राप्त की है,
साथ ही वह ‘रक्षा सेवा स्टाफ
कॉलेज’ (वेलिंगटन) और ‘कॉलेज ऑफ डिफेंस
मैनेजमेंट’ (सिकंदराबाद) के
भी पूर्व छात्र हैं। भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय अनुसंधान विकास निगम (NRDC) की स्थापना वर्ष 1953 में की गई थी, जिसका प्राथमिक
उद्देश्य विभिन्न राष्ट्रीय अनुसंधान एवं विकास संस्थानों/विश्वविद्यालयों में
विकसित प्रौद्योगिकियों, आविष्कारों, पेटेंट और
प्रक्रियाओं को बढ़ावा देना, विकसित करना तथा उनका व्यावसायीकरण करना है, वर्तमान में यह
वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान विभाग (विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय) के
प्रशासनिक नियंत्रण में है। इसने 4800 से अधिक उद्यमियों को स्वदेशी तकनीक का लाइसेंस दिया है और
बड़ी संख्या में लघु एवं मध्यम स्तर के उद्योगों को स्थापित करने में मदद की है।
प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के क्षेत्र में अग्रणी होने के साथ ही ‘राष्ट्रीय
अनुसंधान विकास निगम’ अनुसंधान के लिये
प्रोत्साहन और उन्नति, आविष्कारों तथा
नवाचारों को बढ़ावा देने में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
औद्योगिक विकास
हेतु जम्मू-कश्मीर और दुबई के बीच समझौता
प्रदेश में औद्योगिक
क्षेत्र एवं अन्य व्यावसायिक उद्यमों को विकसित करने की दिशा में महत्त्वपूर्ण कदम
उठाते हुए जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने हाल ही में दुबई सरकार के साथ रियल एस्टेट एवं
औद्योगिक पार्कों के विकास हेतु एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किये हैं। इस संबंध में घोषणा
करते हुए केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने कहा कि यह समझौता ज्ञापन संपूर्ण
विश्व को स्पष्ट संकेत देता है कि भारत एक वैश्विक शक्ति के रूप में बदल रहा है
तथा जम्मू-कश्मीर भी इसमें महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। दुबई सरकार के साथ हुआ
यह समझौता रियल एस्टेट विकास, औद्योगिक पार्क, आईटी टावर, बहुउद्देशीय टावर, रसद,
मेडिकल कॉलेज और
सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों को कवर करता है। सरकार को उम्मीद है कि इस समझौते के
माध्यम से प्रदेश में निवेश को भी बढ़ावा मिल सकेगा। साथ ही यह समझौता जम्मू-कश्मीर
के औद्योगीकरण एवं सतत् विकास की दिशा में प्रगति करने में भी मदद करेगा।
नेब्रा स्काई
डिस्क
‘ब्रिटिश
संग्रहालय’ जल्द ही एक
प्रमुख प्रदर्शनी में आकाशीय सितारों की दुनिया का सबसे पुराना नक्शा प्रदर्शित
करेगा। विशेषज्ञों के मुताबिक, ‘नेब्रा स्काई डिस्क’ नामक इस डिस्कनुमा नक्शे को लगभग 3600 वर्ष पूर्व
जर्मनी में ‘नेब्रा’ नामक स्थान पर पर
दो तलवारों, कुल्हाड़ियों, दो सर्पिल
आर्म-रिंग्स और एक कांस्य छेनी के साथ दफनाया गया था। ऐसा माना जाता है कि इन
वस्तुओं को देवताओं को समर्पित करने हेतु दफनाया गया था। इस डिस्क का मूल्य लगभग 11 मिलियन डॉलर है।
इस नक्शे की खोज वर्ष 1999 में की गई थी।
तकरीबन 30 सेमी. व्यास
वाली इस डिस्क को कांस्य युग की अन्य वस्तुओं के साथ खोजा गया था। इसे 20वीं शताब्दी की
सबसे महत्त्वपूर्ण पुरातात्विक खोजों में से एक माना जाता है और यह 1600 ईसा पूर्व के
आसपास यूरोप के कुछ हिस्सों की ‘यूनीटिस संस्कृति’ से जुड़ा हुआ है। ‘यूनीटिस संस्कृति’ में बोहेमिया, बवेरिया, दक्षिण-पूर्वी जर्मनी और पश्चिमी पोलैंड सहित मध्य यूरोप
में कांस्य युग के शुरुआती समुदाय शामिल थे।
सैन्य इंजीनियर
सेवा’ हेतु ऑनलाइन
परियोजना निगरानी पोर्टल
हाल ही में रक्षा
मंत्री राजनाथ सिंह ने ‘सैन्य इंजीनियर
सेवा’ (MES) के लिये एक वेब
आधारित परियोजना निगरानी पोर्टल लॉन्च किया है। यह पोर्टल परियोजनाओं की स्थापना
से लेकर उनके पूरा होने तक की वास्तविक समय निगरानी को सक्षम बनाएगा। न केवल ‘सैन्य इंजीनियर
सेवा’ बल, बल्कि सशस्त्र बल
भी इस पोर्टल का उपयोग करके परियोजना की जानकारी प्राप्त करने में सक्षम होंगे। यह
नया एकीकृत पोर्टल ‘सैन्य इंजीनियर
सेवा’ द्वारा
कार्यान्वित की जाने वाली पहली परियोजना प्रबंधन ई-गवर्नेंस पहल है। गौरतलब है कि ‘मिलिट्री
इंजीनियरिंग सर्विस/सैन्य इंजीनियर सेवा’ (MES) भारत की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी सरकारी रक्षा
अवसंरचना विकास एजेंसियों में से एक है। यह भारत में सबसे बड़ी निर्माण और रखरखाव
एजेंसियों में से एक है, जिसका कुल
वार्षिक बजट लगभग 13,000 करोड़ रुपए है। ‘सैन्य इंजीनियर
सेवा’ मुख्य रूप से भारतीय
सेना, भारतीय वायुसेना, भारतीय नौसेना, भारतीय आयुध
कारखानों, रक्षा अनुसंधान
एवं विकास संगठन और भारतीय तटरक्षक बल समेत भारतीय सशस्त्र बलों के लिये
इंजीनियरिंग और निर्माण कार्य संबंधी सेवाएँ प्रदान करता है।
‘मुख्यमंत्री राशन
आपके द्वार’ योजना
मुख्यमंत्री
शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मध्य प्रदेश मंत्रिपरिषद ने गरीब आदिवासी
परिवारों के लिये 'मुख्यमंत्री राशन
आपके द्वार' योजना लागू करने
का निर्णय लिया है। यह योजना निर्वाचन आचार संहिता वाले ज़िलों को छोड़कर शेष ज़िलों
के आदिवासी विकास खंडों में नवंबर 2021 से लागू की जाएगी। योजना के तहत 16 ज़िलों के 74 विकास खंडों के 7,511 गाँवों के
आदिवासी परिवारों को लाभ मिलेगा। गाँवों में वाहन के माध्यम से राशन सामग्री का
वितरण किया जाएगा। गाँवों में वितरण हेतु प्रत्येक माह में एक विशिष्ट दिवस का
निर्धारण ‘ज़िला कलेक्टर’ द्वारा किया
जाएगा। गौरतलब है कि यह योजना राज्य के दिव्यांग, वृद्ध एवंशारीरिक रूप से अक्षम लोगों के लिये भी महत्त्वपूर्ण होगी, जिन्हें प्रायः
दुकान से राशन सामग्री प्राप्त करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। साथ ही
दुकानों पर लंबी लाइनों के कारण गरीबों को प्रायः अपनी आजीविका का भी सामना करना
पड़ता है।
भारतीय रेलवे
स्टेशन विकास निगम
वित्त मंत्रालय
के प्रधान आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल की सिफारिश के आधार पर भारतीय रेलवे ने ‘भारतीय रेलवे
स्टेशन विकास निगम’
(IRSDC) को भंग करने का आदेश दिया है। इस कदम के साथ ‘भारतीय रेलवे
स्टेशन विकास निगम’, भारतीय रेलवे
वैकल्पिक ईंधन संगठन (IROAF)
के बाद भंग होने
वाला रेल मंत्रालय के तहत दूसरा संगठन है। ‘भारतीय रेलवे स्टेशन विकास निगम’, इरकॉन इंटरनेशनल
और ‘रेल भूमि विकास
प्राधिकरण’ का एक संयुक्त
उद्यम है। रेल भूमि विकास प्राधिकरण रेल मंत्रालय के अधीन एक सांविधिक प्राधिकरण
है। इसे 12 अप्रैल, 2012 को कंपनी
अधिनियम, 1956 के तहत भारतीय
रेलवे में शामिल किया गया था। इसमें इरकॉन और रेल भूमि विकास प्राधिकरण की इक्विटी
हिस्सेदारी 50:50 के अनुपात में
है। इसका मुख्य उद्देश्य विश्व स्तरीय रेलवे स्टेशनों के निर्माण की परिकल्पना
प्रस्तुत करना है, ताकि
उपयोगकर्त्ताओं की सुविधा के अनुसार टिकाऊ प्रौद्योगिकियों को लागू किया जा सके।
माउंट ‘एसो’ ज्वालामुखी
हाल ही में जापान
की माउंट ‘एसो’ ज्वालामुखी में
विस्फोट हुआ है। जापान के मौसम विज्ञान के विभाग के मुताबिक, ‘ज्वालामुखी’ का
पाइरोक्लास्टिक प्रवाह लगभग 2 किलोमीटर के भीतर के क्षेत्रों में फैल सकता है। माउंट ‘एसो’ का निकटतम आबादी
वाला शहर ‘एसो’ है, जिसकी आबादी लगभग
26,500 है। माउंट ‘एसो’ में इससे पूर्व
वर्ष 2019 में एक छोटा सा
विस्फोट हुआ था, जबकि बीते लगभग 90 वर्षों में
जापान की सबसे भीषण ज्वालामुखी आपदा सितंबर 2014 में माउंट ‘ओंटेक’ में देखने को मिली थी, जिसमें कुल 63 लोगों की मृत्यु हुई थी। ज्वालामुखी विस्फोट के साथ-साथ, जापान में भूकंप
भी एक सामान्य घटना है। यह ज्ञातव्य है कि जापान पृथ्वी पर सबसे अधिक भूकंपीय रूप
से सक्रिय क्षेत्रों में से एक है। दुनिया के 6 या उससे अधिक तीव्रता के भूकंपों का लगभग 20 प्रतिशत जापान
में दर्ज किये जाते हैं।
‘G344.7-0.1’ तारकीय विस्फोट
अवशेष
हाल ही में
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अपने दूरबीनों के माध्यम से हज़ारों वर्ष पूर्व
हुए एक तारकीय विस्फोट के अवशेषों को रिकॉर्ड किया है। नासा के ‘चंद्रा एक्स-रे
वेधशाला’ के अनुसार, यह तारकीय अवशेष-
जिसे औपचारिक रूप से ‘G344.7-0.1’
नाम दिया गया है, पृथ्वी से लगभग 19,600 प्रकाश वर्ष दूर
स्थित है और तकरीबन 3,000 से 6,000 वर्ष पुराना है।
नासा द्वारा रिकॉर्ड किये गए ‘G344.7-0.1’ के दृश्य से ज्ञात होता है कि ‘तारकीय मलबा’ प्रारंभिक तारकीय
विस्फोट के बाद बाहर की ओर विस्तृत हुआ, हालाँकि इस तारकीय मलबे के आसपास गैस का एक भंडार मौजूद है।
यह गैस भंडार मलबे की गति को धीमा कर देता है, जिससे एक ‘रिवर्स शॉक वेव’ का निर्माण होता है। ‘चंद्रा एक्स-रे डेटा’ से पता चला है कि सुपरनोवा अवशेष के कोर में आयरन मौजूद है।
पिनाका व स्मर्च
राकेट प्रणाली
भारतीय सेना ने
वास्तचविक नियंत्रण रेखा (LAC)
पर उत्पन्न होने
वाली किसी भी स्थिति से निपटने के लिये सीमा पर पिनाका और स्मंर्च मल्टी पल रॉकेट
लॉन्चर सिस्टीम (MRLS) तैनात किया है।
पिनाका एक स्व चालित रॉकेट आर्टिलरी सिस्टहम है जो 38 किमी. तक के क्षेत्र में लक्ष्यै को टारगेट कर
सकता है।
अत्यायधुनिक और
पूरी तरह से स्वेदेशी पिनाका वेपन सिस्टहम को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने डिज़ाइन किया
है। यह सिस्टाम औसत समुद्र तल पर 38 किमी. तक लक्ष्यष को भेद सकता है। पिनाका रॉकेट का नामकरण
भगवान शिव के धनुष के नाम पर किया गया है। यह लॉन्चर, भारतीय आर्टिलरी
शस्त्राागार का एक बेहद शक्तिशीली हथियार है। यह 90 किमी. की दूारी तक फायर कर सकता है।
गौरतलब है कि
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन यानी डीआरडीओ ने इसी वर्ष जून माह में ओडिशा तट के
पास चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण केंद्र (आईटीआर) से स्वदेशी पिनाका रॉकेट के
उन्नत संस्करण का परीक्षण किया था।
भारतीय
अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव
52वें भारतीय
अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) का आयोजन गोवा में 20 नवंबर से 28 नवंबर, 2021 तक होगा। मौजूदा
कोविड-19 की स्थिति को
ध्यान में रखते हुए 52वें आईएफएफआई का
आयोजन हाइब्रिड स्वरूप (लोग इस कार्यक्रम को स्वयं उपस्थित रहकर और ऑनलाइन भी देख
सकेंगे) में किया जाएगा।
भारतीय
अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) की स्थापना 1952 में की गई थी।
यह एशिया का अत्यंत महत्त्वपूर्ण फिल्म महोत्सव है। इसका आयोजन वार्षिक रूप से
होता है। मौजूदा समय में यह आयोजन गोवा में किया जाता है। महोत्सव का उद्देश्य
दुनिया भर के सिनेमा को एक साझा मंच उपलब्ध कराना है, ताकि फिल्म कला
की उत्कृष्टता सामने आए, दुनिया के
विभिन्न हिस्सों में वहाँ के सामाजिक और सांस्कृतिक ताने-बाने को प्रकट करने वाली
फिल्मों को समझने-जानने का मौका मिले तथा दुनिया के लोगों के बीच मैत्री और सहयोग
को प्रोत्साहन मिले। महोत्सव का आयोजन फिल्म महोत्सव निदेशालय (सूचना एवं प्रसारण
मंत्रालय के अधीन) और गोवा राज्य सरकार मिलकर करते हैं।
भारत ने
जयनगर-कुर्था रेलवे लिंक नेपाल सरकार को सौंपा
भारत ने 22 अक्तूबर, 2021 को जयनगर-कुर्था
रेलवे लिंक को औपचारिक रूप से नेपाल सरकार को सौंप दिया। इस रेलवे लिंक के निर्माण
की फंडिंग भारत सरकार द्वारा की गई है। भारत में जयनगर से नेपाल के कुर्था के बीच 34.9 किलोमीटर लंबे
नैरो लिंक गेज को ब्रॉड गेज में बदला गया है। इस रेल लिंक से व्यापार और वाणिज्य
गतिविधियों के साथ-साथ दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क बढ़ने की उम्मीद है। यह
परियोजना नेपाल के ऐतिहासिक शहर जनकपुर से होकर गुज़रेगी।
स्वदेशी
विमानवाहक पोत ‘विक्रांत’
भारत के पहले
स्वदेशी विमानवाहक पोत ‘विक्रांत’ का जल्द ही
भारतीय नौसेना द्वारा दूसरा समुद्री परीक्षण किया जाएगा। यह दूसरा परीक्षण कोच्चि
में आयोजित किया जाएगा। भारत में निर्मित सबसे बड़े और सबसे जटिल विमानवाहक पोत ने
इसी वर्ष अगस्त में पाँच दिवसीय पहला समुद्री परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया था।
इस विमानवाहक पोत का वज़न लगभग 40,000 टन है। इस युद्धपोत का निर्माण लगभग 23,000 करोड़ रुपए की
लागत से किया गया है और इसने भारत को उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल कर दिया
है जिनके पास अत्याधुनिक विमान वाहक के निर्माण की क्षमता है। इस युद्धपोत पर मिग-29K लड़ाकू जेट, कामोव-31 हेलीकॉप्टर, एमएच-60R मल्टीरोल
हेलीकॉप्टर को तैनात किया जाएगा। इसमें 2,300 से अधिक कम्पार्टमेंट्स हैं, जिन्हें लगभग 1,700 लोगों के दल के लिये डिज़ाइन किया गया है, इसमें महिला
अधिकारियों हेतु विशेष केबिन भी बनाए गए हैं। भारत के पास वर्तमान में केवल एक ही
विमानवाहक पोत है- आईएनएस विक्रमादित्य।
‘अभ्यास’- हाई-स्पीड
एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट
‘रक्षा अनुसंधान
और विकास संगठन’ ने बंगाल की
खाड़ी के तट पर चांदीपुर (ओडिशा) स्थित ‘एकीकृत परीक्षण रेंज’ (ITR) से विभिन्न मिसाइल प्रणालियों के मूल्यांकन
हेतु उपयोग किये जाने वाले ‘अभ्यास’ (ABHYAS) नामक ‘हाई-स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट’ का सफलतापूर्वक
परीक्षण किया है। इस वाहन का उपयोग विभिन्न मिसाइल प्रणालियों के मूल्यांकन हेतु
हवाई लक्ष्य के रूप में किया जा सकता है। इस संबंध में रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी
अधिसूचना के अनुसार, ‘अभ्यास’ को ‘रक्षा अनुसंधान
और विकास संगठन’ के बंगलूरू स्थित
वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान (ADE) द्वारा डिज़ाइन और विकसित किया गया है। एक बार पूर्णतः विकसित
होने के पश्चात् यह स्वदेशी विमान भारतीय सशस्त्र बलों की ‘हाई-स्पीड
एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट’
(HEAT) की आवश्यकताओं को पूरा करेगा। इस एयर व्हीकल को ट्विन
अंडर-स्लंग बूस्टर का उपयोग करके लॉन्च किया जाता है जो वाहन को प्रारंभिक त्वरण
प्रदान करते हैं। यह गैस टर्बाइन इंजन द्वारा संचालित है जो सबसोनिक गति से लंबी
एन्ड्योरेंस उड़ान को बनाए रखता है।
हरियाणा में ‘मुफ्त शिक्षा’ पहल
हाल ही में
हरियाणा सरकार ने सरकारी स्कूलों में कक्षा 12 तक के सभी छात्रों के लिये ‘मुफ्त शिक्षा’ की घोषणा की है। राज्य सरकार की घोषणा के
मुताबिक, कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों
से स्कूलों में किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाएगा, साथ ही उन्हें
मुफ्त किताबें भी प्रदान की जाएंगी। गौरतलब है कि देश भर में ‘मुफ्त शिक्षा’ की अवधारणा पहले
से ही ‘मिडिल स्कूल’ यानी कक्षा 8 तक लागू है, जबकि अब राज्य
सरकार की योजना इस अवधारणा को सरकारी स्कूलों में कक्षा-12 तक विस्तृत करना
है। राज्य सरकार के मुताबिक, यह पहल नई ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020’ (NEP-2020) के अनुरूप है।
राष्ट्रीय
जनजातीय नृत्य महोत्सव
‘छत्तीसगढ़ पर्यटन
बोर्ड’ द्वारा 28 अक्तूबर से
रायपुर में ‘राष्ट्रीय
जनजातीय नृत्य महोत्सव’ का आयोजन किया
जाएगा, जिसमें विभिन्न
भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय नृत्य समूह हिस्सा लेंगे। छत्तीसगढ़ सरकार की ‘पर्यटन विकास
योजना’ के तहत आयोजित इस
तीन दिवसीय उत्सव में उज़्बेकिस्तान, नाइज़ीरिया, श्रीलंका, युगांडा, सीरिया, माली, फिलिस्तीन और किंगडम ऑफ एस्वातिनी आदि देशों के विविध
आदिवासी समुदायों के कलाकार शामिल होंगे। इसके अलावा इस महोत्सव में छत्तीसगढ़ के
आदिवासी अंचलों- बस्तर, दंतेवाड़ा, बिलासपुर, मैनपुर और जशपुर
आदि के कलाकार भी अपना विशिष्ट इतिहास, संस्कृति और परंपराएँ पेश करेंगे। वर्ष 2019 में आयोजित ‘राष्ट्रीय
जनजातीय नृत्य महोत्सव’ के पहले संस्करण
में भारत के 25 राज्यों और छह
अतिथि देशों के आदिवासी समुदायों ने हिस्सा लिया था। ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ में
भारत की कई स्वदेशी जनजातियाँ हैं, जो राज्य की जीवंत संस्कृति में योगदान देती हैं। ‘राष्ट्रीय
जनजातीय नृत्य महोत्सव’ का उद्देश्य
जनजातीय संस्कृति की विशिष्टता को बढ़ावा देना और जनजातीय जीवन की समृद्धि एवं
विविधता को प्रदर्शित करना है।
‘पेगासस’ मामले की जाँच
हेतु विशेषज्ञ समिति
हाल ही में
सर्वोच्च न्यायालय ने इज़रायली सॉफ्टवेयर ‘पेगासस’ के माध्यम से भारतीय लोगों की जासूसी करने के मामले की जाँच
के लिये एक तीन सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया है, जिसका नेतृत्व
सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस ‘आर.वी. रविंद्रन’ द्वारा किया जाएगा। न्यायमूर्ति रवींद्रन ने वर्ष 2005 से वर्ष 2011 तक शीर्ष अदालत
के न्यायाधीश के रूप में कार्य किया। वह कई महत्त्वपूर्ण और ऐतिहासिक निर्णयों से
जुड़े रहे हैं, जिनमें ओबीसी
आरक्षण, वर्ष 1993 के मुंबई सीरियल
बम विस्फोट और राज्यपालों को हटाने की संघ की शक्ति का दायरा आदि शामिल हैं। इसके
अतिरिक्त उन्होंने वर्ष 2013 से वर्ष 2019 के बीच ‘समाचार प्रसारण
मानक प्राधिकरण’ के अध्यक्ष के
रूप में भी कार्य किया। तीन सदस्यीय तकनीकी समिति में ‘डॉ. नवीन कुमार
चौधरी’ (प्रोफेसर और डीन, राष्ट्रीय
फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय, गुजरात); ‘डॉ. प्रभारण पी.’ (प्रोफेसर, अमृता विश्व विद्यापीठम, केरल) और ‘डॉ. अश्विन अनिल गुमस्ते’ (अध्यक्ष और एसोसिएट प्रोफेसर, भारतीय
प्रौद्योगिकी संस्थान, बॉम्बे) शामिल
हैं।
14वाँ शहरी
गतिशीलता सम्मेलन 2021
आवास और शहरी
मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी द्वारा वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से 14वें शहरी
गतिशीलता सम्मेलन 2021 का उद्घाटन किया
गया। इस वर्ष के सम्मेलन का मुख्य विषय है मोबिलिटी फॉर ऑल, जो समान पहुँच
प्रदान करने और समावेशी शहरी परिवहन को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। यह दृष्टिकोण
समाज के सभी वर्गों, विशेष रूप से
विकलांगों, बुजुर्गों, महिलाओं और
बच्चों की विभिन्न आवश्यकताओं पर विशेष ध्यान देने के साथ सस्ती, स्वच्छ, सुरक्षित, सूचनाप्रद, कुशल एवं सुलभ
परिवहन प्रणालियों के प्रावधान से संबंधित है। शहरी परिवहन में उत्कृष्टता के लिये
राज्य और शहर के विजेताओं को पुरस्कार भी प्रदान किया गया। इस सम्मेलन का प्राथमिक
उद्देश्य उन शहरों में सूचना का प्रसार करना है, जिन शहरों के अधिकारी इस सम्मेलन में भाग लेते
हैं ताकि उन्हें विश्व स्तर पर नवीनतम और सर्वोत्तम शहरी परिवहन प्रथाओं के साथ
अपडेट रहने में मदद मिल सके। यह सम्मेलन घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों तरह के
अन्य पेशेवरों, प्रौद्योगिकी और
सेवा प्रदाताओं के साथ बातचीत करने का अवसर प्रदान करता है, ताकि प्रतिनिधि
अपने शहरी परिवहन को एक स्थायी पथ के साथ विकसित करने के लिये घरेलू विचारों को
आगे ले जा सकें। यह आयोजन राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों, प्रौद्योगिकी और
सेवा प्रदाताओं, नीति निर्माताओं, व्यवसाइयों तथा
शहरी परिवहन क्षेत्र के अधिकारियों को एक मंच पर लाता है।
अफ्रीकी संघ
द्वारा सूडान का निलंबन
अफ्रीकी संघ ने
सूडान को अपनी सभी गतिविधियों से तब तक के लिये निलंबित कर दिया है जब तक कि
नागरिक नेतृत्व वाली परिवर्ती सत्ता बहाल नहीं हो जाती। ऐसा कहा जा रहा है कि
सूडान में तख्तापलट असंवैधानिक था तथा इसके मद्देनज़र राजधानी खार्तूम में प्रदर्शन
जारी है। डॉक्टरों और तेल श्रमिकों का प्रतिनिधित्व करने वाले व्यापार संघों का
कहना है कि वे विरोध प्रदर्शन में शामिल हो रहे हैं। इससे पहले अमेरिका के विदेश
मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने अपदस्थ प्रधानमंत्री अब्दुल्ला हमदोक के स्वदेश लौटने के
बाद उनसे फोन पर बात की थी। अफ्रीकी संघ एक महाद्वीपीय निकाय है जिसमें अफ्रीका
महाद्वीप के 55 सदस्य देश शामिल
हैं। इसे वर्ष 1963 में स्थापित
अफ्रीकी एकता संगठन (Organisation
of African Unity) के स्थान पर आधिकारिक रूप से जुलाई 2002 में दक्षिण
अफ्रीका के डरबन में गठित किया गया।
अफ्रीकी संघ का
सचिवालय आदिस अबाबा में स्थित है। इसका मुख्य उद्देश्य अफ्रीकी देशों और उनके
लोगों के बीच एकता व एकजुटता तथा सदस्य देशों की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता
एवं स्वतंत्रता की रक्षा करने के साथ ही महाद्वीप के राजनीतिक व सामाजिक-आर्थिक
एकीकरण हेतु व्यापक प्रयास करना है।
संयुक्त राष्ट्र
निरस्त्रीकरण सप्ताह
संयुक्त राष्ट्र
ने अक्तूबर के अंतिम सप्ताह को निरस्त्रीकरण सप्ताह के रूप में नामित किया है। यह
सप्ताह निरस्त्रीकरण के मुद्दों से संबंधित विषयों पर जागरूकता और उनके महत्त्व की
बेहतर समझ को बढ़ावा देने का प्रयास करता है। वर्ष 1952 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने जनवरी 1952 के अपने
प्रस्ताव 502 (VI) द्वारा सुरक्षा
परिषद के तहत संयुक्त राष्ट्र निरस्त्रीकरण आयोग (यूएनडीसी) का गठन किया, जिसमें सभी आयुध, सामूहिक विनाश के
सभी हथियारों के उन्मूलन,
विनियमन, संतुलन हेतु एक
संधि का प्रस्ताव तैयार करने का आदेश दिया गया था।
चेन्नई-मैसूर
शताब्दी एक्सप्रेस
चेन्नई-मैसूर
शताब्दी एक्सप्रेस यात्रियों के लिये सुरक्षित और आरामदायक यात्रा सुनिश्चित करने
वाली अत्याधुनिक सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए दक्षिण रेलवे की पहली एकीकृत
प्रबंधन प्रणाली (IMS)-प्रमाणित ट्रेन
बन गई है। यह भारतीय रेलवे की पहली शताब्दी और दूसरी मेल/एक्सप्रेस ट्रेन है, जिसे आईएसओ 9001:2015, आईएसओ 14001:2015 और आईएसओ 45001:2018 प्रमाणपत्र के
साथ IMS प्रमाणपत्र मिला
है। वर्ष 1994 में शुरू की गई
चेन्नई-मैसूर शताब्दी एक्सप्रेस वर्ष 2007 में दक्षिण रेलवे में पहली आईएसओ 9001:2001 प्रमाणित ट्रेन
थी।
राष्ट्रीय
सुरक्षा पर पुणे डायलॉग
राष्ट्रीय
सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल द्वारा 28 अक्तूबर को ‘‘राष्ट्रीय सुरक्षा पर पुणे संवाद (पीडीएनएस) 2021’’ के छठे संस्करण
का ऑनलाइन माध्यम से उद्घाटन किया गया। पुणे इंटरनेशनल सेंटर (पीआईसी) द्वारा
आयोजित इस दो दिवसीय ऑनलाइन सम्मेलन को विश्व स्वास्थ्य संगठन की मुख्य वैज्ञानिक
डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने भी संबोधित किया। इस वर्ष इस सम्मेलन का विषय ‘आपदाओं और
महामारी के दौर में राष्ट्रीय सुरक्षा तैयारी’ है। प्रतिभागियों द्वारा भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा पर
आपदाओं और महामारियों के प्रभाव को लेकर चर्चा करने के साथ ही इससे निपटने के लिये
रणनीतियों के बारे में भी सुझाव दिया गया। कार्यक्रम के अन्य वक्ताओं में नीति
आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार और पूर्व थलसेना अध्यक्ष जनरल एन.सी. विज भी
शामिल हुए। सम्मेलन के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा के हिस्से के रूप में आपदा जोखिम
में कमी करने पर भी चर्चा की गई। इसके अलावा बाहरी आयामों तथा भविष्य के खतरों व
चुनौतियों से निपटने में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की भूमिका विषय पर भी चर्चा की
गई।
गंगा उत्सव 2021
गंगा उत्सव इस
वर्ष 1 से 3 नवंबर तक आयोजित
किया जाएगा। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन 4 नवंबर को गंगा को राष्ट्रीय नदी घोषित किये जाने की
वर्षगाँठ पर हर वर्ष गंगा उत्सव का आयोजन करता है।
इस वर्ष गंगा
उत्सव को व्यापक बनाते इसका प्रसार नदी घाटियों तक करने का लक्ष्य रखा गया है। 150 ज़िलों में गंगा
उत्सव मनाने की योजना है,
जिनमें गंगा
क्षेत्र के 112 ज़िलों सहित अन्य
प्रमुख नदियों के किनारे बसे ज़िले शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस
वर्ष 26 सितंबर को विश्व
नदी दिवस पर नदियों के साथ सदियों से चली आ रही परंपराओं से जुड़ने का आह्वान किया
था। इस वर्ष गंगा उत्सेव का आयोजन केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत की देखरेख में हो रहा है। उद्घाटन
समारोह में पर्यटन और संस्कृ ति मंत्री जी. किशन रेड्डी, जल शक्ति राज्य्
मंत्री प्रहृलाद सिंह पटेल और बिशेश्वंर टुडू, जल शक्ति मंत्रालय में सचिव पंकज कुमार और कई ओलिम्पिक
खिलाड़ी शामिल होंगे। यह कार्यक्रम स्वतंत्रता के 75 वर्ष और आज़ादी का अमृत महोत्सव समारोहों का
हिस्सा होगा।
‘लॉन्ग रेंज बम’ का परीक्षण
हाल ही में ‘रक्षा अनुसंधान
एवं विकास संगठन’ (DRDO) और भारतीय
वायुसेना (IAF) ने स्वदेशी रूप
से विकसित ‘लॉन्ग रेंज बम’ (LRB) का सफलतापूर्वक
परीक्षण किया है। इस ‘लॉन्ग रेंज बम’ को DRDO प्रयोगशालाओं के
समन्वय से तेलंगाना स्थित DRDO
की प्रयोगशाला- ‘रिसर्च सेंटर
इमरत’ (RCI) द्वारा डिज़ाइन और
विकसित किया गया है। ‘रिसर्च सेंटर
इमरत’ प्रयोगशाला ‘एवियोनिक्स
सिस्टम’ के अनुसंधान व
विकास में शामिल है। ध्यातव्य है कि इससे पूर्व ओडिशा के तट पर ‘एपीजे अब्दुल
कलाम द्वीप’ से ‘अग्नि-5 मिसाइल’ का सफलतापूर्वक
परीक्षण किया गया था। यह मिसाइल उच्च सटीकता के साथ 5,000 किलोमीटर की
दूरी तक लक्ष्य को भेदने में सक्षम है।
फेसबुक का नाम
परिवर्तन
दिग्गज सोशल
मीडिया कंपनी फेसबुक ने हाल ही में अपना नाम बदलकर ‘मेटा’ (Meta) करने की घोषणा की है। इस संबंध में जारी
अधिसूचना के मुताबिक, यह नया नाम सोशल
मीडिया से परे कंपनी की बढ़ती महत्त्वाकांक्षाओं को दर्शाता है। फेसबुक ने वर्चुअल
तकनीक के क्षेत्र में भी अपने कार्य का विस्तार किया है। यह परिवर्तन फेसबुक, इंस्टाग्राम और
व्हाट्सएप जैसे प्लेटफॉर्म पर लागू नहीं होता है, बल्कि यह केवल ‘पैरेंट कंपनी’ पर लागू होता है। फेसबुक के मुख्य कार्यकारी
अधिकारी मार्क जुकरबर्ग ने घोषणा की है कि ‘मेटावर्स’ के माध्यम से एक ऐसे वर्चुअल विश्व का निर्माण किया जाएगा, जहाँ लोग वर्चुअल
वातावरण में गेम खेल सकेंगे, काम कर सकेंगे और संवाद कर सकेंगे।
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